उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कैबिनेट बाई सरकुलेशन में उत्तर प्रदेश की राजधानी समेत आसपास के छह शहरों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाने के फैसले को मंजूरी दे दी है। अब जल्द इसकी अधिसूचना जारी होगी। इसके बाद प्राधिकरण में किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की तैनाती की जाएगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने लखनऊ समेत उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर एससीआर बनाने का फैसला किया है। इसके लिए पिछले दिनों अध्यादेश जारी किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की व्यवस्था दी गई थी। इसी के तहत सरकार ने उप्र राज्य राजधानी क्षेत्र व इसके लिए प्राधिकरण का गठन किया है। विकास प्राधिकरण गठन किए जाने में राज्य सरकार पर किसी भी प्रकार का व्यय भार प्रस्तावित नहीं किया गया है। अधिसूचना जारी होने की तिथि से प्राधिकरण गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एससीआर बनने से आयेगी आर्थिक तेजी सरकार का मानना है कि एसीआर के गठन से लखनऊ के साथ ही आसपास के सभी पांच अन्य शहरों का जहां सुनियोजित विकास किया जाएगा, वहीं इन शहरों में नागरिक और अवस्थापना सुविधाओं का भी तेजी से विकास किया जा सकेगा। एससीआर बनने से प्रदेश के आर्थिक विकास को भी गति दी जा सकेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कैबिनेट बाई सरकुलेशन में उत्तर प्रदेश की राजधानी समेत आसपास के छह शहरों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाने के फैसले को मंजूरी दे दी है। अब जल्द इसकी अधिसूचना जारी होगी। इसके बाद प्राधिकरण में किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की तैनाती की जाएगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने लखनऊ समेत उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर एससीआर बनाने का फैसला किया है। इसके लिए पिछले दिनों अध्यादेश जारी किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की व्यवस्था दी गई थी। इसी के तहत सरकार ने उप्र राज्य राजधानी क्षेत्र व इसके लिए प्राधिकरण का गठन किया है। विकास प्राधिकरण गठन किए जाने में राज्य सरकार पर किसी भी प्रकार का व्यय भार प्रस्तावित नहीं किया गया है। अधिसूचना जारी होने की तिथि से प्राधिकरण गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एससीआर बनने से आयेगी आर्थिक तेजी सरकार का मानना है कि एसीआर के गठन से लखनऊ के साथ ही आसपास के सभी पांच अन्य शहरों का जहां सुनियोजित विकास किया जाएगा, वहीं इन शहरों में नागरिक और अवस्थापना सुविधाओं का भी तेजी से विकास किया जा सकेगा। एससीआर बनने से प्रदेश के आर्थिक विकास को भी गति दी जा सकेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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रोहतक जेल में लौटा राम रहीम:2 अक्टूबर को मिली थी पैरोल, 20 दिन बरनावा डेरे में रहा डेरा सच्चा सौदा के मुखी एवं साध्वी यौन शौषण मामले में सजा काट रहा राम रहीम बुधवार को वापस रोहतक की सुनारिया जेल वापस लौट गया है। राम रहीम को 2 अक्टूबर को पैरोल मिली थी और वह जेल से बाहर आया था। 20 दिन जेल से बाहर रहने के बाद राम रहीम वापस जेल लाया गया है। 20 दिनों तक राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा डेरे में रहा। विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को पैरोल मिली थी। 5 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव की वोटिंग थी और 2 अक्टूबर को राम रहीम जेल से बाहर आया था। जिस पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगे। हालांकि राम रहीम की 20 दिन की पैरोल मंजूर हो गई। आज वापस जेल में लौटेगा। पिछली बार 21 दिन की फरलो मिली थी साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था। 2 केस में कैद, एक में बरी हो चुका राम रहीम राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसी साल 27 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्र कैद दी गई थी। हालांकि इसी साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया।
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सोलन में भारी बारिश से खतरे में गंभरपुल:कुनिहार-नालागढ़ हाईवे 8 घंटे बंद, सुबह 9 बजे बहाल, सड़क पर मलबा आना जारी हिमाचल के सोलन जिले में कुनिहार को नालागढ़ से जोड़ने वाला गंभर पुल भारी बारिश के बाद बीती रात फिर वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। कुनिहार और आसपास के इलाकों में बीती रात 10.30 बजे से 1 बजे तक भारी बारिश हुई। इसके चलते गंभर पुल पर रात को भारी मलबा आ गया और पानी के तेज बहाव के कारण पुल की नींव खोखली हो रही है। हाईवे पर मलबा आने के बाद करीब 8 घंटे तक मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा। सुबह करीब 9 बजे हाईवे को बहाल किया जा सका। लेकिन अभी भी नाले से मलबा आ रहा है। इसके चलते हाईवे बार-बार बंद हो रहा है और गंभर पुल भी खतरे की जद में आ गया है। कुनिहार क्षेत्र में कई ग्रामीण सड़कें भी बंद भारी बारिश के बाद कुनिहार-नालागढ़ स्टेट हाईवे के अलावा क्षेत्र की आधा दर्जन ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई है। सड़कों पर जगह-जगह लैंडस्लाइड और नालों में पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आने से यातायात अवरुद्ध हुआ है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज सुबह के वक्त कामकाजी लोगों और स्कूली बच्चों को भी स्कूल पहुंचने में परेशानी हुई। 4 दिन पहले भी गंभरपुल में फटा था बादल बता दें कि चार दिन पहले भी सोलन के गंभरपुल में बादल फटने से सड़क पर सैलाब आ गया था। एक ढाबा पूरी तरह तबाह हो गया था, जबकि दो दुकानों व एक घर में मलबा घुस गया था। दो गाड़ियों को भी इससे नुकसान पहुंचा था। बीती रात को उसी पॉइंट पर भारी बारिश के बाद नाले से सारा मलबा सड़क पर आ गया। PWD के सहायक अभियंता जीएन शर्मा ने बताया कि विभाग ने सुबह के समय ही क्षेत्र की बंद सड़कों को खोलने का काम शुरू कर दिया था।
एमपी में पूर्ण जीत के बाद भी BJP में बढ़ सकती है टेंशन! जानें क्यों हो रही इसकी चर्चा
एमपी में पूर्ण जीत के बाद भी BJP में बढ़ सकती है टेंशन! जानें क्यों हो रही इसकी चर्चा <p style=”text-align: justify;”><strong>Jyotiraditya Scindia- Shivraj Singh Chouhan Faction:</strong> मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है. पीएम मोदी की नई कैबिनेट में सभी मंत्रियों ने पदभार संभाल लिया है और काम में जुट गए हैं. पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश के लिहाज से दो बड़े चेहरे नजर आए. एक चेहरा बिल्कुल नया है जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. ये हैं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिवराज सिंह चौहान का नाम देश के ज्यादातर लोगों की जुबान पर चढ़ा है क्योंकि वह पिछले 18 साल से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद दूसरा नाम है ज्योतिरादित्य सिंधिया का. शिवराज और सिंधिया दोनों को पावरफुल मंत्रालय दे दिए गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मध्य प्रदेश में गुटबाजी के आसार</strong><br />सांसद शिवराज सिंह चौहान के पास कृषि मंत्रालय है और उन्हें देश की कृषि और किसान की आय को आगे बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है. केंद्र में इन नेताओं का कद बढ़ाने के बाद मध्य प्रदेश में गुटबाजी के आसार नजर आ रहे हैं, क्योंकि इन दोनों के ऐसे तमाम समर्थक हैं जो सरकार और संगठन दोनों में शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इधर मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके समर्थकों का गुट अलग बन चुका है. मध्य प्रदेश की राजनीति को जमीनी स्तर से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार हरीश वर्मा बताते हैं कि जब मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं लिया गया, तो ये चर्चा होने लगी कि उनके लिए केंद्र में भूमिका तय की गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम पद से हटने के बाद मायूस थे शिवराज सिंह चौहान?</strong><br />इसके अलावा, ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना की सीट से चुनाव लड़वाने का अर्थ था कि उन्हें पीएम मोदी फिर से केंद्र में देखना चाहते हैं. इन दोनों बड़े नेताओं के दिल्ली जाने के बाद और एक बड़े मंत्रालय मिलने के बाद इनकी पॉलिटिकल पावर निश्चित ही बढ़ी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, प्रदेश में लगातार 18 साल सीएम की कुर्सी संभालने वाले शिवराज को कृषि और सिंधिया को दूर संचालन मंत्रालय दिया गया है. आपको बता दें कि जब शिवराज को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था तो वह मायूस हो गए थे लेकिन कुछ समय के बाद उनका चेहरा पहले की तरह खिल गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मध्य प्रदेश में क्यों हो रही गुटबाजी की चर्चा?</strong><br />गुटबाजी की बात इसलिए भी उजागर हो रही है क्योंकि बीते दिनों केंद्र में शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर इंदौर में आतिशबाजी की गई थी. शिवराज सिंह चौहान के कट्टर समर्थक माने जाने वाले देपालपुर के विधायक मनोज पटेल ने ये आतिशबाजी की थी. मनोज पटेल शिवराज सिंह चौहान के कट्टर समर्थक हैं और उनके साए में ही राजनीति करते आए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनोज पटेल का टिकट शिवराज सिंह चौहान ने ही फाइनल करवाया था. इसलिए मनोज को शिवराज गुट का माना जाता है. लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि मनोज पटेल ने उस दिन तकरीबन 1.5 लाख रुपये के पटाखे भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर जला दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंदौर में गोलू शुक्ला, मालिनी गोड़, महेंद्र हडिया, मधु वर्मा जैसे विधायक शिवराज खेमे से ही माने जाते हैं. इसके अलावा, सिंधिया समर्थकों की बात करें तो इंदौर में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट सिंधिया समर्थक हैं और मध्य प्रदेश में ताकतवर नेता हैं. वही, इंदौर नगर निगम में कुछ पार्षद और बीजेपी में कुछ पदाधिकारी भी सिंधिया समर्थक नजर आते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम मोहन यादव समर्थकों का भी बन रहा गुट</strong><br />इन सब से अलग मध्य प्रदेश में एक नया गुट भी बनता नजर आ रहा है जो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का है. पत्रकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब मध्य प्रदेश में शिवराज, सिंधिया और मोहन यादव के अलग-अलग गुट बनना शुरू हो चुका है. मध्य प्रदेश में अब मुख्यतः तीन प्रकार के नेताओं के गुट नजर आने वाले हैं जिनमें उपरोक्त नेताओं के नाम शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”छिंदवाड़ा में कांग्रेस को मिला BJP को मात देने का एक और मौका, कमलनाथ बना रहे ये खास रणनीति” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/amarwada-by-election-2024-will-be-held-on-10-july-in-chhindwara-kamal-nath-congress-bjp-candidate-ann-2712922″ target=”_blank” rel=”noopener”>छिंदवाड़ा में कांग्रेस को मिला BJP को मात देने का एक और मौका, कमलनाथ बना रहे ये खास रणनीति</a></strong></p>