फतेहगढ़ साहिब के मंडी गोबिंदगढ़ में ओपी बांसल स्कूल की वैन से गत 6 जुलाई को हुए हादसे के संबंध में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं इस हादसे में घायल बाइक सवार अभय तिवारी कोमा में है। जो जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। 23 दिनों में जब कोई एफआईआर नहीं हुई तो पिता की हालत को देखकर दुखी हुए 14 वर्षीय लड़की ने फंदा लगाकर जान दे दी। इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया। लड़की की खुदकुशी के बाद परिवार और मोहल्ला निवासी थाने पहुंचे। वहां रोष जताया गया। वैन ड्राइवर और स्कूल मालिकों खिलाफ एफआईआर की मांग की गई। साथ ही जीटी रोड जाम करने की चेतावनी भी दी। इलाज का भरोसा देकर मुकर गए स्कूल वाले घायल की पत्नी रितु ने बताया कि उसके पति अभय तिवारी मिल में काम करते थे। 6 जुलाई को उसके पति बाइक से जा रहे थे तो ओम प्रकाश (ओपी) बांसल स्कूल की वैन ने टक्कर मार दी। हादसे में घायल उसके पति को स्थानीय सिविल अस्पताल से चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। हादसे के बाद स्कूल वाले बोलते रहे कि वे इलाज का पूरा खर्च उठाएंगे। किसी प्रकार की कार्रवाई न कराई जाए। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्कूल वाले 10-20 हजार रुपए देने के बाद पल्ला झाड़ गए। जबकि, उसके घायल पति की हालत यह है कि वे कोमा में हैं। कोई सुध बुध नहीं है। चंडीगढ़ के सेक्टर-32 के अस्पताल से जवाब देकर घर भेज दिया गया है। पुलिस ने उन्हें कोई इंसाफ नहीं दिलाया। पिता की हालत देख बेटी ने फंदा लगाया रितु ने बताया कि रविवार को उसके पति के नाक से अचानक पाइप निकली तो वह काफी तड़पने लगे। छोटी बेटी अंजलि से यह दर्द नहीं देखा गया। अंजलि ने उसे बोला कि पिता को जल्दी अस्पताल लेकर जाओ। वह अपनी बड़ी बेटी को साथ लेकर पति को अस्पताल ले गई। बाद में अंजलि ने घर का कमरा बंद करके फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। अंजलि की उम्र करीब 14 साल थी और वह 10वीं कक्षा की छात्रा थी। वहीं थाने में मौजूद अभय के भतीजे कन्हैया तिवारी और मोहल्ले में क्लीनिक चलाने वाली निशा ने कहा कि अंजलि की मौत के लिए सीधे तौर पर स्कूल के मालिक और पुलिस जिम्मेदार हैं। अगर स्कूल मालिकों खिलाफ एफआईआर दर्ज न की गई तो वे जीटी रोड जाम करेंगे। रिमट यूनिवर्सिटी वालों का ही स्कूल बता दें की ओपी बांसल स्कूल भी रिमट यूनिवर्सिटी के मालिकों का ही है जहां कुछ दिन पहले लोहे की प्लेट गिरने से लाइब्रेरी में काम करने वाली एक युवती की मौत हो गई थी। अब 14 वर्षीय बेटी की खुदकुशी के बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के दोष लगाए और स्कूल मालिकों पर मामला दर्ज करने की मांग की। बयानों के मुताबिक कार्रवाई करेंगे- एसएचओ मंडी गोबिंदगढ़ थाना एसएचओ अर्शदीप शर्मा ने कहा कि सड़क हादसे के बाद घायल के परिवार की तरफ से बयान दर्ज नहीं कराए गए थे। दोनों पक्षों में राजीनामे की बात चल रही थी। अगर पुलिस के पास बयान दर्ज कराए होते तो कार्रवाई जरूर करते। वहीं अब घायल की बेटी की खुदकुशी का मामला सामने आया है। जो भी बयान परिवार के लोग दर्ज कराएंगे। उनके मुताबिक बनती कार्रवाई करेंगे। फतेहगढ़ साहिब के मंडी गोबिंदगढ़ में ओपी बांसल स्कूल की वैन से गत 6 जुलाई को हुए हादसे के संबंध में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं इस हादसे में घायल बाइक सवार अभय तिवारी कोमा में है। जो जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। 