उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में भरतपुर की एक महिला की भी मौत हो गई, जबकि 2 महिलाएं घायल हो गईं। खुद को नारायण (भगवान) का अवतार बताने वाले भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि बाबा का राजस्थान कनेक्शन भी सामने आया है। भोले बाबा दौसा में पेपरलीक माफिया हर्षवर्धन के मकान में हर 4 महीने में दरबार लगाता था। 4 महीने पहले फरवरी 2024 में जब जेईएएन भर्ती परीक्षा-2020 के पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन पटवारी को एसओजी ने पकड़ा तो नारायण हरि का ये दरबार सुर्खियों में आया। सामने आया कि जहां बाबा नारायण हरि ने अपना अस्थाई डेरा बना रखा था, वो मकान हर्षवर्धन का ही था। इसी दरबार की आड़ में हर्षवर्धन पेपरलीक का रैकेट चलाता था। हाथरस कांड के बाद भास्कर की टीम दौसा के जयपुर-आगरा हाईवे के पास गोविंद कॉलोनी पहुंची। यहां लोगों से बात कि तो सामने आया कि एसओजी की रेड के बाद से बाबा ने यहां कोई दरबार नहीं लगाया। मकान बंद है। हालांकि यहां अब भी टेंट लगे हुए थे। बाहर एक बोर्ड लगा था- जिस पर लिखा था बाबा अभी निज प्रवास पर है। पढ़िए हाथरस कांड में आरोपी भोले बाबा ने राजस्थान में कैसे फैला रखा था अपना नेटवर्क… रात में लगाता था दरबार, बाबा ने किराये पर ले रखा था मकान
हर्षवर्धन का मकान जयपुर-आगरा हाईवे से महज 800 मीटर की दूरी पर है। बाबा ने ये मकान किराए पर लेकर इसका पूरा सेटअप आश्रम की तरह कर रखा था। जब यहां दरबार लगता है तो एक बोर्ड लगता है, जिस पर लिखा रहता है कि नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जयकार हो। कॉलोनी के लोगों से जब इस आश्रम के बारे में पूछा तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने पूरे दरबार की कहानी बताई। लोगों ने बताया कि बाबा हर 4 महीने में यहां आकर दरबार लगाते थे। बड़ी संख्या में गाड़ियों में भरकर उनके सेवक यहां पहुंचते थे। जब यहां दरबार लगता तो उनके अनुयायी यहां पर कड़ा पहरा देते थे। खास बात ये थी कि यहां हमेशा रात 9 बजे बाद ही दरबार लगाया जाता था। इस दरबार में हर्षवर्धन का भी आना-जाना लगा रहता था। अनजान लोगों की एंट्री बंद थी, कॉलोनी के लोगों की आधार कार्ड से होती थी एंट्री
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि जब नारायण हरि बाबा का दरबार लगता था तो उनके प्राइवेट गार्ड आश्रम के आस-पास और पूरे रास्ते में तैनात रहते थे। हाईवे से कॉलोनी में आने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया जाता था। आश्रम के सामने ही गोविंददेवजी का मंदिर है, जिसका रास्ता भी बंद कर दिया जाता था। दरबार लगने के दौरान अनजान लोगों की कॉलोनी में एंट्री बंद कर दी जाती थी। बाबा के प्राइवेट गार्ड कॉलोनी के लोगों को भी आधार कार्ड देखकर कॉलोनी में जाने देते थे। इसके कारण काफी परेशानी होती थी। उन्होंने बताया कि 4 महीने पहले जब यहां एसओजी की रेड पड़ी तो पूरी कहानी समझ आई। बाबा ने 5 साल से बना रखा था अपना डेरा, एक साल पहले लगा था दिव्य दरबार
स्थानीय लोगों ने बताया कि पांच साल से बाबा ने यहां अस्थाई डेरा बना रखा था। इसकी आड़ में हर्षवर्धन भी कई काम करता था। करीब एक साल पहले अट्टा बिजोरी के पास 20 बीघा के एरिया में बाबा ने दिव्य दरबार लगाया था। इस दिव्य दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। जब दरबार लगता तो मकान को सजाया जाता था। यहां बाबा की गद्दी लगाई जाती थी। बाबा से मिलने बसों और लग्जरी गाड़ियों में भरकर बाहर से लोग आते थे। लेकिन जब से हर्षवर्धन गिरफ्तार हुआ है, तब से यहां बाबा का दरबार नहीं लगा है और न ही कोई यहां आया है। आश्रम में टेंट और गद्दी लगी, बोर्ड लगाया- बाबा निज प्रवास पर है
4 महीने बाद भी हर्षवर्धन के मकान में बाबा के दरबार का पूरा सेटअप लगा है। यहां टेंट और बाबा की गद्दी लगी है। पूरी बाउंड्री को टेंट से इस तरह से कवर किया गया है कि बाहर से कुछ भी नजर नहीं आता है। भास्कर टीम जब हर्षवर्धन के मकान पहुंची तो एक बोर्ड लगा मिला। इस पर लिखा था- सभी देव तुल्य भाई-बहनों के चरणों में प्रार्थना है कि नारायण हरि, महात्मा गांधी एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के डॉक्टरों के परामर्श एवं सलाह से ग्रामीण परिवेश की आबोहवा लेने व स्वास्थ्य लाभ के लिए स्वयं के निज प्रवास पर हैं। वर्तमान में कोई भी समागम यहां नहीं चल रहा है। प्रार्थना है कि नारायण हरि प्रवास पर आने का कष्ट नहीं करें। हर्षवर्धन पकड़ा गया तो आश्रम का पता बताया, यहां मिली थी कई आंसर शीट और डॉक्युमेंट
पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन को एसओजी ने फरवरी 2024 में गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ की तो उसने अपने जयपुर और दौसा के ठिकानों के बारे में भी बताया। उसके बताए एक ठिकाने में भोले बाबा का अस्थाई दरबार लगा था। एसओजी के एएसपी नरेन्द्र मीणा के नेतृत्व में टीम ने इस आश्रम में दबिश दी थी। यहां करीब 4 घंटे सर्च चला। इस सर्च में एसओजी को अलग-अलग परीक्षाओं की आंसर शीट के साथ कई डॉक्युमेंट भी मिले थे। इसके बाद इस बात की पुष्टि की गई कि इस आश्रम और दिव्य दरबार की आड़ में पेपर लीक माफिया अपना रैकेट चला रहा था। एसओजी की इस दबिश के बाद से बाबा अपने अनुयायियों के साथ यहां से फरार हो गया था। हर्षवर्धन कई परीक्षाओं के पेपर करवा चुका है लीक
हर्षवर्धन मीणा 15 सालों में पेपर लीक कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए 500 से अधिक युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दिला चुका है, जिसमें 20 लोग तो उसके परिवार के ही हैं। पुलिस ने जब हर्षवर्धन के जयपुर, दौसा और महवा समेत अन्य जमीनों के दस्तावेज जुटाए तो 5 करोड़ रुपए कीमत की बेनामी संपत्ति का पता चला। ये खबर भी पढ़ें… राजस्थान की महिला की भी हाथरस की घटना में मौत:दलदल में गिरीं भरतपुर की दो और महिलाएं घायल, पैसे इकट्ठे करके सत्संग में गई थीं हाथरस में हुई घटना में डीग जिले के कुम्हेर इलाके के रहने वाली एक महिला की मौत हो गई। वहीं इस घटना में भरतपुर की 2 महिलाएं घायल भी हुई हैं। इसके अलावा भरतपुर और डीग जिले के सत्संग में शामिल होने गए लोग देर रात तक अपने घर पहुंच चुके हैं। (यहां पढ़ें पूरी खबर) उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में भरतपुर की एक महिला की भी मौत हो गई, जबकि 2 महिलाएं घायल हो गईं। खुद को नारायण (भगवान) का अवतार बताने वाले भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि बाबा का राजस्थान कनेक्शन भी सामने आया है। भोले बाबा दौसा में पेपरलीक माफिया हर्षवर्धन के मकान में हर 4 महीने में दरबार लगाता था। 4 महीने पहले फरवरी 2024 में जब जेईएएन भर्ती परीक्षा-2020 के पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन पटवारी को एसओजी ने पकड़ा तो नारायण हरि का ये दरबार सुर्खियों में आया। सामने आया कि जहां बाबा नारायण हरि ने अपना अस्थाई डेरा बना रखा था, वो मकान हर्षवर्धन का ही था। इसी दरबार की आड़ में हर्षवर्धन पेपरलीक का रैकेट चलाता था। हाथरस कांड के बाद भास्कर की टीम दौसा के जयपुर-आगरा हाईवे के पास गोविंद कॉलोनी पहुंची। यहां लोगों से बात कि तो सामने आया कि एसओजी की रेड के बाद से बाबा ने यहां कोई दरबार नहीं लगाया। मकान बंद है। हालांकि यहां अब भी टेंट लगे हुए थे। बाहर एक बोर्ड लगा था- जिस पर लिखा था बाबा अभी निज प्रवास पर है। पढ़िए हाथरस कांड में आरोपी भोले बाबा ने राजस्थान में कैसे फैला रखा था अपना नेटवर्क… रात में लगाता था दरबार, बाबा ने किराये पर ले रखा था मकान
हर्षवर्धन का मकान जयपुर-आगरा हाईवे से महज 800 मीटर की दूरी पर है। बाबा ने ये मकान किराए पर लेकर इसका पूरा सेटअप आश्रम की तरह कर रखा था। जब यहां दरबार लगता है तो एक बोर्ड लगता है, जिस पर लिखा रहता है कि नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जयकार हो। कॉलोनी के लोगों से जब इस आश्रम के बारे में पूछा तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने पूरे दरबार की कहानी बताई। लोगों ने बताया कि बाबा हर 4 महीने में यहां आकर दरबार लगाते थे। बड़ी संख्या में गाड़ियों में भरकर उनके सेवक यहां पहुंचते थे। जब यहां दरबार लगता तो उनके अनुयायी यहां पर कड़ा पहरा देते थे। खास बात ये थी कि यहां हमेशा रात 9 बजे बाद ही दरबार लगाया जाता था। इस दरबार में हर्षवर्धन का भी आना-जाना लगा रहता था। अनजान लोगों की एंट्री बंद थी, कॉलोनी के लोगों की आधार कार्ड से होती थी एंट्री
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि जब नारायण हरि बाबा का दरबार लगता था तो उनके प्राइवेट गार्ड आश्रम के आस-पास और पूरे रास्ते में तैनात रहते थे। हाईवे से कॉलोनी में आने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया जाता था। आश्रम के सामने ही गोविंददेवजी का मंदिर है, जिसका रास्ता भी बंद कर दिया जाता था। दरबार लगने के दौरान अनजान लोगों की कॉलोनी में एंट्री बंद कर दी जाती थी। बाबा के प्राइवेट गार्ड कॉलोनी के लोगों को भी आधार कार्ड देखकर कॉलोनी में जाने देते थे। इसके कारण काफी परेशानी होती थी। उन्होंने बताया कि 4 महीने पहले जब यहां एसओजी की रेड पड़ी तो पूरी कहानी समझ आई। बाबा ने 5 साल से बना रखा था अपना डेरा, एक साल पहले लगा था दिव्य दरबार
स्थानीय लोगों ने बताया कि पांच साल से बाबा ने यहां अस्थाई डेरा बना रखा था। इसकी आड़ में हर्षवर्धन भी कई काम करता था। करीब एक साल पहले अट्टा बिजोरी के पास 20 बीघा के एरिया में बाबा ने दिव्य दरबार लगाया था। इस दिव्य दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। जब दरबार लगता तो मकान को सजाया जाता था। यहां बाबा की गद्दी लगाई जाती थी। बाबा से मिलने बसों और लग्जरी गाड़ियों में भरकर बाहर से लोग आते थे। लेकिन जब से हर्षवर्धन गिरफ्तार हुआ है, तब से यहां बाबा का दरबार नहीं लगा है और न ही कोई यहां आया है। आश्रम में टेंट और गद्दी लगी, बोर्ड लगाया- बाबा निज प्रवास पर है
4 महीने बाद भी हर्षवर्धन के मकान में बाबा के दरबार का पूरा सेटअप लगा है। यहां टेंट और बाबा की गद्दी लगी है। पूरी बाउंड्री को टेंट से इस तरह से कवर किया गया है कि बाहर से कुछ भी नजर नहीं आता है। भास्कर टीम जब हर्षवर्धन के मकान पहुंची तो एक बोर्ड लगा मिला। इस पर लिखा था- सभी देव तुल्य भाई-बहनों के चरणों में प्रार्थना है कि नारायण हरि, महात्मा गांधी एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के डॉक्टरों के परामर्श एवं सलाह से ग्रामीण परिवेश की आबोहवा लेने व स्वास्थ्य लाभ के लिए स्वयं के निज प्रवास पर हैं। वर्तमान में कोई भी समागम यहां नहीं चल रहा है। प्रार्थना है कि नारायण हरि प्रवास पर आने का कष्ट नहीं करें। हर्षवर्धन पकड़ा गया तो आश्रम का पता बताया, यहां मिली थी कई आंसर शीट और डॉक्युमेंट
पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन को एसओजी ने फरवरी 2024 में गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ की तो उसने अपने जयपुर और दौसा के ठिकानों के बारे में भी बताया। उसके बताए एक ठिकाने में भोले बाबा का अस्थाई दरबार लगा था। एसओजी के एएसपी नरेन्द्र मीणा के नेतृत्व में टीम ने इस आश्रम में दबिश दी थी। यहां करीब 4 घंटे सर्च चला। इस सर्च में एसओजी को अलग-अलग परीक्षाओं की आंसर शीट के साथ कई डॉक्युमेंट भी मिले थे। इसके बाद इस बात की पुष्टि की गई कि इस आश्रम और दिव्य दरबार की आड़ में पेपर लीक माफिया अपना रैकेट चला रहा था। एसओजी की इस दबिश के बाद से बाबा अपने अनुयायियों के साथ यहां से फरार हो गया था। हर्षवर्धन कई परीक्षाओं के पेपर करवा चुका है लीक
हर्षवर्धन मीणा 15 सालों में पेपर लीक कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए 500 से अधिक युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दिला चुका है, जिसमें 20 लोग तो उसके परिवार के ही हैं। पुलिस ने जब हर्षवर्धन के जयपुर, दौसा और महवा समेत अन्य जमीनों के दस्तावेज जुटाए तो 5 करोड़ रुपए कीमत की बेनामी संपत्ति का पता चला। ये खबर भी पढ़ें… राजस्थान की महिला की भी हाथरस की घटना में मौत:दलदल में गिरीं भरतपुर की दो और महिलाएं घायल, पैसे इकट्ठे करके सत्संग में गई थीं हाथरस में हुई घटना में डीग जिले के कुम्हेर इलाके के रहने वाली एक महिला की मौत हो गई। वहीं इस घटना में भरतपुर की 2 महिलाएं घायल भी हुई हैं। इसके अलावा भरतपुर और डीग जिले के सत्संग में शामिल होने गए लोग देर रात तक अपने घर पहुंच चुके हैं। (यहां पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर