पानीपत में यमुना नदी में डूबे 3 कांवड़िए:नहाते समय बिगड़ा संतुलन; गोताखोरों ने छलांग लगाकर तीनों को बचाया

पानीपत में यमुना नदी में डूबे 3 कांवड़िए:नहाते समय बिगड़ा संतुलन; गोताखोरों ने छलांग लगाकर तीनों को बचाया

हरियाणा के पानीपत जिले के सनौली में स्थित यमुना नदी में स्नान करते हुए 3 कावड़िएं डूब गए। गनीमत रही कि तीनों कावड़ियों को समय रहते वहां मौजूद मुस्लिम गोताखोरों ने छलांग लगाकर पानी से बाहर निकाल लिया। इसके बाद तीनों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। जिससे तीनों की जान बच गई। तीनों कावड़िएं एक ही परिवार के हैं। जिनमें मां-बेटा शामिल है। तीनों पानीपत के रहने वाले हैं। मिली जानकारी के अनुसार पानीपत के गांव निंबरी के रहनी वाली महिला कमलेश अपने बेटे बलविंदर उर्फ बल्ली संग हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रही थी। उनके साथ परिवार का एक और सदस्य भी है। शाम करीब 6 बजे तीनों पानीपत यमुना बॉर्डर पर पहुंचे, तो यहां यमुना नदी में उन्होंने स्नान करने का विचार बनाया। तीनों ने गंगाजल को यमुना नदी किनारे कांवड़ रखने की निर्धारित जगह पर रख दिया था। इसके बाद तीनों एक कुंड के पास स्नान करने लगे। इसी दौरान पैर फिसलने से कमलेश डूबने लगी। डूबते हुए उसने अपने बेटे को पकड़ लिया, जिससे बलविंदर का भी संतुलन बिगड़ गया। बलविंदर भी अपनी मां के साथ पानी में डूबने लगा। दोनों को डूबते देख परिवार के तीसरे सदस्य ने उन्हें बचाने का प्रयास किया। प्रयास के दौरान वह भी पानी में अपना संतुलन खो बैठा और तीनों ही एक साथ पानी में डूबने लगे। तीनों ने बचने के लिए हिलाए हाथ-पैर तीनों ने बचने के लिए कई बार ऊपर आकर हाथ हिलाया। गनीमत रही कि तीनों को डूबते हुए वहां खड़े गोताखोरों ने देख लिया। गोताखोरों में मुस्तकीम, दिलशाद, मासूम, बिलाल और जाहिद शामिल थे। सभी गोताखोरों ने बिना देरी किए पानी के गहरे कुंड में छलांग लगा दी। जिन्होंने समय रहते एक बड़ा हादसा होने से पहले ही तीनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तीनों को बाहर निकालने के बाद प्राथमिक उपचार दिया गया। जिससे तीनों की हालत में सुधार आया। इसके बाद उन्होंने सभी गोताखोरों का धन्यवाद किया। हरियाणा के पानीपत जिले के सनौली में स्थित यमुना नदी में स्नान करते हुए 3 कावड़िएं डूब गए। गनीमत रही कि तीनों कावड़ियों को समय रहते वहां मौजूद मुस्लिम गोताखोरों ने छलांग लगाकर पानी से बाहर निकाल लिया। इसके बाद तीनों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। जिससे तीनों की जान बच गई। तीनों कावड़िएं एक ही परिवार के हैं। जिनमें मां-बेटा शामिल है। तीनों पानीपत के रहने वाले हैं। मिली जानकारी के अनुसार पानीपत के गांव निंबरी के रहनी वाली महिला कमलेश अपने बेटे बलविंदर उर्फ बल्ली संग हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रही थी। उनके साथ परिवार का एक और सदस्य भी है। शाम करीब 6 बजे तीनों पानीपत यमुना बॉर्डर पर पहुंचे, तो यहां यमुना नदी में उन्होंने स्नान करने का विचार बनाया। तीनों ने गंगाजल को यमुना नदी किनारे कांवड़ रखने की निर्धारित जगह पर रख दिया था। इसके बाद तीनों एक कुंड के पास स्नान करने लगे। इसी दौरान पैर फिसलने से कमलेश डूबने लगी। डूबते हुए उसने अपने बेटे को पकड़ लिया, जिससे बलविंदर का भी संतुलन बिगड़ गया। बलविंदर भी अपनी मां के साथ पानी में डूबने लगा। दोनों को डूबते देख परिवार के तीसरे सदस्य ने उन्हें बचाने का प्रयास किया। प्रयास के दौरान वह भी पानी में अपना संतुलन खो बैठा और तीनों ही एक साथ पानी में डूबने लगे। तीनों ने बचने के लिए हिलाए हाथ-पैर तीनों ने बचने के लिए कई बार ऊपर आकर हाथ हिलाया। गनीमत रही कि तीनों को डूबते हुए वहां खड़े गोताखोरों ने देख लिया। गोताखोरों में मुस्तकीम, दिलशाद, मासूम, बिलाल और जाहिद शामिल थे। सभी गोताखोरों ने बिना देरी किए पानी के गहरे कुंड में छलांग लगा दी। जिन्होंने समय रहते एक बड़ा हादसा होने से पहले ही तीनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तीनों को बाहर निकालने के बाद प्राथमिक उपचार दिया गया। जिससे तीनों की हालत में सुधार आया। इसके बाद उन्होंने सभी गोताखोरों का धन्यवाद किया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर