शिमला में बीती शाम को दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर दी। इससे पहले छात्रा ने कागज पर ‘कैन आई डाई, यह ऑफ कोर्स और टुवर्ड टू डेथ’ लिखा। फिर फंदे पर झूल गई। शिमला के बालूगंज थाना में पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, वीरवार शाम के वक्त छात्रा घर पर अकेली थी। स्कूल से बेटी को घर भेजने के बाद उसकी मां बाजार में अपने काम पर चली गईं। कुछ देर बाद मृतका की मां उसे बार-बार फोन करती रही। मगर उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद बच्ची की मां के कहने पर पड़ोसियों ने जब घर के अंदर देखा तो वह फंदे पर झूल रही थी। इसकी सूचना बालूगंज पुलिस को दी गई। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और पहले शव को फंदे से नीचे उतारा। इसके बाद आसपास रखे सामान और उसके बैग की तलाशी ली गई। छात्रा के बैग से निकला फंदे से लटकने का चित्र मृतक बच्ची के बैग से एक कागज का टुकड़ा निकला, जिसमें अंग्रेजी में मरने की बात लिखी गई थी। छात्रा के बैग में फंदे से लटकने का चित्र भी मिला। इसलिए अब तक की प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का केस मान रही है। इसकी क्या वजह रही, इसे लेकर जांच जारी है। शिमला के नामी स्कूल में 10वीं में पढ़ती थीं मृतक छात्रा शिमला के नामी निजी स्कूल में 10वीं में पढ़ती थी। आगामी 4 जुलाई को वह स्कूल द्वारा लगाए जा रहे NCC कैंप में जाने वाली थी। छात्रा ने इससे पहले ही यह खौफनाक कदम उठाकर मौत को गले लगा दिया। छात्रा के पिता एक ज्वैलरी शॉप में जॉब करते है, जबकि मां अपनी दुकान चलाती है। मृतक बच्ची उनकी इकलौती औलाद थी। आज होगा शव का पोस्टमॉर्टम SHO रमेश लत्ता ने बताया कि पुलिस ने बीती शाम को ही मृतका का शव कब्जे में लेकर देर रात तक अस्पताल पहुंचा दिया था। आज उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्ची का सुसाइड नोट तो नहीं मिला। मगर कागज के टुकड़े मिले है, जिसमे मरने की बात और फंदे पर लटकने का चित्र मिला है। शिमला में बीती शाम को दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर दी। इससे पहले छात्रा ने कागज पर ‘कैन आई डाई, यह ऑफ कोर्स और टुवर्ड टू डेथ’ लिखा। फिर फंदे पर झूल गई। शिमला के बालूगंज थाना में पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, वीरवार शाम के वक्त छात्रा घर पर अकेली थी। स्कूल से बेटी को घर भेजने के बाद उसकी मां बाजार में अपने काम पर चली गईं। कुछ देर बाद मृतका की मां उसे बार-बार फोन करती रही। मगर उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद बच्ची की मां के कहने पर पड़ोसियों ने जब घर के अंदर देखा तो वह फंदे पर झूल रही थी। इसकी सूचना बालूगंज पुलिस को दी गई। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और पहले शव को फंदे से नीचे उतारा। इसके बाद आसपास रखे सामान और उसके बैग की तलाशी ली गई। छात्रा के बैग से निकला फंदे से लटकने का चित्र मृतक बच्ची के बैग से एक कागज का टुकड़ा निकला, जिसमें अंग्रेजी में मरने की बात लिखी गई थी। छात्रा के बैग में फंदे से लटकने का चित्र भी मिला। इसलिए अब तक की प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का केस मान रही है। इसकी क्या वजह रही, इसे लेकर जांच जारी है। शिमला के नामी स्कूल में 10वीं में पढ़ती थीं मृतक छात्रा शिमला के नामी निजी स्कूल में 10वीं में पढ़ती थी। आगामी 4 जुलाई को वह स्कूल द्वारा लगाए जा रहे NCC कैंप में जाने वाली थी। छात्रा ने इससे पहले ही यह खौफनाक कदम उठाकर मौत को गले लगा दिया। छात्रा के पिता एक ज्वैलरी शॉप में जॉब करते है, जबकि मां अपनी दुकान चलाती है। मृतक बच्ची उनकी इकलौती औलाद थी। आज होगा शव का पोस्टमॉर्टम SHO रमेश लत्ता ने बताया कि पुलिस ने बीती शाम को ही मृतका का शव कब्जे में लेकर देर रात तक अस्पताल पहुंचा दिया था। आज उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्ची का सुसाइड नोट तो नहीं मिला। मगर कागज के टुकड़े मिले है, जिसमे मरने की बात और फंदे पर लटकने का चित्र मिला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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17वें करमापा की जल्द हो सकती है भारत वापसी:स्विटजरलैंड में दलाई लामा से हुई मुलाकात; 2018 में ली थी डोमिनिका की नागरिकता
17वें करमापा की जल्द हो सकती है भारत वापसी:स्विटजरलैंड में दलाई लामा से हुई मुलाकात; 2018 में ली थी डोमिनिका की नागरिकता तिब्बती बौद्ध धर्म के 900 वर्ष पुराने करमा कग्यु बौद्ध पंथ के मुखिया 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे दिसंबर 1999 से निर्वासन में रहने के बाद जल्द ही भारत लौट सकते हैं। 25 अगस्त को स्विटजरलैंड के ज्यूरिख में दलाई लामा के साथ तिब्बती आध्यात्मिक नेता की हाल ही में हुई मुलाकात ने उनके अनुयायियों के बीच उम्मीदों को फिर से जगा दिया है। उन्हें जल्द ही भारत में फिर से प्रवेश करने की अनुमति मिल सकती है। सात वर्षों में पहली बार हुई यह मुलाकात करमापा की वापसी को लेकर बढ़ती प्रत्याशा की पृष्ठभूमि में हुई। 17वें करमापा का प्रभाव न केवल भारत के सिक्किम व अरुणाचल प्रदेशों में है, बल्कि यूरोप के कई देशों सहित अमेरिका व चीन के एक बड़े हिस्से में भी है। 