पंजाब के मोहाली में तीन आरोपियों ने गन पॉइंट पर एक टैक्सी लूट की वारदात को अंजाम दिया। मुख्य आरोपी बतौर अग्निवीर जवान है। उसने अपने भाई और एक साथी के साथ मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इशमीत सिंह जो कि 2022 से अग्निवीर के तौर पर भर्ती हुआ था। दूसरा आरोपी प्रभप्रीत सिंह जो कि इशमीत सिंह का भाई है, जबकि एक उसका दोस्त बलकार सिंह के रूप में हुई है। तीनों पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले हैं। 2 महीने पहले आया था छुट्टी मामले में मोहाली के एसएसपी संदीप गर्ग ने बताया कि मुख्य आरोपी इशमीत सिंह 2 महीने पहले छुट्टी पर आया था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। वह वेस्ट बंगाल में तैनात था। वहां से आते समय इसने रास्ते से उत्तर प्रदेश के कानपुर से अवैध हथियार खरीदे थे। यह उन अवैध हथियारों से ही लूटपाट की घटनाओं को वारदात देते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से एक डिजायर टैक्सी, एक एक्टिवा, एक बुलेट मोटरसाइकिल, एक देसी पिस्तौल और फोन बरामद किए हैं। यह तीनों पिछले 2 महीने से मोहाली जिले के बिलौंगी इलाके में किराये पर रह रहे थे। फर्जी दस्तावेज से बेचते थे चोरी के वाहन तीनों आरोपी फाजिल्का से सिर्फ चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए आते थे। यह फाजिल्का से बस या ट्रेन के माध्यम से शाम को मोहाली पहुंचते थे और अपने कमरे पर रुक जाते थे। देर रात फिर यह घटना को अंजाम देकर इसी वाहन के साथ वापस फाजिल्का जाते थे। इनसे बरामद किया गया एक्टिवा और बुलेट मोटरसाइकिल भी चोरी का है। यह जाली नंबर लगाकर आगे इन वाहनों को बेच देते थे। मुख्य आरोपी इशमीत सिंह आर्मी की ट्रेनिंग लेकर इतना शातिर हो गया था कि वह कागजों के साथ भी छेड़छाड़ करता था। यह चोरी किए गए वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचते थे। यह था पूरा मामला जानकारी के अनुसार, मोहाली पुलिस के सीआईए स्टाफ को 23 जुलाई को सूचना मिली थी कि, सदर कुराली थाना क्षेत्र में कुछ बदमाश किस्म के लोग घूम रहे हैं। वह किसी भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इस पर मोहाली पुलिस के सीआईए स्टाफ ने नाकाबंदी कर तीनों को काबू कर लिया। जब इनसे पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि 20 और 21 जुलाई की रात को मोहाली के चप्पड़चिड़ी में लूटी गई डिजायर टैक्सी कार की घटना को भी उन्होंने ही अंजाम दिया था। इसका पहले से ही मोहाली में मुकदमा दर्ज है। पंजाब के मोहाली में तीन आरोपियों ने गन पॉइंट पर एक टैक्सी लूट की वारदात को अंजाम दिया। मुख्य आरोपी बतौर अग्निवीर जवान है। उसने अपने भाई और एक साथी के साथ मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इशमीत सिंह जो कि 2022 से अग्निवीर के तौर पर भर्ती हुआ था। दूसरा आरोपी प्रभप्रीत सिंह जो कि इशमीत सिंह का भाई है, जबकि एक उसका दोस्त बलकार सिंह के रूप में हुई है। तीनों पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले हैं। 2 महीने पहले आया था छुट्टी मामले में मोहाली के एसएसपी संदीप गर्ग ने बताया कि मुख्य आरोपी इशमीत सिंह 2 महीने पहले छुट्टी पर आया था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। वह वेस्ट बंगाल में तैनात था। वहां से आते समय इसने रास्ते से उत्तर प्रदेश के कानपुर से अवैध हथियार खरीदे थे। यह उन अवैध हथियारों से ही लूटपाट की घटनाओं को वारदात देते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से एक डिजायर टैक्सी, एक एक्टिवा, एक बुलेट मोटरसाइकिल, एक देसी पिस्तौल और फोन बरामद किए हैं। यह तीनों पिछले 2 महीने से मोहाली जिले के बिलौंगी इलाके में किराये पर रह रहे थे। फर्जी दस्तावेज से बेचते थे चोरी के वाहन तीनों आरोपी फाजिल्का से सिर्फ चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए आते थे। यह फाजिल्का से बस या ट्रेन के माध्यम से शाम को मोहाली पहुंचते थे और अपने कमरे पर रुक जाते थे। देर रात फिर यह घटना को अंजाम देकर इसी वाहन के साथ वापस फाजिल्का जाते थे। इनसे बरामद किया गया एक्टिवा और बुलेट मोटरसाइकिल भी चोरी का है। यह जाली नंबर लगाकर आगे इन वाहनों को बेच देते थे। मुख्य आरोपी इशमीत सिंह आर्मी की ट्रेनिंग लेकर इतना शातिर हो गया था कि वह कागजों के साथ भी छेड़छाड़ करता था। यह चोरी किए गए वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचते थे। यह था पूरा मामला जानकारी के अनुसार, मोहाली पुलिस के सीआईए स्टाफ को 23 जुलाई को सूचना मिली थी कि, सदर कुराली थाना क्षेत्र में कुछ बदमाश किस्म के लोग घूम रहे हैं। वह किसी भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इस पर मोहाली पुलिस के सीआईए स्टाफ ने नाकाबंदी कर तीनों को काबू कर लिया। जब इनसे पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि 20 और 21 जुलाई की रात को मोहाली के चप्पड़चिड़ी में लूटी गई डिजायर टैक्सी कार की घटना को भी उन्होंने ही अंजाम दिया था। इसका पहले से ही मोहाली में मुकदमा दर्ज है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 2 क्रिकेटर चेन्नई ने खरीदे:अंशुल को 11 गुना कीमत; एक ओवर में 6 छक्के मारने वाला प्रियांश पंजाब में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के मेगा ऑक्शन के दूसरे दिन (25 नवंबर) हरियाणा के 2 क्रिकेटर छाए। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने रोहतक के ऑलराउंडर दीपक हुड्डा को 1 करोड़ 70 लाख रुपए और करनाल के रहने वाले बॉलर अंशुल कंबोज को 3.40 करोड़ रुपए में खरीदा। कंबोज को बेस प्राइस से 11 गुना ज्यादा कीमत में खरीदा। उनका बेस प्राइस 30 लाख रुपए था। पिछले साल वे मुंबई से खेले थे। अंशुल को लेकर मुंबई और चेन्नई के बीच बोली में लड़ाई चली। अंशुल कंबोज हरियाणा के लिए रणजी खेलते हैं। केरल के खिलाफ मैच में एक ही पारी में 10 विकेट लेकर वह चर्चा में आए थे। वहीं हुड्डा इंडिया टीम में खेल चुके हैं। उन्होंने 10 वनडे में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और 153 रन बनाए। 21 टी20 इंटरनेशनल मैचों में उन्होंने एक शतक के साथ 368 रन बनाए हैं। उधर, पंजाब किंग्स की टीम ने ऑलराउंडर सैम करन को रिटेन नहीं किया। चेन्नई ने उन्हें 2.40 करोड़ में खरीद लिया। पंजाब की टीम ने प्रवीण दुबे को 30 लाख, पायला अविनाश को 30 लाख, जैवियर बार्टलेट को 80 लाख, एक ओवर में 6 छक्के मारने वाले प्रियांश आर्या को 3.80 करोड़, सूर्यांश शेगडे को 30 लाख, मुशीर खान को 30 लाख, कुलदीप सेन को 80 लाख, अफगानिस्तान के खिलाड़ी अजमतउल्लाह उमरजई को 2.40 करोड़, हरनूर पन्नू को 30 लाख, साउथ न्यूजीलैंड के बॉलर लॉकी फर्ग्यूसन को 2 करोड़, साउथ अफ्रिका के मार्को यानसन को 7 करोड़ और ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर जोश इंग्लिश को 2.60 करोड़ में खरीदा। एक दिन पहले मोहाली के बॉलर अर्शदीप सिंह और जींद के स्पिनर युजवेंद्र चहल को पंजाब किंग्स ने 18-18 करोड़ रुपए में खरीदा था। युजवेंद्र चहल IPL इतिहास के सबसे महंगे भारतीय स्पिनर बने। वहीं पंजाब की टीम ने श्रेयस अय्यर को 26.75 करोड़ में खरीदा। पंजाब किंग्स ने अब तक ये खिलाड़ी खरीदे
पंजाब किंग्स टीम ने श्रेयस अय्यर को 26.75 करोड़ रुपए में खरीदा। वह टीम के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। युजवेंद्र चहल 18 करोड़, अर्शदीप सिंह 18 करोड़, मार्कस स्टोयनिस 11 करोड़, मार्को यानसन 7 करोड़, ग्लेन मैक्सवेल 4.20 करोड, नेहल वाधेरा 4.20 करोड़, प्रियांश आर्या को 3.80 करोड़, जोश इंग्लिश 2.60 करोड़, अजमतउल्लाह उमरजई 2.40 करोड़, लॉकी फर्ग्यूसन 2 करोड़, विजयकुमार व्यशक 1.80 करोड़, यश ठाकुर 1.60 करोड़, हरप्रीत ब्रार 1.50 करोड़, आरोन हार्डी को 1.25 करोड़, विष्णु विनोद को 95 लाख, जैवियर बार्टलेट व कुलदीप सेन 80-80 लाख, सूर्यांश शेगडे, मुशीर खान, पायला अविनाश और हरनूर पन्नू को 30-30 लाख रुपए में खरीदा। अंशुल कंबोज के क्रिकेटर बनने की कहानी…
अंशुल कंबोज का जन्म हरियाणा के करनाल में 6 दिसंबर 2000 को हुआ। 14 साल की उम्र तक उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन पिछले एक दशक से भी कम समय में कंबोज ने न सिर्फ अपनी राज्य टीम के लिए खेलना शुरू कर दिया बल्कि आईपीएल में भी जगह बनाई। कंबोज ने 17 फरवरी 2022 को हरियाणा के लिए 2021-22 रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में 2022-23 में टी-20 में डेब्यू किया। 2022-23 विजय हजारे ट्रॉफी में लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत की। 2024 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत ए टीम का हिस्सा रहें। अंशुल कंबोज को IPL 2024 में मुंबई इंडियंस ने चुना था। उन्होंने 2023-24 में विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में हरियाणा के लिए अहम भूमिका निभाई थी और 10 मैचों में 17 विकेट लिए थे। उनके नाम 47 प्रथम श्रेणी विकेट, 23 लिस्ट-ए विकेट और 17 टी-20 विकेट हैं। ग्लेन मैक्ग्रा के वीडियो देखना पसंद
कुछ समय पहले अंशुल कंबोज ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें ग्लेन मैक्ग्रा की गेंदबाजी के वीडियो देखना बहुत पसंद हैं। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज मैक्ग्रा गेंद की सीम का बहुत बढ़िया तरीके से इस्तेमाल करते थे। अर्शदीप सिंह के क्रिकेटर बनने की कहानी… परिवार ने कनाडा भेजने की कर ली थी तैयारी
अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उन्हें कनाडा उनके भाई के पास भेजने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में उसके कोच से बात की। कोच ने जब अर्शदीप से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि वह खेलना चाहते हैं। कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उन्हें एक साल का समय दिया। इसके बाद अर्शदीप ने ग्राउंड पर जमकर मेहनत की। फिर उनका चयन पंजाब की अंडर-19 टीम में चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने अंडर-19 विश्व कप खेला। फिर यह सफर लगातार चलता रहा। पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत
अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ, जब उनके पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज हैं। उनके पिता ने क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को पहचाना। उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वह उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए, जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई। अर्शदीप के पिता बाहर पोस्टेड थे। ऐसे में सुबह 6 बजे खरड़ से चंडीगढ़ ग्राउंड पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि यह 15 किलोमीटर का सफर था। ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बैठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं। इसके बाद फिर से एकेडमी भेजती थीं। शाम को घर भी ले जाती थीं। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 2019 में IPL में डेब्यू किया
अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिली। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 IPL के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया। वह टीम के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 ACC इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया।
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को ऑस्ट्रिया से कराया डिपोर्ट:बटाला पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार, कई मामलों में हैं शामिल
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को ऑस्ट्रिया से कराया डिपोर्ट:बटाला पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार, कई मामलों में हैं शामिल पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से एक शातिर आरोपी अमृतपाल सिंह को ऑस्ट्रिया से डिपोर्ट करवाया गया है। अमृतपाल सिंह पीओ घोषित था। वह मूलरूप से गांव भोमा थाना घुम्मन का रहने वाला है। काफी समय से ऑस्ट्रिया में रह रहा था। पंजाब पुलिस ने नई दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसे अपने कब्जे में लिया है। अब उसे बटाला पुलिस पंजाब लेकर आ रही है। DGP पंजाब गौरव यादव ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह हत्या, हत्या के प्रयास, नशीले पदार्थों की तस्करी और आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न जघन्य अपराधों में शामिल रहा है। 2022 में दुबई के रास्ते गया था ऑस्ट्रिया एसएसपी बटाला सुहैल कासिम मीर ने बताया कि आरोपी अमृतपाल सिंह कई मामलों में पीओ घोषित किया गया था। 