हरियाणा में रेवाड़ी जिले के बावल थाना में तैनात ESI वीर सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 6 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए शनिवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ने सुसाइड के एक मामले में ये रिश्वत की रकम मांगी थी। इसके बाद पीड़ित ने एसीबी को सूचना दी। बता दें कि 25 जून को राजस्थान के भरतपुर जिले की रहने वाली बीना (23) ने बावल के प्राणपुरा रोड स्थित किराये के कमरे पर फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। बीना 13 जून को घर से लापता हुई थी। उसकी गुमशुदगी का मामला भरतपुर थाना में दर्ज था। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि बीना को एक लड़का अपने साथ लेकर बावल पहुंचा था। उसने ही बीना को किराये का कमरा दिलाया था। इस मामले में पुलिस की तरफ से बीना के परिजनों की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच बावल थाना में तैनात ईएसआई वीर सिंह कर रहे थे। 10 हजार की मांगी थी रिश्वत रेवाड़ी एसीबी के इंस्पेक्टर वेदप्रकाश ने बताया कि आईओ वीर सिंह ने इस मामले में यूपी के मथुरा के रहने वाले मोहन पाल और उसकी पत्नी को डर दिखाया कि उन्होंने ही बीना को कमरा दिलाया था। सुसाइड के इस केस में तुम्हारा नाम आ रहा है। इसके बाद मोहनपाल आईओ के संपर्क में आया। आरोप है कि आईओ ने 10 हजार रुपए की डिमांड की थी। 4 हजार रुपए मोहनपाल 7 जुलाई को आरोपी ईएसआई को दे चुका था। उसे 6 हजार रुपए और देने थे। रंगे हाथ दबोचा आईओ बार-बार कॉल कर मोहनपाल पर बकाया 6 हजार रुपए देने की डिमांड करने लगा। मोहनपाल ने इसकी सूचना एसीबी की रेवाड़ी यूनिट को दी। एसीबी के इंस्पेक्टर वेद प्रकाश की अगुवाई में टीम ने कार्रवाई करते हुए मोहन पाल को रंगे लगे हुए नोट थमाकर आरोपी ईएसआई वीर सिंह को देने के लिए भेज दिया। मोहन पाल ने पुलिसकर्मी वीर सिंह को 6 हजार रुपए जैसे ही थमाए, पहले से एक्टिव एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। एसीबी की टीम आरोपी पुलिसकर्मी को रेवाड़ी स्थित कार्यालय लेकर पहुंची। उसके खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा में रेवाड़ी जिले के बावल थाना में तैनात ESI वीर सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 6 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए शनिवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ने सुसाइड के एक मामले में ये रिश्वत की रकम मांगी थी। इसके बाद पीड़ित ने एसीबी को सूचना दी। बता दें कि 25 जून को राजस्थान के भरतपुर जिले की रहने वाली बीना (23) ने बावल के प्राणपुरा रोड स्थित किराये के कमरे पर फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। बीना 13 जून को घर से लापता हुई थी। उसकी गुमशुदगी का मामला भरतपुर थाना में दर्ज था। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि बीना को एक लड़का अपने साथ लेकर बावल पहुंचा था। उसने ही बीना को किराये का कमरा दिलाया था। इस मामले में पुलिस की तरफ से बीना के परिजनों की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच बावल थाना में तैनात ईएसआई वीर सिंह कर रहे थे। 10 हजार की मांगी थी रिश्वत रेवाड़ी एसीबी के इंस्पेक्टर वेदप्रकाश ने बताया कि आईओ वीर सिंह ने इस मामले में यूपी के मथुरा के रहने वाले मोहन पाल और उसकी पत्नी को डर दिखाया कि उन्होंने ही बीना को कमरा दिलाया था। सुसाइड के इस केस में तुम्हारा नाम आ रहा है। इसके बाद मोहनपाल आईओ के संपर्क में आया। आरोप है कि आईओ ने 10 हजार रुपए की डिमांड की थी। 