हरियाणा में शनिवार को 9 जिलों में बारिश हुई। इसमें अंबाला, हिसार, सिरसा, भिवानी, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, नूंह, सोनीपत, पंचकूला में बारिश रिकॉर्ड दर्ज की गई। सबसे ज्यादा पानी मेवात के मंडकोला में 19.5 MM गिरा। वहीं पंजाब में पटियाला, बरनाला, मोगा, मोहाली और फिरोजपुर में बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश पटियाला में 56 MM हुई। प्रदेश में शुक्रवार-शनिवार की मध्यरात्रि हुई बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में शनिवार 4.3 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। हिमाचल के सिरमौर जिले में रेणुका-संगड़ाह मार्ग पर कलथ के पास निजी बस पर चट्टान गिर गई। बस चालक और एक महिला को मामूली चोटें आईं। 8 जिलों में मानसून ने अच्छी रफ्तार पकड़ ली है। जुलाई के पहले पांच दिनों में प्रदेश में सामान्य से 59 फीसदी अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने हिमाचल के छह जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी मंडी, शिमला, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर जिलों को दी गई है। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को एहतियात बरतने और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है। हरियाणा में शनिवार को 9 जिलों में बारिश हुई। इसमें अंबाला, हिसार, सिरसा, भिवानी, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, नूंह, सोनीपत, पंचकूला में बारिश रिकॉर्ड दर्ज की गई। सबसे ज्यादा पानी मेवात के मंडकोला में 19.5 MM गिरा। वहीं पंजाब में पटियाला, बरनाला, मोगा, मोहाली और फिरोजपुर में बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश पटियाला में 56 MM हुई। प्रदेश में शुक्रवार-शनिवार की मध्यरात्रि हुई बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में शनिवार 4.3 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। हिमाचल के सिरमौर जिले में रेणुका-संगड़ाह मार्ग पर कलथ के पास निजी बस पर चट्टान गिर गई। बस चालक और एक महिला को मामूली चोटें आईं। 8 जिलों में मानसून ने अच्छी रफ्तार पकड़ ली है। जुलाई के पहले पांच दिनों में प्रदेश में सामान्य से 59 फीसदी अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने हिमाचल के छह जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी मंडी, शिमला, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर जिलों को दी गई है। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को एहतियात बरतने और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM बोले-छह महीने में एक करोड़ पर्यटक प्रदेश पहुंचे:पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सभी सड़कें बहाल; टूरिस्ट के लिए पहाड़ पूरी तरह सुरक्षित
हिमाचल CM बोले-छह महीने में एक करोड़ पर्यटक प्रदेश पहुंचे:पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सभी सड़कें बहाल; टूरिस्ट के लिए पहाड़ पूरी तरह सुरक्षित हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 2024 के पहले छह महीने में एक करोड़ टूरिस्ट प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। इस साल के अंत तक दो करोड़ सैलानियों के प्रदेश में आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि, पर्यटकों की आमद में जबरदस्त उछाल देखने में आया है। प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए यह अच्छा संकेत है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही बेहतर सुविधाओं की बदौलत इस साल रिकॉर्ड पर्यटक प्रदेश में घूमने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि, 30 जून तक 1,00,87,440 पर्यटक प्रदेश की विभिन्न पर्यटन सैरगाहों में आए हैं। इनमें ज्यादातर सैलानी शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति आए हैं। सर्दियों में मनाली और गर्मियों में शिमला ज्यादा पर्यटक पहुंचे जनवरी से मार्च माह के बीच ज्यादा पर्यटक मनाली और लाहौल स्पीति पहुंचे, जबकि जून माह में शिमला में ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने पर्यटकों को आश्वस्त किया कि प्रदेश के अधिकांश सड़क मार्ग यातायात के लिए खुले हैं। खराब मौसम के कारण प्रदेश की कुछ सड़कें प्रभावित हुई थीं। मगर अब बहाल कर दिया गया है। सीएम बोले- पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सड़कें बहाल सीएम ने कहा, पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली अधिकांश सड़कें बहाल है। सैलानी प्रदेश के विभिन्न स्थलों की यात्रा से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सभी सड़कें हर वक्त वाहनों के लिए बहाल रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सैलानियों की सुरक्षित यात्रा के लिए कटिबद्ध है।
हिमाचल की लेडी SP सुर्खियों में:विधायक से टकराव, आधी रात सामान समेट मां के साथ रवाना, चार्ज ASP को दे गईं
हिमाचल की लेडी SP सुर्खियों में:विधायक से टकराव, आधी रात सामान समेट मां के साथ रवाना, चार्ज ASP को दे गईं हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज इन दिनों सुर्खियों में है। IPS अधिकारी इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव चल रहा था। हालांकि वह नहीं झुकीं और अचानक अपना सरकारी आवास खाली कर मां के साथ चली गईं। वह अपना चार्ज भी ASP को देकर चली गईं। इल्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। सूत्रों के मुताबिक इल्मा ने विधायक की पत्नियों की गाड़ियों के चालान काटे थे। इसके अलावा एक स्क्रैप कारोबारी के केस में भी उन पर दबाव बनाया जा रहा था। वह पिछले बुधवार को वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के DC-SP के साथ संवाद कार्यक्रम के लिए शिमला आई थीं। यहां उनकी मुलाकात सत्ताधारी नेताओं और पुलिस अधिकारियों से हुई। अचानक वह बुधवार को ही वापस लौट आईं और छुट्टी लेकर चली गईं। उन्होंने रात में ही बद्दी स्थित अपने सरकारी आवास से सामान समेटा और गुरुवार सुबह मां के साथ रवाना हो गईं। विधायक से टकराव की 2 वजहें 1. पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को ही बद्दी की SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने एसपी पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 2. 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। स्क्रैप डीलर का कांग्रेसी कनेक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ था। जिसमें स्क्रैप व्यापारी रामकिशन की बुलेटप्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं थी। जांच में पता चला कि रामकिशन ने ही खुद पर गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए इसे मंजूरी नहीं दी गई। पुलिस ने रामकिशन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। व्यापारी किसी कांग्रेसी नेता का करीबी बताया जा रहा था। हालांकि इल्मा अफरोज उसके दबाव के आगे नहीं झुकीं। मामला शिमला भी पहुंचा लेकिन इल्मा ने सीनियर अफसरों से भी जांच रोकने से इनकार करने की बात कह दी। हाईकोर्ट की वजह से ट्रांसफर नहीं कर पाए
यह भी सामने आया है कि विधायक से विवाद के बाद एसपी इल्मा को ट्रांसफर करने की तैयारी थी। हालांकि तभी नालागढ़ का यौन शोषण केस सामने आ गया। जिसमें हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दिए जाने तक तबादले पर रोक लगा रखी थी। छुट्टी पर गईं, तबादला भी संभव
सूत्रों के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने ही उन्हें लंबी छुट्टी या ट्रांसफर का विकल्प दिया। जिसके बाद इल्मा लंबी छुट्टी पर चली गईं। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही उन्हें बद्दी के SP के पद से भी हटा सकती है।
शिमला में मस्जिद पर बंटी कांग्रेस:मंत्री-विधायक की अलग-अलग राय; अनिरुद्ध बोले- फल बेचने के नाम पर रोहिंग्या तो नहीं पहुंच रहे
शिमला में मस्जिद पर बंटी कांग्रेस:मंत्री-विधायक की अलग-अलग राय; अनिरुद्ध बोले- फल बेचने के नाम पर रोहिंग्या तो नहीं पहुंच रहे हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर संजौली में मस्जिद विवाद गहराता जा रहा है। इस मसले पर स्थानीय कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अलग अलग राय है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, फल बेचने के नाम पर कहीं रोहिंग्या या अपराधी तो शिमला नहीं पहुंच रहे। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा- बहू-बेटियों पर फब्तियां कसने व छेड़छाड़ करने वाले शिमला में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, शिमला में अवैध मस्जिद निर्माण बर्दाश्त नहीं होगा। बाहर से आने वाले प्रवासियों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए, इसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। बाहर के लोगों ने शिमला शहर में पहुंचाया झगड़ा वहीं शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल ही कहा कि कुछ पार्षदों व एक विशेष राजनीतिक दलों के कार्यकताओं ने बाहर के झगड़े को शिमला शहर में पहुंचा दिया है। विधायक ने कहा कि मस्जिद 1950 से पहले की, अवैध है या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगा, कोई पार्षद या अन्य व्यक्ति नहीं। बाहर के झगड़े में शिमला शहर की शांति भंग न करें। शिमला एक शांतिप्रिय जगह है। विधायक ने कहा कि दो गुटों में हुए आपसी झगड़े को हिन्दू मुस्लिम समुदाय का रूप दे दिया। भाजपा बोली मस्जिद अगर अवैध तो इसे हटा देना चाहिए वहीं शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विपक्ष के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो टूक शब्दों में कहा कि मस्जिद अगर अवैध है तो इसे हटा देना चाहिए। हिमाचल में ऐसी स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं। अवैध निर्माण कर झगड़ा करने पर सरकार को संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने भी आज इस मामले को उठाना चाहा, लेकिन पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इसे उठाने की इजाजत नहीं मिली। वे दोबारा नोटिस देकर इस मामले को उठाएंगे। ये है पूरा मामला…. दरअसल राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर बीते रविवार से बवाल खड़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठनो व कुछ नगर निगम के पार्षदों ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार को मस्जिद के बाहर विशाल प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग की। बता दें कि यह विवाद शिमला के मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट के बाद शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे हैं।