लखनऊ में 15 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। शनिवार शाम से शुरू हुई बारिश रविवार सुबह भी जारी है। अयोध्या में भी रातभर तेज बारिश हुई। यहां सरयू नदी उफान पर है। जलस्तर चेतावनी बिंदु तक पहुंच गया है। वाराणसी में शनिवार रात 6 घंटे बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया। प्रदेश में 13 दिनों में 150 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात हुई है। यह औसत से 15 MM ज्यादा है। आज 24 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। बिजली गिरने की भी संभावना है। प्रदेश में 24 घंटे में बारिश से संबंधित घटनाओं में 13 लोगों की मौत हुई है। शनिवार की बात करें तो गोरखपुर में सबसे ज्यादा 83 मिलीमीटर बारिश हुई। बांदा प्रदेश में सबसे गर्म जिला रहा। यहां का पारा 36 डिग्री के पार चला गया। सबसे कम तापमान बस्ती का 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। आगे कैसा रहेगा मौसम: आने वाले 7 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। तापमान में और गिरावट आ सकती है। नेपाल से सटे जिलों में ज्यादा बारिश होगी। गरज-चमक के साथ बिजली भी गिर सकती है। लखनऊ में 15 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। शनिवार शाम से शुरू हुई बारिश रविवार सुबह भी जारी है। अयोध्या में भी रातभर तेज बारिश हुई। यहां सरयू नदी उफान पर है। जलस्तर चेतावनी बिंदु तक पहुंच गया है। वाराणसी में शनिवार रात 6 घंटे बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया। प्रदेश में 13 दिनों में 150 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात हुई है। यह औसत से 15 MM ज्यादा है। आज 24 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। बिजली गिरने की भी संभावना है। प्रदेश में 24 घंटे में बारिश से संबंधित घटनाओं में 13 लोगों की मौत हुई है। शनिवार की बात करें तो गोरखपुर में सबसे ज्यादा 83 मिलीमीटर बारिश हुई। बांदा प्रदेश में सबसे गर्म जिला रहा। यहां का पारा 36 डिग्री के पार चला गया। सबसे कम तापमान बस्ती का 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। आगे कैसा रहेगा मौसम: आने वाले 7 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। तापमान में और गिरावट आ सकती है। नेपाल से सटे जिलों में ज्यादा बारिश होगी। गरज-चमक के साथ बिजली भी गिर सकती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में फैक्ट्री वर्कर पर गोलीबारी:लिफ्ट के बाहने बदमाशों ने बाइक रोका, मोबाइल छीनने का किया विरोध तो पीठ मारी गोली
लुधियाना में फैक्ट्री वर्कर पर गोलीबारी:लिफ्ट के बाहने बदमाशों ने बाइक रोका, मोबाइल छीनने का किया विरोध तो पीठ मारी गोली पंजाब के लुधियाना में बीते रात करीब पौने 12 बजे फैक्ट्री से वापस घर जा रहे वर्करों से बदमाशों ने लूट की कोशिश की। बाइक सवारों से लिफ्ट मांगने के बहाने उन पर बदमाशों ने फायरिंग की। बाइक पर तीन युवक फैक्ट्री से घर वापस जा रहे थे। बदमाशों ने बाइक चालक से मोबाइल छीनना चाहा लेकिन जब उसने लुटेरों का विरोध किया तो बदमाशों ने उस पर गोली चला दी। गोलीबारी में वह युवक घायल है। घायल का नाम अमन कुमार है। घर लौटते समय ढोलेवाल पुल के नीचे बदमाशों ने की फायरिंग जानकारी देते हुए घायल अमन के दोस्त अजुर्न ने बताया कि अमन और राहुल उसके साथ एक ही बाइक पर दाना मंडी से काम खत्म करके वापस घर लौट रहे थे। वह लोग फैक्ट्री में चैकिंग-पैकिंग का काम करते है। रात पौने 12 बजे दो युवकों ने ढोलेवाल पुल के पास उनसे लिफ्ट मांगी। उसने जब बदमाशों को लिफ्ट देने से मना कर दिया तो उन लोगों के छिपे हुए 5 से 6 साथी भी हमला करने आ गए। उन लोगों ने उनसे लूट की कोशिश की। बदमाशों ने अपने बाइक पुल के नीचे पार्क किए थे। उन लोगों ने जब लुटेरों का विरोध किया तो एक बदमाश ने उसके दोस्त अमन पर गोली चला दी। अमन की पीठ पर लगी गोली अर्जुन ने कहा कि गोली अमन की पीठ पर लगी है। घायल अवस्था में वह दोस्त राहुल की मदद से अमन को लहू लुहान हालत में सिविल अस्पताल लेकर आए है। अमन मुंडियां के राम नगर का रहने वाला है। उसके परिवार में उसके माता-पिता है। घायल अमन को उसके साथी लहूलुहान हालत में सिविल अस्पताल में लाये, जिसे भर्ती कर मामले की सूचना थाना डिवीजन 6 की पुलिस को दी गई। अजुर्न ने कहा कि वह आज सुबह थाना डिवीजन नंबर 6 की पुलिस को घटना स्थल दिखाएंगे ताकि इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों से बदमाशों की पहचान हो सके। उधर, दूसरी तरफ सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक अमन को अस्पताल में दाखिल किया गया है। उसकी रीड की हड्डी की हालत देख अभी कुछ पता नहीं चल रहा है कि गोली हड्डी पर लगी या गोली का छर्रा लगा है।
सपा बोली-सीसामऊ में साजिश कर रही भाजपा:उपचुनाव से पहले हटाए गए 98 मुस्लिम बीएलओ, चुनाव आयोग से की शिकायत
सपा बोली-सीसामऊ में साजिश कर रही भाजपा:उपचुनाव से पहले हटाए गए 98 मुस्लिम बीएलओ, चुनाव आयोग से की शिकायत यूपी में उपचुनाव से पहले सीमामऊ विधानसभा से 98 मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का मामला गरमा गया है। समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। इस सीट पर 29 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा करने वाले हैं। सपा का कहना है कि मुस्लिम कर्मचारियों की जगह पर गैर मुस्लिम बीएलओ की तैनाती की गई है। इसकी जांच कराकर अफसरों पर कार्रवाई की जाए। हालांकि अपर सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि धर्म की वजह से नहीं हटाया गया है। सबसे पहले वो लिस्ट देखिए, जिन्हें हटाया गया है… 275 बीएलओ में से 124 मुस्लिम थे सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 275 बीएलओ तैनात हैं, ऐसे में अगर सपा नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद की बात मानी जाए तो यहां कुल 124 मुस्लिम बीएलओ तैनात थे। समाजवादी पार्टी ने 98 बीएलओ को हटाए जाने की शिकायत की है, जबकि 26 के बहाल होने का भी जिक्र किया गया है। मुस्लिम बीएलओ हटाने के अपने-अपने तर्क सपा: सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि मुस्लिम बीएलओ को उपचुनाव में साजिश के तहत हटाया जा रहा है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। भाजपा: भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय ने कहा- इस मामले को लेकर हमने भी शिकायत की है। मदरसों के टीचरों ने बीएलओ ड्यूटी में लगकर वोटर लिस्ट में तमाम गलतियां की हैं। वोटर लिस्ट में शामिल लोगों के नाम-पते तक गलत कर दिए हैं। मृत वोटर्स को भी लिस्ट में शामिल किया गया। इस मुद्दे को हम लगातार उठाते रहे हैं। जिला प्रशासन: सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के अपर सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) -3 राम शंकर ने बताया कि धर्म के आधार पर किसी को नहीं हटाया गया है। कई बीएलओ एडेड व मदरसे के थे। कई बीएलओ टेक्निकल काम नहीं सीख पा रहे थे, क्योंकि निर्वाचन कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है, इसलिए उन्हें हटाया गया है। 27 बीएलओ अब भी सीसामऊ विधानसभा में कार्य कर रहे हैं। एसीएम ने कहा- सीसामऊ विधानसभा के साथ ही कानपुर समेत पूरे प्रदेश और देश में चुनाव आयोग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए सीसामऊ में भी वोटर लिस्ट में शामिल मृतकों और डुप्लीकेट वोटर्स को लेकर सर्वे किया जा रहा है। सीसामऊ में इसलिए उपचुनाव सीसामऊ समाजवादी पार्टी का अभेद्य गढ़ है। कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई गई। इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद है। ऐसे में इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई है। सपा यहां से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट देने की तैयारी में है। 27 हजार वोटों से हारी थी भाजपा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस विधानसभा सीट पर 27 हजार वोटों से हार मिली थी। मौजूदा समय में भी भाजपा के लिए यहां पर चुनौती है।
लाश कंधे पर ढाेने वाले भाइयों के गांव से रिपोर्ट:बोले-पैर में छाले पड़ गए; सड़क बनी नहीं, 22 KM जंगल का रास्ता
लाश कंधे पर ढाेने वाले भाइयों के गांव से रिपोर्ट:बोले-पैर में छाले पड़ गए; सड़क बनी नहीं, 22 KM जंगल का रास्ता लखीमपुर जिले की 12वीं की छात्रा शिवानी। अस्पताल ले जाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। रास्ता बंद था, चारों तरफ पानी ही पानी। बाढ़ के बीच बहन के शव को कंधे पर लादकर उसके दोनों भाई 5 किमी पैदल चलकर घर पहुंचे। जब भाई थकता तो दूसरा बहन के शव को कंधे पर लादकर चलने लगता। जब दोनों थक जाते तो शव को जमीन पर रखकर थोड़ी देर आराम करते। फिर शव को कंधे पर लेकर निकल पड़ते। दोनों करीब 2 घंटे में अपने घर पहुंचे। यह कहानी सिर्फ शिवानी की नहीं है। यहां गांव में रास्ते खराब होने से आए दिन किसी न किसी प्रसूता की मौत हो जाती है। किसी को गंभीर बीमारी हुई तो वह अस्पताल तक पहुंच नहीं पाता। उस दिन क्या हुआ था, यह जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम उस बेटी के गांव लखीमपुर जिले के एलनगंज पहुंची। यह गांव विकास खंड बिजुआ में आता है और जिसका थाना क्षेत्र मैलानी है। सबसे पहले उस गांव के बारे में जानते हैं जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर एलनगंज गांव है। लखीमपुर का यह गांव जिला पीलीभीत और शाहजहांपुर के बार्डर पर है। यहां पहुंचना इतना आसान नहीं है। यह गांव 3 ओर से जंगल और नदी से घिरा हुआ है। पास से होकर शारदा और उल्ल नदी बहती हैं। भास्कर टीम को भीरा थाने से आगे अपनी गाड़ी रोकनी पड़ी। वजह- आगे का रास्ता कच्चा और पानी में जगह-जगह डूबा होना है। थाना क्षेत्र से 22 किमी की दूरी जंगल के रास्ते गांव तक बाइक से तय की। सबसे पहले भाई की जुबानी पढ़िए उस दिन की कहानी
कंधे पर बहन का शव रखकर ढोने वाले भाई सरोज ने बताया कि पलिया में हमारा घर बन रहा है। हम लोग वहीं रुकते थे। शिवानी की तबीयत वहीं पर खराब हुई थी, उसे बुखार था। उसका इलाज चल रहा था। जब शिवानी को रेफर किया गया था तो उसकी मृत्यु नाव तक पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। उसके साथ मां भी थी इसलिए उनको मृत्यु के बारे में नहीं बताया। पलिया से अतरिया गेट तक चार पहिया वाहन से आए थे। उसके बाद नाव वाले से बात की। नाव वाले से शिवानी की मौत के बारे में छिपाया। अगर बता देता तो वह नाव में नहीं बैठाता। नाव में बैठने के करीब 2 किमी के बाद टूटी रेलवे लाइन आ गयी और वहीं पर नाव वाले ने उतार दिया। नाव वाले ने 1 व्यक्ति का उसने 200 रुपया लिया था। इस दौरान दिमाग काम नहीं कर रहा था कि क्या करें। मेरा मोबाइल भी कहीं गिर गया था। रेलवे लाइन के सहारे पत्थरों के किनारे चलते-चलते मेरे और मेरे भाई के पैर में छाले पड़ गये थे। उस समय ऐसा लगा कि हम आजादी से पहले वाली दुनिया में पहुंच गए हैं। जैसा हमारे साथ हुआ भगवान किसी के साथ न करें। शिवानी का पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती थी
टीम जब घर पहुंची तो शिवानी की मां पुष्पा रोते हुए मिली। वह बार-बार अपनी बेटी को याद करके रो-रोकर बेहोश हो रही थी। उसके पिता देवेंद्र अपने आंसू को पोछते हुए उन्हें संभाल रहे थे। पिता ने बताया कि उनके 4 बच्च हैं। सरोज, मनोज, शिवानी और संध्या। शिवानी तीसरे नंबर पर थी। शिवानी पढ़ने में काफी होशियार थी। इस बार उसका इंटर था। उसकी इच्छा थी कि वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बने, लेकिन क्या पता था कि डॉक्टरी सुविधाएं न मिल पाने से डॉक्टर बनने का उसका सपना-सपना ही रह जाएगा। अब जानिए गांव की हालत… एलनगंज गांव की आबादी करीब 1800 है। गांव में एससी आबादी 30%, ओबीसी 70% और एक ब्राह्मण परिवार है। गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। स्वास्थ्य सुविधा तो दूर की बात है। लोगों के पास मोबाइल तो है, लेकिन मोबाइल में नेटवर्क सही से नहीं रहता। यहां बिजली के लिए 4 साल पहले सोलर पैनल लगवाए गए थे। शुरुआत में 10 घंटे लाइट मिली और अब बैटरी खराब होने से मात्र 4 से 5 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। वो भी तब जब तक धूप सही मिलती है। गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती
गांव के लोगों का कहना है कि शिवानी को उसके भाई कंधे पर लादकर पैदल चलकर आए। वीडियो देखा तो प्रशासन और सरकार पर बहुत गुस्सा आया। लोगों ने बताया कि हमारे गांव में किसी को गंभीर बीमारी हुई तो वह अस्पताल तक नहीं पहुंच पाता और उसकी मौत हो जाती है। गांव तक एंबुलेंस बहुत मुश्किल से पहुंच पाती है। कभी-कभी मोबाइल में नेटवर्क न होने से एम्बुलेंस वाले भी भटकते नजर आते हैं। किशनपुर सेंक्चुरी होने से जंगल में बाघ, भालू, तेंदुए जैसे पशुओं के भय और खराब रास्ता होने की वजह से अधिकारी और पुलिस के लोग यहां आने से कतराते हैं। अब गांव वालों का दर्द जानिए… गांव के बाबूराम कहते हैं- यह गांव शारदा नदी और उल्ल नदी कि किनारे पर है। निचले स्थान पर फसल बोते हैं तो नदी से फसल बर्बाद हो जाती है। यहां सबके पास तो ट्रैक्टर और बड़े वाहन हैं नहीं। जंगल में रास्ता सही न होने से मोटरसाइकिल से खाद व बीज ढोने में बड़ी कठिनाई होती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि खेत में पानी लगाने के लिए डीजल 22 किमी दूर से भीरा पेट्रोल पंप से ढोना होता है। मैंने अपनी 70 वर्ष की उम्र में इलाज के अभाव में कई लोगों को मरते देखा। पड़ोस के गांव कांप टांडा निवासी मंशा देवी का कहना है कि यहां पर 3 ग्राम पंचायत हैं, सभी का हाल ऐसा ही है। मेरे सामने ही कई गर्भवती महिलाओं ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। गाड़ी के अंदर वह तड़पती रही और जंगल में रास्ता सही न होने से गाड़ी अस्पताल पहुंचने से पहले जब मृत्यु हो गई। सरकार भी हम लोगों के लिए कुछ न कर रही, नेता गांव में आकर सिर्फ वादे करके चले जाते हैं। 70 साल बाद भी बेबसी-मजबूरी की जिंदगी जी रहे एलनगंज के ग्राम प्रधान जय प्रकाश का कहना है कि आजादी के 70 साल बाद भी हम लोग बेबसी और मजबूरी की जिंदगी जी रहे हैं । हमारे यहां जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, वह तो अपने बच्चों को बाहर पढ़ने भेजते हैं, लेकिन जिनके पास व्यवस्था नहीं है, वह लोग कक्षा-8 तक बच्चों को पढ़ाई करके घर बैठा देते हैं। इलाज की कोई सुविधा नहीं है। गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची। हर काम के लिए 22 KM दूर भीरा आना पड़ता है
स्थानीय पत्रकार हाकिम वारसी का कहना है कि वह भीरा के रहने वाले हैं। 22 किमी दूर इस गांव तक उनका आना-जाना रहता है। गांव के पिछड़ेपन के बारे में बताते हैं कि यहां पर किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं आता। घरों की छत या घर के बाहर निकलने पर ही नेटवर्क मिल पाता है। यही कारण है कि गांव में कोई जनसेवा केंद्र तक नहीं है। जब भी पैसे निकलाने हो या फिर जाति, आय और निवास जैसे दस्तावेज तैयार करने हो तो जंगल के रास्ते अपनी जान जोखिम में डालकर भीरा तक जाते हैं।