पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी के जमाने से कहा जाता रहा है कि देश की सरकार तो उत्तर प्रदेश ही तय करता है। सही भी है। सारे प्रदेशों से ज़्यादा वोटर वहाँ रहे हैं। सारे प्रदेशों से ज़्यादा लोकसभा सीटें भी वहीं रही हैं। लेकिन नेहरू जी के जमाने से अब तक गंगा में बहुत कुछ पानी बह चुका है और जमाना भी कहाँ से कहाँ जा चुका, बस एक बात जो नहीं बदली, वो ये है कि केंद्र की सत्ता का दारोमदार अब भी उत्तरप्रदेश पर ही है। अगर इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश में 33 सीटों पर नहीं सिमटती तो केंद्र का जलवा कुछ और ही होता! तो क्या इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज़िम्मेदार हैं। या उनके विरोधी कहे जाने वाले केशव प्रसाद मौर्य ज़िम्मेदार हैं? बहरहाल, उत्तर प्रदेश मे समाजवादी पार्टी से भी कम सीटें पाने के बाद भारतीय जनता पार्टी इस मंथन में लगी हुई है कि आख़िर ये हुआ कैसे? इसका कारण क्या है? हो सकता है दलित वोटों का भाजपा से खिसकना इसकी वजह हो! हो सकता है समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के दो लड़कों (राहुल गांधी और अखिलेश यादव) का कोऑर्डिनेशन इसकी वजह हो! वजह जो भी हो, फ़िलहाल केशव प्रसाद मौर्य को लग रहा है कि लोहा अभी गर्म है। चोट करने का यही समय है। सो वे चोट पर चोट करते जा रहे हैं। आवाज़ लखनऊ से दिल्ली तक सुनी जा रही है। वैसे दिल्ली किसी की सुनती नहीं है। केशव मौर्य की कितनी सुनी जाएगी, यह भविष्य बताएगा। बुधवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया था। इस ज़ोर में उफान तब आ गया जब योगी आदित्यनाथ वहाँ राज्यपाल आनंदी बेन से मिलने राजभवन पहुँच गए। अफ़वाह यह फैली कि वे अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं। लेकिन दबंग मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा इतनी आसान कहानी नहीं हो सकती! दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में बदलाव की ही यह स्क्रिप्ट हो सकती है। इससे ज़्यादा कुछ नहीं। वैसे भी केंद्र सरकार इस समय उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का जोखिम उठाने की हालत में कतई नहीं है, ऐसा लगता है। अगर जोखिम उठाना ही होता तो राजस्थान में उठाया जाता। जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है, वहाँ तो सौ प्रतिशत सीटें लाकर राज्य के नेतृत्व ने अमरता पा ली है। कुल मिलाकर भाजपा नेतृत्व इस वक्त जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेने वाली है। पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी के जमाने से कहा जाता रहा है कि देश की सरकार तो उत्तर प्रदेश ही तय करता है। सही भी है। सारे प्रदेशों से ज़्यादा वोटर वहाँ रहे हैं। सारे प्रदेशों से ज़्यादा लोकसभा सीटें भी वहीं रही हैं। लेकिन नेहरू जी के जमाने से अब तक गंगा में बहुत कुछ पानी बह चुका है और जमाना भी कहाँ से कहाँ जा चुका, बस एक बात जो नहीं बदली, वो ये है कि केंद्र की सत्ता का दारोमदार अब भी उत्तरप्रदेश पर ही है। अगर इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश में 33 सीटों पर नहीं सिमटती तो केंद्र का जलवा कुछ और ही होता! तो क्या इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज़िम्मेदार हैं। या उनके विरोधी कहे जाने वाले केशव प्रसाद मौर्य ज़िम्मेदार हैं? बहरहाल, उत्तर प्रदेश मे समाजवादी पार्टी से भी कम सीटें पाने के बाद भारतीय जनता पार्टी इस मंथन में लगी हुई है कि आख़िर ये हुआ कैसे? इसका कारण क्या है? हो सकता है दलित वोटों का भाजपा से खिसकना इसकी वजह हो! हो सकता है समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के दो लड़कों (राहुल गांधी और अखिलेश यादव) का कोऑर्डिनेशन इसकी वजह हो! वजह जो भी हो, फ़िलहाल केशव प्रसाद मौर्य को लग रहा है कि लोहा अभी गर्म है। चोट करने का यही समय है। सो वे चोट पर चोट करते जा रहे हैं। आवाज़ लखनऊ से दिल्ली तक सुनी