हरियाणा के भिवानी में नागरिक अस्पताल के सामने पुलिस ने गुरुवार को 3 गेस्ट हाउसों पर रेड की। इनमें वेश्यावृत्ति के अड्डे चलाए जा रहे थे। गेस्ट हाउस में तलाशी के दौरान 5 युवती और 5 युवकों को पुलिस ने आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। पुलिस ने जून महीने में भी शहर के 8 गेस्ट हाउस पर रेड की गई थी। जानकारी के अनुसार भिवानी के नागरिक अस्पताल के सामने लाटरी मार्केट स्थित तीन गेस्ट हाउस पर शाम को पांच बजे भारी पुलिस बल व महिला पुलिस टीम ने छापेमारी की। डीएसपी हेडक्वार्टर रमेश कुमार के नेतृत्व में की गई रेड के दौरान 5 युवक व 5 युवती आपत्तिजनक हालत में मिली है। पुलिस की तीन अलग-अलग टीमें जांच में जुटी हुई हैं। डीएसपी हेड क्वार्टर रमेश कुमार ने बताया कि पुलिस को लगातार शिकायत मिल रही थी कि भिवानी नागरिक अस्पताल के सामने लाटरी मार्केट स्थित गेस्ट हाउसों पर वेश्यावृत्ति का अनैतिक कार्य किया जा रहा है। पुलिस ने फर्जी ग्राहक बनाकर गेस्ट हाउस पर भेजे। इस दौरान जैसे ही काउंटर पर बैठे गेस्ट हाउस स्टाफ से लड़कियों के बारे में सौदा तय हुआ और उसने निशान लगे नोट उन्हें थमाए तो पुलिस टीम ने तीनों गेस्ट हाउस में रेड की। वहां 5 युवती व युवक-युवती के जोड़े मिले। पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाई अभी की जा रही है। हरियाणा के भिवानी में नागरिक अस्पताल के सामने पुलिस ने गुरुवार को 3 गेस्ट हाउसों पर रेड की। इनमें वेश्यावृत्ति के अड्डे चलाए जा रहे थे। गेस्ट हाउस में तलाशी के दौरान 5 युवती और 5 युवकों को पुलिस ने आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। पुलिस ने जून महीने में भी शहर के 8 गेस्ट हाउस पर रेड की गई थी। जानकारी के अनुसार भिवानी के नागरिक अस्पताल के सामने लाटरी मार्केट स्थित तीन गेस्ट हाउस पर शाम को पांच बजे भारी पुलिस बल व महिला पुलिस टीम ने छापेमारी की। डीएसपी हेडक्वार्टर रमेश कुमार के नेतृत्व में की गई रेड के दौरान 5 युवक व 5 युवती आपत्तिजनक हालत में मिली है। पुलिस की तीन अलग-अलग टीमें जांच में जुटी हुई हैं। डीएसपी हेड क्वार्टर रमेश कुमार ने बताया कि पुलिस को लगातार शिकायत मिल रही थी कि भिवानी नागरिक अस्पताल के सामने लाटरी मार्केट स्थित गेस्ट हाउसों पर वेश्यावृत्ति का अनैतिक कार्य किया जा रहा है। पुलिस ने फर्जी ग्राहक बनाकर गेस्ट हाउस पर भेजे। इस दौरान जैसे ही काउंटर पर बैठे गेस्ट हाउस स्टाफ से लड़कियों के बारे में सौदा तय हुआ और उसने निशान लगे नोट उन्हें थमाए तो पुलिस टीम ने तीनों गेस्ट हाउस में रेड की। वहां 5 युवती व युवक-युवती के जोड़े मिले। पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाई अभी की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पत्नी से तंग आकर खुदकुशी:पति ने सुसाइड नोट छोड़ा, लिखा- मेरी लाश गांव पहुंचा देना, पत्नी को हाथ न लगाने देना
हरियाणा में पत्नी से तंग आकर खुदकुशी:पति ने सुसाइड नोट छोड़ा, लिखा- मेरी लाश गांव पहुंचा देना, पत्नी को हाथ न लगाने देना हरियाणा के हिसार में करीब 48 वर्षीय व्यक्ति आत्महत्या कर ली। उसका शव के CRM लॉ कॉलेज की दीवार के पास पेड़ से लटका मिला। उसकी पहचान चंद्रलोक कॉलोनी में रहने वाले शमशेर के तौर पर हुई। उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी व उसके भाई को जिम्मेदार बताया। आजाद नगर थाना में मृतक के बेटे नवरत्न के बयान पर पत्नी शीला व उसके भाई सहित अन्य पर केस दर्ज किया है। शव को पोस्टमॉर्टम करा परिजनों को सौंप दिया। चंद्रलोक कॉलोनी निवासी नवरत्न ने बताया कि हम तीन भाई-बहन हैं। उनका परिवार 8-10 साल से हिसार में चंद्रालोक कॉलोनी, आजाद नगर मे किराए पर रहता है। उसकी मां ऋषि नगर में एकेडमी मे प्राइवेट नौकरी करती है। वह राजगुरू मार्केट कपड़े की दुकान पर काम करता है। पिता शमशेर नशा करने का आदि था। पिता हर रोज उसकी मां से नशा करने के लिए पैसे मांगता था। कभी कभी पीछे से घर मे अलमारी से रुपए निकाल लेता। इससे पति-पत्नी में झगड़ा रहता था। फोन पर कहा…अब घर नहीं आउंगा
नवरत्न ने बताया कि 15 जून को वह काम पर गया हुआ था। बीती रात को 9 बजे वापस आया तो उसकी मां ने कहा कि तुम्हारे पिता उससे झगड़ा करके बाहर चले गए हैं। पिता ने फोन करके कहा है कि वह अब घर नही आएगा। उसने कहा कि रात 10 बजे उसने पिता को फोन मिलाया, लेकिन पिता ने फोन को नहीं उठाया। उन्होंने सोचा कि देर रात तक पिता घर आ जाएंगे। क्योंकि अक्सर झगड़ा करने के बाद वे बाहर चले जाते थे और देर रात तक वापस आ जाते थे। पुलिस ने दी सुसाइड की सूचना
नवरत्न ने बताया कि सुबह पुलिस का उनके पास फोन आया। उनको बताया कि राजगढ़ रोड पर नहर के पास छज्जू राम कॉलेज की दीवार के नजदीक पेड़ से शमशेर ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या की हुई है। सुसाइड नोट में बताई पीड़ा..लिखा-मेरे पास कोई चारा नहीं