4 हजार रुपए मोहनपाल 7 जुलाई को आरोपी ईएसआई को दे चुका था। उसे 6 हजार रुपए और देने थे। रंगे हाथ दबोचा आईओ बार-बार कॉल कर मोहनपाल पर बकाया 6 हजार रुपए देने की डिमांड करने लगा। मोहनपाल ने इसकी सूचना एसीबी की रेवाड़ी यूनिट को दी। एसीबी के इंस्पेक्टर वेद प्रकाश की अगुवाई में टीम ने कार्रवाई करते हुए मोहन पाल को रंगे लगे हुए नोट थमाकर आरोपी ईएसआई वीर सिंह को देने के लिए भेज दिया। मोहन पाल ने पुलिसकर्मी वीर सिंह को 6 हजार रुपए जैसे ही थमाए, पहले से एक्टिव एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। एसीबी की टीम आरोपी पुलिसकर्मी को रेवाड़ी स्थित कार्यालय लेकर पहुंची। उसके खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महेंद्रगढ़ में कॉलेज संचालक से फिर मांगी 50 लाख फिरौती:पाकिस्तान नंबर से दूसरे दिन भी आयी वॉट्सऐप कॉल; चेयरमैन ने मांगी सुरक्षा हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव सिंगडा में एक निजी वेटनरी कॉलेज के चेयरमैन से बुधवार को फिर से धमकी भरा कॉल किया गया। व्हाट्सअप कॉल करके उससे 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी है। रकम न देने पर जान से माने की धमकी दी है। व्हाट्सअप नंबर पाकिस्तान का बताया जा रहा है। कॉलेज के चेयरमैन ने सदर थाना महेंद्रगढ़ में इसकी शिकायत देकर स्वयं की और परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है। महेंद्रगढ़ में भूमिका वेटनरी कॉलेज के चेयरमैन अजय सिगडिया से मंगलवार को व्हाट्सअप कॉल कर 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। आज भी दूसरे नंबर से उनको व्हाट्सअप कॉल आई है, वो भी पाकिस्तान का नंबर बताया जा रहा है। चेयरमैन अजय सिगडिया ने सदर थाना महेंद्रगढ़ में इसकी शिकायत दी है। धमकी के बाद परिवार दहशत में है। चेयरमैन अजय सिगडिया ने बताया कि मंगलवार को सुबह 10:49 बजे अपनी गाड़ी में बैठकर किसी काम जा रहे थे। तभी उनके पास एक व्हाट्सअप कॉल आई तो कॉल करने वाले ने उससे 50 लाख रुपए की मांग की। वह शुरुआत में उसको मजाक में ले गए, लेकिन उसके बाद उसने बदतमीजी, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी। तब उसने कॉल को काट दिया। इसकी शिकायत उसने पुलिस को दी है। पुलिस ने बताया कि प्लस 92 नंबर पाकिस्तान के होते हैं, तो ये नंबर भी पाकिस्तान के हो सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आज सुबह फिर दूसरे नंबर से व्हाट्सअप कॉल आई, उस पर भी आगे प्लस 92 लिखा हुआ था। इसको देखकर उसने कॉल नहीं उठाई। इसके बारे में भी उसने पुलिस को जानकारी दी है। अजय सिगड़िया ने पुलिस प्रशासन से आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने और परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है। इस मामले को लेकर डीएसपी मोहम्मद जमाल ने टेलीफोन पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शिकायत आई हुई है और इस मामले में कार्रवाई चल रही है।
हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल
हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल कांग्रेस पार्टी ने टिकट दावेदारों की मारामारी के बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों में से 18 पर अपनी टिकटें फाइनल कर ली हैं। इनमें 9 सिटिंग विधायक हैं। पार्टी ने जिन 14 सीटों पर सिंगल नाम का पैनल बनाया है, उनमें से 13 पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। इन्होंने 2019 का चुनाव भी लड़ा था। एक सीट पर नए चेहरे का नाम रखा गया है। कांग्रेस के सिंगल नाम वाले हलकों में रोहतक की गढ़ी-सांपला-किलोई सीट भी है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के सत्ता में आने की सूरत में वह CM पद के सबसे बड़े दावेदार रहेंगे। कांग्रेस में इस सीट से किसी और ने आवेदन भी नहीं किया था। इन 12 विधायकों के टिकट पक्के
कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर सिंगल नाम के पैनल बनाए हैं, उनमें से 12 पर इस समय पार्टी के ही विधायक हैं। इनमें गढ़ी-सांपला-किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, रोहतक सीट से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और बरौदा से इंदुराज भालू का नाम पैनल में रखा गया है। अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से मौजूदा विधायक शैली चौधरी और फरीदाबाद एनआईटी के मौजूदा एमएलए नीरज शर्मा का टिकट भी लगभग फाइनल है। इसके अलावा बादली से कुलदीप वत्स की भी टिकट तय मानी जा रही है। कुलदीप वत्स हुड्डा के करीबी हैं। हालांकि उनके सामने दावेदारी ठोकने वाले सोमबीर घसोला भी प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं। मुलाना सीट पर क्या वरुण की चलेगी?, पंचकूला से चंद्रमोहन लगभग तय
