गुरदासपुर के गांव बब्बेहाली के पास हुए सड़क हादसे में मोटरसाइकिल सवार दो बुजुर्ग सगे भाईयों की मौत हो गई। दोनों भाई साइकिल पर सवार होकर अपनी बहन के भोग में शामिल होने के लिए कस्बा कादियां के गांव खारे जा रहे थे। मौके पर पहुंचे सड़क सुरक्षा फोर्स के जवानों ने मृतक शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी देते हुए एक मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता बलकार सिंह (उम्र 70 साल) और उसके ताया गुरमेज सिंह (उम्र 80 साल ) गांव शाहूर कलां के रहने वाले हैं और कादियां के गांव खारे में अपनी बहन के भोग में शामिल होने के लिए जा रहे थे। किसी ने परिजनों को फोन पर सूचना दी कि दोनों भाइयों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। पेड़ की शाखा गिरने से हुआ हादसा एक पेड़ की शाखा टूटकर उन पर गिर गई है जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लग रहा। उन्होंने बताया कि किसी वाहन ने साइड मार दी जिससे दोनों भाइयों की मौत हो गई, इसलिए पुलिस को इस मामले में गंभीरता से जांच करनी चाहिए। वहीं मौके पर पहुंचे सड़क सुरक्षा बल के अधिकारियों का कहना है कि हादसा सफ़ेदे के पेड़ की एक शाखा टूटने से हुआ है, जिससे दोनों भाइयों की मौत हो गई। जिनके शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। गुरदासपुर के गांव बब्बेहाली के पास हुए सड़क हादसे में मोटरसाइकिल सवार दो बुजुर्ग सगे भाईयों की मौत हो गई। दोनों भाई साइकिल पर सवार होकर अपनी बहन के भोग में शामिल होने के लिए कस्बा कादियां के गांव खारे जा रहे थे। मौके पर पहुंचे सड़क सुरक्षा फोर्स के जवानों ने मृतक शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी देते हुए एक मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता बलकार सिंह (उम्र 70 साल) और उसके ताया गुरमेज सिंह (उम्र 80 साल ) गांव शाहूर कलां के रहने वाले हैं और कादियां के गांव खारे में अपनी बहन के भोग में शामिल होने के लिए जा रहे थे। किसी ने परिजनों को फोन पर सूचना दी कि दोनों भाइयों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। पेड़ की शाखा गिरने से हुआ हादसा एक पेड़ की शाखा टूटकर उन पर गिर गई है जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लग रहा। उन्होंने बताया कि किसी वाहन ने साइड मार दी जिससे दोनों भाइयों की मौत हो गई, इसलिए पुलिस को इस मामले में गंभीरता से जांच करनी चाहिए। वहीं मौके पर पहुंचे सड़क सुरक्षा बल के अधिकारियों का कहना है कि हादसा सफ़ेदे के पेड़ की एक शाखा टूटने से हुआ है, जिससे दोनों भाइयों की मौत हो गई। जिनके शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में 12 करोड़ की हेरोइन जब्त:सीमा पार से आई नशे की खेप, बीएसएफ ने 5 हथियारों के साथ ड्रोन भी पकड़े
पंजाब में 12 करोड़ की हेरोइन जब्त:सीमा पार से आई नशे की खेप, बीएसएफ ने 5 हथियारों के साथ ड्रोन भी पकड़े पंजाब में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को बड़ी सफलता मिली है। अमृतसर और तरनतारन जिलों में सीमा पार से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही बीएसएफ की टीमों ने बुधवार को पांच ड्रोन, एक पिस्तौल और हेरोइन की खेप बरामद की। एक ही दिन में हुई इन बरामदगी ने सीमा सुरक्षा को लेकर बीएसएफ की कड़ी चौकसी और सक्रियता को दर्शाया है। बीएसएफ को इस कार्रवाई में उस समय सफलता मिली जब उन्हें एक विशेष सूचना मिली कि सीमा पार से नशीले पदार्थों और हथियारों की खेप पंजाब में भेजने की कोशिश की जा रही है। सूचना मिलने पर बीएसएफ ने अमृतसर और तरनतारन जिलों में कई जगहों पर गश्त बढ़ा दी। आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण की मदद से बीएसएफ ने संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी और समय रहते इन कोशिशों को नाकाम कर दिया। चीनी निर्मित ड्रोन और हथियारों की जब्ती जांच के दौरान बीएसएफ को पांच ड्रोन मिले, जिनमें से सभी ड्रोन चीनी निर्मित हैं और इन्हें डीजेआई माविक क्लासिक और डीजेआई एयर 3 मॉडल के रूप में पहचाना गया। ड्रोन की तकनीकी जांच से यह पुष्टि होती है कि सीमा पार तस्करों द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर भारतीय क्षेत्र में नशा और हथियार पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बीएसएफ ने एक पिस्तौल भी बरामद की, जिसका संभावित रूप से तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों में उपयोग किया जाना था। हेरोइन के 3 पैकेट बरामद बीएसएफ ने इस कार्रवाई में 1.8 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की है। यह नशीला पदार्थ तीन पैकेट में विभाजित था और इसे ड्रोन के माध्यम से भारतीय सीमा में पहुंचाया जा रहा था। तस्करों की यह कोशिश बीएसएफ की सतर्कता के चलते नाकाम रही। पकड़ी गई खेप की इंटरनेशनल कीमत तकरीबन 12 करोड़ रुपए है। बीएसएफ की सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ पंजाब सीमा पर तस्करी और अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हमारी टीमें हर समय सतर्क हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को किसी भी स्थिति में भंग नहीं होने देंगी। ड्रोन, नशीले पदार्थ और हथियारों की बरामदगी बीएसएफ की उस दृढ़ संकल्प का प्रमाण है जो हम सीमा की रक्षा के प्रति रखते हैं।
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फरीदकोट में वारिस पंजाब दे के सदस्य की हत्या:सरपंच उम्मीदवार का कर रहा था समर्थन; बेअदबी के खिलाफ उठाई आवाज पंजाब के फरीदकोट में सांसद अमृतपाल सिंह के संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्य की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी तीन थे और बाइक पर सवार होकर आए थे। मृतक की पहचान फरीदकोट के गांव हरी नौ निवासी गुरप्रीत सिंह (32) के रूप में हुई है। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि गुरप्रीत सिंह फरीदकोट के गांव हरी नौ में पंचायत चुनाव में सरपंच उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहा था। प्रचार के बाद मंगलवार की रात के समय घर लौट रहा था। तभी बाइक पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गुरप्रीत के शरीर पर 4 गोलियां लगीं। फायरिंग के बाद हमलावर फरार हो गए। घटना के बाद गांव वाले मौके पर पहुंचे और गुरप्रीत को फरीदकोट मेडिकल अस्पताल लाया गया। लेकिन रास्ते में ही गुरप्रीत की मौत हो गई। सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस डीएसपी शमशेर सिंह ने जानकारी दी है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों की पहचान के लिए घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है। गुरप्रीत सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का सदस्य था और शुरू से ही दीप सिद्ध से जुड़ा हुआ था। अमृतपाल के खिलाफ करता था बयानबाजी डीएसपी शमशेर सिंह का कहना है कि गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब दे का एक पुराना सदस्य था। वारिस पंजाब दे की कमान बदलने के बाद से ही वे लगातार मुखी अमृतपाल सिंह और सिख नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था। जिसके चलते उसे लगातार धमकियां भी मिल रही थी। फिलहाल इस एंगल के साथ-साथ पुलिस हर तरह से मामले की जांच में जुट गई है। बेअदबी के खिलाफ भी उठाता था आवाज अमृतपाल सिंह के खिलाफ बयानबाजी करने के साथ-साथ गुरप्रीत सिंह बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ भी आवाज उठाता था। उसने गांव हरी नौ के नाम से एक यू-ट्यूब टॉक शो बना रखा था। जिसमें वे अमृतपाल सिंह के खिलाफ और बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाता था।
पंजाब के 24 गांवों के पंचायत चुनाव रद्द:राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला; नामांकन और पर्चा वापसी में मेल नहीं खा रहे थे साइन
पंजाब के 24 गांवों के पंचायत चुनाव रद्द:राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला; नामांकन और पर्चा वापसी में मेल नहीं खा रहे थे साइन पंजाब चुनाव आयोग ने श्री मुक्तसर साहिब के कस्बा गिद्दड़बाहा के 24 गांवों में पंचायत चुनावों को रद्द कर दिया है। पंजाब चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आदेशों उक्त मामले की जानकारी दी गई है। ये फैसला नामांकन वापस लेने को लेकर हुए फर्जीवाड़े के आधार पर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार नामांकन और पर्चा वापस लेने के दौरान फार्म पर किए गए साइन मैच नहीं कर रहे थे। जिसके चलते 24 गांवों में पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट ने 250 पंचायतों के चुनाव करवाने पर लगाई थी रोक पंजाब में पंचायत चुनावों को लेकर 300 के करीब नई याचिकाएं दाखिल हुई थी। जिनकी सुनवाई 14 अक्टूबर तक अदालत ने टाल दी है। इससे पहले बुधवार को 250 के करीब जिन पंचायतों के चुनाव प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। उस संबंधी कोर्ट का डिटेल ऑर्डर आ गया है। अदालत ने उक्त पंचायतों की चुनाव प्रक्रिया पर 16 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। नामाकंन रद्द करने पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणियां की हैं। अदालत का कहना है चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। लोगों के विश्वास के लिए पारदर्शी प्रक्रिया जरूरी है। वोट देना संवैधानिक ही नहीं कानूनी अधिकार भी है। कुछ उम्मीदवारों के मामूली कारणों के नामांकन रद्द हुए, जो कि बिल्कुल गलत है। उसे रद्द नहीं किया जा सकता है। ऐसे में चुनाव होना चाहिए। चुनाव रद्द होने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया चुनाव रद्द किए जाने पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना सीट से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा- गिद्दड़बाहा के लोगों को बधाई हो। जो कि आप सरकार द्वारा धक्का किया गया, इस पर चुनाव आयोग ने दशहरे पर बड़ा फैसला लिया है। ये हमारी जीत है और हम सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। पंजाब के किसी भी व्यक्ति के साथ पंजाब में धक्का नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया पत्र, जिसमें चुनाव रद्द का आदेश…. पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं, फिर भी विवाद पंजाब में 15 अक्टूबर को पंचायत चुनाव होने हैं। इस बार पार्टी सिंबल पर भी चुनाव नहीं हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों का आरोप है कि उनसे जुड़े लोगों और उम्मीदवारों के नामांकन जबरन रद्द किए गए हैं। किसी को भी एनओसी जारी नहीं की गई है। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल आम आदमी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं। मामला चुनाव आयोग तक भी पहुंच गया है। हालांकि, आम आदमी पार्टी का कहना है कि अकाली दल और कांग्रेस धक्का-मुक्की कर रहे हैं। यहां तक कि हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या भी हो चुकी है। अब लोगों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली है।