करनाल | शहर के कोट मोहल्ले में रविवार को छुट्टी होने के कारण शनिवार आधी रात तक रूटीन पार्टी के दौरान दो दोस्तों में झगड़ा हो गया। एक दोस्त रजत ने चाकू से हमला करके रवि कुमार की हत्या कर दी। दोनों का बचाव करने आए दीपक भी चोटिल हो गया। पुलिस ने आरोपी रजत वासी आनंद विहार डेरे के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। आरोपी फिलहाल फरार है। कोट मोहल्ला वासी रोहित ने बताया कि वह चार दोस्त मोहल्ले में ही शनिवार को पार्टी कर लेते हैं, क्योंकि रविवार को उनकी छुट्टी रहती है। शनिवार रात को खाने पीने में लगे थे। शराब के साथ खाने का सामान कम पड़ गया। वह खाने का सामान लेने जाने की तैयारी में थे। इस दौरान रजत और रवि की शराब पीने को लेकर बहस हो गई। आपस में गाली गलौच करने लगे। रजत ने शराब के नशे में गुस्से में आकर अपने पास रख बटन चाकू से रवि पर हमला कर दिया गया। बीच में दीपक ने बचाव किया। दीपक के पेट में चाकू लगा है। आरोपी रजत द्वारा हमला करने के बाद रवि बचाव के लिए 10 कदम तक चला और वह जमीन पर गिर गया। आरोपी रजत से चाकू छीनकर दीपक ने वहां पर छत पर फेंक दिया, ताकि झगड़ा बंद हो सके। वारदात को अंजाम देकर आरोपी रजत बुलेट बाइक से फरार हो गया। करनाल | शहर के कोट मोहल्ले में रविवार को छुट्टी होने के कारण शनिवार आधी रात तक रूटीन पार्टी के दौरान दो दोस्तों में झगड़ा हो गया। एक दोस्त रजत ने चाकू से हमला करके रवि कुमार की हत्या कर दी। दोनों का बचाव करने आए दीपक भी चोटिल हो गया। पुलिस ने आरोपी रजत वासी आनंद विहार डेरे के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। आरोपी फिलहाल फरार है। कोट मोहल्ला वासी रोहित ने बताया कि वह चार दोस्त मोहल्ले में ही शनिवार को पार्टी कर लेते हैं, क्योंकि रविवार को उनकी छुट्टी रहती है। शनिवार रात को खाने पीने में लगे थे। शराब के साथ खाने का सामान कम पड़ गया। वह खाने का सामान लेने जाने की तैयारी में थे। इस दौरान रजत और रवि की शराब पीने को लेकर बहस हो गई। आपस में गाली गलौच करने लगे। रजत ने शराब के नशे में गुस्से में आकर अपने पास रख बटन चाकू से रवि पर हमला कर दिया गया। बीच में दीपक ने बचाव किया। दीपक के पेट में चाकू लगा है। आरोपी रजत द्वारा हमला करने के बाद रवि बचाव के लिए 10 कदम तक चला और वह जमीन पर गिर गया। आरोपी रजत से चाकू छीनकर दीपक ने वहां पर छत पर फेंक दिया, ताकि झगड़ा बंद हो सके। वारदात को अंजाम देकर आरोपी रजत बुलेट बाइक से फरार हो गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी अस्पताल के बाथरूम में महिला की डिलीवरी:सास बोली-डॉक्टरों ने कहा था अभी नहीं होगा बच्चा, चिकित्सकों ने नकारी बात
भिवानी अस्पताल के बाथरूम में महिला की डिलीवरी:सास बोली-डॉक्टरों ने कहा था अभी नहीं होगा बच्चा, चिकित्सकों ने नकारी बात भिवानी के जिला नागरिक अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड के बाथरूम में महिला की डिलीवरी होने का मामला सामने आया है। महिला की सास ने चिकित्सकों पर आरोप लगाए कि उन्हें पहले बताया गया था कि अभी डिलीवरी नहीं होगी, जबकि उसकी पुत्रवधु बाथरूम गई तो वहीं पर ही डिलीवरी हो गई। इधर, दूसरी महिला ने आरोप लगाया कि उसके पेट में बच्चे की मौत हो गई और 5 दिन से चक्कर काट रही है। वहीं चिकित्सकों ने बाथरूम में डिलीवरी होने की बात को नकारा है। जबकि बाथरूम में डिलीवरी का मुद्दा उठने के बाद पीएमओ डॉ. बलवान सिंह भी जच्चा-बच्चा वार्ड में पहुंचे। उन्होंने मामले में अपने स्तर पर छानबीन की। सास बोली- स्टाफ ने नहीं की मदद हालुवास गेट निवासी मूर्ति ने बताया कि उसकी पुत्रवधु आरती की डिलीवरी होनी थी। इसलिए वे सुबह करीब 7 बजे अपनी पुत्रवधु को लेकर जिला अस्पताल में आए थे। अब अस्पताल में लड़की को जन्म दिया है। पहले स्टाफ चेक करके गई थी। उसने कहा कि अभी डिलीवरी नहीं होगी, थोड़ी लेट होगी। नहीं हुई तो ऑपरेशन से करवानी पड़ेगी। इसी दौरान पुत्रवधु ने कहा कि वह बाथरूम जाएगी। इसलिए वह अपनी पुत्रवधु को बाथरूम में लेकर गई। जैसे ही वह बाथरूम में गई तो वहां पर बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि अब मां-बच्चा दोनों ठीक हैं। डिलीवरी के बाद स्टाफ ने भी मदद नहीं की। पांच दिन से मरे बच्चे को पेट में लेकर घूम रही मरीज
नए बाजार की लंबी गली निवासी आरती ने बताया कि उनको 7 माह का बच्चा था। उनका बच्चा पेट में ही मर गया। पांच दिन से वे चक्कर काट रही हैं। अभी सिर्फ खून की बोतल ही चढ़ी है। उनका यह पहला बच्चा था। चिकित्सकों से मिलते हैं तो कहते हैं कि बेड पर जाकर लेट जाओ। अभी भी उनका बच्चा पेट में ही है। चिकित्सकों ने कोई देखभाल नहीं की। डॉक्टर बोली- बाथरूम में नहीं हुई डिलीवरी
जिला अस्पताल के गायनी वार्ड की डॉ. गरिमा ने बाथरूम में डिलीवरी होने के मामले पर कहा कि मरीज को दर्द आ रहे थे। इसलिए उसको इंजेक्शन लगाए थे। सख्त हिदायत दी थी कि दर्द आएंगे, कुछ खाना हो या कुछ काम करें तो डॉक्टर से पूछकर करें। सभी चीज समझाई गई थी। जब चिकित्सक मरीज को देखकर निकले तो मरीज की सास ने उसे बेड से नीचे उतार दिया। इसलिए मरीज को दर्द होने लगे और बच्चा नीचे आ गया। लेकिन बच्चे को हमने लेबर रूम में डिलीवर करवाया। बाथरूम में डिलीवरी नहीं हुई। बच्चे के पेट में मरने के सवाल पर कहा कि वे आज ड्यूटी पर आई हैं। उन्होंने मरीज को देखा है। उसकी इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग है। आईयूडी वाली पेशेंट है और डीआईसी भी हो सकता है। उसकी सभी रिपोर्ट हमारे पास होंगे तभी तो उपचार करेंगे। रिपोर्ट अभी भी पेंडिंग हैं।

पानीपत में ससुराल पक्ष से तंग महिला की मौत:बेटे ने मौसी को किया फोन, बोला-मेरी मां ने खाया सल्फास
पानीपत में ससुराल पक्ष से तंग महिला की मौत:बेटे ने मौसी को किया फोन, बोला-मेरी मां ने खाया सल्फास पानीपत जिले के थाना मतलौडा अंतर्गत गांव कुराना में 37 साल की एक महिला ने परिवार वालों से तंग आकर सल्फास की गोली खाई। परिजनों ने प्राइवेट हॉस्पिटल पानीपत में दाखिल कराया। जहां पर उपचार के दौरान महिला की मौत हुई। महिला के 15 वर्षीय बेटे ने अपनी मौसी को घटना की सूचना दी है। महिला का पिता तुरंत पानीपत पहुंचा और थाना मतलौड़ा में मामला दर्ज कराया। 2005 में हुई थी शादी मामले के अनुसार दिलबाग पुत्र गोवर्धन गली नंबर एक शिव कॉलोनी करनाल ने बताया कि मेरे पास दो लड़के दो लड़की है। तीसरे नंबर की लड़की की शादी मैंने 2005 में गांव कुराना निवासी महेंद्र पुत्र ओम प्रकाश के साथ बड़ी धूमधाम से की थी। कुछ दिन ठीक प्रकार से गुजरे। मेरी लड़की के एक लड़का पैदा हुआ, जो अब 15 साल का हो चुका है। मायके में फोन कर किया था सूचित मेरी लड़की ने कई बार हमें सूचना दी, कि मेरा देवर और देवरानी व मेरा पति मुझे मानसिक तौर से परेशान करते है। जिससे मेरी लड़की बहुत तंग रहती थी। आज मेरी बेटी सविता के लड़के अंकित ने अपनी मौसी सुशीला को फोन किया कि मेरी मां ने तंग आकर सल्फास की गोली खाली है। उसको पानीपत प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जा रहे हैं। पुलिस ने जांच की शुरू मेरी लड़की सुशील ने मुझे फोन पर सूचना दी मैं तुरंत पानीपत प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचा। जहां पर हमने देखा कि मेरी लड़की सविता दम तोड़ चुकी थी। हमने सविता की बेटे अंकित से पूरी जानकारी ली और थाना मतलौडा में पहुंचकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने प्राइवेट अस्पताल पहुंचकर तहकीकात की। महिला ने सल्फास की गोली खाई है। पिता के बयान पर थाना मतलौड़ा पुलिस में मामला दर्ज किया।

बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक का विरोध शुरू हो गया है। कौशिक का विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि उनके ही सगे बड़े भाई नरेश कौशिक ने किया है। नरेश का आरोप है कि उनका छोटा भाई अहंकारी है। उन्होंने कहा, ‘टिकट मिले हुए उसे 3 दिन हो गए, लेकिन उसने आज तक मुझे एक कॉल तक करना ठीक नहीं समझा। भले ही हमारे बीच मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने कभी अपने भाई के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उल्टा वह मेरे खिलाफ लगातार गलत बयानबाजी करता रहा।’ नरेश ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा, ‘मेरे परिवार में बेटी (दिनेश की बेटी) की शादी थी, लेकिन इस आदमी (दिनेश कौशिक) ने मुझे उस शादी तक में शामिल नहीं होने दिया। वह बहुत बड़ा अहंकारी है। मेरे परिवार को साजिश के तहत तोड़ा गया।’ शुक्रवार को नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बगैर नाम लिए ओमप्रकाश धनखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके परिवार में ही फूट डाल दी। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा इस परिस्थिति में पार्टी के कैंडिडेट का समर्थन कैसे संभव है? जो उनके पास एक कॉल तक नहीं कर सकता। मेरे साथ साजिश रची गई। मेरे घर को लूटने काम किया गया। मेरे परिवार को लूटने का काम किया गया। मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। इसलिए मैंने पार्टी को कहा- ये फैसला बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे तो कमल के फूल पर लड़ेंगे। मैंने हमेशा पार्टी हित के लिए काम किया है। मैंने उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई जो लोग कहते थे वोट डालकर दिखा देना। हमने दो बार दीपेंद्र हुड्डा को यहां से हराने का काम किया। मुझे दुख इस बात का है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मैं बीमार हो गया। अगर मैं बीमार नहीं होता तो अबकी बार भी दीपेंद्र को यहां से हराकर भेजते। जो नेता अपनी सीट नहीं जीत पाए वो पूरे झज्जर जिले की सीट दिलाने का काम करते है और वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को घुमराह कर मेरे भाई को लेकर गए। उन्हें पता था कि उनका भाई जीत नहीं सकता। क्योंकि नरेश कौशिक के साथ हलके की जनता हैं। इसी साजिश के तहत मेरी टिकट कटवाई गई। नरेश ने कहा कि पार्टी दो दिन में अपना फैसला बदले। वरना उसके बाद कार्यकर्ता जो फिर फैसला लेंगे मुझे मंजूर हैं। हालांकि नरेश कौशिक ने पार्टी नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी वह पार्टी में थे और आज भी बीजेपी में हैं। आगे का निर्णय कार्यकर्ता लेंगे। पिछले चुनाव में मिली थी हार बता दें कि नरेश कौशिक बहादुरगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2014 में वह इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के सामने चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को दिया। दोनों भाइयों के बीच मतभेद काफी समय से चले आ रहे है। इसी के चलते नरेश कौशिश दिनेश को टिकट दिए जाने से खासे नाराज दिखे। नरेश कौशिक का टिकट कटने की एक वजह उनका आईएनएलडी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में नाम आना भी रहा। हालांकि नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच अभी सीबीआई कर रही हैं। राठी के परिवार ने कौशिक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद कराया था। सीबीआई की टीम नरेश कौशिक के अलावा अन्य नामजद लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।