फरवरी महीने से शंभू बार्डर पर बैठे किसानों की उम्मीदों पर एक बार फिर से पानी फिर गया है, जब उन्हें बजट में भी एमएसपी गारंटी कानून के लिए कोई हिस्सा नहीं मिला। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इसे निराशावादी बजट बताया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करके एक रिकार्ड बनाया है। वहीं, एक अन्य रिकार्ड भी बना है जिसके अनुसार मोदी सरकार की ओर से सातवीं बार ही किसानों को इग्नोर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट एक निराशावादी बजट से ज्यादा कुछ नहीं है। सरवन सिंह पंधेर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि किसानों और मजदूरों की आबादी लगभग 70 प्रतिशत है। 48 लाख करोड़ रुपए का बजट है इसमें से 1.52 लाख करोड़ किसानों को दिया गया है जो कि बजट का 3 प्रतिशत भी नहीं है। एमएसपी और कर्जा माफी के लिए कुछ नहीं उन्होंने कहा कि सिर्फ 1.52 लाख करोड़ के बजट में कहा जा रहा है कि कुदरती खेती को भी प्रोत्साहन देंगे, वातावरण के अनुसार बीजों की खोज होगी और ग्रामीण विकास भी होगा जो कि असंभव है। उन्होंने कहा कि इस बजट में ना तो एमएसपी गारंटी कानून के लिए हिस्सा है, ना किसानों की कर्ज माफी का जिक्र है, मजदूरों को रोजगार देने के लिए कुछ नहीं है। खेती को पूरी तरह से इग्नोर किया गया है। नकारात्मक और दिशाहीन बजट सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह बजट नकारात्मक, दिशाहीन है। इसमें खेती सेक्टर के विकास के लिए कोई योजना और विजन नहीं है। वहीं, युवाओं को रोजगार की बात पर भी प्रतिक्रिया देते हुए सरवन सिंह ने कहा कि सरकारी नौकरी तो मिलेगी नहीं और कार्पोरेट सेक्टर कौन सी नौकरी देंगे, यह सब कुछ सिर्फ एक छलावा है। फरवरी महीने से शंभू बार्डर पर बैठे किसानों की उम्मीदों पर एक बार फिर से पानी फिर गया है, जब उन्हें बजट में भी एमएसपी गारंटी कानून के लिए कोई हिस्सा नहीं मिला। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इसे निराशावादी बजट बताया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करके एक रिकार्ड बनाया है। वहीं, एक अन्य रिकार्ड भी बना है जिसके अनुसार मोदी सरकार की ओर से सातवीं बार ही किसानों को इग्नोर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट एक निराशावादी बजट से ज्यादा कुछ नहीं है। सरवन सिंह पंधेर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि किसानों और मजदूरों की आबादी लगभग 70 प्रतिशत है। 48 लाख करोड़ रुपए का बजट है इसमें से 1.52 लाख करोड़ किसानों को दिया गया है जो कि बजट का 3 प्रतिशत भी नहीं है। एमएसपी और कर्जा माफी के लिए कुछ नहीं उन्होंने कहा कि सिर्फ 1.52 लाख करोड़ के बजट में कहा जा रहा है कि कुदरती खेती को भी प्रोत्साहन देंगे, वातावरण के अनुसार बीजों की खोज होगी और ग्रामीण विकास भी होगा जो कि असंभव है। उन्होंने कहा कि इस बजट में ना तो एमएसपी गारंटी कानून के लिए हिस्सा है, ना किसानों की कर्ज माफी का जिक्र है, मजदूरों को रोजगार देने के लिए कुछ नहीं है। खेती को पूरी तरह से इग्नोर किया गया है। नकारात्मक और दिशाहीन बजट सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह बजट नकारात्मक, दिशाहीन है। इसमें खेती सेक्टर के विकास के लिए कोई योजना और विजन नहीं है। वहीं, युवाओं को रोजगार की बात पर भी प्रतिक्रिया देते हुए सरवन सिंह ने कहा कि सरकारी नौकरी तो मिलेगी नहीं और कार्पोरेट सेक्टर कौन सी नौकरी देंगे, यह सब कुछ सिर्फ एक छलावा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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