<p style=”text-align: justify;”><strong>Gorakhpur News:</strong> यूपी के गोरखपुर में एक ताजिया चर्चा का विषय बनी हुई है. इसे चेहल्लुम तक लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा. चेहल्लुम के बाद इसे कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. जब ये ताजिया बनकर तैयार हुआ, तो लोग हैरत में पड़ गए. इसके अंदर जाकर इसके दर्शन भी किए जा सकते है. ये ताजिया हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी (रह.) के मजार की नकल है. हिन्दू-मुस्लिम सभी के सहयोग से बनी इस ताजिया को देखने के लिए दूर-दराज से आ रहे हैं. जहां भी जिसने इस ताजिया को देखा, इसकी फोटो लेने से खुद को रोक नहीं सका. <br /> <br />गोरखपुर के चौरीचौरा के बाल खुर्द में बनी ये ताजिया दसवीं मोहर्रम के पहले ही चर्चा में आ गई. इस ताजिया को बनाने में 500 बांस का इस्तेमाल किया गया है. इसमें दो लाख के कागज और थर्माकोल का इस्तेमाल किया गया है. इस ताजिया को तैयार करने में 10 माह का समय लगा है. गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल होने के साथ ही ये ताजिया आकर्षण का केन्द्र बन गयी है. इस ताजिया को मुसलमान भाईयों के साथ हिन्‍दू भाइयों ने मिलकर बनवाया है. जिसे देखने के लिए लोग दूर दराज क्षेत्रों से आ रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दस माह में बनकर तैयार हुई है ताजिया</strong><br />यह ताजिया 30 फिट लम्बाई और 30 फिट चौड़ाई यानी नौ सौ वर्ग फिट में किछौछा शरीफ दरगाह को ताजिया के रूप में बनाने की बात हुई. दस माह पूर्व कुशीनगर जिले के पिपरपाती, सुकरौली निवासी ताजिया कारीगर इमामुद्दीन, पिडरा निवासी मोहम्मद यासीन, बाल बुजुर्ग चौरी चौरा निवासी फूल मोहम्मद और थर्माकोल कारीगर फैशल अजीज से सम्पर्क कर लगने वाले सामानों और आने वाले खर्च के बारे में जानकारी ली. फिर दस माह पूर्व काम शुरू किया गया. दस माह में ताजिया बनकर तैयार हुई और उसे लोगों के जियारत के लिए रखा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मजीद अली ने कहा कि चौरीचौरा की धरती हिन्दू मुस्लिम एकता की परिचायक है. इस ताजिया निर्माण में मुस्लिम के साथ हिन्दू भाइयों का भी सहयोग मिला है. तीस फिट लंबा और तीस फिट चौड़ाई और 40 फिट की ऊंचाई में बनी इस ताजिया में 5 सौ से ज्यादा बांस, 25 किलो ग्राम कांटी और दो लाख रुपए का कागज और थर्माकोल लगाया गया है. इस ताजिया को बनाने में पांच कारीगरों के साथ सैयद अली, छोटेलाल, सलीम, शेरू, मोहित, समीर, सलमान और अल्तमश ने अपना सहयोग दिया. नौ सौ वर्ग फिट में बनी बाल खुर्द की ताजिया किछौछा शरीफ के दरगाह की हूबहू नकल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ताजिया के अंदर भी जा सकते है</strong><br />प्रवेश द्वार से अंदर जाने पर बाएं तरफ हजरत इमाम हुसैन और इमाम हसन का मजार शरीफ और दाएं तरफ मखदूम अशरफ के मजार को बनाया गया है. अंदर की तरफ भरपूर जगह होने से आसानी से घूमकर देख सकते हैं. ताजिया निर्माण कमेटी के सहयोग के साथ ही पूर्व जिपंस श्याम मिलन यादव, पूर्व चेयरमैन ज्योति प्रकाश गुप्ता, चैयरमैन सन्नी जायसवाल, बिरजा नन्द यादव, लवी जायसवाल, बाबू विशुनपुरा निवासी मुंशी प्रसाद ने ताजिया निर्माण में अपना सहयोग दिया है. बाल खुर्द में बनी ताजिया यूं तो बिना किसी छाया के रखी गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कमेटी का कहना है कि ताजिया को चेहल्लुम तक रखने के लिए बनाया गया है. बरसात नहीं हुआ तो ताजिया चेहल्लुम तक सही सलामत रहेगी. चेहल्लुम बाद उसे दफन किया जाएगा. बाल खुर्द में बड़ी ताजिया रखने वाली कमेटी की तरफ से 20 जुलाई को उसी स्थान पर मुकाबला कौवाली का कार्यक्रम रखा गया है. जिसमें मशहूर कव्वाल शरीफ परवाज और उजमा बानो फैजाबादी का जोरदार कव्वाली मुकाबला होगा. इस दौरान कमेटी की तरफ से लंगर बांटने का भी इंतजाम किया गया है. जिसमें लोगों को पूड़ी सब्जी के साथ खीर बांटा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gorakhpur-kvk-iri-started-project-cost-paddy-and-wheat-cultivation-decrease-productivity-increase-ann-2741526″>गोरखपुर: धान और गेहूं की खेती में घटेगी लागत, बढ़ेगा उत्पादन, इरी ने गोरखपुर में शुरू की परियोजना</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Gorakhpur News:</strong> यूपी के गोरखपुर में एक ताजिया चर्चा का विषय बनी हुई है. इसे चेहल्लुम तक लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा. चेहल्लुम के बाद इसे कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. जब ये ताजिया बनकर तैयार हुआ, तो लोग हैरत में पड़ गए. इसके अंदर जाकर इसके दर्शन भी किए जा सकते है. ये ताजिया हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी (रह.) के मजार की नकल है. हिन्दू-मुस्लिम सभी के सहयोग से बनी इस ताजिया को देखने के लिए दूर-दराज से आ रहे हैं. जहां भी जिसने इस ताजिया को देखा, इसकी फोटो लेने से खुद को रोक नहीं सका. <br /> <br />गोरखपुर के चौरीचौरा के बाल खुर्द में बनी ये ताजिया दसवीं मोहर्रम के पहले ही चर्चा में आ गई. इस ताजिया को बनाने में 500 बांस का इस्तेमाल किया गया है. इसमें दो लाख के कागज और थर्माकोल का इस्तेमाल किया गया है. इस ताजिया को तैयार करने में 10 माह का समय लगा है. गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल होने के साथ ही ये ताजिया आकर्षण का केन्द्र बन गयी है. इस ताजिया को मुसलमान भाईयों के साथ हिन्‍दू भाइयों ने मिलकर बनवाया है. जिसे देखने के लिए लोग दूर दराज क्षेत्रों से आ रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दस माह में बनकर तैयार हुई है ताजिया</strong><br />यह ताजिया 30 फिट लम्बाई और 30 फिट चौड़ाई यानी नौ सौ वर्ग फिट में किछौछा शरीफ दरगाह को ताजिया के रूप में बनाने की बात हुई. दस माह पूर्व कुशीनगर जिले के पिपरपाती, सुकरौली निवासी ताजिया कारीगर इमामुद्दीन, पिडरा निवासी मोहम्मद यासीन, बाल बुजुर्ग चौरी चौरा निवासी फूल मोहम्मद और थर्माकोल कारीगर फैशल अजीज से सम्पर्क कर लगने वाले सामानों और आने वाले खर्च के बारे में जानकारी ली. फिर दस माह पूर्व काम शुरू किया गया. दस माह में ताजिया बनकर तैयार हुई और उसे लोगों के जियारत के लिए रखा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मजीद अली ने कहा कि चौरीचौरा की धरती हिन्दू मुस्लिम एकता की परिचायक है. इस ताजिया निर्माण में मुस्लिम के साथ हिन्दू भाइयों का भी सहयोग मिला है. तीस फिट लंबा और तीस फिट चौड़ाई और 40 फिट की ऊंचाई में बनी इस ताजिया में 5 सौ से ज्यादा बांस, 25 किलो ग्राम कांटी और दो लाख रुपए का कागज और थर्माकोल लगाया गया है. इस ताजिया को बनाने में पांच कारीगरों के साथ सैयद अली, छोटेलाल, सलीम, शेरू, मोहित, समीर, सलमान और अल्तमश ने अपना सहयोग दिया. नौ सौ वर्ग फिट में बनी बाल खुर्द की ताजिया किछौछा शरीफ के दरगाह की हूबहू नकल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ताजिया के अंदर भी जा सकते है</strong><br />प्रवेश द्वार से अंदर जाने पर बाएं तरफ हजरत इमाम हुसैन और इमाम हसन का मजार शरीफ और दाएं तरफ मखदूम अशरफ के मजार को बनाया गया है. अंदर की तरफ भरपूर जगह होने से आसानी से घूमकर देख सकते हैं. ताजिया निर्माण कमेटी के सहयोग के साथ ही पूर्व जिपंस श्याम मिलन यादव, पूर्व चेयरमैन ज्योति प्रकाश गुप्ता, चैयरमैन सन्नी जायसवाल, बिरजा नन्द यादव, लवी जायसवाल, बाबू विशुनपुरा निवासी मुंशी प्रसाद ने ताजिया निर्माण में अपना सहयोग दिया है. बाल खुर्द में बनी ताजिया यूं तो बिना किसी छाया के रखी गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कमेटी का कहना है कि ताजिया को चेहल्लुम तक रखने के लिए बनाया गया है. बरसात नहीं हुआ तो ताजिया चेहल्लुम तक सही सलामत रहेगी. चेहल्लुम बाद उसे दफन किया जाएगा. बाल खुर्द में बड़ी ताजिया रखने वाली कमेटी की तरफ से 20 जुलाई को उसी स्थान पर मुकाबला कौवाली का कार्यक्रम रखा गया है. जिसमें मशहूर कव्वाल शरीफ परवाज और उजमा बानो फैजाबादी का जोरदार कव्वाली मुकाबला होगा. इस दौरान कमेटी की तरफ से लंगर बांटने का भी इंतजाम किया गया है. जिसमें लोगों को पूड़ी सब्जी के साथ खीर बांटा जाएगा.</p>
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