पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को डूंगरपुर बस्ती से जुड़े एक और केस में रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने बरी कर दिया। मंगलवार को इस मामले की अंतिम बहस पूरी हो गई थी। आजम पर डूंगरपुर बस्ती उजाड़ने के मामले में कुल 12 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से वह 4 मुकदमों में बरी हो चुके हैं, 2 में सजा हुई है। कोर्ट ने आजम खान के साथ ही 6 आरोपियों को बरी किया। डूंगरपुर केस साल 2016 का है। तब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम कैबिनेट मंत्री थे। पीड़ित पक्ष की वकील सीमा राणा ने फैसला आने के बाद कहा- अभी हम लोगों को जजमेंट की कॉपी नहीं मिली है। कॉपी मिलने के बाद ही हमें पता चलेगा कि कैसे सभी को दोषमुक्त किया गया। उसके बाद हम लोग आगे अपील करेंगे। यह 2016 का डूंगरपुर मामला
रामपुर में पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा कॉलोनी बनाई गई थी। कॉलोनी बनने से पहले कुछ लोगों के यहां घर बने हुए थे। उन्हें अवैध करार देकर साल 2016 में बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इस दौरान जमकर विवाद हुआ। आरोप है, इस दौरान दरोगा फिरोज ने फायर किया, मारपीट भी की थी। साथ ही अबरार की वाशिंग मशीन, सोना-चांदी और 5 हजार रुपए लूट ले गए थे। तोड़े गए घरों के मालिकों ने भाजपा की सरकार आने पर साल 2019 में थाना गंज में 12 मुकदमे दर्ज कराए। अलग-अलग मुकदमों में इल्जाम था कि आजम खान के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने डूंगरपुर में सरकारी आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन गिराया। उनका सामान लूट लिया। घरों पर बुलडोजर चलाया गया। पुलिस ने जांच के दौरान इन मुकदमों में आजम को भी आरोपी बनाया। बाद में आजम के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई थी। अब पढ़िए आजम खान के राजनीतिक पतन की कहानी
उत्तर प्रदेश में आजम खान के सियासी रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह रामपुर सीट से ही 10 बार विधायक और एक बार सांसद रहे। उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी विधायक बनीं। बेटा अब्दुल्ला आजम दो बार विधायक बने। सपा सरकार में आजम का जलवा किसी CM से कम नहीं था। स्टेट प्लेन उन्हें रामपुर तक सिर्फ ड्रॉप करने जाया करता था। माना जाता था कि प्रदेश की आधी सरकार रामपुर से ही चलती थी। आजम के इस जलवे पर साल 2017 से ग्रहण लगना शुरू हो गया। इन कलक्टर-फलक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं
2019 में लोकसभा में आजम खान सपा के स्टार प्रचारक के रूप में रामपुर में चुनाव प्रचार कर रहे थे। इसी बीच चुनावी रैली में सुर्खियां बटोरने और अपनी ताकत दिखाने के लिए आजम ने ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ एक बड़ा डायलॉग मारा। उन्होंने कहा, “इन कलक्टर-फलक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं। अल्लाह ने चाहा तो चुनाव बाद इन्हीं से जूते साफ कराऊंगा।” यही डायलॉग आजम के लिए नासूर बन गया। इस बयानबाजी के बाद से ही आजम और उनके परिवार के खिलाफ मुकदमों का दौर शुरू हो गया। पहले आजम को जेल जाना पड़ा। फिर उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा को भी जेल हुई। जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन से शुरू हुआ था शिकायतों का दौर
जब आजम ने रामपुर के अफसरों से जूते साफ करवाने वाला डायलॉग मारा था, उन दिनों वहां के डीएम आंजनेय कुमार थे। उसी दौरान कुछ किसानों ने जौहर यूनिवर्सिटी में गलत तरीके से जमीन लेने की शिकायत आजम खान के खिलाफ की। डीएम ने उस पर जांच के आदेश दिए और धीरे-धीरे आजम पर करीब 105 मुकदमे दर्ज हो गए। आजम को भू-माफिया घोषित कर दिया गया। आजम को 3 मामलों में हो चुकी है सजा 15 जुलाई, 2023 : आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। 31 जनवरी, 2024 : डूंगरपुर के एक केस में आजम खान को 7 साल की कैद और 5 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह मामला रूबी पत्नी करामत अली की तरफ से दर्ज कराया गया था। 30 मई 2024: डूंगरपुर के एक केस में आजम खान को 10 साल की कैद और 14 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई। वह अबरार पुत्र नन्हें खां ने दर्ज कराया था। यह खबर भी पढ़ें हरदोई में नामी वकील की घर में घुसकर हत्या; शूटर्स क्लाइंट बनकर आए, कनपटी पर मारी गोली हरदोई के नामी वकील कनिष्क मेहरोत्रा की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। 