मथुरा-वृंदावन में कुछ महीनों से व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने वाले संत और कथावाचक ऐसे बयान दे रहे हैं, जो विवाद का कारण बन रहें। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के राधा रानी को लेकर दिए बयान का गुस्सा शांत ही हुआ कि एक और कथावाचक विवादों से घिर गए। अब वृंदावन के परिक्रमा मार्ग के श्री राधा किशोरी धाम में रहने वाले संत महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज का एक वीडियो सामने आया है। उन्होंने कथा में बचपन की यादें व्यास पीठ से बैठकर बताई। सीता और राम के किरदारों पर अभद्र टिप्पणी की। वीडियो पर भास्कर रिपोर्टर ने इंद्रदेव महाराज से सवाल-जवाब किया तो उन्होंने माफी मांगी है। इंद्रदेव महाराज वीडियो में क्या कह रहें? पहले जानिए
रामलीला में जो राम बनता वो ज्यादातर देसी दारू पीता। जो सीता बनता (साड़ी पहनकर) वो बीड़ी पीता। टेंट के पीछे धुआं चल रहा होता। जो रावण-कुंभकरण बनता वो टेंट के पीछे पत्ता खेलता। जैसे ही मंच पर वेशभूषा में आते गांव के लोग आरती और रुपया लेकर पांव छूने को लड़ पड़ते। सबेरे हमारे यहां न्यौता है। सीता का व्याह है, कन्यादान हमारी तरफ से हो। मैंने कहा- अरे जाकर ब्लाउज खोलकर देख ले, ये सीता नहीं है, पूरा कुंभकरण है। वो तो भला हो कि टाइट ब्लाउज है, वरना संतरे सब नीचे गिर जाएं… पर भावना मस्तराम। भास्कर इंटरव्यू… इंद्रदेव महाराज बोले- किसी को ठेस पहुंची तो क्षमा चाहता हूं
वायरल वीडियो कुछ साल पहले का बताया जा रहा है। अब वीडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार शाम इंद्रदेव महाराज की राय जानने के लिए दैनिक भास्कर ने उनसे बातचीत की। पढ़िए सवाल-जवाब…. सवाल- एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें राम-सीता को लेकर आप टिप्पणी कर रहे हैं।
जवाब- वीडियो में पूरी बात नहीं दिखाई गई। फिर भी अगर इस तरह व्यास पीठ की तरफ से संतरा, दारू आदि की जो बात कही गई जो शोभा नहीं लगी। किसी कलाकार या मंडली मालिक को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्दों के लिए क्षमा चाहता हूं। सवाल- सतानत में जब कोई स्वरूप धारण कर लेता है तो उसकी अलग पहचान होती है। लेकिन, आपने जिन शब्दों का उपयोग किया उससे सनातनियों को ठेस पहुंची। क्या कहेंगे?
जवाब- वायरल वीडियो पूरे समाज में जो भी देखेगा, शायद लोगों को अच्छी न लगी हो। वीडियो उतना ही डाला गया, जो अच्छा न लगे। शायद पूरा वीडियो देखने पर भ्रम खत्म हो जाएगा। सवाल- महिलाओं और उनके कपड़ों को लेकर आपने टिप्पणी की। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- नहीं…नहीं, महिलाओं के लिए टिप्पणी नहीं थी। सीता शब्द का प्रयोग पुरुष के लिए है। जैसे-अभिनय कर रहे हैं तो बाद में वो पुरुष निकलता है। उस तरह का भाव है। बोलने में शब्द में शुद्धि जरूर नहीं रही। वो शोभनीय शब्द नहीं लग रहा। मुझे भी ये एहसास हुआ। किसी को बुरा लगा हो तो उसके लिए मैं क्षमा याचना करता हूं। इंद्रदेव महाराज की पुलिस से शिकायत
अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने मथुरा के SSP से मिलकर इंद्रदेव महाराज के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। संजय हरियाणा ने कहा- व्यास पीठ पर बैठकर जिस प्रकार से महिलाओं और पुरुषों के सामने जिन शब्दों का संबोधन इंद्रदेव ने किया है, वह घोर निंदनीय है। माता सीता, भगवान राम के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की गई हैं। किसी C ग्रेड फिल्मों की तरह शब्दों का चयन उनके द्वारा किया गया है। रामलीला मंचन कलाकारों में गुस्सा
महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज के इस बयान का वीडियो सामने आने पर ब्रजवासियों ने विरोध जताया है। छटीकरा गांव में महापंचायत करने का ऐलान कर दिया है। ब्रजवासियों का कहना है इस तरह का बयान वह भी व्यास गद्दी पर बैठे व्यक्ति द्वारा शोभनीय नहीं देती। इंद्रदेव महाराज के बयान के विरोध में श्री चतुर्वेदी रामलीला महासभा द्वारा मीटिंग की गई। मीटिंग में शामिल लोगों ने बयान का विरोध किया। मीटिंग में वक्ताओं ने कहा- जल्द ही महापंचायत होगी, जिसमें इंद्र देव महाराज के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की जाएगी। इसके साथ ही जरूरत पड़ी तो मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। इंद्रदेव महाराज ने बयान को बताया हास्य व्यंग्य
ब्रजवासियों के आक्रोश को देखते हुए महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज ने कहा- उनके द्वारा व्यास पीठ से जो बयान दिया गया, उसे कुछ लोगों द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उनके कहने का आशय था कि कैसे रामलीला के दौरान कुछ पात्र पर्दे के पीछे हरकत करते हैं और मंच पर लोग उनकी पूजा करते हैं। जब लोगों को यह हकीकत पता चलती है तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि यह बात तो केवल हास्य व्यंग के रूप में कही थी। ये भी पढ़ें:- बरसाना मंदिर में पं. प्रदीप मिश्रा से बदसलूकी: नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया; लोग राधा-रानी के विवाह पर बयान देने से नाराज थे राधा-रानी पर टिप्पणी के बाद कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा 29 जून को बरसाना मंदिर पहुंचे। जहां उनके साथ बदसलूकी की गई। धक्का-मुक्की करते हुए उनके अंगवस्त्र खींचे गए। नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया। लोग चिल्ला रहे थे कि नाक रगड़वाओ, कान पकड़वाओ…। फिर प्रदीप मिश्रा ने राधा-रानी के जन्म और विवाह से जुड़े अपने बयान पर माफी मांगी। पढ़ें पूरी खबर… मथुरा-वृंदावन में कुछ महीनों से व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने वाले संत और कथावाचक ऐसे बयान दे रहे हैं, जो विवाद का कारण बन रहें। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के राधा रानी को लेकर दिए बयान का गुस्सा शांत ही हुआ कि एक और कथावाचक विवादों से घिर गए। अब वृंदावन के परिक्रमा मार्ग के श्री राधा किशोरी धाम में रहने वाले संत महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज का एक वीडियो सामने आया है। उन्होंने कथा में बचपन की यादें व्यास पीठ से बैठकर बताई। सीता और राम के किरदारों पर अभद्र टिप्पणी की। वीडियो पर भास्कर रिपोर्टर ने इंद्रदेव महाराज से सवाल-जवाब किया तो उन्होंने माफी मांगी है। इंद्रदेव महाराज वीडियो में क्या कह रहें? पहले जानिए
रामलीला में जो राम बनता वो ज्यादातर देसी दारू पीता। जो सीता बनता (साड़ी पहनकर) वो बीड़ी पीता। टेंट के पीछे धुआं चल रहा होता। जो रावण-कुंभकरण बनता वो टेंट के पीछे पत्ता खेलता। जैसे ही मंच पर वेशभूषा में आते गांव के लोग आरती और रुपया लेकर पांव छूने को लड़ पड़ते। सबेरे हमारे यहां न्यौता है। सीता का व्याह है, कन्यादान हमारी तरफ से हो। मैंने कहा- अरे जाकर ब्लाउज खोलकर देख ले, ये सीता नहीं है, पूरा कुंभकरण है। वो तो भला हो कि टाइट ब्लाउज है, वरना संतरे सब नीचे गिर जाएं… पर भावना मस्तराम। भास्कर इंटरव्यू… इंद्रदेव महाराज बोले- किसी को ठेस पहुंची तो क्षमा चाहता हूं
वायरल वीडियो कुछ साल पहले का बताया जा रहा है। अब वीडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार शाम इंद्रदेव महाराज की राय जानने के लिए दैनिक भास्कर ने उनसे बातचीत की। पढ़िए सवाल-जवाब…. सवाल- एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें राम-सीता को लेकर आप टिप्पणी कर रहे हैं।
जवाब- वीडियो में पूरी बात नहीं दिखाई गई। फिर भी अगर इस तरह व्यास पीठ की तरफ से संतरा, दारू आदि की जो बात कही गई जो शोभा नहीं लगी। किसी कलाकार या मंडली मालिक को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्दों के लिए क्षमा चाहता हूं। सवाल- सतानत में जब कोई स्वरूप धारण कर लेता है तो उसकी अलग पहचान होती है। लेकिन, आपने जिन शब्दों का उपयोग किया उससे सनातनियों को ठेस पहुंची। क्या कहेंगे?
