हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक फैक्ट्री मालिक का नौकर 20 लाख रुपये लेकर फरार हो गया। उसने पैसे एक बैग में डालकर दिल्ली में अपने दोस्त के पास भेज दिए थे। लेकिन कुछ देर बाद उसका फोन बंद हो गया। बस स्टैंड थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के सेक्टर-4 निवासी वीरेंद्र कुमार ने राजीव नगर में लक्ष्मी ट्रेडिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग के नाम से फैक्ट्री लगा रखी है। कंपनी तांबे और बर्तनों का काम करती है। वीरेंद्र कुमार के अनुसार गांव रसूली निवासी नीरज पिछले 10 साल से उनके पास नौकर के तौर पर काम कर रहा है। बैग में भरकर भेजे थे 20 लाख रुपये वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उनका एक दोस्त इमरत दिल्ली के करोल बाग में रहता है। चूंकि इमरत दिल्ली में सारा काम देखता है, इसलिए उसका नौकर नीरज अक्सर उसके पास आता था। पिछले दिन वीरेंद्र कुमार ने नीरज को बिजनेस के सिलसिले में बैग में भरकर 20 लाख रुपये कैश देकर दिल्ली भेजा था। मालिक ने खुद उसे बस स्टैंड पर छोड़ा वीरेंद्र ने उसे अपनी कार से बस स्टैंड पर छोड़ा भी। बस स्टैंड पर पहुंचने के बाद उसे दिल्ली जाने वाली कोई बस नहीं मिली। नीरज ने मालिक वीरेंद्र से कहा कि जैसे ही उसे बस मिलेगी, वह चला जाएगा। इसके बाद वीरेंद्र बस स्टैंड से चला गया। कुछ देर बाद नीरज ने वीरेंद्र को फोन करके बताया कि उसे गुरुग्राम के लिए बस मिल गई है और वह गुरुग्राम पहुंचकर दिल्ली के लिए बस पकड़ लेगा। पैसे लेकर दोस्त के पास नहीं पहुंचा लेकिन इस बीच नीरज का फोन बंद हो गया। वीरेंद्र काफी देर तक नीरज को फोन करने की कोशिश करता रहा, लेकिन जब बात नहीं हो पाई तो उसने अपने दोस्त इमरत से नीरज के बारे में पूछताछ की, लेकिन नीरज करोल बाग में इमरत के पास भी नहीं पहुंचा। परेशान होकर वीरेंद्र ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बस स्टैंड थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस नीरज की तलाश कर रही है। हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक फैक्ट्री मालिक का नौकर 20 लाख रुपये लेकर फरार हो गया। उसने पैसे एक बैग में डालकर दिल्ली में अपने दोस्त के पास भेज दिए थे। लेकिन कुछ देर बाद उसका फोन बंद हो गया। बस स्टैंड थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के सेक्टर-4 निवासी वीरेंद्र कुमार ने राजीव नगर में लक्ष्मी ट्रेडिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग के नाम से फैक्ट्री लगा रखी है। कंपनी तांबे और बर्तनों का काम करती है। वीरेंद्र कुमार के अनुसार गांव रसूली निवासी नीरज पिछले 10 साल से उनके पास नौकर के तौर पर काम कर रहा है। बैग में भरकर भेजे थे 20 लाख रुपये वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उनका एक दोस्त इमरत दिल्ली के करोल बाग में रहता है। चूंकि इमरत दिल्ली में सारा काम देखता है, इसलिए उसका नौकर नीरज अक्सर उसके पास आता था। पिछले दिन वीरेंद्र कुमार ने नीरज को बिजनेस के सिलसिले में बैग में भरकर 20 लाख रुपये कैश देकर दिल्ली भेजा था। मालिक ने खुद उसे बस स्टैंड पर छोड़ा वीरेंद्र ने उसे अपनी कार से बस स्टैंड पर छोड़ा भी। बस स्टैंड पर पहुंचने के बाद उसे दिल्ली जाने वाली कोई बस नहीं मिली। नीरज ने मालिक वीरेंद्र से कहा कि जैसे ही उसे बस मिलेगी, वह चला जाएगा। इसके बाद वीरेंद्र बस स्टैंड से चला गया। कुछ देर बाद नीरज ने वीरेंद्र को फोन करके बताया कि उसे गुरुग्राम के लिए बस मिल गई है और वह गुरुग्राम पहुंचकर दिल्ली के लिए बस पकड़ लेगा। पैसे लेकर दोस्त के पास नहीं पहुंचा लेकिन इस बीच नीरज का फोन बंद हो गया। वीरेंद्र काफी देर तक नीरज को फोन करने की कोशिश करता रहा, लेकिन जब बात नहीं हो पाई तो उसने अपने दोस्त इमरत से नीरज के बारे में पूछताछ की, लेकिन नीरज करोल बाग में इमरत के पास भी नहीं पहुंचा। परेशान होकर वीरेंद्र ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बस स्टैंड थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस नीरज की तलाश कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
सिरसा विधानसभा में चुनाव रद्द करवाने की मांग:INLD ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा- तय समय से पहले बांटे चुनाव चिह्न
सिरसा विधानसभा में चुनाव रद्द करवाने की मांग:INLD ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा- तय समय से पहले बांटे चुनाव चिह्न हरियाणा की सिरसा विधानसभा में दोबारा नए सिरे से चुनाव करवाने की इनेलो (INLD) ने मांग की है। INLD की तरफ से केंद्रीय चुनाव आयोग को इस बारे में एक पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि सिरसा विधानसभा में आज दोपहर 2 बजे चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। जबकि नामांकन वापसी का समय दोपहर 3 बजे का है। नामांकन वापसी प्रक्रिया पूरी होने से पहले चुनाव चिह्न नियमानुसार बांटे नहीं जा सकते। मगर सिरसा में निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव चिह्न आवंटन में घोर गलती की है। इस प्रकार की बड़ी गलती चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है। इस गंभीर उल्लंघन को देखते हुए, इंडियन नेशनल लोकदल सिरसा विधानसभा में चुनाव रद करवाने और नए सिरे से चुनाव करवाने की मांग करता है। INLD की तरफ से चुनाव आयोग को लिखा पत्र…
शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कमेटी बनाई, ये ट्रैक्टर हटाने के लिए किसानों से बात करेगी; कहा- मुद्दों का राजनीतीकरण नहीं हो
शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कमेटी बनाई, ये ट्रैक्टर हटाने के लिए किसानों से बात करेगी; कहा- मुद्दों का राजनीतीकरण नहीं हो हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाईपावर कमेटी गठित कर रहे हैं, लेकिन कोई मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं। हाईपावर कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी नसीहत दी कि इस मामले का राजनीतिकरण न किया जाए। मुद्दे बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलित रुख अपनाना चाहिए। पिछली 2 सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर यानी एक लेन खोलने को कहा था। इस मामले में किसानों की पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों से मीटिंग भी हुई यह बेनतीजा रहीं। हरियाणा पुलिस का कहना था कि किसान दिल्ली जाएं, लेकिन ट्रैक्टर लेकर न जाएं। किसान ट्रैक्टर समेत जाने पर अड़े रहे। कोर्ट रूम लाइव पढ़ें… एएजी पंजाब: हमने वह मुद्दा दे दिया है, जिस पर किसान फैसला चाहते हैं।
जस्टिस कांत: कृपया इन मुद्दों का राजनीतीकरण न करें, हमें आज इससे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। जस्टिस कांत: हम समिति का गठन कर रहे हैं, हम मुद्दे तैयार नहीं कर रहे हैं। हम समिति से ऐसा करने के लिए कह रहे हैं। जस्टिस कांत ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि समिति किसानों के मुद्दों को हल करने के तौर-तरीकों पर गौर करेगी। जस्टिस कांत: हम शुरू में कह सकते हैं कि पंजाब व हरियाणा राज्य द्वारा सुझाए गए नाम उच्च निष्ठा वाले व्यक्ति हैं, जो कृषि में अनुभवी हैं। हम यह कहने में जल्दबाजी कर सकते हैं कि किसान वर्गों की एक बड़ी आबादी है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जस्टिस कांत: हमें लगता है कि मुद्दों को तैयार करने के लिए हाईकोर्ट समिति से अनुरोध करना अधिक उचित होगा। पीठ का कहना है कि सदस्य सचिव मुद्दों का सूत्रीकरण हाईपावर कमेटी को दे सकते हैं। जस्टिस कांत: हमें आशा और विश्वास है कि मुद्दों पर गौर करने के लिए एक तटस्थ समिति प्रदान करने की किसानों की आकांक्षा का गठन किया जाएगा। जस्टिस कांत: किसान अपने शांतिपूर्ण आंदोलन को ऐसे आवंटित स्थलों पर स्थनांतरित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। जस्टिस कांत: जो लोग दोनों राज्यों की जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं, हमने एक संतुलित संरचना बनाने की कोशिश की है, किसानों के मुद्दे वास्तविक हैं, उन्हें एक तटस्थ निकाय द्वारा निपटाया जाना चाहिए, लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी और को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बेंच ने हाईकोर्ट कमेटी के सदस्य सचिव को अगली सुनवाई पर अग्रिम स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। एजी पंजाब: माय लॉर्ड्स ने बहुत अच्छी तरह से नोट किया कि इसका राजनीतीकरण नहीं किया जाना चाहिए।
जस्टिस कांत: मुद्दे बेहद संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलन का रुख अपनाना चाहिए। शंभू बॉर्डर खोलने के लिए 2 मीटिंग विफल रहीं
शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को मनाने के लिए 25 अगस्त को रखी गई पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की बैठक विफल रही। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 5 दिन में दूसरी बार पुलिस अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की थी, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं। किसान इस बात पर अड़े रहे कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ेंगे और इन्हीं से दिल्ली कूच करेंगे। एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। पुलिस लाइन में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) जसकरण सिंह और एआईजी संदीप गर्ग के अलावा पटियाला के डीसी व एसएसपी और हरियाणा के अंबाला जिले के एसपी और एसडीएम किसानों से बैठक करने के लिए पहुंचे थे। कोर्ट ने आंशिक तौर पर बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे
12 अगस्त को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि सह हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोली जाए। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। जानिए, किसान आंदोलन में अभी तक क्या हुआ
फतेहाबाद में मिट्टी में दबने से एक की मौत:वाटर वर्कर्स की डिग्गी के निर्माण के दौरान हादसा; जेसीबी ऑपरेटर की टांग टूटी
फतेहाबाद में मिट्टी में दबने से एक की मौत:वाटर वर्कर्स की डिग्गी के निर्माण के दौरान हादसा; जेसीबी ऑपरेटर की टांग टूटी हरियाणा के फतेहाबाद के आउटर एरिया स्वामी नगर में आज वाटर वर्कर्स की डिग्गी बनाने में जुटे मजदूर पर मिट्टी का तौंदा आ गिरा। उसे बचाने के लिए जेसीबी ऑपरेटर भी गड्ढे में कूदा तो वह भी मिट्टी में दब गया। हादसे में मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि जेसीबी ऑपरेटर पर मिट्टी गिरने से उसकी टांग टूट गई। एक अन्य को हलकी फुलकी चोटें लगी। एक को गंभीर हालत में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। फतेहाबाद में वार्ड पार्षद ज्ञानी राम ने बताया कि स्वामी नगर में नहरी पानी के लिए 50 बाई 50 चौड़ी और 15 फीट गहरी वाटर वर्कर्स की डिग्गी बनाई जा रही है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। जिसका निर्माण कार्य ठेकेदार के द्वारा करवाया जा रहा है। आज दोपहर अचानक यहां काम कर रहे मजदूर के ऊपर मिट्टी गिर गई, जबकि जेसीबी ऑपरेटर लवप्रीत उसे बचाने के लिए गया था। उन्होंने बताया कि मजदूर प्रवासी है, इस कारण अभी तक उसका पता नहीं चल पाया कि वह कहां का रहने वाला है और कौन है। उसके बारे में पता किया जा रहा है। जबकि लवप्रीत को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर रतिया चुंगी निवासी 24 वर्षीय लवप्रीत ने बताया कि वह जेसीबी चलाता है और स्वामी नगर में वाटर वर्कर्स की डिग्गी के कार्य पर उसे जेसीबी चलाने के लिए बुलाया था। वह जेसीबी पर बैठा था और नीचे एक मजदूर गड्ढे में काम कर रहा था। उसके पास ही सीमेंट मिलाने वाला मिक्सर मशीन चल रही थी। उसकी कंपन से अचानक मिट्टी भरभराकर मजदूर पर जा गिरी। उसे बचाने के लिए वह और एक अन्य भी गड्ढे में चले गए। इतने में मिट्टी उन पर भी आ गिरी। जिस कारण वह दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि तीसरे को बाजू पर हल्की चोट लगी। लवप्रीत ने बताया कि दोनों को अलग-अलग निजी अस्पताल में लाया गया, जहां पता चला कि उसकी टांग टूट गई है, जबकि मजदूर को यहां से रेफर किया गया। अस्पताल से पता लगा कि मजदूर मृत अवस्था में ही आया था। पार्षद ने भी पुष्टि की है कि मजदूर की मौत हो चुकी है, हालांकि उसकी पहचान नहीं हो पाई।