हरियाणा के कैथल जिले के रवि मौण (22) की रूस में मौत हो गई। वह रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लापता हो गया था। पांच माह बाद परिवार को दूतावास ने इसकी सूचना दी है। रवि जिले के मटौर गांव का निवासी है। दूतावास ने शव को परिजनों के सुपुर्द करने के लिए पहचान के तौर पर युवा की माता की डीएनए रिपोर्ट मांगी है। जबकि रवि की माता की पहले ही मौत हो चुकी है। पिता के बेहद बीमार होने की स्थिति में बड़े भाई अजय मौण डीएनए के लिए आगे आए। काम करने के लिए विदेश गया था रवि इस संबंध में उन्होंने शनिवार को भारतीय दूतावास मॉस्को रूस को पत्र लिखा है। इसका जवाब मिलने के बाद ही शव को को स्वदेश लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा। अजय मौण ने बताया कि 13 जनवरी 2024 को रोजगार की तलाश में उनका भाई रवि गांव के अन्य छह युवाओं के साथ विदेश गया था। वहां एजेंट ने उन्हें वाहन चालक की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके भाई को रूस-युक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। अंतिम बार 12 मार्च को उनका भाई से संपर्क हुआ। उस दौरान उसने बताया था कि 6 मार्च से उन्हें लड़ाई में उतारा गया है। अब दोबारा उन्हें युद्ध क्षेत्र में जाना पड़ेगा। उसके बाद से उनका भाई निरंतर लापता चल रहा था। इसको लेकर उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्रीय विदेश मंत्री तक संपर्क किया। दूतावास ने रवि के पासपोर्ट के नंबर का सबूत पेश करते हुए मृत्यु की जानकारी दी। डीएनए टेस्ट से होगी शव की पहचान दूतावास ने परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर रूसी अधिकारियों से संपर्क किया। इसमें रूसी पक्ष ने मौत की पुष्टि की है। शव की पहचान के लिए उन्हें उसके करीबी रिश्तेदारों से डीएनए टेस्ट की जरूरत है। खासकर उसकी मां से डीएनए टेस्ट की। इसलिए भारत में पंजीकृत अस्पताल/सरकारी अस्पताल से मां का डीएनए परीक्षण कराया जाए और रिपोर्ट मॉस्को में भारतीय दूतावास के साथ साझा की जाए। भारत लाने के लिए अजय ने की पीएम से अपील रवि के बड़े भाई अजय मौण ने कहा कि उनके पास भाई का शव लाने के लिए कोई संसाधन नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रवि के शव को भारत लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है। हरियाणा के कैथल जिले के रवि मौण (22) की रूस में मौत हो गई। वह रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लापता हो गया था। पांच माह बाद परिवार को दूतावास ने इसकी सूचना दी है। रवि जिले के मटौर गांव का निवासी है। दूतावास ने शव को परिजनों के सुपुर्द करने के लिए पहचान के तौर पर युवा की माता की डीएनए रिपोर्ट मांगी है। जबकि रवि की माता की पहले ही मौत हो चुकी है। पिता के बेहद बीमार होने की स्थिति में बड़े भाई अजय मौण डीएनए के लिए आगे आए। काम करने के लिए विदेश गया था रवि इस संबंध में उन्होंने शनिवार को भारतीय दूतावास मॉस्को रूस को पत्र लिखा है। इसका जवाब मिलने के बाद ही शव को को स्वदेश लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा। अजय मौण ने बताया कि 13 जनवरी 2024 को रोजगार की तलाश में उनका भाई रवि गांव के अन्य छह युवाओं के साथ विदेश गया था। वहां एजेंट ने उन्हें वाहन चालक की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके भाई को रूस-युक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। अंतिम बार 12 मार्च को उनका भाई से संपर्क हुआ। उस दौरान उसने बताया था कि 6 मार्च से उन्हें लड़ाई में उतारा गया है। अब दोबारा उन्हें युद्ध क्षेत्र में जाना पड़ेगा। उसके बाद से उनका भाई निरंतर लापता चल रहा था। इसको लेकर उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्रीय विदेश मंत्री तक संपर्क किया। दूतावास ने रवि के पासपोर्ट के नंबर का सबूत पेश करते हुए मृत्यु की जानकारी दी। डीएनए टेस्ट से होगी शव की पहचान दूतावास ने परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर रूसी अधिकारियों से संपर्क किया। इसमें रूसी पक्ष ने मौत की पुष्टि की है। शव की पहचान के लिए उन्हें उसके करीबी रिश्तेदारों से डीएनए टेस्ट की जरूरत है। खासकर उसकी मां से डीएनए टेस्ट की। इसलिए भारत में पंजीकृत अस्पताल/सरकारी अस्पताल से मां का डीएनए परीक्षण कराया जाए और रिपोर्ट मॉस्को में भारतीय दूतावास के साथ साझा की जाए। भारत लाने के लिए अजय ने की पीएम से अपील रवि के बड़े भाई अजय मौण ने कहा कि उनके पास भाई का शव लाने के लिए कोई संसाधन नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रवि के शव को भारत लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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