हरियाणा के करनाल के गांव गढ़ी खजूर की एक युवती ने दूसरे गांव के युवक पर छेड़छाड़ और अश्लील इशारे करने का आरोप लगाया है। युवती अपनी मां के साथ गली में खड़ी होकर कावड़ यात्रा देख रही थी। आरोपी ने युवती को न सिर्फ जान से मारने की धमकी दी, बल्कि फोन पर भी धमकाया और घर से उठा ले जाने की धमकी दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कल दोपहर वह और उसकी मां अपने घर के सामने गली में साथ खड़ी होकर कावड़ यात्रा देख रही थीं। तभी पास के गांव का एक युवक वहां से गुजरा और बातें करने लगा और अश्लील इशारे करने लगा। पीड़िता ने बताया कि जब मैंने उसे रोका तो युवक ने मुझे जान से मारने की धमकी दी और कहा कि अगर घर से बाहर निकली तो देख लूंगा। फोन पर भी मिली धमकियां पीड़िता ने बताया कि बाद में उसके भाई के फोन पर भी धमकी भरा कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उसे और उसकी बहन को अगवा कर लिया जाएगा। पीड़िता का आरोप है कि युवक एक गिरोह का हिस्सा है और एक खास जाति से ताल्लुक रखता है, जो जाति के आधार पर हमारे साथ भेदभाव करता है। पुलिस ने मामला दर्ज किया पीड़िता की शिकायत पर घरौंडा थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस जांच अधिकारी सुदर्शन ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर युवक के खिलाफ धारा 74,351(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वे जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे। हरियाणा के करनाल के गांव गढ़ी खजूर की एक युवती ने दूसरे गांव के युवक पर छेड़छाड़ और अश्लील इशारे करने का आरोप लगाया है। युवती अपनी मां के साथ गली में खड़ी होकर कावड़ यात्रा देख रही थी। आरोपी ने युवती को न सिर्फ जान से मारने की धमकी दी, बल्कि फोन पर भी धमकाया और घर से उठा ले जाने की धमकी दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कल दोपहर वह और उसकी मां अपने घर के सामने गली में साथ खड़ी होकर कावड़ यात्रा देख रही थीं। तभी पास के गांव का एक युवक वहां से गुजरा और बातें करने लगा और अश्लील इशारे करने लगा। पीड़िता ने बताया कि जब मैंने उसे रोका तो युवक ने मुझे जान से मारने की धमकी दी और कहा कि अगर घर से बाहर निकली तो देख लूंगा। फोन पर भी मिली धमकियां पीड़िता ने बताया कि बाद में उसके भाई के फोन पर भी धमकी भरा कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उसे और उसकी बहन को अगवा कर लिया जाएगा। पीड़िता का आरोप है कि युवक एक गिरोह का हिस्सा है और एक खास जाति से ताल्लुक रखता है, जो जाति के आधार पर हमारे साथ भेदभाव करता है। पुलिस ने मामला दर्ज किया पीड़िता की शिकायत पर घरौंडा थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस जांच अधिकारी सुदर्शन ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर युवक के खिलाफ धारा 74,351(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वे जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल में सैलजा का भाजपा पर तंज:बोली- बीजेपी ने अपनी विचारधारा देश पर थोपी, जनता ने नकार दिया
करनाल में सैलजा का भाजपा पर तंज:बोली- बीजेपी ने अपनी विचारधारा देश पर थोपी, जनता ने नकार दिया हरियाणा के करनाल में जाट भवन पहुंचने पर सिरसा से नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा का कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान सैलजा ने एनडीए पर जमकर निशाना साधा। सैलजा ने कहा कि केंद्र में ऑल इंडिया गठबंधन की सरकार नहीं बन पाई, इस सवाल पर कुमारी शैलजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नहीं है, लेकिन पिछली बार के मुकाबले हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। अगर नैतिक रूप से कहा जाए तो भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की यह अपनी हार है। 400 पार का नारा धरासाई हो गया। भाजपा ने पूरे देश पर अपनी विचारधारा थोपने का भी प्रयास किया, उसको देश ने पूरी तरह से नकार दिया है, यह एक असलियत है, अब इसको भाजपा माने या ना माने। अगर आंकड़ों में भाजपा कहती है कि हमारी सरकार तीसरी बार बन गई है, लेकिन यह भाजपा की तो सरकार बनी ही नहीं है, बल्कि गठबंधन की सरकार है। सिर्फ परिवार के बारे में न सोचे दिल्ली हाउस में मीटिंग के दौरान हुड्डा या उदयभान द्वारा सैलजा का नाम नहीं लिया गया, बड़े नेता सैलजा का नाम कैसे भूल गए, इस पर सैलजा ने जवाब दिया कि किसी ओर के भूलने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, बस जनता मुझे न भूले। अगर उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया है तो यह सवाल उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। हमें सभी को इकट्ठा होने की जरूरत है। जब तक आप लोगों के सामने विकल्प के रूप में नहीं आओगे तो जनता कैसे हमें चुनेगी। विकल्प पार्टी के कारण ही बना जाता है। चाहे मैं हूं या फिर कोई ओर, अगर जनता के हितों को भूल कर हम सिर्फ अपना और अपने परिवार को सोचेगें तो जनता हमें नहीं अपनाएगी। शायद हम करनाल की सीट भी जीत जाते कुमारी सैलजा ने कहा कि आज समय आ चुका है कि भाजपा को घर बैठाया जाए। भाजपा के अब केंद्र में हालात देख लो और प्रदेश में हालात देख लो, प्रधानमंत्री भी अपनी सीट पर करीब डेढ़ लाख वोट से ही जीते है। अगर हम थोड़ा ओर जोर लगाते तो शायद करनाल लोकसभा सीट और विधानसभा सीट हमारे पास होती। गुटबाजी खत्म होनी चाहिए कुमारी शैलजा ने कांग्रेस के संगठन को लेकर कहा कि पार्टी का संगठन होना चाहिए। हमारा कार्यकर्ता पद का मोहताज नहीं है लेकिन संगठन होता तो हरियाणा में परिणाम कुछ और होता। संगठन पार्टी का हिस्सा है लेकिन संगठन सब कुछ नहीं है। कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होगी, इस पर सैलजा ने कहा कि गुटबाजी खत्म होनी चाहिए, गुटबाजी खत्म नहीं होती है तो पार्टी को नुकसान होगा, कार्यकर्ताओं को नुकसान होगा, भले ही हम जैसे नेताओं को नुकसान न हो। BJP की आंखे खोलना चाहता है RSS RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मणिपुर को लेकर दिए गए बयान पर शैलजा ने कहा कि RSS बीजेपी की आंखे खोलना चाहता है। मणिपुर के लोगो ने भारी कीमत चुकाई है । सरकार समय रहते कदम उठाती तो ऐसा नहीं होता। वहीं उन्होंने कंगना रनोट के साथ हुई घटना पर कहा कि सार्वजनिक जीवन में आने वाले लोगो को सोच समझ कर बोलना चाहिए।
भिवानी सिविल अस्पताल में कतार में खड़े व्यक्ति की मौत:बारी आने से पहले ही ओपीडी में गिरा; कई दिनों से था बीमार
भिवानी सिविल अस्पताल में कतार में खड़े व्यक्ति की मौत:बारी आने से पहले ही ओपीडी में गिरा; कई दिनों से था बीमार भिवानी के नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए आए एक बीमार व्यक्ति की बारी आने से पहले ही वहां गिरकर मौत हो गई। वह शराब पीने का आदि था। पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। घटना की सूचना मिलने पर दिनोद गेट पुलिस चौकी के पुलिस ने मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है। हालुवास गेट निवासी कृष्ण ने बताया कि 45 वर्षीय उसका साला रविन्द्र शराब पीने का आदि था। रविन्द्र पिछले कई दिनों से बीमार था। आज सुबह वह भिवानी सामान्य अस्पताल की ओपीडी में अकेला ही दवाई लेने के लिए गया था। बारी आने से पहले ही हुई मौत वहां पर मरीजों की भीड़ में ओपीडी के रूम नवंबर 22 के पास खड़ा था और उसे मेडिसिन विभाग के रूम नवंबर 21 में डॉक्टर को दिखाना था। उसकी बारी आती। इससे पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और वहां फर्स पर गिर पड़ा। गिरते ही उसकी मौत हो गई। मौके पर पहुंचे दिनोद गेट पुलिस चौकी के एएसआई देवेंद्र ने मृतक की जेब से मिली पर्ची पर मोबाइल नंबर देखकर उसकी बहन रेखा के फोन पर सूचना दी। पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान पर इतफाकिया कार्रवाई कर शव का पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। दो बेटियों का पिता था रविन्द्र मृतक के जीजा कृष्ण ने बताया कि उसकी दो बेटियां हैं 21 व 18 वर्षीय। उसने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करता था। रविन्द्र की माता-पिता का भी देहांत हो चुका है। वही अपने साले व उसके बच्चों, साले की पत्नी की देखभाल करता था, लेकिन अब एक एक्सीडेंट में दिव्यांग होने पर पर परेशान हूं।
सावित्री जिंदल को सांसद बेटे का समर्थन:बोले- मैं साथ हूं, पार्टी का फैसला भी सही; पूर्व विधायक ने लिया निर्दलीय लड़ने का फैसला
सावित्री जिंदल को सांसद बेटे का समर्थन:बोले- मैं साथ हूं, पार्टी का फैसला भी सही; पूर्व विधायक ने लिया निर्दलीय लड़ने का फैसला देश की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार उद्योगपति सावित्री जिंदल की बीजेपी से बगावत को उनके बेटे नवीन जिंदल ने सही बताया है। बता दें कि नवीन कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने कहा है कि “मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मैं अपनी मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं”। जिंदल ने कहा कि “मेरी मां के 4 बेटे और 5 बहनें हैं, हम कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। इसके अलावा पूरा हिसार मेरा परिवार है। मेरे पिता और मेरी मां का हिसार लंबे समय से कार्यक्षेत्र है, यहां के लोग भी उनका परिवार है। इस कारण से मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा”। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत 1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा की सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की। 2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक
वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। 3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल
चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा। इन चार कारणों से सावित्री जिंदल को नहीं मिली टिकट
1. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता सावित्री जिंदल को चुनाव में हरा चुके हैं। दो ही महीने पहले पार्टी से जुड़े जिंदल परिवार के कारण अगर संघ और पार्टी से जुड़े मंत्री का टिकट काटता तो पार्टी में गलत मैसेज जाने का डर था। 2. डॉ. कमल गुप्ता ने टिकट कटने की खबरों के बीच पूर्व सीएम मनोहर लाल से 2 बार मुलाकात की। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को जब फाइनल सूची तैयार की गई उसमें सावित्री जिंदल का नाम था। मगर खट्टर ने जब अपने आवास पर रात को बैठक बुलाई तब सावित्री जिंदल का नाम काटकर सूची में कमल गुप्ता का नाम जोड़ दिया गया। 3. डॉ. कमल गुप्ता RSS से जुड़े हुए हैं और इसका भी उन्हें फायदा मिला है। सूत्रों की मानें तो जिन लोगों ने कमल गुप्ता को टिकट दिलवाने के लिए लॉबिंग की है वो संघ के पुराने प्रचारक हैं जो आज अखिल भारतीय स्तर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 4. कमल गुप्ता का ससुराल इंदौर है। इस नाते कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, साथ ही विजयवर्गीय भी डॉ. कमल गुप्ता को दामाद मानते हैं। इस नाते भी कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट दिलाने में कमल गुप्ता की पूरी मदद की। अब 4 पार्टियों से होगा मुकाबला
सावित्री जिंदल अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला 4 पार्टियों से होगा। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही होगा। बता दें कि डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल 2014 में भी आमने-सामने हो चुके हैं, हालांकि तब सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से और कमल गुप्ता ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बिजनेसमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता की मदद की थी। जानिए सावित्री जिंदल का हिसार कनेक्शन
ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खोली। आज इसका नाम स्टेनलेस है। अब जिंदल ग्रुप का देश विदेश में इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे में निवेश है। साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल समूह की कंपनियों का 4 बेटों में बंटवारा हो गया। उनमें से एक बिजनेस टाइकून सज्जन जिंदल हैं, जो JSW स्टील चलाते हैं। सावित्री जिंदल 2.77 लाख करोड़ की मालकिन
जिंदल परिवार की मुखिया एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। फॉर्च्यून इंडिया द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं। टॉप 10 में वह चौथे स्थान पर हैं और इकलौती महिला हैं। परिवार के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं सावित्री जिंदल
1. सावित्री जिंदल ने एशियावन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि “मैं आम भारतीय नारी की तरह ही घर में रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी। अचानक पति (ओपी जिंदल) की मौत के बाद मुझे बिजनेस संभालना पड़ा। अगर किसी के पिता का साया अचानक सिर से उठ जाए तो मां को पिता की भूमिका निभानी पड़ती है। जिंदल साहब अपने पीछे समाज और परिवार को प्रेम के सूत्र में बांधे रखने की विरासत छोड़ गए थे”। 2. ओपी जिंदल के बारे में आगे और बताते हुए उन्होंने कहा- “उनमें सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी, इसलिए उनसे प्रेरणा लेकर मैंने एक कड़ी के रूप में अपनी भूमिका निभाई। बच्चों के साथ भी और हिसार-हरियाणा परिवार के साथ भी। मुझे अपने बच्चों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने जिंदल साहब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए न सिर्फ बिजनेस को सफलतापूर्वक संभाला है, बल्कि प्यार से साथ रहकर अपना बिजनेस और परिवार भी एक साथ चला रहे हैं”। 3. अपने बच्चों के बारे में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा “आज के माहौल में दो भाइयों का एक साथ रहना मुश्किल है, लेकिन हमारे लिए यह बड़ी बात है कि मेरे सभी बच्चे एक साथ प्यार से रह रहे हैं। जिंदल साहब की भी यही सोच थी कि सबको मिलजुल कर रहना चाहिए और हमारे बच्चे उनकी इच्छा का सम्मान करते थे। हम सब एक साथ हैं। मेरी नजर में प्यार और आपसी विश्वास ही सफलता की कुंजी है”।