2022 में दुबई और सर्बिया के रास्ते ऑस्ट्रिया भाग गया था और तब से गिरफ्तारी से बच रहा था। अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के सहयोग के बाद पुलिस उसे वापस देश में लाने में कामयाब रही है। पुलिस अब उससे पूछताछ करेगी। उम्मीद है कि कई राज खुलेंगे। राजनीतिक शरण लेने की फिराक में था पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी काफी शातिर था। उसने वहां पर राजनीतिक शरण लेने की कोशिश तक की थी। इसके लिए उसने आवेदन भी किया था। लेकिन पुलिस को उसकी तलाश थी। पुलिस ने मजबूती से अपना पक्ष वहां की अथॉरिटी के समक्ष रखा। जिस वजह से वह इस चीज में कामयाब नहीं हो पाया। रोमी का हांगकांग से प्रत्यर्पण करवाया इससे पहले 22 अगस्त को पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह रोमी का हांगकांग से प्रत्यर्पण करवाया था।। आरोपी को वहां से खुद पंजाब पुलिस लेकर आ ई है। रोमी नाभा जेल से फरार हुए लोगों का सबसे बड़ा मददगार था। आरोपी दो दिन पहले अमृतसर की जेल में शिफ्ट किया है।
खन्ना पुलिस को 7 दिन का अल्टीमेटम:शिवलिंग खंडित मामला, DC आफिस बाहर आत्मदाह का ऐलान, आरोपियों के करीब पहुंची पुलिस
खन्ना पुलिस को 7 दिन का अल्टीमेटम:शिवलिंग खंडित मामला, DC आफिस बाहर आत्मदाह का ऐलान, आरोपियों के करीब पहुंची पुलिस खन्ना के शिवपुरी मंदिर में 15 अगस्त को चोरी व शिवलिंग खंडित करने के मामले में हिंदू संगठनों ने पुलिस को अंतिम बार एक सप्ताह का समय दिया है। इस मामले में पुलिस अधिकारी 15 दिनों का समय मांग रहे थे। जिसके बाद हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से फैसला लेकर एक सप्ताह का समय दिया है। 26 अगस्त तक किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन नहीं होगा। इस दौरान आरोपी नहीं पकड़े गए तो इस मसले को लेकर बनाई कमेटी अगली रणनीति तैयार करेगी। इस अल्टीमेटम के बाद 2 हिंदू नेताओं ने डीसी ऑफिस के बाहर आत्मदाह का ऐलान भी किया। पुलिस खिलाफ रोष, क्यों नहीं पकड़े जा रहे आरोपी 5 दिनों में चोरी व बेअदबी के आरोपियों का कोई अहम सुराग न मिलने पर सोमवार की शाम को शिवपुरी मंदिर में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में पुलिस के कई अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक में अनुज छाहड़िया ने कहा कि 15 अगस्त को नेशनल हाईवे पर धरने के दौरान डीआईजी ने रविवार तक का समय मांगा था। सोमवार शाम तक पुलिस ने इस केस में क्या सफलता हासिल की है, उसके बारे में बताया जाए। अब तक आरोपी क्यों नहीं पकड़े गए, कारण बताया जाए। इसके बाद कई अन्य हिंदू नेताओं ने भी पुलिस की कार्यशैली पर रोष जताया। इसी बीच एसपी (आई) सौरव जिंदल ने लोगों से कहा कि पुलिस सिर्फ इसी वारदात को लेकर काम कर रही है। काफी सुराग मिले हैं जिनका खुलासा करने से जांच प्रभावित हो सकती है। पुलिस को सिर्फ 15 दिनों का समय दिया जाए। तब तक आरोपी पकड़ लिए जाएंगे। इसके बाद सभी ने सलाह मशविरा करके 7 दिन का समय देने पर सहमति जताई। नाकाम साबित हो रही पुलिस : लाडी बैठक के बाद शिवसेना पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह लाडी ने कहा कि पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। यह पहली बार नहीं हुआ। पंजाब के विभिन्न जिलों से मंदिरों में चोरियां और बेअदबी की घटनाएं सामने आ रही हैं। खन्ना में जिस तरीके से शिवलिंग को खंडित किया, साफ जाहिर है कि यह सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। आज वे खन्ना आए और बैठक में शामिल हुए। इस मसले के लिए बनी कमेटी ने पुलिस को 7 दिनों का समय दिया है। इस दौरान आरोपी न पकड़े गए तो वे अपने साथी देव अमित शर्मा राष्ट्रीय प्रचारक हिंदू तख्त समेत डीसी आफिस बाहर आत्मदाह करेंगे। काफी नजदीक पहुंच गए हैं – एसपी उधर, एसपी (इन्वेस्टिगेशन) सौरव जिंदल ने कहा कि पुलिस पहले दिन से दिन रात इस वारदात को ट्रेस करने में लगी है। काफी सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी हैं। जिसके बाद लीड भी मिली है। इस पर काम जारी है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। वहीं एसपी ने कहा कि पुलिस ने तीन आरोपियों की फुटेज भी जारी की हैं। इस बारे में सूचना देने वालों को पुलिस इनाम देगी।