जवाब- वायरल वीडियो पूरे समाज में जो भी देखेगा, शायद लोगों को अच्छी न लगी हो। वीडियो उतना ही डाला गया, जो अच्छा न लगे। शायद पूरा वीडियो देखने पर भ्रम खत्म हो जाएगा। सवाल- महिलाओं और उनके कपड़ों को लेकर आपने टिप्पणी की। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- नहीं…नहीं, महिलाओं के लिए टिप्पणी नहीं थी। सीता शब्द का प्रयोग पुरुष के लिए है। जैसे-अभिनय कर रहे हैं तो बाद में वो पुरुष निकलता है। उस तरह का भाव है। बोलने में शब्द में शुद्धि जरूर नहीं रही। वो शोभनीय शब्द नहीं लग रहा। मुझे भी ये एहसास हुआ। किसी को बुरा लगा हो तो उसके लिए मैं क्षमा याचना करता हूं। इंद्रदेव महाराज की पुलिस से शिकायत
अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने मथुरा के SSP से मिलकर इंद्रदेव महाराज के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। संजय हरियाणा ने कहा- व्यास पीठ पर बैठकर जिस प्रकार से महिलाओं और पुरुषों के सामने जिन शब्दों का संबोधन इंद्रदेव ने किया है, वह घोर निंदनीय है। माता सीता, भगवान राम के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की गई हैं। किसी C ग्रेड फिल्मों की तरह शब्दों का चयन उनके द्वारा किया गया है। रामलीला मंचन कलाकारों में गुस्सा
महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज के इस बयान का वीडियो सामने आने पर ब्रजवासियों ने विरोध जताया है। छटीकरा गांव में महापंचायत करने का ऐलान कर दिया है। ब्रजवासियों का कहना है इस तरह का बयान वह भी व्यास गद्दी पर बैठे व्यक्ति द्वारा शोभनीय नहीं देती। इंद्रदेव महाराज के बयान के विरोध में श्री चतुर्वेदी रामलीला महासभा द्वारा मीटिंग की गई। मीटिंग में शामिल लोगों ने बयान का विरोध किया। मीटिंग में वक्ताओं ने कहा- जल्द ही महापंचायत होगी, जिसमें इंद्र देव महाराज के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की जाएगी। इसके साथ ही जरूरत पड़ी तो मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। इंद्रदेव महाराज ने बयान को बताया हास्य व्यंग्य
ब्रजवासियों के आक्रोश को देखते हुए महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज ने कहा- उनके द्वारा व्यास पीठ से जो बयान दिया गया, उसे कुछ लोगों द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उनके कहने का आशय था कि कैसे रामलीला के दौरान कुछ पात्र पर्दे के पीछे हरकत करते हैं और मंच पर लोग उनकी पूजा करते हैं। जब लोगों को यह हकीकत पता चलती है तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि यह बात तो केवल हास्य व्यंग के रूप में कही थी। ये भी पढ़ें:- बरसाना मंदिर में पं. प्रदीप मिश्रा से बदसलूकी: नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया; लोग राधा-रानी के विवाह पर बयान देने से नाराज थे राधा-रानी पर टिप्पणी के बाद कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा 29 जून को बरसाना मंदिर पहुंचे। जहां उनके साथ बदसलूकी की गई। धक्का-मुक्की करते हुए उनके अंगवस्त्र खींचे गए। नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया। लोग चिल्ला रहे थे कि नाक रगड़वाओ, कान पकड़वाओ…। फिर प्रदीप मिश्रा ने राधा-रानी के जन्म और विवाह से जुड़े अपने बयान पर माफी मांगी। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर