हरियाणा में भाजपा जॉइन कर चुकी कांग्रेस विधायक किरण चौधरी के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की ओर से विधानसभा स्पीकर को फिर से पिटीशन दी गई है। इस पिटीशन में कांग्रेस की ओर से किरण चौधरी के खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की गई है। इससे पहले भी कांग्रेस की और से इस बाबत एक याचिका डाली जा चुकी है, लेकिन स्पीकर ने उसे तकनीकी कमियों के आधार पर खारिज कर दिया था। हालांकि स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में नई पिटीशन देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। किरण अभी भी कांग्रेस विधायक हरियाणा में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी तोशाम से विधायक किरण चौधरी अभी कांग्रेस की ही विधायक हैं। इसका खुलासा खुद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कर चुके हैं। अगस्त में होने वाले मानसून सेशन में उन्हें कांग्रेस के खेमे में ही बैठना पड़ेगा। सदन में उन्हें नई सीट आवंटित नहीं की जाएगी। किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पहले ही खारिज कर चुके हैं। स्पीकर स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा की पार्टी स्थिति के अनुसार, किरण चौधरी कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें तब तक कांग्रेस का हिस्सा माना जाएगा, जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देतीं या अयोग्य घोषित नहीं कर दी जाती। अब यहां पढ़िए क्या हैं नियम… किरण चौधरी की विधायकी को लेकर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर नियमों के अनुसार याचिका दायर की जानी चाहिए। हर याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा सिग्नेचर किए जाने चाहिए और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार उनके द्वारा वेरिफिकेशन की जानी चाहिए। याचिका के हर अटैचमेंट पर भी उसी तरह सिग्नेचर किए जाने चाहिए और उसका सत्यापन किया जाना चाहिए। जबकि स्पीकर दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस के द्वारा दायर किए गए नोटिस के हर पेज पर सिग्नेचर नहीं किए हैं। खुद संज्ञान नहीं ले सकते स्पीकर विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि किरण चौधरी के भाजपा में जाने पर वह स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को खुद को देखना चाहिए। अपने समय में वे 4 साल से अधिक समय तक एक याचिका पर बैठे रहे। स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले नोटिस दिया और फिर रिमाइंडर भेजा। जब मैंने उनका नोटिस खारिज किया, तब भी उन्होंने नियम नहीं पढ़े। मुझे उनकी कानून की डिग्री पर संदेह है। कांग्रेस ने स्पीकर पर ये लगाए आरोप कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा और डिप्टी CLP नेता आफताब अहमद स्पीकर पर जमकर निशाना साध चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने आरोप लगाया था कि चूंकि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी से हैं, इसलिए वे वैसे भी उनकी याचिका खारिज कर देते। कांग्रेस के दोनों नेता यहां तक कह चुके हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप- SC के फैसले की हो रही अनदेखी आफताब अहमद के अनुसार, स्पीकर के कार्यों ने डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह बनाम बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष और अन्य के ऐतिहासिक 2004 के फैसले में निर्धारित सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों की अनदेखी की है। उनका कहना है कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि नियमों के प्रावधान इतने अनिवार्य नहीं थे, जबकि यह भी देखा गया था कि संवैधानिक प्रावधान यानी 10वीं अनुसूची के आदेश को पूरा करना स्पीकर का कर्तव्य है। हरियाणा में भाजपा जॉइन कर चुकी कांग्रेस विधायक किरण चौधरी के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की ओर से विधानसभा स्पीकर को फिर से पिटीशन दी गई है। इस पिटीशन में कांग्रेस की ओर से किरण चौधरी के खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की गई है। इससे पहले भी कांग्रेस की और से इस बाबत एक याचिका डाली जा चुकी है, लेकिन स्पीकर ने उसे तकनीकी कमियों के आधार पर खारिज कर दिया था। हालांकि स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में नई पिटीशन देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। किरण अभी भी कांग्रेस विधायक हरियाणा में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी तोशाम से विधायक किरण चौधरी अभी कांग्रेस की ही विधायक हैं। इसका खुलासा खुद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कर चुके हैं। अगस्त में होने वाले मानसून सेशन में उन्हें कांग्रेस के खेमे में ही बैठना पड़ेगा। सदन में उन्हें नई सीट आवंटित नहीं की जाएगी। किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पहले ही खारिज कर चुके हैं। स्पीकर स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा की पार्टी स्थिति के अनुसार, किरण चौधरी कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें तब तक कांग्रेस का हिस्सा माना जाएगा, जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देतीं या अयोग्य घोषित नहीं कर दी जाती। अब यहां पढ़िए क्या हैं नियम… किरण चौधरी की विधायकी को लेकर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर नियमों के अनुसार याचिका दायर की जानी चाहिए। हर याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा सिग्नेचर किए