गुरु पूर्णिमा पर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के लिए 24 घंटे में 50 लाख लोग पहुंचे हैं। गोवर्धन पर्वत मथुरा से 21 किमी और वृंदावन से 23 किमी की दूरी पर है। भक्त यहां परिक्रमा अपनी आस्था के अनुसार करते हैं। परिक्रमा 21 किमी की है, जो 2 हिस्सों में बंटी हुई है। पैदल और दंडवत के साथ बुजुर्ग भक्त ई-रिक्शा से भी परिक्रमा करते हैं। गोवर्धन पर्वत को लेकर कई मान्यताएं हैं। कहते हैं इस पर्वत को पूजने के लिए कोई इसकी एक शिला घर ले जाना चाहे तो उसे वहां उतना ही सोना छोड़ना चाहिए। बिना सोना रखे जो शिला ले जाएगा, उसे भयंकर नर्क भोगना पड़ेगा। देखिए इस गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की ड्रोन वीडियो… गुरु पूर्णिमा पर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के लिए 24 घंटे में 50 लाख लोग पहुंचे हैं। गोवर्धन पर्वत मथुरा से 21 किमी और वृंदावन से 23 किमी की दूरी पर है। भक्त यहां परिक्रमा अपनी आस्था के अनुसार करते हैं। परिक्रमा 21 किमी की है, जो 2 हिस्सों में बंटी हुई है। पैदल और दंडवत के साथ बुजुर्ग भक्त ई-रिक्शा से भी परिक्रमा करते हैं। गोवर्धन पर्वत को लेकर कई मान्यताएं हैं। कहते हैं इस पर्वत को पूजने के लिए कोई इसकी एक शिला घर ले जाना चाहे तो उसे वहां उतना ही सोना छोड़ना चाहिए। बिना सोना रखे जो शिला ले जाएगा, उसे भयंकर नर्क भोगना पड़ेगा। देखिए इस गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की ड्रोन वीडियो… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मोहाली एयरपोर्ट पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा होगी स्थापित:सीएम ने PWD अधिकारियों से मीटिंग की, 28 सितंबर को होगी समर्पित
मोहाली एयरपोर्ट पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा होगी स्थापित:सीएम ने PWD अधिकारियों से मीटिंग की, 28 सितंबर को होगी समर्पित मोहाली स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिवस पर उनकी 35 फुट की प्रतिमा स्थापित होगी। सीएम भगवंत मान इस प्रतिमा को जनता को समर्पित करेंगे। इसी मामले को लेकर आज वीरवार को पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों से सीएम भगवंत मान ने मीटिंग की। साथ ही प्रतिमा के चल रहे काम की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि एयरपोर्ट का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर रखा गया है। यह प्रतिमा वहां पर आने वाले लोगों को शहीदों की कुर्बानियों को याद दिलाएगा।
AI तय करेगा दिल्ली में मोहल्ला बसों के रूट, मंत्री कैलाश गहलोत बोले- गेम चेंजर साबित होगा
AI तय करेगा दिल्ली में मोहल्ला बसों के रूट, मंत्री कैलाश गहलोत बोले- गेम चेंजर साबित होगा <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Mohalla Bus Route News:</strong> दिल्ली सरकार मोहल्ला बसों के रूट को अंतिम रूप देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रही है. आईआईटी-दिल्ली के AI से, केजरीवाल सरकार प्रमुख क्षेत्रों को इंगित करने और बस रूट को डिजाइन करने के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स और AI-संचालित समाधानों का इस्तेमाल करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने रूटों की पहचान करने और क्षेत्र में मोहल्ला बसों के संचालन का आंकलन करने के लिए सहायक यातायात निरीक्षकों (एटीआई) को भी तैनात किया है. 32 सहायक यातायात निरीक्षकों (एटीआई) की एक टीम बनाई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एटीआई की टीमें तैनात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस टीम को चार जोन में विभाजित किया गया है, प्रत्येक जोन में चार एटीआई की दो टीमें हैं. ये टीमें रूटों पर 9-मीटर मोहल्ला बसों के संचालन की व्यावहारिक चुनौतियों को समझने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य करेंगी. टीम इन क्षेत्रों में नए मार्ग शुरू करने पर जनता से इनपुट भी जुटाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैलाश गहलोत ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एक बयान में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “सार्वजनिक परिवहन में AI और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग दिल्ली के लिए गेम-चेंजर साबित होगा. हम मोहल्ला बस रूट को अंतिम रूप देने में एटीआई की भी मदद ले रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कम सेवा वाले और अधिक फुटफॉल वाले क्षेत्रों की पहचान करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा मोहल्ला बस नेटवर्क न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाए बल्कि कुशलतापूर्वक और स्थायी रूप से संचालित भी हो. यह पहल दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब तक जमा किये गये बिग डेटा का विश्लेषण करके AI मोहल्ला बस तैनाती के लिए कम सेवा वाले और उच्च फुटफॉल वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक होगी. इससे एक अनुकूलित रूट नेटवर्क डिजाइन करने में मदद मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपूर्ति और मांग मॉडल निर्माण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आईआईटी-दिल्ली ऐसे सभी ओरिजिन और गंतव्य की पहचान करने के लिए एक मॉडल विकसित करेगा, जहां यात्रियों की संख्या ज़्यादा होने के बावजूद वर्तमान में कम बसें चल रही हैं. यह मॉडल वर्तमान पारगमन नेटवर्क और कनेक्टिविटी का मूल्यांकन करने के लिए रियल वर्ल्ड ट्रैवल टाईम डेटा का उपयोग करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह स्थानों के बीच यात्रा की आसानी निर्धारित करने और कम सेवा वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए परिवहन एजेंसियों और गूगल मानचित्र सहित यात्री सूचना प्लेटफार्मों से पारगमन और यात्रा समय डेटा भी कैप्चर करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेटवर्क-वाइड ट्रैवल डिमांड मॉडल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मॉडल स्थान-आधारित सेवाओं और जीपीएस-सक्षम ऐप्स से यात्रा डेटा एकत्र करेगा और इसे मूल-गंतव्य मैट्रिक्स प्रारूप में परिवर्तित करेगा. यात्रा पैटर्न का विश्लेषण करने और हाई -फुटफॉल वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए यह दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) से सवारियों के डेटा का विश्लेषण करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूट नेटवर्क डिज़ाइन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विकसित मॉडल का उपयोग करके, आईआईटी-दिल्ली मोहल्ला बसों के लिए एक कुशल रूट नेटवर्क डिजाइन करेगा. इसमें AI/मेटाहेरिस्टिक्स-आधारित रूटिंग एल्गोरिदम शामिल होगा जो परिवर्तनीय यात्री भार को संभालने, कवरेज को अधिकतम करने और मार्ग व्यवहार्यता और उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित करने में सक्षम होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एल्गोरिदम मौजूदा पारगमन नेटवर्क, यात्रा की मांग, परिचालन संबंधी बाधाओं और ड्राइविंग की तुलना में सामान्यीकृत लागत सहित उपयोगकर्ता अनुभव कारकों पर विचार करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूटों की निगरानी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मोहल्ला बसों के लिए रूट डिज़ाइन के बाद, आईआईटी-दिल्ली रूटों की निगरानी में दिल्ली परिवहन विभाग की मदद भी करेगा. इसमें रियलटाईम डेटा संग्रह और विश्लेषण महत्वपूर्ण होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>समावेशी और ग्राउंडेड दृष्टिकोण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>AI का लाभ उठाने के अलावा, दिल्ली सरकार मोहल्ला बसों के रूट निर्धारण के लिए क्षेत्र के विधायकों, स्थानीय लोगों के इनपुट और परिवहन विभाग की तकनीकी टीम द्वारा 30-दिवसीय व्यापक जमीनी मूल्यांकन के दौरान इकट्ठा किए गए डेटा का भी इस्तेमाल कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केजरीवाल सरकार ने हाल ही में मोहल्ला बस सेवाओं का परीक्षण शुरू किया है. ये वर्तमान में दो रूटों पर चल रही है. प्रधान एन्क्लेव पुस्ता से मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन, और अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन से मयूर विहार फेज-III पेपर मार्केट तक.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”AAP के दफ़्तर का जल्द बदल जाएगा पता, जानिये क्या होगा नया एड्रेस?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/aap-new-office-allotted-by-central-govt-after-court-orders-aam-aadmi-party-headquarters-address-ravi-shankar-shukla-lane-new-delhi-ann-2745861″ target=”_self”>AAP के दफ़्तर का जल्द बदल जाएगा पता, जानिये क्या होगा नया एड्रेस?</a></strong></p>
बहुचर्चित हाथरस कांड के 4 साल पूरे:भाई बोला- जब तक पूरा न्याय नहीं मिलेगा बहन की अस्थियों को विसर्जित नहीं करूंगा
बहुचर्चित हाथरस कांड के 4 साल पूरे:भाई बोला- जब तक पूरा न्याय नहीं मिलेगा बहन की अस्थियों को विसर्जित नहीं करूंगा हाथरस कांड को आज 4 साल पूरे हो चुके हैं। 14 सितंबर 2020 को आज के ही दिन चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में अनुसूचित जाति की एक युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। इसके बाद 29 सितंबर 2020 को इस युवती ने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया था। मामले में इसी गांव के संदीप, रवि रामू और लवकुश के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने बिना घर वालों की सहमति के युवती के शव का रात्रि में ही अंतिम संस्कार कर दिया था। इस घटना को लेकर योगी सरकार की काफी फजीहत हुई थी। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सहित कई अधिकारियों को निलंबित किया गया था। मामले की जांच सीबीआई को सौंप गई थी और सीबीआई ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था। 2 मार्च 2023 को इस मामले में स्थानीय न्यायालय का फैसला आया था। न्यायालय ने इसे गैंगरेप का मामला नहीं माना था। न्यायालय ने इसे गैर इरादतन हत्या का मामला माना था। न्यायालय ने तीन आरोपियों रामू, रवि और लवकुश को निर्दोष माना था और एक आरोपी संदीप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तीनों आरोपी जमानत पर पहले से ही जेल से रहा हो चुके थे। संदीप अभी जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी गई थी। 4 साल बाद भी पीड़ित परिवार सुरक्षा के कड़े घेरे में रह रहा है। बिटिया के भाई का कहना है कि वह और उसके परिवार के 9 सदस्य आज सुरक्षा के बीच कैदियों जैसी जिंदगी बिता रहे हैं। उसका और उसके भाई का 4 साल पहले ही रोजगार छूट गया था। उस समय सरकार ने परिवार की एक सदस्य को सरकारी नौकरी और आवास देने का वादा किया था, लेकिन यह बात अभी तक पूरा नहीं हुआ। कोर्ट का आदेश भी सरकार ने नहीं माना। न्याय के लिए जारी रहेगी जंग
बिटिया के भाई का कहना है कि उसे अभी तक पूरा न्याय नहीं मिला है। न्याय के लिए उसकी जंग जारी रहेगी। उसका यह भी कहना है कि जब तक उन्हें पूरा न्याय नहीं मिलेगा, वह अपनी बहन की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेगा।