पंजाब के लुधियाना में मणिमहेश समेत अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर लंगर लगाने के नाम पर व्यापारियों से अवैध तौर पर चंदा इकट्ठा कर रहे लोगों को व्यापारियों ने काबू कर लिया। जिनमें दो व्यक्ति फरार हो गए। एक को काबू कर पहले व्यापारियों ने उसकी खूब धुनाई की, और बाद में पुलिस को सौंप दिया। व्यापारियों ने कहा कि ये लोग चंदा इकट्ठा कर धमकी देते थे। मना करने पर दातर निकाल कर व्यापारी पर हमला करने लगे तो लोग इकट्ठा हो गए। बाबा गज्जा जैन कालोनी का है मामला मामला लुधियाना को मोती नगर थाने के अधीन आती बाबा गज्जा जैन कालोनी का है। जहां सोमवार शाम को 3 लोग बाइक पर सवार होकर कालोनी पहुंचे। वहां मौजूद सभी कारोबारियों से धार्मिक स्थलों पर लंगर लगाने के नाम पर चंदा इकट्ठा करने लगे। कारोबारी मनदीप सिंह ने बताया कि उनका रियल एस्टेट का ऑफिस है। सोमवार शाम को 3 लोग उनके ऑफिस में पहुंचे जो मणिमहेश में लंगर लगाने के नाम पर 11-11 हजार की पर्ची काटने लगे। जब उन्होंने मना किया तो उनमें से एक व्यकित ने दातर निकाली और कहा कि अगर पैसे नहीं दोगे तो वह मार देंगे। जबरन वसूलते हैं पैसे कारोबारी अनिल कुमार ने कहा कि ये लोग जबरन व्यापारियों से पैसे वसूल करते हैं। जो विभिन्न धार्मिक स्थलों में लंगर लगाने के नाम पर पर्चियां काटते हैं। उनके एरिया में सारे कारोबारी व फैक्ट्री मालिकों से जबरदस्ती पैसे वसूल करते हैं। उन्होंने कहा कि आज जब एक व्यापारी को ये लोग दातर निकालकर मारने लगे तो शोर पड़ने पर सारे कारोबारी इकट्ठे हुए। तभी दो भाग गए। जबकि एक को व्यापारियों ने पकड़ लिया। 4 दिन पहले भी ले गए थे हजारों रूपए कारोबारियों ने कहा कि यहीं लोग 4 दिन पहले भी पहुंचे थे और कई कारोबारियों से पर्ची काट उनसे हजारों रूपए इकट्ठा करके ले गए थे। मना करने पर ये लोग मारने की धमकी देते हैं। जिससे व्यापारियों में डर व सहम का माहौल बना हुआ है। पकड़े गए व्यक्ति से जाली नोट बरामद कारोबारी मनदीप सिंह ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति का नाम संजय है, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया है। उसके पास से 500-500 के कई जाली नोट भी बरामद किए गए है। उन्होंने बताया कि इनके पास से मिली बाइक भी चोरी की है। उन्होंने पुलिस से ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। मामले की जांच में जुटी पुलिस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी कर्मजीत सिंह ने कहा कि कारोबारियों की लिखित शिकायत आ गई है, उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को काबू कर लिया है। जबकि दो फरार हो गए। पकड़े गए व्यक्ति का नाम संजय है। जिस पर बनती कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि फरार हुए लोगों की भी पहचान कर उन्हें पकड़ लिया जाएगा। पंजाब के लुधियाना में मणिमहेश समेत अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर लंगर लगाने के नाम पर व्यापारियों से अवैध तौर पर चंदा इकट्ठा कर रहे लोगों को व्यापारियों ने काबू कर लिया। जिनमें दो व्यक्ति फरार हो गए। एक को काबू कर पहले व्यापारियों ने उसकी खूब धुनाई की, और बाद में पुलिस को सौंप दिया। व्यापारियों ने कहा कि ये लोग चंदा इकट्ठा कर धमकी देते थे। मना करने पर दातर निकाल कर व्यापारी पर हमला करने लगे तो लोग इकट्ठा हो गए। बाबा गज्जा जैन कालोनी का है मामला मामला लुधियाना को मोती नगर थाने के अधीन आती बाबा गज्जा जैन कालोनी का है। जहां सोमवार शाम को 3 लोग बाइक पर सवार होकर कालोनी पहुंचे। वहां मौजूद सभी कारोबारियों से धार्मिक स्थलों पर लंगर लगाने के नाम पर चंदा इकट्ठा करने लगे। कारोबारी मनदीप सिंह ने बताया कि उनका रियल एस्टेट का ऑफिस है। सोमवार शाम को 3 लोग उनके ऑफिस में पहुंचे जो मणिमहेश में लंगर लगाने के नाम पर 11-11 हजार की पर्ची काटने लगे। जब उन्होंने मना किया तो उनमें से एक व्यकित ने दातर निकाली और कहा कि अगर पैसे नहीं दोगे तो वह मार देंगे। जबरन वसूलते हैं पैसे कारोबारी अनिल कुमार ने कहा कि ये लोग जबरन व्यापारियों से पैसे वसूल करते हैं। जो विभिन्न धार्मिक स्थलों में लंगर लगाने के नाम पर पर्चियां काटते हैं। उनके एरिया में सारे कारोबारी व फैक्ट्री मालिकों से जबरदस्ती पैसे वसूल करते हैं। उन्होंने कहा कि आज जब एक व्यापारी को ये लोग दातर निकालकर मारने लगे तो शोर पड़ने पर सारे कारोबारी इकट्ठे हुए। तभी दो भाग गए। जबकि एक को व्यापारियों ने पकड़ लिया। 