हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने करनाल स्थित राजकीय उत्तर रक्षा गृह (नारी निकेतन) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नारी निकेतन में रह रही लड़कियों, युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। रेणु भाटिया ने नारी निकेतन में रह रही शिक्षित लड़कियों को महिला छात्रावास में भेजने और उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर विचार किया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सामान्य जीवन जी सकें। घर से भागी बेटियों के लिए विशेष निर्देश रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की प्रभारी को निर्देश दिए कि घर से भागी बेटियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करें तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग करें। उन्होंने कहा कि हर तीन-चार माह में नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर, महिला जेल तथा वृद्धाश्रम का दौरा किया जाता है ताकि इन संस्थाओं में रह रही महिलाओं की स्थिति का आकलन किया जा सके तथा उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। फरीदाबाद केस: युवती के लिए न्याय की पहल रेणु भाटिया ने बताया कि फरीदाबाद हीयरिंग के दौरान एक केस सामने आया जिसमें 30-32 साल के व्यक्ति ने एक 18 वर्षीय युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इस मामले की शिकायत मिलने पर पता चला कि युवती करनाल में है। रेणु भाटिया उसी युवती से मिलने करनाल पहुंची। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है और युवती अपने घर जाने के लिए तैयार है। औपचारिकताएं पूरी कर युवती को परिजनों को सौंपा जाएगा। सिरसा केस: विधवा महिला को न्याय दिलाने की कोशिश रेणु भाटिया ने बताया कि सिरसा से एक महिला करनाल आई है जिसके पास चार साल का बच्चा है। आश्रम के एक बाबा ने विधवा महिला को झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए जिससे महिला गर्भवती हो गई। अब महिला के परिवार वाले उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। रेणु भाटिया ने सिरसा पुलिस से निवेदन किया है कि आरोपी बाबा को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वह अन्य महिलाओं को भी शिकार बना सकता है। घर से भागी लड़कियों से बातचीत रेणु भाटिया ने उन बेटियों से भी बातचीत की जो किसी युवक के साथ घर से भाग गई थीं लेकिन अब वे युवक जेल में हैं। वे बेटियां अब अपने घर वापस जाना चाहती हैं। जिन बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों को नहीं ले जाना चाहते, उनके लिए रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की इंचार्ज को निर्देश दिए हैं कि वे उन बेटियों के माता-पिता को बुलाकर काउंसलिंग करें ताकि वे अपनी बेटियों को घर ले जा सकें। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं रेणु भाटिया ने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में सक्षम हैं और उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई घरेलू हिंसा कर रहा है तो वे अपनी आवाज उठाएं। इसके लिए सरकार ने महिला थाने और नारी निकेतन जैसे संस्थान बनाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ महिलाएं ब्लैकमेल करने का काम करती हैं और महिला आयोग ऐसी महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है। हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने करनाल स्थित राजकीय उत्तर रक्षा गृह (नारी निकेतन) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नारी निकेतन में रह रही लड़कियों, युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। रेणु भाटिया ने नारी निकेतन में रह रही शिक्षित लड़कियों को महिला छात्रावास में भेजने और उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर विचार किया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सामान्य जीवन जी सकें। घर से भागी बेटियों के लिए विशेष निर्देश रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की प्रभारी को निर्देश दिए कि घर से भागी बेटियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करें तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग करें। उन्होंने कहा कि हर तीन-चार माह में नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर, महिला जेल तथा वृद्धाश्रम का दौरा किया जाता है ताकि इन संस्थाओं में रह रही महिलाओं की स्थिति का आकलन किया जा सके तथा उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। फरीदाबाद केस: युवती के लिए न्याय की पहल रेणु भाटिया ने बताया कि फरीदाबाद हीयरिंग के दौरान एक केस सामने आया जिसमें 30-32 साल के व्यक्ति ने एक 18 वर्षीय युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इस मामले की शिकायत मिलने पर पता चला कि युवती करनाल में है। रेणु भाटिया उसी युवती से मिलने करनाल पहुंची। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है और युवती अपने घर जाने के लिए तैयार है। औपचारिकताएं पूरी कर युवती को परिजनों को सौंपा जाएगा। सिरसा केस: विधवा महिला को न्याय दिलाने की कोशिश रेणु भाटिया ने बताया कि सिरसा से एक महिला करनाल आई है जिसके पास चार साल का बच्चा है। आश्रम के एक बाबा ने विधवा महिला को झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए जिससे महिला गर्भवती हो गई। अब महिला के परिवार वाले उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। रेणु भाटिया ने सिरसा पुलिस से निवेदन किया है कि आरोपी बाबा को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वह अन्य महिलाओं को भी शिकार बना सकता है। घर से भागी लड़कियों से बातचीत रेणु भाटिया ने उन बेटियों से भी बातचीत की जो किसी युवक के साथ घर से भाग गई थीं लेकिन अब वे युवक जेल में हैं। वे बेटियां अब अपने घर वापस जाना चाहती हैं। जिन बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों को नहीं ले जाना चाहते, उनके लिए रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की इंचार्ज को निर्देश दिए हैं कि वे उन बेटियों के माता-पिता को बुलाकर काउंसलिंग करें ताकि वे अपनी बेटियों को घर ले जा सकें। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं रेणु भाटिया ने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में सक्षम हैं और उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई घरेलू हिंसा कर रहा है तो वे अपनी आवाज उठाएं। इसके लिए सरकार ने महिला थाने और नारी निकेतन जैसे संस्थान बनाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ महिलाएं ब्लैकमेल करने का काम करती हैं और महिला आयोग ऐसी महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में नकल के लिए स्टूडेंट्स से मांगे 5-5 हजार:कॉलेज में दिखाया फ्लाइंग का डर; रुपए न देने पर छीन ली आंसर शीट हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में आज छात्र छात्राओं ने एसडीएम कार्यालय के बाहर हंगामा किया। स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि कॉलेज में फर्जी फ्लाइंग बुलाकर उनको डराया और प्रति छात्र 5 हजार रुपए की डिमांड की गई। जिन स्टूडेंट्स ने रुपए नहीं दिए, उनके पेपर छीन लिए गए। स्टूडेंट्स ने पूरे मामले में एसडीएम को शिकायत देकर कॉलेज प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की। जानकारी के अनुसार बुधवार को गोहाना के ऋषिकुल संस्कृत महाविद्यालय में परीक्षा करवाने के नाम पर छात्र छात्राओं से रुपयों की डिमांड की गई। मनीषा, निशा व अन्य छात्रों ने बताया कि वे एकता संस्कृत कॉलेज में शास्त्री की पढ़ाई के लिए ग्रेजुएशन कर रहे हैं। आज वे गोहाना के ऋषिकुल संस्कृत महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। परीक्षा के दौरान क्लास रूम में दो युवक पहुंचे। उन्होंने खुद को फ्लाइंग का हवाला दिया। स्टूडेंट्स ने बताया कि इस दौरान वे परीक्षार्थियों की आंसर शीट छीन कर ले गए। परीक्षा शुरू होने के आधा घंटे बाद ही उनकी शीट छीन ली गई। जब विद्यार्थियों ने पेपर छीनने को लेकर कारण पूछा तो उनसे प्रति छात्र 5000 रुपए की डिमांड की गई। आरोप है कि पहले भी इस प्रकार से डिमांड की गई थी। आज सेकेंड लास्ट पेपर था। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि उनको कहा गया है कि पैसे देने पर ही एग्जाम करवाया जाएगा। वहीं विद्यार्थियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर शिकायत दी है और मांग की है कि उनकी परीक्षा दोबारा से आयोजित करवाई जाए। पूरे मामले को लेकर कार्रवाई की भी मांग उठाई है।
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं हरियाणा के भिवानी जिले की पंचायत गुजरानी ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा पहन के सरेआम घुमने पर रोक लगा दी है। अगर कोई युवा कच्छा पहन कर घुमता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। गांव गुजरानी की जिस ग्राम पंचायत ने यह आदेश दिया है, उसकी सरपंच महिला है। महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा काम काज देखते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा पहन कर घूमते हैं, जिससे बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है।
गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश की अवहेलना करता है तो पहले उसके घर जाकर उसके माता-पिता से बात की जाएगी। अगर फिर भी कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी और उसे जुर्माना लगाएगी। गांव में सरपंच के आदेश की मुनादी चौकीदार से करवा दी गई है। मुनादी में कहा गया है कि कोई भी नौजवान लड़का जो कच्छे में घूमेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गुजरानी गांव में युवाओं ने कच्छा पहनकर घूमना बंद कर दिया है। पानी के नल और बैंक में जाकर खड़े हो जाते थे युवा
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में नौजवान युवक जैसे भी रहे मगर जब वह दूसरों के घर या मोहल्ले में जाए तो अदब के साथ जाएं। अगर कोई सार्वजनिक जगह यानी गांव के नल और बैंक में कच्छा पहनकर घूमता तो वह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता। ऐसे में महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है। इसलिए पंचायत को यह आदेश पारित करना पड़ा। इस आदेश के बाद दूसरी पंचायतों को भी फोन आने लगे हैं और वह अपने यहां भी इस आदेश को लागू करने की बात कह रहे हैं। महिला सरपंच के घर कच्छे में आ जाते थे लोग
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश ने बताया कि उनको तब ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी जब लोग कच्छे में ही कागज पर मोहर लगवाने आ जाते थे। सरपंच मेरी पुत्रवधू हैं और वह 35 साल की है। ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए। घर में बहन-बेटियां सबके है। इसलिए यह आदेश सुनाना पड़ा। इसमें हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि गांव में कच्छा ही नहीं घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक है। युवाओं को अगर निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहननी होगी। सरपंच के आदेश की पूरे गांव ही नहीं आसपास के गांवों में भी चर्चा बनी हुई है। सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि इस आदेश को पूरी तरह से लागू तभी किया जा पाएगा जब लोग साथ देंगे। इससे गांव दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। कच्छा पहनकर घूमना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। गांव गुजरानी की 7 हजार आबादी
आपको बता दें कि गांव गुजरानी की आबादी करीब 7 हजार है। यहां करीब 1300 घर हैं। गांव में बैंक से लेकर स्कूल तक हैं। सुरेश कुमार का परिवार पहली बार पंचायत चुनाव जीता था। सुरेश कुमार की पुत्रवधु रेणु गांव की सरपंच है। रेणु के पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी पतासो देवी, लड़का विजय कुमार उसकी पत्नी सरिता, 3 पोते और 2 पोतियां हैं।
गन्नौर में तिकोने मुकाबले में फंसी BJP- कांग्रेस:कुलदीप- कौशिक को लेकर ब्राह्मण वोटर्स उलझन में; निर्दलीय देवेंद्र ने बनाया चुनाव रोचक
गन्नौर में तिकोने मुकाबले में फंसी BJP- कांग्रेस:कुलदीप- कौशिक को लेकर ब्राह्मण वोटर्स उलझन में; निर्दलीय देवेंद्र ने बनाया चुनाव रोचक हरियाणा के सोनीपत में गन्नौर विधानसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस तिकोने मुकाबले में फंस गई है। इस सीट पर भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे देवेंद्र कादियान ने जाट वोट बैंक और पिछड़े वर्ग में सेंध लगा कर BJP के देवेंद्र कौशिक और कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को कड़ी चुनौती दी है। गन्नौर सीट पर हर चुनाव में प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला रहा है। 13 चुनाव में से 6 चुनाव में प्रत्याशी 2 हजार वोटों से कम के अंतर में जीते हैं। कुलदीप व देवेंद्र के लिए एक समस्या यह भी है कि दोनों ही ब्राह्मण समाज से हैं और अपने समाज को अपने पक्ष में करने के लिए दोनों का पूरा जोर लगा है। इन सबके बीच हलके में या तो भीड़ कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा की सभाओं में देखने को मिल रही है या फिर निर्दलीय देवेंद्र कादियान की सभा में। भीड़ को वोट मे कौन बदल पाता है, ये यहां देखने वाली बात होगी। गन्नौर विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने निर्वतमान विधायक निर्मल चौधरी की टिकट काट कर नए चेहरे देवेंद्र कौशिक को मैदान में उतारा है। देवेंद्र कौशिक के भाई रमेश कौशिक सांसद एवं विधायक रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां से विधायक व स्पीकर रह चुके कुलदीप शर्मा पर ही दांव खेला है। भाजपा सरकार में युवा आयोग के चेयरमैन रहे देवेंद्र कौशिक टिकट कटने के बाद भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा पर टिकट 100 करोड़ में बेचने के सनसनीखेज आरोप तक लगा चुके हैं। गन्नौर विधानसभा में कुल 1 लाख 95 हजार के करीब वोटर हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं की मानें तो यहां पर जाट वोटरों की संख्या 60 हजार से ज्यादा है। मुस्लिम समाज भी यहां करीब 17-18 हजार वोटों के साथ निर्णायक की भूमिका में है। वहीं ब्राह्मण समाज के वोटों की संख्या 22 हजार से ज्यादा मानी जा रही है। पट्टी ब्राह्मण, खेड़ी तगा, सनपेड़ा जैसे कई गांव में ब्राह्मण बाहुल्य हैं। अन्य वोट एससी-बीसी समाज के हैं। हुड्डा पर बाजी पलटने का दारोमदार गन्नौर हलके में जाट समाज को कांग्रेस अपना सबसे मजबूत कैडर मान कर चली रही है। इसका सबसे बड़ा कारण भूपेंद्र सिंह हुड्डा को माना जा रहा है। कभी दीपेंद्र हुड्डा के खास रहे देवेंद्र कादियान ही अब कांग्रेस को इस वर्ग में चुनौती दे रहे हैं। करनाल में रहने वाले पूर्व विधायक कुलदीप शर्मा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक के साथ अपने समाज के वोट बैंक को अपने पक्ष में मान रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा यहां लगातार दौरे कर कुलदीप के लिए वोट की अपील कर रहे हैं। भाजपा वरिष्ठ नेता प्रचार से दूर भाजपा गन्नौर में तिकोने मुकाबले में तो खड़ी है, लेकिन फिलहाल इसकी स्थिति चुनाव जीतने जैसी नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता फिलहाल गन्नौर में वोट की अपील के लिए नहीं पहुंचे हैं। देवेंद्र कौशिक व इनके भाई पूर्व सांसद रमेश कौशिक लोगों के बीच में है। भाजपा के सीएम चेहरे व कार्यकारी सीएम नायब सैनी यहां भाजपा प्रत्याशी का नामांकन कराने आए थे। पूर्व विधायक निर्मल चौधरी जरूर साथ खड़ी है। पूर्व जिला प्रधान तीरथ राणा भी कभी कभार प्रचार को आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली 1700 की बढ़त लोकसभा चुनाव की बात करें तो सोनीपत लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली ने गन्नौर हलके से करीब 1700 वोटों से बढ़त ली थी। बड़ौली ने तत्कालीन विधायक निर्मल चौधरी पर खिलाफत के आरोप लगाए थे। निर्मल के पति के नाम से कई ऑडियो भी वायरल हुए थे। उस समय बागी देवेंद्र कादियान भी भाजपा के साथ थे। वोटों का ये अंतर अब भाजपा को विधानसभा चुनाव में चिंतित किए हुए है। गन्नौर में हर चुनाव में कड़ा मुकाबला, निर्दलीय भी जीते गन्नौर में वर्ष 1967 से अब तक विधानसभा के 13 चुनाव हो चुके हैं। गन्नौर विधानसभा सीट 2005 में अस्तित्व में आई है। इससे पहले इसे कैलाना हलके के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर हर बार प्रत्याशियों में मुकाबला कड़ा व आमने सामने का रहा है। 6 चुनाव में तो प्रत्याशी की जीत का अंतर 2000 वोटों से नीचे रहा है। यहां पर 1972 व 1982 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। 1987 में लोकदल के वेद सिंह ने निर्दलीय राजिंद्र सिंह को 17,614 वोटों से हराया और यह गन्नौर के इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी जीत है। वर्ष 2009 व 2019 के चुनाव में जीत की अंतर 10 हजार से थोड़ा उपर रहा। 2000 के चुनाव में कांग्रेस के जितेंद्र मलिक इनेलो से मात्र 740 वोटों से जीते थे। गन्नौर (2005 तक कैलाना) सीट का इतिहास…