2 शूटर्स घर में क्लाइंट बनकर आए। मुंशी से कहा कि कोर्ट मैरिज करनी है। वकील साहब को बुला दीजिए। कनिष्क कमरे में पहुंचे तो शूटर्स ने उनको फाइल पकड़ा दी। फाइल खोलते ही शूटर्स ने कनपटी पर गोली मार दी। मुंशी चिल्लाया तो शूटर्स भाग गए। उनका एक साथी बाहर खड़ा था। वारदात के बाद परिवार गंभीर हालत में कनिष्क मेहरोत्रा को लखनऊ ला रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। यहां पढ़ें पूरी खबर पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को डूंगरपुर बस्ती से जुड़े एक और केस में रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने बरी कर दिया। मंगलवार को इस मामले की अंतिम बहस पूरी हो गई थी। आजम पर डूंगरपुर बस्ती उजाड़ने के मामले में कुल 12 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से वह 4 मुकदमों में बरी हो चुके हैं, 2 में सजा हुई है। कोर्ट ने आजम खान के साथ ही 6 आरोपियों को बरी किया। डूंगरपुर केस साल 2016 का है। तब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम कैबिनेट मंत्री थे। पीड़ित पक्ष की वकील सीमा राणा ने फैसला आने के बाद कहा- अभी हम लोगों को जजमेंट की कॉपी नहीं मिली है। कॉपी मिलने के बाद ही हमें पता चलेगा कि कैसे सभी को दोषमुक्त किया गया। उसके बाद हम लोग आगे अपील करेंगे। यह 2016 का डूंगरपुर मामला
रामपुर में पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा कॉलोनी बनाई गई थी। कॉलोनी बनने से पहले कुछ लोगों के यहां घर बने हुए थे। उन्हें अवैध करार देकर साल 2016 में बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इस दौरान जमकर विवाद हुआ। आरोप है, इस दौरान दरोगा फिरोज ने फायर किया, मारपीट भी की थी। साथ ही अबरार की वाशिंग मशीन, सोना-चांदी और 5 हजार रुपए लूट ले गए थे। तोड़े गए घरों के मालिकों ने भाजपा की सरकार आने पर साल 2019 में थाना गंज में 12 मुकदमे दर्ज कराए। अलग-अलग मुकदमों में इल्जाम था कि आजम खान के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने डूंगरपुर में सरकारी आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन गिराया। उनका सामान लूट लिया। घरों पर बुलडोजर चलाया गया। पुलिस ने जांच के दौरान इन मुकदमों में आजम को भी आरोपी बनाया। बाद में आजम के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई थी। अब पढ़िए आजम खान के राजनीतिक पतन की कहानी
उत्तर प्रदेश में आजम खान के सियासी रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह रामपुर सीट से ही 10 बार विधायक और एक बार सांसद रहे। उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी विधायक बनीं। बेटा अब्दुल्ला आजम दो बार विधायक बने। सपा सरकार में आजम का जलवा किसी CM से कम नहीं था। स्टेट प्लेन उन्हें रामपुर तक सिर्फ ड्रॉप करने जाया करता था। माना जाता था कि प्रदेश की आधी सरकार रामपुर से ही चलती थी। आजम के इस जलवे पर साल 2017 से ग्रहण लगना शुरू हो गया। इन कलक्टर-फलक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं
2019 में लोकसभा में आजम खान सपा के स्टार प्रचारक के रूप में रामपुर में चुनाव प्रचार कर रहे थे। इसी बीच चुनावी रैली में सुर्खियां बटोरने और अपनी ताकत दिखाने के लिए आजम ने ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ एक बड़ा डायलॉग मारा। उन्होंने कहा, “इन कलक्टर-फलक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं। अल्लाह ने चाहा तो चुनाव बाद इन्हीं से जूते साफ कराऊंगा।” यही डायलॉग आजम के लिए नासूर बन गया। इस बयानबाजी के बाद से ही आजम और उनके परिवार के खिलाफ मुकदमों का दौर शुरू हो गया। पहले आजम को जेल जाना पड़ा। फिर उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा को भी जेल हुई। जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन से शुरू हुआ था शिकायतों का दौर
जब आजम ने रामपुर के अफसरों से जूते साफ करवाने वाला डायलॉग मारा था, उन दिनों वहां के डीएम आंजनेय कुमार थे। उसी दौरान कुछ किसानों ने जौहर यूनिवर्सिटी में गलत तरीके से जमीन लेने की शिकायत आजम खान के खिलाफ की। डीएम ने उस पर जांच के आदेश दिए और धीरे-धीरे आजम पर करीब 105 मुकदमे दर्ज हो गए। आजम को भू-माफिया घोषित कर दिया गया। आजम को 3 मामलों में हो चुकी है सजा 15 जुलाई, 2023 : आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। 31 जनवरी, 2024 : डूंगरपुर के एक केस में आजम खान को 7 साल की कैद और 5 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह मामला रूबी पत्नी करामत अली की तरफ से दर्ज कराया गया था। 30 मई 2024: डूंगरपुर के एक केस में आजम खान को 10 साल की कैद और 14 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई। वह अबरार पुत्र नन्हें खां ने दर्ज कराया था। यह खबर भी पढ़ें हरदोई में नामी वकील की घर में घुसकर हत्या; शूटर्स क्लाइंट बनकर आए, कनपटी पर मारी गोली हरदोई के नामी वकील कनिष्क मेहरोत्रा की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। 2 शूटर्स घर में क्लाइंट बनकर आए। मुंशी से कहा कि कोर्ट मैरिज करनी है। वकील साहब को बुला दीजिए। कनिष्क कमरे में पहुंचे तो शूटर्स ने उनको फाइल पकड़ा दी। फाइल खोलते ही शूटर्स ने कनपटी पर गोली मार दी। मुंशी चिल्लाया तो शूटर्स भाग गए। उनका एक साथी बाहर खड़ा था। वारदात के बाद परिवार गंभीर हालत में कनिष्क मेहरोत्रा को लखनऊ ला रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर