हिसार की आदमपुर नगर पालिका का दर्जा जल्द ही खत्म हो जाएगा। सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद फाइल हिसार डीसी ऑफिस पहुंच गई है। कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। अब फाइल मंजूर होकर डीसी ऑफिस तक पहुंच गई है। पहले नगर पालिका का दर्जा देने को चली थी मुहिम बता दें कि इससे पहले मंडी आदमपुर को नगर पालिका बनाने के लिए जन सेवा समिति ने मुहिम शुरू की थी। बाद में जन सेवा समिति के सदस्यों ने आदमपुर की करीब 16 सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को अपने साथ लिया और उनसे इस बारे में चर्चा की। संस्थाओं द्वारा सहमति जताने के साथ ही अपने-अपने लेटर हेड पर प्रस्ताव लिखित में दिए गए थे। संस्थाओं से प्रस्ताव मिलने के बाद समिति द्वारा सामूहिक बैठक बुलाई गई थी। आदमपुर को नगरपालिका बनाने के लिए तब जजपा के नेता रहे रमेश गोदारा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की थी। इसके बाद आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा मिला था। इसके बाद नगर पालिका का दर्जा हटवाने को चला धरना आदमपुर ग्राम पंचायत को नगरपालिका से बाहर कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग पर 40 दिनों तक धरना चला। इसके बाद ग्रामीणों के साथ वीडियो काल कर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने दावा किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी मांग को मानते हुए आदमपुर गांव को पुन: ग्राम पंचायत का दर्जा देने की स्वीकृति दे दी है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले को लेकर गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर विस्तृत सकारात्मक चर्चा कर चुके हैं। आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने उनके सामने अधिकारियों को निर्देश दिए। पूर्व CM के इलाका उपमंडल बनने को तरसा आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। वर्ष 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा वापस ले लिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए और आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी फिर से उपमंडल का दर्जा दे दिया। साथ ही इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उप मंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नगर पालिका का दर्जा का इसलिए हुआ था विरोध लोगों का आरोप था कि नगरपालिका बनने के बाद विकास का कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ, जबकि जनता के ऊपर टैक्स थोपे जाने लगे। निकायों के टैक्स लोगों से लिए जाने लगे। इसके कारण लोग परेशान हो गए। निर्माण करा रहे लोगों को नोटिस दिए जाने लगे। आदमपुर गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण सेठी ने बताया कि नगरपालिका का कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान ही नुकसान है। नगरपालिका बनने के बाद से मनरेगा स्कीम बंद हो गई है। चुनावों में उठाना पड़ा नुकसान, भजनलाल के गढ़ में हारी भाजपा भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। आदमपुर विधानसभा पर 56 साल से बिश्नोई परिवार का कब्जा है। इस सीट पर पहली बार भजनलाल 1968 में विधायक बने थे तब से लेकर जितने भी चुनाव हुए सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता आ रहा है। मगर इस बार भजनलाल के किले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर में 2022 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। मगर इस बार कुलदीप बिश्नोई भाजपा की नैया आदमपुर में पार नहीं लगा सके। भाजपा के हिसार से लोकसभा रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट मिले जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को 59544 वोट मिले। जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर से चुनाव जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने जोड़े थे हाथ कुलदीप बिश्नोई इस बात को जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए नजर आए और कहते रहे कि लाज रख लेना कहीं गलत कदम मल उठा लेना। मगर लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोईयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को कारण माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15,714 वोटों से ही चुनाव जीत पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं आसपास की सीटों भी प्रभाव था जो कहीं देखने को नहीं मिला। हिसार की आदमपुर नगर पालिका का दर्जा जल्द ही खत्म हो जाएगा। सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद फाइल हिसार डीसी ऑफिस पहुंच गई है। कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। अब फाइल मंजूर होकर डीसी ऑफिस तक पहुंच गई है। पहले नगर पालिका का दर्जा देने को चली थी मुहिम बता दें कि इससे पहले मंडी आदमपुर को नगर पालिका बनाने के लिए जन सेवा समिति ने मुहिम शुरू की थी। बाद में जन सेवा समिति के सदस्यों ने आदमपुर की करीब 16 सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को अपने साथ लिया और उनसे इस बारे में चर्चा की। संस्थाओं द्वारा सहमति जताने के साथ ही अपने-अपने लेटर हेड पर प्रस्ताव लिखित में दिए गए थे। संस्थाओं से प्रस्ताव मिलने के बाद समिति द्वारा सामूहिक बैठक बुलाई गई थी। आदमपुर को नगरपालिका बनाने के लिए तब जजपा के नेता रहे रमेश गोदारा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की थी। इसके बाद आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा मिला था। इसके बाद नगर पालिका का दर्जा हटवाने को चला धरना आदमपुर ग्राम पंचायत को नगरपालिका से बाहर कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग पर 40 दिनों तक धरना चला। इसके बाद ग्रामीणों के साथ वीडियो काल कर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने दावा किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी मांग को मानते हुए आदमपुर गांव को पुन: ग्राम पंचायत का दर्जा देने की स्वीकृति दे दी है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले को लेकर गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर विस्तृत सकारात्मक चर्चा कर चुके हैं। आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने उनके सामने अधिकारियों को निर्देश दिए। पूर्व CM के इलाका उपमंडल बनने को तरसा आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। वर्ष 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा वापस ले लिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए और आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी फिर से उपमंडल का दर्जा दे दिया। साथ ही इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उप मंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नगर पालिका का दर्जा का इसलिए हुआ था विरोध लोगों का आरोप था कि नगरपालिका बनने के बाद विकास का कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ, जबकि जनता के ऊपर टैक्स थोपे जाने लगे। निकायों के टैक्स लोगों से लिए जाने लगे। इसके कारण लोग परेशान हो गए। निर्माण करा रहे लोगों को नोटिस दिए जाने लगे। आदमपुर गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण सेठी ने बताया कि नगरपालिका का कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान ही नुकसान है। नगरपालिका बनने के बाद से मनरेगा स्कीम बंद हो गई है। चुनावों में उठाना पड़ा नुकसान, भजनलाल के गढ़ में हारी भाजपा भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। आदमपुर विधानसभा पर 56 साल से बिश्नोई परिवार का कब्जा है। इस सीट पर पहली बार भजनलाल 1968 में विधायक बने थे तब से लेकर जितने भी चुनाव हुए सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता आ रहा है। मगर इस बार भजनलाल के किले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर में 2022 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। मगर इस बार कुलदीप बिश्नोई भाजपा की नैया आदमपुर में पार नहीं लगा सके। भाजपा के हिसार से लोकसभा रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट मिले जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को 59544 वोट मिले। जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर से चुनाव जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने जोड़े थे हाथ कुलदीप बिश्नोई इस बात को जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए नजर आए और कहते रहे कि लाज रख लेना कहीं गलत कदम मल उठा लेना। मगर लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोईयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को कारण माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15,714 वोटों से ही चुनाव जीत पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं आसपास की सीटों भी प्रभाव था जो कहीं देखने को नहीं मिला। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पॉल्यूशन का अटैक:5 शहरों में एक्यूआई 400 पार, पानीपत में सुधार, रात में चोरी छिपे पराली जल रही, मॉनिटरिंग फेल हरियाणा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। जहां 2 दिन पानीपत में प्रदूषण का स्तर 500 और 450 तक पहुंच गया था मगर अब स्थिति में सुधार हुआ है। पानीपत में मैक्सिमम एक्यूआई 112 तक पहुंचा है। इसके अलावा करनाल और कुरुक्षेत्र में लगातार AQI 400 से ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा प्रदूषण बाकि शहरों में बढ़ रहा है। आज हरियाणा के 5 शहरों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सबसे ज्यादा प्रदूषण लेवल 428 कैथल में दर्ज किया गया। इसके अलावा करनाल 413, कुरुक्षेत्र 417, जींद 402, रोहतक में 407 AQI रहा। सबसे ज्यादा केस रात के समय आगजनी के आ रहे हैं। रात 9 बजे से रात 1 बजे तक आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं प्रदेश में पराली जलाने को लेकर सख्ती का असर दिखने लगा है। वीरवार को भी पराली जलाने के 6 नए केस मिले हैं। इनको मिलाकर कुल आंकड़ा 680 पर पहुंच गया है। यह पिछले कुछ सालों से कम है। जींद में पराली जली तो AQI 402 तक पहुंचा
जींद में सबसे ज्यादा पराली जलाने के दो नए केस मिले हैं। ऐसे में कृषि विभाग की टीम ने संबंधित किसान पर चालान के साथ-साथ केस दर्ज भी करवा दिया है। इसके चलते प्रदेश की आबोहवा खराब हो रही है। पिछले कुछ दिनों से स्मॉग भी आ गया है। हिसार में भी स्मॉग का काफी असर है। वहीं सरकार की ओर से हरसैक से सबसे ज्यादा निगरानी रखी जा रही है। हर सूचना पर विभाग की टीम निगरानी रखे हुए हैं। जैसे ही कोई आगजनी की घटना को अंजाम देता है, उसकी सूचना व लोकेशन विभाग के पास पहुंच जाती है। इसके लिए ग्राम पंचायत और ग्राम सचिव का भी सहयोग लिया जाएं। हिसार में किसानों पर एफआइआर, साढ़े 32 हजार का लगाया जुर्माना
हिसार की ADC सी जयाश्रद्घा ने बताया कि हरसेक से प्राप्त 20 एएफएल में से 12 फायर लोकेशन मिलने पर 12 किसानों पर एफआइआर और 32 हजार 500 रुपए जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के अनुपात में अबकी बार पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। कृषि विभाग की टीमों द्वारा जागरूकता अभियान के माध्यम से जिले के अनेक गांवों में फसल अवशेष प्रबंधन की गतिविधियां चली हुई है, जिसके माध्यम से किसानों को पराली न जलाकर उसका उचित प्रबंधन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
हरियाणा BJP अध्यक्ष-सिंगर रॉकी मित्तल पर गैंगरेप की FIR:महिला बोली- कसौली में होटल के कमरे में जबरन शराब पिलाई, बारी-बारी से रेप किया
हरियाणा BJP अध्यक्ष-सिंगर रॉकी मित्तल पर गैंगरेप की FIR:महिला बोली- कसौली में होटल के कमरे में जबरन शराब पिलाई, बारी-बारी से रेप किया हरियाणा BJP के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली (61) और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ गैंगरेप की FIR दर्ज हुई है। ये केस हिमाचल के कसौली पुलिस थाने में 13 दिसंबर 2024 को दर्ज हुआ था, जिसकी जानकारी अब सार्वजनिक हुई है। दिल्ली की रहने वाली महिला का आरोप है कि उसके साथ कसौली के सरकारी होटल में जबरन शराब पिलाकर रेप किया गया। रॉकी मित्तल ने उसे अपनी एल्बम में एक्ट्रेस बनाने और बड़ौली ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। रेप के बाद उसे डरा-धमकाकर कमरे से बाहर निकाल दिया गया। महिला के मुताबिक, उसकी अश्लील फोटो खींचने के अलावा वीडियो भी बनाई गई। इसके बाद पंचकूला में उसे केस में फंसाने की कोशिश की गई। हिमाचल पुलिस ने बड़ौली और रॉकी पर IPC की धारा 376D और 506 के तहत केस दर्ज किया है। सोलन जिले में परवाणू के DSP मेहर पंवर ने कहा कि बड़ौली और मित्तल से पूछताछ की जा चुकी है। उधर, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा- ‘मोहन लाल बड़ौली के बारे में मुझसे ना पूछें। अभी केस दर्ज हुआ है। अब पुलिस का काम है, क्या सही है और क्या गलत।’ कसौली में दर्ज FIR की कॉपी… FIR के मेन पॉइंट्स… 1. सहेली के साथ घूमने गई, होटल में रुकी थी
पुलिस के मुताबिक एक महिला ने अपनी सहेली के साथ थाने में आकर शिकायत दी। जिसमें लिखा कि मैं अपनी सहेली के साथ रहती हूं। मैं सोनीपत में अमित के पास 2 साल से नौकरी करती थी। उसका ऑफिस नेताजी सुभाष पैलेस में था। 3 जुलाई 2023 को मैं अपनी सहेली और अमित के साथ घूमने के लिए आई थी। वहां हम होटल HPTDC रोज कॉमन कसौली जिला सोलन में रुके। हम करीब 5 बजे होटल पहुंचे। 2. होटल में 2 व्यक्ति मिले, जो बड़ौली और रॉकी थे, हमें कमरे में ले गए
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जयभगवान ने बोला कि वह मुझे अपनी एल्बम में अभिनेत्री का रोल देगा। मोहन बड़ौली ने कहा कि मुझे सरकारी नौकरी दिलवा देगा। मेरी बहुत ऊपर तक पहुंच है। फिर बातों-बातों में हमें शराब ऑफर की। जिसके लिए हमने मना किया। मना करने के बावजूद उन्होंने बातों-बातों में हमें जबरन शराब पिला दी। 4. मेरे साथ छेड़छाड़ की, रेप किया
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डर और शर्म के मारे हम सहम गए और रोने लगे। हम न कुछ कर पाए और न ही कुछ कह पाए। इसके बाद हमें डरा-धमकाकर कमरे से बाहर निकाल दिया। हम किसी को इसके बारे में कुछ नहीं बता पाए। करीब 2 महीने बाद इन्होंने हमें फिर से डराकर पंचकूला बुलाया। वहां हमारे खिलाफ झूठा केस दर्ज करने की कोशिश की। हमें फंसाने की कोशिश की। इसके बाद हमें रॉकी मित्तल का पता 1022, सेक्टर 4 पंचकूला, हरियाणा और मोहन बड़ौली का पता 423, सोनीपत रोड सेक्टर 15, हरियाणा मिला। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उनके फोन से मेरी फोटो और वीडियो डिलीट कराई जाए। पुलिस का दावा- महिला ने मेडिकल जांच कराने से मना किया महिला का दावा है कि उसका यौन शोषण कसौली में हुआ। केस की इन्वेस्टिगेशन कर रहे कसौली थाने के सब-इंस्पेक्टर धनवीर सिंह ने कहा कि जांच चल रही है। पीड़ित महिला विवाहित है और उसने मेडिकल करवाने से मना कर दिया है। बड़ौली बोले- मामला केवल राजनीतिक स्टंट यह मामला राजनीतिक तौर पर भी गर्माने लगा है क्योंकि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है। उधर कुछ दिनों बाद बड़ौली को लगातार दूसरी बार हरियाणा भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाने के कयास भी लग रहे थे। बड़ौली ने मीडिया से बात नहीं की, लेकिन फोन पर दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बड़ौली ने कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है। बड़ौली ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग छोड़ी, अकेले कमरे में गए
वहीं मोहन लाल बड़ौली मंगलवार सुबह से सोनीपत स्थित अपने घर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे। दोपहर में जैसे ही उन पर केस दर्ज होने की जानकारी सामने आई, बड़ौली अकेले कमरे में चले गए। इसके बाद पार्टी कार्यकर्ता भी उनके घर से निकल गए। कौन हैं मोहन लाल बड़ौली, 5 पॉइंट्स में जानिए… 1. मोहन लाल बड़ौली हरियाणा में BJP का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं। वह 2019 के विधानसभा चुनाव में सोनीपत की राई सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ौली को सोनीपत सीट से टिकट दिया, मगर वह हार गए। 2. मार्च-2024 में भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का सीएम बना दिया। सैनी उस समय हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष थे। सीएम बनने के बाद सैनी ने अध्यक्ष पद छोड़ा तो भाजपा ने जुलाई-2024 में बड़ौली को हरियाणा भाजपा का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। 3. हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने प्रदेशाध्यक्ष के नाते बड़ौली को मैदान में नहीं उतारा। बड़ौली ने भी कहा कि वह संगठन में रहकर पार्टी को चुनाव लड़ाएंगे। इसके बाद बड़ौली और सीएम नायब सैनी की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई। भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 4. विधानसभा चुनाव में कृष्णलाल पंवार के विधायक बन जाने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली हुई तो एकबारगी बड़ौली को राज्यसभा भेजने की चर्चा भी चली। हालांकि पार्टी ने संगठन में उनके अच्छे काम को मद्देनजर रखते हुए उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाए रखने का फैसला लिया और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा काे राज्यसभा भेज दिया। 5. बड़ौली और सीएम नायब सैनी की ट्यूनिंग अच्छी है। बड़ौली के सहारे ब्राह्मण और सैनी के सहारे OBC वोटबैंक को एकजुट रखने की रणनीति के तहत पार्टी ने इस जोड़ी को बरकरार रखने का फैसला किया। कुछ दिन पहले ही दिल्ली में भाजपा की कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर मीटिंग हुई तो उसमें हरियाणा पर चर्चा नहीं की गई। रॉकी मित्तल बोले- भाजपा के ही नेताओं की साजिश, मुझे गवाह बनाना चाहते थे
इस बारे में रॉकी मित्तल ने कहा कि मुझे मीडिया से केस का पता चला। मेरी तो जिंदगी ही अलग टाइप की है। मैं इन चीजों में पड़ता ही नहीं हूं। जब सितंबर में चुनाव चल रहा था तो भाजपा के एक-दो बड़े लीडरों ने मेरे घर पर लड़कियां भी भेजी थीं। मैं थाने में गया और वहां शिकायत भी की थी। मैंने कहा था कि मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं। मैंने DGP और पुलिस कमिश्नर को भी लेटर लिखा था। उनकी कॉपी मेरे पास है। मेरी किसी ने सुनवाई नहीं की। मैंने कहा था कि कुछ लोग मुझे बदनाम करना चाहते हैं। इनमें एक भाजपा का है। एक-दो बड़े नेता हैं और साथ में कोई अमित बिंदल है। यह भाजपा का लघु उद्योग का संयोजक है। मेरे पास लड़कियों की रिकॉर्डिंग है। 2 बार लड़कियां मेरे घर आईं। फिर वह दिल्ली गईं और दिल्ली पुलिस से भी मुझे फोन आया। मैंने उन्हें भी समझा दिया था कि मैं शराब तो छोड़ो, बीड़ी भी नहीं पीता। ये असल में सोनीपत के नेताओं की लड़ाई है। वह मुझे बड़ौली के खिलाफ गवाह बनाना चाहते थे। मैं गवाह नहीं बना। मैं पहले ही भाजपा से दूर हूं। मोहन बड़ौली के साथ अक्सर हम कई बार बाहर गए हैं। अगर एक महीने पहले FIR हुई तो मेरे पास कोई कॉल क्यों नहीं आया। मुझे तो इस बात का आज पता चला। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बोले- भाजपा कार्रवाई करे बड़ौली पर लगे आरोपों के बाद हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने फरीदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उदयभान ने कहा- ‘बड़ौली पर लगे गंभीर आरोपों पर भाजपा की चुप्पी महिला सुरक्षा के प्रति उनकी गैर गंभीरता को दर्शाती है। भाजपा को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।’ —————————– सिंगर रॉकी मित्तल से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… रॉकी ने मोदी के लिए गाया, खट्टर के कारण BJP छोड़ी, 2024 में कांग्रेस में गया हिमाचल में गैंगरेप केस में नामजद हरियाणवी सिंगर रॉकी मित्तल कभी कट्टर मोदीभक्त रहा है। उसने साल 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कई गीत गए। भाजपा के लिए 200 से ज्यादा गीत गाकर वह नेताओं का करीबी बन गया। पूरी खबर पढ़ें…
पेहोवा पहुंचे सीएम नायब सैनी:ग्रामीणों को देखकर बीच रास्ते में रोका काफिला, समस्याएं सुनी
पेहोवा पहुंचे सीएम नायब सैनी:ग्रामीणों को देखकर बीच रास्ते में रोका काफिला, समस्याएं सुनी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार दोपहर बाद हेलीकॉप्टर के जरिए कुरूक्षेत्र के पेहोवा पहुंचे। एसआईएस हेलीपैड से जब मुख्यमंत्री गाड़ी से कृषि मंत्री के आवास की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में तलहेड़ी गांव में लोगों को खड़ा देखकर अपना काफिला रोक लिया और उनकी समस्याएं सनी। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के निवास पर गांव चनालहेड़ी पहुंचने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री पेहोवा के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र लाडवा जाएंगे। वे हेलीकॉप्टर के जरिए ही लाडवा पहुंचेगे और आईजीएन कॉलेज में हेलीपैड से गाड़ी से हलके के लोगों से मिलने जाएंगे।