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की। इस दौरान शमशेर के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में उसने बताया कि वह मूल रूप से कैथल का रहने वाला था। उसकी पत्नी उससे झगड़ा करती थी और उसके साथ मारपीट करती थी। बार-बार उसे धमकी देती थी। उसके भाई ने भी मुझे मारा और मेरे बच्चों को भी मेरे खिलाफ कर दिया। मेरा मन टूट गया, मेरा किसी भी काम मे मन नही लगता था। बच्चे मुझे कहने लग गए कि आप मर क्यों न जाते। अब मैं क्या करूं, मेरे पास कुछ भी नही बचा। मैं अन्दर टूट गया हूं। मेरे पास आखिरी रास्ता सिर्फ मौत का बचा है। जब लड़की की शादी करी, तो पत्नी बोली- अगर तेरे परिवार को बुलाएगा तो मैं मर जाऊंगी। निवेदन है कि मेरी लाश मेरे गांव में पहुंचा देना। मेरी पत्नी को हाथ तक न लगाने देना। सर जी, हो सके मुझे इंसाफ दिला देना। मेरे पास आखरी रास्ता यही बचा। जो भी मैंने लिखा बिल्कुल सच्चाई है जी, धन्यवाद।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द शुरू हो सकता है। हालांकि अभी इसकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है मगर 25 नवंबर से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले इसे करवाया जा सकता है। सरकार की ओर से राज्यपाल को इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। बताया जा रहा है नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं और राज्यपाल का पत्र लिख दिया है। इससे पहले एक दिवसीय सत्र लगाया गया जिसमें सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया गया।
वहीं हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर सत्र बुलाया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा जब सदन की मुख्य कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के होगी। विधायकों के एजेंडों पर रहेगी नजर
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अपने एजेंडे रखेंगे। इस बार कई विधायक पहली बार निर्वाचित हुए हैं ऐसे में वह अपने क्षेत्र की मांगों व बातों को सदन में रखेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र दो दिन तक चल सकता है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शीतकालीन सत्र होने जा रहा है, लेकिन विधानसभा को पहली बार नेता प्रतिपक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। 20 साल में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुनने में इतना लंबा समय
हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम जारी हुए थे और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। 2009 में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई थी। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव परिणाम के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। नेता चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्तूबर को चार पर्यवेक्षक भेजे थे, लेकिन विधायक दल की बैठक में हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया गया। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान 2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।
हरियाणा में कांग्रेस को झटका, किरण-श्रुति चौधरी BJP जॉइन करेंगी:पूर्व CM बंसीलाल की MLA बहू-पोती; राहुल गांधी के आगे विरोध जता चुकीं
हरियाणा में कांग्रेस को झटका, किरण-श्रुति चौधरी BJP जॉइन करेंगी:पूर्व CM बंसीलाल की MLA बहू-पोती; राहुल गांधी के आगे विरोध जता चुकीं हरियाणा के पूर्व CM चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधु और भिवानी के तोशाम से MLA किरण चौधरी कल कांग्रेस छोड़ रही है। सूत्रों के अनुसार, किरण अपनी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के साथ कल (19 जून) को ही BJP जॉइन करेगी। दोनों दिल्ली जाकर BJP हेडक्वार्टर में पार्टी में शामिल होगी। सोमवार को दिल्ली में हुई भाजपा की बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है। किरण चौधरी लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने के बाद से ही नाराज दिख रही थी। किरण ने खुलकर मीडिया के सामने कई बार राजनीतिक तौर पर उन्हें खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए। उनके अलावा कांग्रेस के एक और नेता पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा है। हालांकि कुलदीप अभी कांग्रेस में ही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द वह भी बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट मांग रही थी श्रुति, हुड्डा के करीबी को मिली
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को हरियाणा में 5-5 सीटों पर जीत मिली है। किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से अपनी बेटी श्रुति चौधरी टिकट मांग रही थी। उनकी बेटी इस सीट पर एक बार सांसद भी रह चुकी है, लेकिन पार्टी ने इस बार श्रुति की टिकट काटकर पूर्व सीएम हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दी। जिससे किरण नाराज हो गई और चुनावी प्रचार से भी पूरी तरह दोनों ने दूरी बना ली। हालात ये बने कि राव दान सिंह चुनाव हार गए। कुलदीप शर्मा करनाल सीट से थे दावेदार
इसी तरह करनाल सीट से पूर्व डिप्टी स्पीकर कुलदीप शर्मा दावेदारी जता रहे थे। यहां भी उनकी बजाय युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को बीजेपी के हैवीवेट प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने उतार दिया। दिव्यांशु बुद्धिराजा और कुलदीप शर्मा दोनों ही पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास हैं। टिकट नहीं मिलने के कारण कुलदीप शर्मा एक तरह से घर बैठ गए। कुलदीप ने बुद्धिराजा के चुनाव में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसकी वजह से इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बुरी तरह हार गए। सोनीपत की गन्नौर विधानसभा सीट से विधायक कुलदीप शर्मा सभी कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। पांच सीटें जीतने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत करनाल से ही की है। 16 जून को करनाल में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में कुलदीप शर्मा नहीं आए। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे है कुलदीप शर्मा कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं। किरण-श्रुति को राज्यसभा भेजने के भी आसार
दरअसल, दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक लोकसभा से चुनाव जीतने के बाद हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है। प्रदेश में फिलहाल बीजेपी की सरकार हैं। ऐसे में राज्यसभा में बीजेपी के ही किसी उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। चर्चा इस बात की है कि बीजेपी हरियाणा में कांग्रेस के किसी बड़े नेता को पार्टी में शामिल कराकर राज्यसभा में भेज सकती है। इनमें किरण चौधरी या उनकी बेटी श्रुति चौधरी का नाम टॉप पर है।किरण चौधरी के लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी में जाने की चर्चा चल रही थी। हालांकि माहौल को भांपकर किरण चौधरी शांत रही, लेकिन बेटी की टिकट कटने और फिर पार्टी के नेताओं द्वारा उन्हें इग्नोर करने से वे काफी आहत हुई। मीडिया के सामने किरण कई बार कह चुके है कि उन्हें दबाने और खत्म करने की साजिशें की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ ब्राह्मण चेहरे के तौर पर कुलदीप शर्मा को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें भी राज्यसभा में भेजा जा सकता है, लेकिन इसके चांस कम है। क्योंकि हरियाणा से पहले ही बीजेपी निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को समर्थन कर राज्यसभा भेज चुकी है। कई गुटों में बंटी कांग्रेस, हुड्डा ग्रुप भारी
हरियाणा में कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है। एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो दूसरा उनके एंटी एसआरके ( कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी ) गुट बना हुआ है। इसके अलावा पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी अपनी अलग राह चुने हुए हैं। कैप्टन भी इस बार गुरुग्राम सीट से दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उनकी टिकट काटकर हुड्डा की सिफारिश पर फिल्म स्टार राज बब्बर को टिकट दे दी। हालांकि राज बब्बर भी राव इंद्रजीत सिंह से चुनाव हार गए। मौजूदा वक्त में हुड्डा का गुट भारी है। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बैठे उदयभान भी उनके ही ग्रुप के हैं। हुड्डा से खटपट में कई नेता कर चुके किनारा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से खटपट के चलते पहले भी कई कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें राव इंद्रजीत सिंह, कुलदीप बिश्नोई जैसे बड़े नेता भी शामिल है। राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिणी हरियाणा के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए 2014 में पार्टी छोड़ी तो कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने के कारण 2022 में बीजेपी में शामिल हुए थे। फिलहाल राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में मंत्री तो कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा सीट को लेकर दावेदारी जता रहे है। बिश्नोई हिसार सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी टिकट काटकर चौधरी रणजीत चौटाला को चुनाव लड़ाया, लेकिन चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से चुनाव हार गए। कांग्रेस अध्यक्ष बोले- सबको भविष्य चुनने का अधिकार
किरण चौधरी के भाजपा जॉइन करने के सवाल पर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि हर नेता को अपना भविष्य का फैसला लेने का अधिकार है। अगर उन्हें वहां अपना भविष्य नजर आता है तो वह फैसला ले सकती हैं।