हिमाचल प्रदेश में आज से लगातार तीन दिन तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने रविवार को चार जिलों, सोमवार को आठ जिलों और मंगलवार को तीन जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज के लिए कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया, जबकि सोमवार के लिए ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर तथा मंगलवार के लिए शिमला, मंडी व सिरमौर जिले को ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में अगले तीन दिन एक-दो स्पेल भारी बारिश का सकता है। पांच जुलाई तक बारिश से राहत नहीं मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश में पांच जुलाई तक बारिश से राहत के आसार नहीं है। दो जून तक ऑरेंज अलर्ट और तीन से पांच जून तक येलो अलर्ट दिया गया है। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने की सावधानी बरतने की अपील मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को ऊंचाई वाले, भूस्खलन वाले इलाकों और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ की सक्रिय हो रहा है। इससे अगले तीन दिन भारी बारिश के आसार है। जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। मानसून की तीन जिलों में धमाकेदार एंट्री प्रदेश के ऊना, शिमला और सोलन जिला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। शिमला और सोलन में शुक्रवार रात और ऊना जिला में शुक्रवार सुबह के वक्त भारी बारिश हुई है। शिमला में तो इससे 9 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। शिमला के चलौठी में एक मकान भी लैंडस्लाइड के कारण असुरक्षित हो गया है। इसके बाद इसे खाली करवा दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में आज से लगातार तीन दिन तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने रविवार को चार जिलों, सोमवार को आठ जिलों और मंगलवार को तीन जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज के लिए कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया, जबकि सोमवार के लिए ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर तथा मंगलवार के लिए शिमला, मंडी व सिरमौर जिले को ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में अगले तीन दिन एक-दो स्पेल भारी बारिश का सकता है। पांच जुलाई तक बारिश से राहत नहीं मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश में पांच जुलाई तक बारिश से राहत के आसार नहीं है। दो जून तक ऑरेंज अलर्ट और तीन से पांच जून तक येलो अलर्ट दिया गया है। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने की सावधानी बरतने की अपील मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को ऊंचाई वाले, भूस्खलन वाले इलाकों और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ की सक्रिय हो रहा है। इससे अगले तीन दिन भारी बारिश के आसार है। जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। मानसून की तीन जिलों में धमाकेदार एंट्री प्रदेश के ऊना, शिमला और सोलन जिला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। शिमला और सोलन में शुक्रवार रात और ऊना जिला में शुक्रवार सुबह के वक्त भारी बारिश हुई है। शिमला में तो इससे 9 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। शिमला के चलौठी में एक मकान भी लैंडस्लाइड के कारण असुरक्षित हो गया है। इसके बाद इसे खाली करवा दिया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी के पडडल मैदान को पक्का करने की मांग:देवी देवताओं के बैठने का स्थान, लकडी के तख्तों की व्यवस्था नहीं ठीक अंतरराष्ट्रीय महा शिवरात्रि महोत्सव निकट है और इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के मंडी में सर्व देवता सेवा समिति की साधारण सभा की बैठक संस्कृति सदन में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने की। सभी सदस्यों ने मांग की कि पड्डल में देवताओं के बैठने की व्यवस्था ठीक की जाए। सीढ़ियों पर जो देवी देवता बैठते हैं, उस स्थान को पक्का किया जाए। गत वर्ष देवताओं को बैठाने के लिए लकड़ी के तख्ते जोड़े हुए थे। पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे धार्मिक उत्सव उसमें देवी देवताओं के गिरने का डर रहता है, इसलिए उस स्थान को पक्का किया जाए, ताकि देवी देवताओं को बैठने मैं सुविधा हो सके। इसके अतिरिक्त सभी कारदारों ने सरकार और प्रशासन से मांग रखी कि सदियों से चले आ रहे धार्मिक उत्सव पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे। इसलिए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं और ऐसे उत्सवों को देखकर देव संस्कृति ही जीवित रहती है। देवताओं के लिए स्थायी स्थान करें चिह्नित पड्डल में देवी देवताओं को बैठने के लिए स्थायी स्थान चिह्नित किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी को भी अपनी ऐतिहासिक धरोहर याद रहे और उसका निर्वहन कर सके। बैठक मैं सभी सदस्यों ने मांग रखी कि जो पिछली शिवरात्रि में पड्डल में जहां देवता बैठते हैं, वहां पर जो मैटिंग की गई थी, वैसी ही इस बार भी की जाए। इंडोर स्टेडियम से आपत्ति नहीं सभी सदस्यों ने पुरजोर मांग रखी कि मुख्यमंत्री ने 2022 को आधा बीघा भूमि देवताओं को सामुदायिक भवन बनाने हेतु भूमि प्रदान करने की घोषणा की। मगर अभी तक किसी भी देवी देवताओं को उपरोक्त विषय के लिए भूमि स्वीकृत नहीं की गई। कहा कि मुख्यमंत्री कहा था कि यह कार्रवाई 45 दिन के अंदर हो जाएगी, मगर आज तक नहीं मिल पाई है। उधर अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने पड्डल मैदान में बनने जा रहे इंडोर स्टेडियम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर मैदान में देवी देवताओं का स्थान प्रभावित नहीं होता है, तो उनको स्टेडियम से कोई भी आपत्ति नहीं है।
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श्रीखंड महादेव यात्रा 14 जुलाई से:खतरनाक रास्तों व ग्लेशियर से होकर गुजरना होगा, पहली बार SDRF की यूनिट होगी तैनात विश्व की सबसे कठिन धार्मिक एवं श्रीखंड महादेव यात्रा इस बार 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। बीते साल यह यात्रा सात जुलाई से शुरू हुई थी। इस यात्रा को लेकर कुल्लू जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। डीसी कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने इस धार्मिक यात्रा की तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए है। इस यात्रा को सुलभ बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और जिला प्रशासन पांच जगह बेस कैंप बनाने का निर्णय लिया है। पहले पड़ाव में सिंहगाड में बेस कैंप बनेगा। इसके अलावा थाचडू, कुनशा, भीमडवार और पार्वती बाग में बेस कैंप बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर मैजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी/इंचार्ज के अलावा मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की जाएंगी। पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट तैनात होगी इस यात्रा में पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया जाएगा, क्योंकि संकरे व खतरनाक रास्ते की वजह से इस यात्रा के दौरान कई बार अनचाहे हादसे हो जाते है। खासकर बरसात की वजह से इस यात्रा में बाधा आती है। ऑनलाइन पंजीकरण को बनाया पोर्टल बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। किसी भी श्रद्धालु को बिना पंजीकरण के श्रीखंड नहीं भेजा जाएगा। कई बार होती है ऑक्सीजन की कमी 18,570 फीट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है। श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों में बर्फ के ग्लेशियरों को भी पार करना होता है। अधिक ऊंचाई के कारण कई बार यहां ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाता है। इससे श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पार्वती बाग से आगे कुछ ऐसे क्षेत्र पड़ते हैं, जहां कुछ श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की कमी के चलते भारी दिक्कतें पेश आती हैं। यदि ऐसी स्थिति में ऐसे श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या वापस नीचे नहीं उतारा जाता है। इससे कई श्रद्धालु बिना भोले के दर्शन के ही वापस लौटने को मजबूर हो जाते है। बीते साल भारी बारिश के बाद स्थगित करनी पड़ी यात्रा श्रीखंड महादेव की यात्रा बीते साल भारी बारिश के कारण तीन दिन बाद रद्द करनी पड़ी थी। पिछली बरसात में प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू जिला में हुई थी। इसका असर इस यात्रा पर भी पड़ा था। देशभर से श्रीखंड पहुंचते हैं श्रद्धालु श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित बनाना चुनौती रहेगा।