राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमृतपाल द्वारा दायर अर्जी में उन्होंने हिरासत आदेशों सहित एनएसए के तहत शुरू की गई पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। अमृतपाल सिंह ने दायर अर्जी में कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत अवैध है। इसे रद्द किया जाना चाहिए। न केवल एक साल से अधिक समय तक हिरासत अधिनियम लागू करके बल्कि उन्हें पंजाब से 2600 किलोमीटर दूर हिरासत में रखकर असामान्य और क्रूर तरीके से उनकी स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से छीन लिया गया है। अमृतपाल सिंह का कहना है कि इस नजरबंदी का कोई उद्देश्य नहीं है, सिवाय इसके कि उन्हें प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ बोलने के लिए दंडित किया जा रहा है, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। अमृतसर डीसी द्वारा एनएसए लगाए जाने को गलत ठहराया गया अमृतपाल सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनकी हिरासत का आधार मुख्य रूप से दुनिया भर के विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपलोड किए गए सोशल मीडिया पोस्ट हैं। जिसका पंजाब राज्य में शायद ही कोई प्रभाव पड़ता हो। भारत राज्य की सुरक्षा इतनी कमजोर नहीं हो सकती कि सोशल मीडिया पोस्ट से उस पर असर पड़ सके। अमृतपाल सिंह ने अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एनएसए के तहत भारत की सुरक्षा के संबंध में आदेश पारित किए जाने को भी गलत ठहराया है। याचिका में कहा गया है कि अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट एनएसए की धारा 3(3) के तहत “भारत की सुरक्षा” के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं कर सकते हैं और केवल केंद्र सरकार या राज्य सरकार ही एनएसए की धारा 3(1) के तहत इसे जारी कर सकती है। मार्च 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल अमृतपाल सिंह की बात करें तो वे मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को बिना किसी औपचारिक आरोप के 12 महीने तक किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन अमृतपाल सिंह की हिरासत अवधि तीन महीने और बढ़ा दी गई है। चुनाव से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उनके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने के कई प्रयास किए, जो असफल रहे। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनाव में उतारने की कोशिश की। हैरानी की बात यह रही कि खडूर साहिब की जनता ने पारंपरिक पार्टियों को इस कदर नकार दिया कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीत गए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए अगर NSA हटा देती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमृतपाल द्वारा दायर अर्जी में उन्होंने हिरासत आदेशों सहित एनएसए के तहत शुरू की गई पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। अमृतपाल सिंह ने दायर अर्जी में कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत अवैध है। इसे रद्द किया जाना चाहिए। न केवल एक साल से अधिक समय तक हिरासत अधिनियम लागू करके बल्कि उन्हें पंजाब से 2600 किलोमीटर दूर हिरासत में रखकर असामान्य और क्रूर तरीके से उनकी स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से छीन लिया गया है। अमृतपाल सिंह का कहना है कि इस नजरबंदी का कोई उद्देश्य नहीं है, सिवाय इसके कि उन्हें प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ बोलने के लिए दंडित किया जा रहा है, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। अमृतसर डीसी द्वारा एनएसए लगाए जाने को गलत ठहराया गया अमृतपाल सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनकी हिरासत का आधार मुख्य रूप से दुनिया भर के विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपलोड किए गए सोशल मीडिया पोस्ट हैं। जिसका पंजाब राज्य में शायद ही कोई प्रभाव पड़ता हो। भारत राज्य की सुरक्षा इतनी कमजोर नहीं हो सकती कि सोशल मीडिया पोस्ट से उस पर असर पड़ सके। अमृतपाल सिंह ने अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एनएसए के तहत भारत की सुरक्षा के संबंध में आदेश पारित किए जाने को भी गलत ठहराया है। याचिका में कहा गया है कि अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट एनएसए की धारा 3(3) के तहत “भारत की सुरक्षा” के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं कर सकते हैं और केवल केंद्र सरकार या राज्य सरकार ही एनएसए की धारा 3(1) के तहत इसे जारी कर सकती है। मार्च 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल अमृतपाल सिंह की बात करें तो वे मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को बिना किसी औपचारिक आरोप के 12 महीने तक किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन अमृतपाल सिंह की हिरासत अवधि तीन महीने और बढ़ा दी गई है। चुनाव से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उनके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने के कई प्रयास किए, जो असफल रहे। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनाव में उतारने की कोशिश की। हैरानी की बात यह रही कि खडूर साहिब की जनता ने पारंपरिक पार्टियों को इस कदर नकार दिया कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीत गए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए अगर NSA हटा देती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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