4 दिन पहले भी ले गए थे हजारों रूपए कारोबारियों ने कहा कि यहीं लोग 4 दिन पहले भी पहुंचे थे और कई कारोबारियों से पर्ची काट उनसे हजारों रूपए इकट्ठा करके ले गए थे। मना करने पर ये लोग मारने की धमकी देते हैं। जिससे व्यापारियों में डर व सहम का माहौल बना हुआ है। पकड़े गए व्यक्ति से जाली नोट बरामद कारोबारी मनदीप सिंह ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति का नाम संजय है, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया है। उसके पास से 500-500 के कई जाली नोट भी बरामद किए गए है। उन्होंने बताया कि इनके पास से मिली बाइक भी चोरी की है। उन्होंने पुलिस से ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। मामले की जांच में जुटी पुलिस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी कर्मजीत सिंह ने कहा कि कारोबारियों की लिखित शिकायत आ गई है, उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को काबू कर लिया है। जबकि दो फरार हो गए। पकड़े गए व्यक्ति का नाम संजय है। जिस पर बनती कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि फरार हुए लोगों की भी पहचान कर उन्हें पकड़ लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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ये सभी नशे के आदी हैं और छोटे-मोटे अपराध में संलिप्त थे। इन्होंने पैसों के लिए योजना को अंजाम देने के लिए सहमति जताई। पूछताछ में मनीष ने बताया कि पेट्रोल बम फेंकने के बाद वे वापस नवांशहर भाग गए। दोनों ही मामलों में उनके निशाने पर आए लोगों को कुछ समय बाद हमलों का अंदाजा लग जाता है। पुलिस की भनक लगने से पहले ही वे भागने में सफल हो गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लवप्रीत सिंह उर्फ मोनू उर्फ बाबा को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है। पुलिस को शक है कि बाबा का वेश धारण करने वाले लवप्रीत ने पुलिस से बचने के लिए किसी धार्मिक डेरे में शरण ले रखी है। उधर इस मामले में अब NIA भी जांच करने की तैयारी में है। सोशल मीडिया पर एक्टिव नेताओ को बनाते थे निशाना पूछताछ में यह भी सामने आया है बब्बर खालसा इंटरनेशनल ग्रुप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले नेताओं को सबक सिखाने के लिए और उन्हें डराने के लिये हरजीत सिंह लाड़ी की तरफ से उन्हें आदेश जारी होता था। जिसके बाद ही वह वारदात को अंजाम देते थे। 70 कैमरों की मदद से बदमाशों आए काबू शिव सेना नेताओं के घर पेट्रोल बम फेंकने वाले बदमाशों तक महानगर की पुलिस व काउंटर इंटेलिजेंस की टीम 70 कैमरों की मदद से पुहंची। पुलिस ने मॉडल टाउन में हुए गुरकीरत खुराना के घर पर हमले के बाद वारदात को अंजाम देने वाले बाइक का नंबर निकाल उसे सेफ सिटी कैमरो की मदद से आरोपियों के ठिकानों तक पहुंची। जहां पुलिस ने सबसे पहले आरोपी रविंदरपाल सिंह उर्फ व अनिल को काबू किया। जिसके बाद पुलिस ने बाकी के दोनो आरोपित मनीष व जसबिन्दर को दबोचा। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात को अंजाम देने के दौरान इस्तेमाल बाइक व 2 मोबाइल फोन बरामद किये। वही उनका एक साथी लवप्रीत पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
वहीं पूछताछ में सामने आया कि आरोपितों को वारदात को अंजाम देने के लिए 5 से 7 हजार रुपये ही मिलते थे। उन्हें सिर्फ ये बताया जाता था कि यह बम कब और कहा फेंकना है।