23 दिनों में जब कोई एफआईआर नहीं हुई तो पिता की हालत को देखकर दुखी हुए 14 वर्षीय लड़की ने फंदा लगाकर जान दे दी। इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया। लड़की की खुदकुशी के बाद परिवार और मोहल्ला निवासी थाने पहुंचे। वहां रोष जताया गया। वैन ड्राइवर और स्कूल मालिकों खिलाफ एफआईआर की मांग की गई। साथ ही जीटी रोड जाम करने की चेतावनी भी दी। इलाज का भरोसा देकर मुकर गए स्कूल वाले घायल की पत्नी रितु ने बताया कि उसके पति अभय तिवारी मिल में काम करते थे। 6 जुलाई को उसके पति बाइक से जा रहे थे तो ओम प्रकाश (ओपी) बांसल स्कूल की वैन ने टक्कर मार दी। हादसे में घायल उसके पति को स्थानीय सिविल अस्पताल से चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। हादसे के बाद स्कूल वाले बोलते रहे कि वे इलाज का पूरा खर्च उठाएंगे। किसी प्रकार की कार्रवाई न कराई जाए। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्कूल वाले 10-20 हजार रुपए देने के बाद पल्ला झाड़ गए। जबकि, उसके घायल पति की हालत यह है कि वे कोमा में हैं। कोई सुध बुध नहीं है। चंडीगढ़ के सेक्टर-32 के अस्पताल से जवाब देकर घर भेज दिया गया है। पुलिस ने उन्हें कोई इंसाफ नहीं दिलाया। पिता की हालत देख बेटी ने फंदा लगाया रितु ने बताया कि रविवार को उसके पति के नाक से अचानक पाइप निकली तो वह काफी तड़पने लगे। छोटी बेटी अंजलि से यह दर्द नहीं देखा गया। अंजलि ने उसे बोला कि पिता को जल्दी अस्पताल लेकर जाओ। वह अपनी बड़ी बेटी को साथ लेकर पति को अस्पताल ले गई। बाद में अंजलि ने घर का कमरा बंद करके फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। अंजलि की उम्र करीब 14 साल थी और वह 10वीं कक्षा की छात्रा थी। वहीं थाने में मौजूद अभय के भतीजे कन्हैया तिवारी और मोहल्ले में क्लीनिक चलाने वाली निशा ने कहा कि अंजलि की मौत के लिए सीधे तौर पर स्कूल के मालिक और पुलिस जिम्मेदार हैं। अगर स्कूल मालिकों खिलाफ एफआईआर दर्ज न की गई तो वे जीटी रोड जाम करेंगे। रिमट यूनिवर्सिटी वालों का ही स्कूल बता दें की ओपी बांसल स्कूल भी रिमट यूनिवर्सिटी के मालिकों का ही है जहां कुछ दिन पहले लोहे की प्लेट गिरने से लाइब्रेरी में काम करने वाली एक युवती की मौत हो गई थी। अब 14 वर्षीय बेटी की खुदकुशी के बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के दोष लगाए और स्कूल मालिकों पर मामला दर्ज करने की मांग की। बयानों के मुताबिक कार्रवाई करेंगे- एसएचओ मंडी गोबिंदगढ़ थाना एसएचओ अर्शदीप शर्मा ने कहा कि सड़क हादसे के बाद घायल के परिवार की तरफ से बयान दर्ज नहीं कराए गए थे। दोनों पक्षों में राजीनामे की बात चल रही थी। अगर पुलिस के पास बयान दर्ज कराए होते तो कार्रवाई जरूर करते। वहीं अब घायल की बेटी की खुदकुशी का मामला सामने आया है। जो भी बयान परिवार के लोग दर्ज कराएंगे। उनके मुताबिक बनती कार्रवाई करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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