अंबाला जिले की मुलाना सीट के पूर्व विधायक और अब सांसद वरुण चौधरी ने भी यहां के उम्मीदवार पर नजर रखी हुई है। यहां वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी या फिर उनकी बहन को टिकट मिलने की भी संभावना है। हालांकि उनके परिवार से किसी ने टिकट के लिए अप्लाई नहीं किया है। यहां वरूण की चलेगी या नहीं, इसको लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसी तरह पंचकूला विधानसभा सीट पर पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का टिकट भी तकरीबन-तकरीबन फाइनल है। पिछला चुनाव हार चुके चार चेहरों के टिकट भी पक्के
कांग्रेस 2019 का विधानसभा चुनाव हार चुके अपने 4 नेताओं को भी इस बार फिर टिकट देने जा रही है। इनमें थानेसर सीट से अशोक अरोड़ा, पलवल से करण सिंह दलाल, फरीदाबाद से लखन सिंगला और बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह के नाम शामिल हैं। 2019 में अशोक अरोड़ा BJP के सुभाष सुधा से महज 819 वोट से हार गए थे। अशोक अरोड़ा 2014 में भी थानेसर सीट पर सुभाष सुधा से हार गए थे। हालांकि तब वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के टिकट पर मैदान में उतरे थे। अशोक अरोड़ा INLD के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 2019 के चुनाव से पहले ही इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह थानेसर से ही 2009, 2000 और 1996 में विधायक रह चुके हैं।बड़खल सीट पर चौधरी विजय प्रताप भाजपा की सीमा त्रिखा के सामने 2545 वोट से मात खा गए थे। करण सिंह दलाल को भाजपा के दीपक मंगला और लखन सिंगला को भाजपा के ही नरेंद्र गुप्ता ने हराया था। करण सिंह दलाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी हैं। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में वह फरीदाबाद सीट से पार्टी टिकट के दावेदार थे लेकिन कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतार दिया था। करण सिंह दलाल वर्ष 1991, 1996, 2000, 2005 और 2014 में पलवल से ही विधायक रह चुके हैं। बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह का नाम सिंगल पैनल में है। वह पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे हैं जो हाल में हुए लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद संसदीय सीट पर भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से हार गए थे। 2019 में कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह की जगह उनके बेटे विजय प्रताप सिंह को टिकट दिया था लेकिन वह लगभग ढाई हजार वोटों से भाजपा की सीमा त्रिखा से हार गए। कांग्रेस ने फरीदाबाद सीट से लखन सिंगला का नाम पैनल में रखा है। सिंगला वैश्य बिरादरी का बड़ा नाम है और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। महम से इस बार दांगी के बेटे का नाम
रोहतक जिले की महम सीट से 2019 में आनंद सिंह दांगी ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब वह निर्दलीय कैंडिडेट बलराज कुंडू से हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने आनंद सिंह दांगी की जगह महम सीट से उनके बेटे बलराम दांगी का नाम पैनल में रखा है। दांगी फैमिली हुड्डा की कट्टर समर्थक है। बलराम दांगी ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया है। आनंद सिंह दांगी भी अपने बेटे को ही उम्मीदवार बनाना चाहते हैं और इसके बारे में कई बार स्टेज से भी कह चुके हैं। महम से कांग्रेस का सबसे मजबूत उम्मीदवार इन्हें ही माना जा रहा है। हालांकि इलाके की कई पंचायतों के सरपंच दांगी फैमिली को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को लेटर भी लिखा है। कांग्रेस में 90 टिकटों के लिए 2556 आवेदन
कांग्रेस ने जुलाई महीने में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। तकरीबन महीनेभर चली प्रक्रिया में पार्टी को 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन मिले। कई सीटों पर तो 40 से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए अप्लाई किया। इसी वजह से टिकट के लिए एक या दो नाम शॉर्टलिस्ट करना पार्टी नेताओं के लिए सिरदर्दी बन गया है।