जा रही है। वैसे दिल्ली किसी की सुनती नहीं है। केशव मौर्य की कितनी सुनी जाएगी, यह भविष्य बताएगा। बुधवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया था। इस ज़ोर में उफान तब आ गया जब योगी आदित्यनाथ वहाँ राज्यपाल आनंदी बेन से मिलने राजभवन पहुँच गए। अफ़वाह यह फैली कि वे अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं। लेकिन दबंग मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा इतनी आसान कहानी नहीं हो सकती! दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में बदलाव की ही यह स्क्रिप्ट हो सकती है। इससे ज़्यादा कुछ नहीं। वैसे भी केंद्र सरकार इस समय उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का जोखिम उठाने की हालत में कतई नहीं है, ऐसा लगता है। अगर जोखिम उठाना ही होता तो राजस्थान में उठाया जाता। जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है, वहाँ तो सौ प्रतिशत सीटें लाकर राज्य के नेतृत्व ने अमरता पा ली है। कुल मिलाकर भाजपा नेतृत्व इस वक्त जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेने वाली है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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गाजियाबाद में चंद्रशेखर आजाद पर मारपीट-लूट का मुकदमा:काले झंडे दिखाने वालों को समर्थकों ने डंडे-बेल्ट से पीटा, 2 के फट गए सिर
गाजियाबाद में चंद्रशेखर आजाद पर मारपीट-लूट का मुकदमा:काले झंडे दिखाने वालों को समर्थकों ने डंडे-बेल्ट से पीटा, 2 के फट गए सिर गाजियाबाद में नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और उनके 20 कार्यकर्ताओं पर मारपीट और लूट की एफआईआर लिखी गई है। चंद्रशेखर के समर्थकों ने काले झंडे दिखाने वाले वाल्मीकि समाज के लोगों पर हमला कर दिया था। लाठी-डंडे और बेल्ट से इस कदर पीटा कि लोगों के सिर फट गए। 4 लोग बुरी तरह घायल हुए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। DCP सिटी राजेश कुमार ने बताया कि हमलावरों की पहचान की जा रही है। मुकदमा लिख लिया गया है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। दरअसल, आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर गाजियाबाद के नवयुग मार्केट में शनिवार को भाईचारा सम्मेलन में पहुंचे। इसी दौरान रॉयल वाल्मीकि आर्मी के प्रभारी आकाश चंदेल अपने समर्थकों के साथ चंद्रशेखर आजाद से मिलने गए। बताया जा रहा है कि ये लोग सफाईकर्मियों की समस्याओं को लेकर काले झंडे दिखा रहे थे, तभी चंद्रशेखर के समर्थक भड़क गए। उनकी पिटाई कर दी। इस मामले में थाना कोतवाली पुलिस ने आकाश कुमार की शिकायत पर चंद्रशेखर आजाद, कपिल देवी, अंकित सहित 15-20 अज्ञात कार्यकर्ताओं पर मारपीट व लूट का मुकदमा दर्ज किया है। DCP बोले- हमलावरों की पहचान कर कार्रवाई करेंगे
DCP सिटी राजेश कुमार ने कहा- थाना कोतवाली क्षेत्र के अम्बेडकर पार्क में शनिवार को आयोजित भाईचारा सम्मेलन के दौरान विवाद हो गया। जहां एक गुट के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ व्यक्तियों के ऊपर हमलावर होते हुए लाठी-डंडों से पिटाई की गई। जिससे उनको चोटें आईं। पुलिस द्वारा तत्काल घायल व्यक्तियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। प्राप्त तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। हमलावर व्यक्तियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चंद्रशेखर समर्थक बोले- दूसरा पक्ष कर रहा था विरोध