14 साल की उम्र में छोड़ दिया था तिब्बत करमापा तिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू संप्रदाय के प्रमुख हैं, जो तिब्बत में पुनर्जन्म की सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है। चीनी शासन के तहत धार्मिक स्वतंत्रता की कमी का हवाला देते हुए, उन्होंने दिसंबर 1999 में 14 साल की उम्र में तिब्बत छोड़ दिया था। भारत में शरण लेने के लिए, करमापा मुख्य रूप से धर्मशाला के पास सिद्धबाड़ी में ग्युतो तांत्रिक बौद्ध मठ में रहते थे, जहां उन्हें भारत सरकार द्वारा सम्मानित अतिथि के रूप में माना जाता था। कई वर्षों तक करमापा तिब्बती निर्वासितों और भारतीय अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्ति बन गए। मार्च 2018 में ली डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की नागरिकता खासकर पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में मई 2017 में करमापा तीन महीने के वीज़ा पर यूरोप के लिए भारत से रवाना हुए थे। इसके बाद मार्च 2018 में करमापा ने डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की नागरिकता हासिल की और उस देश का पासपोर्ट प्राप्त किया। डोमिनिका कैरेबियन सागर में वेस्टइंडीज में एक द्वीप देश है। 17वें करमापा को 1992 में दलाई लामा और चीन सरकार थी मान्यतातिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू स्कूल के प्रमुख करमापा, तिब्बतियों के लिए दलाई लामा और पंचन लामा के बाद तीसरे सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध लामा हैं। 1985 में खानाबदोशों के एक परिवार में जन्मे उग्येन त्रिनले दोरजे को 1992 में दलाई लामा और चीन की साम्यवादी सरकार दोनों ने उग्येन त्रिनले दोरजे को 17वें करमापा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी थी, वे एकमात्र वरिष्ठ तिब्बती बौद्ध लामा थे जिन पर स्वीकृति की दोहरी मुहर लगी थी। चूंकि दलाई लामा द्वारा मान्यता मिलने के बाद पंचन लामा चीनी अधिकारियों की हिरासत में हैं, इसलिए करमापा का महत्व और भी बढ़ गया है। करमापा को वापस लाने के प्रयास सिक्किम, एक ऐसा राज्य है जहां बौद्धों की अच्छी खासी आबादी है, और यहाँ लंबे समय से करमापा की वापसी के लिए पैरवी की जा रही है। राजधानी गंगटोक में स्थित रुमटेक मठ उनकी निर्वासित सीट है। हाल ही में, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने 17वें करमापा को भारत और विशेष रूप से सिक्किम वापस लाने की संभावना पर चर्चा करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। तमांग ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। हालांकि करमापा और दलाई लामा के बीच बैठक से उम्मीदें जगी हैं, लेकिन उनके बीच हुई बातचीत का सटीक विवरण अभी तक गुप्त रखा गया है।
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हिमाचल में मानसून की विदाई के बाद 95% कम बारिश:इस बार देरी से दस्तक देगी ठंड; 19 अक्टूबर से ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी के आसार
हिमाचल में मानसून की विदाई के बाद 95% कम बारिश:इस बार देरी से दस्तक देगी ठंड; 19 अक्टूबर से ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी के आसार हिमाचल प्रदेश में मानसून की विदाई के बाद अक्टूबर में सूखे जैसी हालात पनपने लगे है। प्रदेश में 1 से 13 अक्टूबर के बीच सामान्य से 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 12.9 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार मात्र 0.7 मिलीमीटर बादल ही अक्टूबर माह में बरसे है। राज्य के 12 में से 7 जिलों में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी, जबकि 3 जिलों में 95 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। प्रदेश में अगले 5 दिन तक भी बारिश के आसार नहीं है। ऊना जिला में 8.6 मिलीमीटर, मंडी में 3.7 मिलीमीटर और कांगड़ा में 1 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है। लगातार धूप खिलने से प्रदेश का न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे इस बार ठंड भी देरी से दस्तक देगी। 19 अक्टूबर को ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी के आसार मौसम विभाग की माने तो 18 अक्टूबर तक मौसम साफ रहेगा। हालांकि 19 अक्टूबर को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बारिश-बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। इस दिन लाहौल स्पीति, चंबा, किन्नौर और कांगड़ा की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। नॉर्मल से 2 डिग्री ज्यादा चल रहा तापमान प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान अभी सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा है। अमूमन ठंडे रहने वाले केलांग के तापमान में बीते दो सप्ताह से धूप खिलने की वजह से नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 8.8 डिग्री का उछाल आया है। केलांग का तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। ऊना का तापमान सबसे ज्यादा 33.6 डिग्री सेल्सियस है। प्रदेश के सात शहर ऐसे है जहां तापमान 30 डिग्री या इससे अधिक चल रहा है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम और न्यूनतम तापमान