जाने चाहिए और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार उनके द्वारा वेरिफिकेशन की जानी चाहिए। याचिका के हर अटैचमेंट पर भी उसी तरह सिग्नेचर किए जाने चाहिए और उसका सत्यापन किया जाना चाहिए। जबकि स्पीकर दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस के द्वारा दायर किए गए नोटिस के हर पेज पर सिग्नेचर नहीं किए हैं। खुद संज्ञान नहीं ले सकते स्पीकर विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि किरण चौधरी के भाजपा में जाने पर वह स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को खुद को देखना चाहिए। अपने समय में वे 4 साल से अधिक समय तक एक याचिका पर बैठे रहे। स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले नोटिस दिया और फिर रिमाइंडर भेजा। जब मैंने उनका नोटिस खारिज किया, तब भी उन्होंने नियम नहीं पढ़े। मुझे उनकी कानून की डिग्री पर संदेह है। कांग्रेस ने स्पीकर पर ये लगाए आरोप कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा और डिप्टी CLP नेता आफताब अहमद स्पीकर पर जमकर निशाना साध चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने आरोप लगाया था कि चूंकि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी से हैं, इसलिए वे वैसे भी उनकी याचिका खारिज कर देते। कांग्रेस के दोनों नेता यहां तक कह चुके हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप- SC के फैसले की हो रही अनदेखी आफताब अहमद के अनुसार, स्पीकर के कार्यों ने डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह बनाम बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष और अन्य के ऐतिहासिक 2004 के फैसले में निर्धारित सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों की अनदेखी की है। उनका कहना है कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि नियमों के प्रावधान इतने अनिवार्य नहीं थे, जबकि यह भी देखा गया था कि संवैधानिक प्रावधान यानी 10वीं अनुसूची के आदेश को पूरा करना स्पीकर का कर्तव्य है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस में गलत टिकट बंटवारे पर घमासान:सैलजा बोली- सोनीपत पर हरिद्वार से लाए कैंडिडेट, उदयभान बोल- जो भी कहें, सीनियर से कहें हरियाणा कांग्रेस में लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। सिरसा से लोकसभा चुनाव जीत चुकी कुमारी सैलजा लगातार सार्वजनिक मंच पर टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठा रही हैं। वह यहां तक कह चुकी हैं कि टिकट बंटवारा यदि सही होता तो हम सभी सीटों पर जीत दर्ज कर सकते थे। सैलजा ने कहा है कि सोनीपत लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ाने के लिए हरिद्वार (उत्तराखंड) से प्रत्याशी लेकर आ रहे हैं। सैलजा के इन बयानों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जो भी बात कहनी है, वह पार्टी के सीनियर लीडरशिप से बात कर सकती हैं। टिकट वितरण बेहतर हुआ था तभी तो हरियाणा में कांग्रेस का ग्राफ भी बढ़ा है। वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा और सीटें भी 5 आईं। उदयभान ने कहा कि कुमारी सैलजा को इस तरीके से जनता में या फिर मीडिया में बयान नहीं देना चाहिए। उदयभान ने दावा किया कि विधानसभा में भी हम 70 प्लस सीटें लेकर आएंगे और सरकार बनाएंगे। अब यहां पढ़िए क्या बोली हैं सैलजा उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों में टिकट बंटवारा बेहतर तरीके से हुआ होता तो देश की सबसे पुरानी पार्टी हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती थी। कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर पार्टी हाईकमान को विश्वसनीय फीडबैक दिया गया होता और टिकट बांटने में कोई गड़बड़ी नहीं होतीं, तो पार्टी सभी 10 सीटों पर जीत हासिल कर सकती थी। उन्होंने करनाल सीट का उदाहरण दिया, अगर हम थोड़ा ओर जोर लगाते तो शायद करनाल लोकसभा सीट और विधानसभा सीट हमारे पास होती। भिवानी को देखें, अगर श्रुति चौधरी उम्मीदवार होतीं, तो कांग्रेस आसानी से जीत सकते थी। कांग्रेस में टिकट बंटवारे पर क्यों उठ रहे हैं सवाल… SRK गुट की नहीं चली लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठने की पहली वजह यह है कि इसमें एसआरके गुट की नहीं चल पाई। यही वजह रही कि कुमारी सैलजा अंबाला से टिकट चाहती थी, लेकिन हाईकमान ने उन्हें सिरसा से लड़ा दिया। वहीं भिवानी-महेंद्रगढ़ से किरण चौधरी की बेटी की टिकट काटकर हुड्डा गुट के विधायक राव दान सिंह को दी गई। कहा जाए तो 2024 के टिकट बंटवारे में पूरी तरह से हुड्डा गुट का दबदबा रहा। सोनीपत सीट पर बाहर से लाए कैंडिडेट दूसरी वजह यह भी रही कि इस बार सोनीपत लोकसभा सीट पर दूसरे प्रांत के कैंडिडेट को टिकट दी गई। इसको लेकर एसआरके गुट सवाल उठा रहा है कि टिकट बंटवारे के दौरान हरिद्वार से लाकर सोनीपत सीट से चुनाव लड़ाया गया। इसके अलावा यूपी से आए फिल्म अभिनेता राज बब्बर की टिकट का भी एसआरके गुट ने विरोध किया। हुड्डा गुट टिकट बंटवारे को सही ठहरा रहा लोकसभा चुनाव में हरियाणा में टिकट बंटवारे को लेकर हुड्डा गुट सही ठहरा रहा है। हुड्डा गुट के नेताओं का कहना है कि यदि टिकट बंटवारा सही नहीं हुआ होता कांग्रेस 0 से 5 पर नहीं आ पाती। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा है कि कांग्रेस ने अच्छे चेहरों को टिकट दी, जिसके कारण कांग्रेस के वोट शेयर में पूरे देश में सबसे अच्छा हरियाणा रहा है। यहां 46 प्रतिशत से ज्यादा कांग्रेस पार्टी को वोट शेयर मिला है।
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