इस प्रकरण में चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों ने आकाश चंदेल की सोशल मीडिया पोस्ट भी वायरल की है। एक पोस्ट में लिखा है- चंद्रशेखर के गाजियाबाद आगमन पर वाल्मीकि समाज विरोध करेगा। ये बात कथित तौर पर आकाश चंदेल के हवाले से कही गई। चंद्रशेखर समर्थकों ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें कुछ लोग उनके काफिले को काले झंडे दिखा रहे हैं। इसके बाद ही मारपीट शुरू हो गई। एक अन्य तस्वीर में आकाश चंदेल हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी उर्फ पिंकी के साथ खड़ा दिख रहा है। पिछले दिनों ही गाजियाबाद पुलिस ने पिंकी को मुस्लिमों संग मारपीट करने के आरोप में जेल भेजा है। यह भी पढ़ें:- कानपुर में चंद्रशेखर बोले-BJP विधायक को जूते मारने चाहिए:कुछ नेताओं के दिमाग खराब, हैसियत से ज्यादा बोलते हैं; बहनजी हमारी नेता कानपुर पहुंचे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा- बहनजी (मायावती) पर टिप्पणी करने वाले भाजपा विधायक को जूते से मारना चाहिए…। भाजपा के कुछ नेताओं के दिमाग खराब हो गए हैं। वो हैसियत से ज्यादा बोलने लगे हैं। वो कभी-कभी बड़े नेताओं को खुश करने के चक्कर में यह भूल जाते हैं कि इसके परिणाम क्या हो सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर…
Deepawali 2024: दीपावली में मिट्टी के दीपक से रौशन होंगे घर, जानें कैसे तैयार होते हैं खास दीये?
Deepawali 2024: दीपावली में मिट्टी के दीपक से रौशन होंगे घर, जानें कैसे तैयार होते हैं खास दीये? <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttar Pradesh News Today:</strong> दीपावली प्रकाश का पर्व है और इस त्योहार पर मिट्टी के दीपक का विशेष महत्व होता है. हर साल दीपावली पर घरों को सजाने के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं, जो न केवल घरों को रोशन करते हैं, बल्कि पूजा-पाठ के लिए भी जरुरी माने जाते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मिट्टी के दीपक को खास तरीके से तैयार किया जाता है, जिसमें चिकनी मिट्टी का इस्तेमाल होता है. इसे महीनों पहले तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इस बार भी कारीगरों के चाक लगातार घूम रहे हैं और रंग- बिरंगे दीपकों की भारी मांग बाजार में देखी जा रही है. आइये जानते हैं कैसे तैयार किए जाते हैं ये खास दीपक-</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खास तरीके बनाए जाते हैं दीपक</strong><br />मिट्टी के दीपक तैयार करने के लिए सबसे पहले चिकनी मिट्टी को बारीक पीसकर और छानकर उसकी पिठ्ठी बनाई जाती है. जिसे चाक पर रखकर कारीगर अपने हुनर से अलग-अलग आकार और डिजाइन के दीपक बनाते हैं. यह दीपक पहले धूप में सुखाए जाते हैं और फिर उपलों की आग में पकाए जाते हैं, जिससे वे मजबूत और टिकाऊ हो जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दीपावली के आते ही मिट्टी के दीपकों की मांग बाजार में तेजी से बढ़ जाती है. प्राचीन काल से दीपावली पर हर घर में मिट्टी के दीपक जलाने की परंपरा रही है, इस परंपरा का आज भी लोग पूरी श्रद्धाभाव से पालन करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मिट्टी के दीपक के फायदे</strong><br />इस मौके पर लोग बड़ी संख्या में इन्हें खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं. यह पर्व केवल रोशनी का ही नहीं बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी प्रतीक है, क्योंकि मिट्टी के दीपक पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कारीगर इस बार लाखों की संख्या में दीपक तैयार कर रहे हैं और बाजार में इनकी भारी मांग बनी हुई है. लोगों ने भी दीपावली से पहले ही अपने घरों को सजाने के लिए मिट्टी के दीपक खरीदने शुरू कर दिए हैं, जिससे उनका घर इस पावन पर्व पर रोशनी से जगमगा उठे. अभी से दीपावली की रौनक बाजारों में देखी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Varanasi : CBI बनकर साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला को 48 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, खाते से उड़ाए 32.40 लाख” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-news-cyber-thugs-kept-woman-digital-arrest-48-hours-up-police-file-fir-ann-2810037″ target=”_blank” rel=”noopener”>Varanasi : CBI बनकर साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला को 48 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, खाते से उड़ाए 32.40 लाख</a></strong></p>
पंजाब के 3 जिलों में बारिश की संभावना:सुबह-शाम बढ़ी ठंड, चंडीगढ़ का AQI 228 पहुंचा, सेहत विभाग ने एडवाइजरी की जारी
पंजाब के 3 जिलों में बारिश की संभावना:सुबह-शाम बढ़ी ठंड, चंडीगढ़ का AQI 228 पहुंचा, सेहत विभाग ने एडवाइजरी की जारी पंजाब और चंडीगढ़ में सुबह शाम की ठंड बढ़ गई है। वहीं, दिन के अधिकतम तापमान में कमी आई है। 24 घंटे में 0.1 डिग्री औसत अधिकतम तापमान गिरा है। बठिंडा में सबसे अधिक तापमान 36.6 डिग्री दर्ज किया गया है। आज राज्य के तीन जिलों पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है। दूसरी तरफ पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं। इस वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार गिर रहा है। पंजाब की अपेक्षा चंडीगढ़ में AQI की स्थिति ज्यादा खराब है। मंगलवार सुबह पांच बजे चंडीगढ़ का AQI 228 दर्ज किया गया है। शहर अब ऑरेंज जोन में आ गया है। दिवाली पर स्थिति और खराब होने की संभावना हैं। वहीं, सेहत विभाग ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। पंजाब में 142 जगह जलाई गई पराली पंजाब में एक्यूआई का स्तर खराब होने के कारण इलाके में जल रही पराली को माना जाता है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सख्ती भी की गई है। लेकिन इसके बाद भी पराली जलाने के केस सामने आ रहे हैं। सोमवार शाम तक 142 केस पराली जलाने के आए हैं। वहीं, इनकी कुल संख्या 2137 पर पहुंच गई है। इस दौरान संगरूर में 19, फिरोजपुर में 14, कपूरथला में 13, पटियाला में 16, तरनतारन में 14, मानसा और गुरदासपुर में सात-सात व अन्य जिलों में छह से कम केस दर्ज दर्ज किए गए। इस वजह से पंजाब का A0I जोन में आ गया है। अमृतसर का AQI 175, बठिंडा का AQI 123, जालंधर का AQI 137, खन्ना का AQI 156, लुधियाना का AQI 138, मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 179, पटियाला का AQI 158 और रूपनगर का AQI 145 दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ के तीन सेंटरों पर AQI का आकलन होता है। इस दौरान सेक्टर-22 का AQI स्तर 211, सेक्टर – 25 का AQI 193, सेक्टर-53 का AQI 228 दर्ज किया गया है। सुबह शाम की सैर से करें गुरेज, मास्क पहने जिन जिलों में AQI का स्तर बिगड़ रहा है। वहां के लिए सेहत विभाग की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की गई है। एडवाइजरी कहा गया है कि कुछ दिनों में AQI खराब होने की वजह से बच्चों और बुजुर्गों में खास तौर से जो पहले दमा व सांस के रोगी है, उनमें इन लक्षणों की गंभीरता देखने को मिल रही है। अस्पतालों में इन मरीजों की आवक बढ़ी है। ऐसे में लोगों को सुबह शाम की सैर करने से गुरेज करना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क लगाएं। पंजाब के बड़े शहरों में दर्ज तापमान चंडीगढ़ – सोमवार अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री दर्ज किया गया। आज मौसम साफ रहेगा। तापमान 19.0 से 31.0 डिग्री के बीच रहेगा। अमृतसर – सोमवार को अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री दर्ज किया गया। आज मौसम साफ रहेगा। तापमान 19.0 से 32.0 डिग्री के बीच रहेगा। जालंधर – सोमवार शाम तापमान 32.4 डिग्री दर्ज किया गया। आज मौसम साफ रहेगा। तापमान 17 से 33 डिग्री के बीच रहेगा। पटियाला – सोमवार को अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री दर्ज किया गया। आज मौसम साफ रहेगा। तापमान 21 डिग्री से 32 डिग्री के बीच दर्ज किया जाएगा। मोहाली – अधिकतम तापमान बीते दिन 32.0 डिग्री दर्ज किया गया। बादल छाएंगे । आज तापमान 19 डिग्री से 34 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना – शनिवार को अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री दर्ज किया गया। आज बादल छाएंगे। तापमान 20 डिग्री से 32 डिग्री के बीच दर्ज किया।