<p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024:</strong> मानसून के कारण झारखंड (Jharkhand) का मौसम सुहाना बना हुआ है. लेकिन झारखंड की राजनीतिक गलियारों की बात करें तो विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अभी से महसूस की जा सकती है. झारखंड 81 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. चुनाव इसी साल होना है जिसपर झारखंड की स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों में हलचल साफ देखने को मिल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>81 में से 28 सीटें अनुसूचित जनजातियों के नाम पर आरक्षित हैं. बीजेपी <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में इसबार सभी आरक्षित सीटें हार चुकी है. अब बीजेपी इन सीटों पर कब्जा करने को लेकर कौन सी राजनीति तैयार करती है यह देखना दिलचस्प होगा. बीजेपी के बड़े नेता अपने नेतृत्व में कई बैठकें कर रहे हैं वहीं ब्लॉक स्तर पर लोगों को बीजेपी में शामिल भी किया जा रहा है ताकि चुनावी घमासान को थोड़ा आसान किया जा सके. दूसरी ओर झारखंड के वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन जेल से जमानत पर बाहर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हेमंत के बाहर आने से बढ़ी बीजेपी की मुश्किलें?</strong><br />हेमंत ने जेल से बाहर आते ही राज्य रूपी गाड़ी की स्टीयरिंग अपने हाथों में थाम ली है जिससे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. जब जेल से निकल कर अपने पिता शिबू सोरेन से मिलने उनके आवास पहुचे थे उस वक़्त हेमंत ने दहाड़ते हुए कहा था कि “चाहे चुनाव कल ही करवा दिया जाए तब भी जीत उनकी ही होगी,”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कोई कमाल दिखा पाएंगे मरांडी? </strong><br />इधर, बात की जाए बाबूलाल मरांडी की तो अभी तक कुछ बड़ा कमाल उनके कार्यकाल में देखने को नहीं मिल पाया है. लेकिन बाबूलाल आदिवासियों की दृष्टिकोण में बड़ा चेहरा माने जाते हैं. बाबूलाल मरांडी आदिवासी समुदाय के काफी करीबी माने जाते हैं जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि राज्य की जनता ने इनके ही सिर राज्य के पहले मुख्यमंत्री का ताज बांधा था. हालांकि उस वक़्त बाबूलाल बीजेपी में शामिल नहीं थे वह “झारखंड विकास मोर्चा” नामक पार्टी का संचालन कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढे़ं - <a title=”Jharkhand: RSS के प्रांत प्रचारकों की 3 दिवसीय बैठक रांची में शुरू, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/rss-prant-pracharaks-meeting-began-in-ranchi-mohan-bhagwat-in-jharkhand-2735613″ target=”_self”>Jharkhand: RSS के प्रांत प्रचारकों की 3 दिवसीय बैठक रांची में शुरू, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024:</strong> मानसून के कारण झारखंड (Jharkhand) का मौसम सुहाना बना हुआ है. लेकिन झारखंड की राजनीतिक गलियारों की बात करें तो विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अभी से महसूस की जा सकती है. झारखंड 81 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. चुनाव इसी साल होना है जिसपर झारखंड की स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों में हलचल साफ देखने को मिल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>81 में से 28 सीटें अनुसूचित जनजातियों के नाम पर आरक्षित हैं. बीजेपी <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में इसबार सभी आरक्षित सीटें हार चुकी है. अब बीजेपी इन सीटों पर कब्जा करने को लेकर कौन सी राजनीति तैयार करती है यह देखना दिलचस्प होगा. बीजेपी के बड़े नेता अपने नेतृत्व में कई बैठकें कर रहे हैं वहीं ब्लॉक स्तर पर लोगों को बीजेपी में शामिल भी किया जा रहा है ताकि चुनावी घमासान को थोड़ा आसान किया जा सके. दूसरी ओर झारखंड के वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन जेल से जमानत पर बाहर हैं.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कोई कमाल दिखा पाएंगे मरांडी? </strong><br />इधर, बात की जाए बाबूलाल मरांडी की तो अभी तक कुछ बड़ा कमाल उनके कार्यकाल में देखने को नहीं मिल पाया है. लेकिन बाबूलाल आदिवासियों की दृष्टिकोण में बड़ा चेहरा माने जाते हैं. बाबूलाल मरांडी आदिवासी समुदाय के काफी करीबी माने जाते हैं जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि राज्य की जनता ने इनके ही सिर राज्य के पहले मुख्यमंत्री का ताज बांधा था. हालांकि उस वक़्त बाबूलाल बीजेपी में शामिल नहीं थे वह “झारखंड विकास मोर्चा” नामक पार्टी का संचालन कर रहे थे.</p>
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