Hathras Stampede: हाथरस हादसे की SIT जांच पर खड़े हुए सवाल, मायावती बोलीं- ‘सरकार जरूर ध्यान दे ताकि…’

Hathras Stampede: हाथरस हादसे की SIT जांच पर खड़े हुए सवाल, मायावती बोलीं- ‘सरकार जरूर ध्यान दे ताकि…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Hathras Stampede:</strong> उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई थी. भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं बीएसपी चीफ मायावती ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएसपी चीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने आगे लिखा, ‘इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण. साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय. सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो.'</p>
<p><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/nagina-mp-chandrashekhar-azad-letter-to-cm-yogi-adityanath-on-reservation-in-69000-teacher-recruitment-2733928″>UP Politics: यूपी में आरक्षण पर सियासी संग्राम, 69 हजार शिक्षक भर्ती पर सांसद चंद्रशेखर आजाद का CM योगी को पत्र</a><br /></strong></p>
<p><strong>कार्रवाई की रखी थी मांग</strong><br />इससे पहले मायावती ने भोले बाबा के खिलाफ करने की मांग रखते हुए कहा था, ‘देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए, यही सलाह.'</p>
<p>उन्होंने कहा था कि हाथरस काण्ड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी. इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पडे़. बता दें एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम और सीओ समेत छह अधिकारियों को निलंबित किया गया था.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Hathras Stampede:</strong> उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई थी. भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं बीएसपी चीफ मायावती ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएसपी चीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने आगे लिखा, ‘इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण. साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय. सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो.'</p>
<p><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/nagina-mp-chandrashekhar-azad-letter-to-cm-yogi-adityanath-on-reservation-in-69000-teacher-recruitment-2733928″>UP Politics: यूपी में आरक्षण पर सियासी संग्राम, 69 हजार शिक्षक भर्ती पर सांसद चंद्रशेखर आजाद का CM योगी को पत्र</a><br /></strong></p>
<p><strong>कार्रवाई की रखी थी मांग</strong><br />इससे पहले मायावती ने भोले बाबा के खिलाफ करने की मांग रखते हुए कहा था, ‘देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए, यही सलाह.'</p>
<p>उन्होंने कहा था कि हाथरस काण्ड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी. इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पडे़. बता दें एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम और सीओ समेत छह अधिकारियों को निलंबित किया गया था.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Punjab: बीजेपी के इन तीन सिख नेताओं को मिले धमकी भरे पत्र, ‘गद्दार’ बताते हुए क्या-क्या लिखा?