हरियाणा में करनाल की शिव कॉलोनी में बिजली और पानी की किल्लत के कारण गुस्सांए लोगों ने रात को सड़क पर जाम लगा दिया। कॉलोनी वासियों को आरोप है कि पीछले दो दिनों से कॉलोनी में ना तो बिजली आ रही है और न ही पानी आ रहा है। इतनी भीषण गर्मी में बिना बिजली और पानी के दो दिन से वह कैसे गुजारा कर रहे है इस का पता लेने न तो कोई अधिकारी आया और न ही काई कर्मचारी। गुस्साए लोगों ने रात को सड़क जामकर जमकर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन जाम को खुलवाने में असफल रही। आखिरकार, बिजली विभाग द्वारा देर रात को ही बिजली का ट्रांसफार्मर भेजने के बाद ही लोगों ने जाम खोला। दो दिन से नहीं लाइट कॉलोनी निवासी रजनी, सवीता, रामकुमार, राजन ने आरोप लगाया कि पिछले दो दिनों से उनकी कॉलोनी में न तो बिजली की सप्लाई आ रही है और न ही पीने का पानी मिल रहा है। इस भीषण गर्मी में बिना पानी और बिजली के रहना बेहद मुश्किल हो गया है। कॉलोनी निवासी राजीव ने कहा कि उसकी पत्नी नौ महीने की गर्भवती है और बिजली-पानी के बिना घर में रहना बेहद मुश्किल हो गया है। जब अधिकारियों को इस समस्या के बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने फोन बंद कर दिया। न सोए और न ही नहा पाए इस समस्या को गुरुवार शाम से ही झेल रहे कालोनीवासियों ने बतायाग कि वे न तो रात को ढंग से सो पा रहे हैं और न ही नहा पा रहे हैं, क्योंकि पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी इस स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक महिला ने बताया कि पानी की कमी के कारण वे बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि जब तक बिजली और पानी की सप्लाई बहाल नहीं होती, तब तक वे जाम नहीं हटाएंगे। पुलिस मौके पर पहुंची जाम की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कालोनी के लोग अपनी मांगों पर अडिग रहे। उनकी एकमात्र मांग थी कि बिजली की सप्लाई तत्काल बहाल की जाए। पुलिस अधिकारियों ने बिजली विभाग को इस समस्या के बारे में सूचित किया और तत्काल मोबाइल ट्रांसफार्मर भिजवाने की मांग की। बिजली विभाग ने भेजा ट्रांसफार्मर बिजली विभाग ने मौके पर ट्रांसफार्मर भेजा, जिसके बाद ही लोगों ने जाम हटाया। बिजली और पानी की आपूर्ति शुरू होते ही स्थिति सामान्य हुई। हालांकि, इस घटना ने प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कालोनी के निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में भी ऐसी समस्या आती है, तो वे फिर से सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे। हरियाणा में करनाल की शिव कॉलोनी में बिजली और पानी की किल्लत के कारण गुस्सांए लोगों ने रात को सड़क पर जाम लगा दिया। कॉलोनी वासियों को आरोप है कि पीछले दो दिनों से कॉलोनी में ना तो बिजली आ रही है और न ही पानी आ रहा है। इतनी भीषण गर्मी में बिना बिजली और पानी के दो दिन से वह कैसे गुजारा कर रहे है इस का पता लेने न तो कोई अधिकारी आया और न ही काई कर्मचारी। गुस्साए लोगों ने रात को सड़क जामकर जमकर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन जाम को खुलवाने में असफल रही। आखिरकार, बिजली विभाग द्वारा देर रात को ही बिजली का ट्रांसफार्मर भेजने के बाद ही लोगों ने जाम खोला। दो दिन से नहीं लाइट कॉलोनी निवासी रजनी, सवीता, रामकुमार, राजन ने आरोप लगाया कि पिछले दो दिनों से उनकी कॉलोनी में न तो बिजली की सप्लाई आ रही है और न ही पीने का पानी मिल रहा है। इस भीषण गर्मी में बिना पानी और बिजली के रहना बेहद मुश्किल हो गया है। कॉलोनी निवासी राजीव ने कहा कि उसकी पत्नी नौ महीने की गर्भवती है और बिजली-पानी के बिना घर में रहना बेहद मुश्किल हो गया है। जब अधिकारियों को इस समस्या के बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने फोन बंद कर दिया। न सोए और न ही नहा पाए इस समस्या को गुरुवार शाम से ही झेल रहे कालोनीवासियों ने बतायाग कि वे न तो रात को ढंग से सो पा रहे हैं और न ही नहा पा रहे हैं, क्योंकि पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी इस स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक महिला ने बताया कि पानी की कमी के कारण वे बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि जब तक बिजली और पानी की सप्लाई बहाल नहीं होती, तब तक वे जाम नहीं हटाएंगे। पुलिस मौके पर पहुंची जाम की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कालोनी के लोग अपनी मांगों पर अडिग रहे। उनकी एकमात्र मांग थी कि बिजली की सप्लाई तत्काल बहाल की जाए। पुलिस अधिकारियों ने बिजली विभाग को इस समस्या के बारे में सूचित किया और तत्काल मोबाइल ट्रांसफार्मर भिजवाने की मांग की। बिजली विभाग ने भेजा ट्रांसफार्मर बिजली विभाग ने मौके पर ट्रांसफार्मर भेजा, जिसके बाद ही लोगों ने जाम हटाया। बिजली और पानी की आपूर्ति शुरू होते ही स्थिति सामान्य हुई। हालांकि, इस घटना ने प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कालोनी के निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में भी ऐसी समस्या आती है, तो वे फिर से सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा के समीकरण बदल गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसी को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई गई। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर उसे बर्खास्त करने का दबाव बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांग सकते हैं। समय न मिलने की स्थिति में जिला मुख्यालयों पर आंदोलन संभव है। मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी देंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस मीटिंग में कांग्रेस के 4 नवनिर्वाचित सांसद भी पहुंचे हैं। इनमें रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से वरुण चौधरी, हिसार से जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी बैठक में शामिल हुए हैं। ये चारों सांसद हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं। वहीं सिरसा से SRK गुट की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इस मीटिंग में नहीं पहुंची हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
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