Guru Purnima 2024: भरतपुर में गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों की परिक्रमा के लिए उमड़ा जनसैलाब, जयकारों से भक्तिमय हुआ माहौल Guru Purnima 2024: भरतपुर में गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों की परिक्रमा के लिए उमड़ा जनसैलाब, जयकारों से भक्तिमय हुआ माहौल राजस्थान Bihar News: नालंदा में शराबी पिता से परेशान बेटी ने पुलिस को किया कॉल, गिरफ्तार, जानें पूरा वाकया
Related Posts
आगरा में बारिश से भरभरा कर गिरी घर की छत, मां-बेटी समेत तीन लोग मलबे में दबे, रेस्क्यू जारी
आगरा में बारिश से भरभरा कर गिरी घर की छत, मां-बेटी समेत तीन लोग मलबे में दबे, रेस्क्यू जारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Agra News Today:</strong> ताजनगरी आगरा में कड़ाके की ठंडक के बीच देर रात बारिश हुई. रुक रुक कर हो रही इस बारिश में एक मकान धराशायी हो गया है. इस हादसे में परिवार के सदस्य मकान के मलबे में दब गए. इस हादसे के मौके पर हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस बल और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि यह हादसा बारिश की वजह से हुआ है. मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्काल राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया और मलबे में दबे लोगों को निकालने के रेस्क्यू अभियान चलाया. धराशायी मकान के मलबे में एक परिवार की मां और दो बेटियां दब गई थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मां बेटी मलबे में मिली</strong><br />हादसे के बाद मां अनीता मकान की छत के नीचे काफी देर तक दबी रही. जिंदगी और मौत के बीच सांसे चल रही थी. राहत बचाव कार्य कर रही टीम ने कड़ी मेहनत के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला. जिसके बाद अधिकारियों और परिजनों ने राहत की सांस ली. पीड़ितों को तत्काल इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 4 की है. जहां देर रात करीब 3.30 बजे बारिश की वजह से एक मकान की छत भरभरा कर गिर गई. घटना के बाद क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई. किसी ने इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीड़ितों का इलाजा जारी</strong><br />पुलिस के मुताबिक, हादसे में एक मकान की छत धराशायी हो गई, जिसमें तीन लोग दब गए. मौके पर पहुंचे पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया. कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने मकान के मलबे में दबे लोगों बाहर निकाला और फिर आनन फानन में एंबुलेंस के जरिये एसएन मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि मकान की छत बारिश की वजह से धराशायी हो गई. मकान के मलवे में दबे लोगों की चीख पुकार सुनकर अफरा तफरी मच गई. मौके पर मदद के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और पुलिस के साथ रेस्क्यू में भाग लिया. मलबे में फंसी मां और बेटी को रेस्क्यू कर फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”दुहाई डिपो में बारिश के पानी को भूगर्भ में पहुंचाने की स्मार्ट पहल, 66 लाख लीटर मिलेगा साफ पानी” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-namo-bharat-duhai-depot-special-ponds-built-for-rain-water-harvesting-ann-2864307″ target=”_blank” rel=”noopener”>दुहाई डिपो में बारिश के पानी को भूगर्भ में पहुंचाने की स्मार्ट पहल, 66 लाख लीटर मिलेगा साफ पानी</a></strong></p>
17वें करमापा की जल्द हो सकती है भारत वापसी:स्विटजरलैंड में दलाई लामा से हुई मुलाकात; 2018 में ली थी डोमिनिका की नागरिकता
17वें करमापा की जल्द हो सकती है भारत वापसी:स्विटजरलैंड में दलाई लामा से हुई मुलाकात; 2018 में ली थी डोमिनिका की नागरिकता तिब्बती बौद्ध धर्म के 900 वर्ष पुराने करमा कग्यु बौद्ध पंथ के मुखिया 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे दिसंबर 1999 से निर्वासन में रहने के बाद जल्द ही भारत लौट सकते हैं। 25 अगस्त को स्विटजरलैंड के ज्यूरिख में दलाई लामा के साथ तिब्बती आध्यात्मिक नेता की हाल ही में हुई मुलाकात ने उनके अनुयायियों के बीच उम्मीदों को फिर से जगा दिया है। उन्हें जल्द ही भारत में फिर से प्रवेश करने की अनुमति मिल सकती है। सात वर्षों में पहली बार हुई यह मुलाकात करमापा की वापसी को लेकर बढ़ती प्रत्याशा की पृष्ठभूमि में हुई। 17वें करमापा का प्रभाव न केवल भारत के सिक्किम व अरुणाचल प्रदेशों में है, बल्कि यूरोप के कई देशों सहित अमेरिका व चीन के एक बड़े हिस्से में भी है। 14 साल की उम्र में छोड़ दिया था तिब्बत करमापा तिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू संप्रदाय के प्रमुख हैं, जो तिब्बत में पुनर्जन्म की सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है। चीनी शासन के तहत धार्मिक स्वतंत्रता की कमी का हवाला देते हुए, उन्होंने दिसंबर 1999 में 14 साल की उम्र में तिब्बत छोड़ दिया था। भारत में शरण लेने के लिए, करमापा मुख्य रूप से धर्मशाला के पास सिद्धबाड़ी में ग्युतो तांत्रिक बौद्ध मठ में रहते थे, जहां उन्हें भारत सरकार द्वारा सम्मानित अतिथि के रूप में माना जाता था। कई वर्षों तक करमापा तिब्बती निर्वासितों और भारतीय अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्ति बन गए। मार्च 2018 में ली डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की नागरिकता खासकर पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में मई 2017 में करमापा तीन महीने के वीज़ा पर यूरोप के लिए भारत से रवाना हुए थे। इसके बाद मार्च 2018 में करमापा ने डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की नागरिकता हासिल की और उस देश का पासपोर्ट प्राप्त किया। डोमिनिका कैरेबियन सागर में वेस्टइंडीज में एक द्वीप देश है। 17वें करमापा को 1992 में दलाई लामा और चीन सरकार थी मान्यतातिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू स्कूल के प्रमुख करमापा, तिब्बतियों के लिए दलाई लामा और पंचन लामा के बाद तीसरे सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध लामा हैं। 1985 में खानाबदोशों के एक परिवार में जन्मे उग्येन त्रिनले दोरजे को 1992 में दलाई लामा और चीन की साम्यवादी सरकार दोनों ने उग्येन त्रिनले दोरजे को 17वें करमापा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी थी, वे एकमात्र वरिष्ठ तिब्बती बौद्ध लामा थे जिन पर स्वीकृति की दोहरी मुहर लगी थी। चूंकि दलाई लामा द्वारा मान्यता मिलने के बाद पंचन लामा चीनी अधिकारियों की हिरासत में हैं, इसलिए करमापा का महत्व और भी बढ़ गया है। करमापा को वापस लाने के प्रयास सिक्किम, एक ऐसा राज्य है जहां बौद्धों की अच्छी खासी आबादी है, और यहाँ लंबे समय से करमापा की वापसी के लिए पैरवी की जा रही है। राजधानी गंगटोक में स्थित रुमटेक मठ उनकी निर्वासित सीट है। हाल ही में, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने 17वें करमापा को भारत और विशेष रूप से सिक्किम वापस लाने की संभावना पर चर्चा करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। तमांग ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। हालांकि करमापा और दलाई लामा के बीच बैठक से उम्मीदें जगी हैं, लेकिन उनके बीच हुई बातचीत का सटीक विवरण अभी तक गुप्त रखा गया है।
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला टला:CAS ने नई तारीख दी; महावीर फोगाट बोले- देश लौटने पर गोल्ड मेडलिस्ट जैसा स्वागत करेंगे
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला टला:CAS ने नई तारीख दी; महावीर फोगाट बोले- देश लौटने पर गोल्ड मेडलिस्ट जैसा स्वागत करेंगे हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका अभी और इंतजार करना पड़ेगा। खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने फैसला 16 अगस्त तक टाल दिया है। इससे पहले CAS ने 10 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की थी। इस मामले में डॉ. एनाबेले बेनेट को फैसला सुनाना है। वहीं, आज अगर फैसला होता तो इसके बाद CAS में विनेश के वकील रहे हरीश साल्वे और भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की प्रमुख पीटी ऊषा को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी। वहीं, इस मामले पर विनेश के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा है कि हम विनेश का गोल्ड मेडलिस्ट की तरह की स्वागत करेंगे। विनेश के संन्यास को लेकर उन्होंने कहा कि जिस खिलाड़ी के साथ इतने बड़े स्तर पर ऐसा बर्ताव हो जाता है, वह खिलाड़ी ऐसा फैसला ले लेता है। पेरिस से लौटने पर विनेश को पूरा परिवार मनाएगा और 2028 के ओलिंपिक के लिए तैयारी शुरू करेंगे। 16 को देश लौटेंगी विनेश वहीं, विनेश फोगाट के भारत लौटने के सस्पेंस से भी पर्दा उठ गया है। विनेश 16 अगस्त को स्वदेश लौटेंगी। सुबह 10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उनकी फ्लाइट पहुंचने की संभावना है। एयरपोर्ट से वह अपने पैतृक गांव बलाली पहुंचेंगी। एयरपोर्ट से लेकर बलाली गांव तक विभिन्न स्थानों पर रेसलर का स्वागत होगा। वहीं, पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी के बाद बाकी खिलाड़ी भारत लौट चुके हैं। एक दिन पहले विनेश को खेल विलेज के बाहर बैग के साथ स्पॉट किया गया था। चर्चा थी कि मंगलवार को विनेश भारत लौट सकती हैं। वेट बढ़ने पर अयोग्य करार दी गईं बता दें कि विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया। उधर, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ”वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।” विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है। इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था। भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। एक दिन में लगातार 3 मुकाबले लड़ने के बाद उसके शरीर को डाइट की भी जरूरत थी। भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। न ही कोई डोपिंग जैसा कोई इश्यू है। पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”।