मेरठ की अदालत आज यानी बुधवार को चर्चित गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन, अब कोर्ट ने अगली डेट 1 अगस्त यानी गुरुवार की दी है। बुधवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी आरोपी और पीड़ित पक्ष अपने अधिवक्ताओं के साथ गुरुवार को कोर्ट में ठीक 11 बजे आ जाएंगे। आज फैसला न सुनाने के पीछे एक कारण कांवड़ यात्रा भी है। मेरठ एसएसपी ने कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि इस वक्त समस्त पुलिसफोर्स कांवड़ यात्रा में लगा है। ऐसे में फैसला आने के बाद अगर किसी प्रकार का तनाव होता है तो पुलिस फोर्स उपलब्ध होने में परेशानी होगी। इसलिए कांवड़ यात्रा को सुचारू रूप से कराने और माहौल शांतिपूर्वक बनाए रखने के लिए फैसले की तारीख को एक दिन के लिए बढ़ाया जाए। इसे मानते हुए कोर्ट ने कल का दिन तय किया है। 16 साल पुराने ये वारदात हुई थी। इस केस में 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। सात आरोपी अभी जेल में हैं। एक की मौत हो चुकी है। छह आरोपी जमानत पर हैं। हत्यारों ने घर बुलाकर तीनों युवकों को पहले गोली मारी, फिर तलवार से गला काटा गया। लाठी-डंडों से पीटा। आंखें भी फोड़ दी। रातभर टॉर्चर और मौत का खूनी खेल खेला। पूरी रात हत्यारे युवकों को काटते रहे और सुबह हो गई। फिर जीने के पास लाशें फेंक दी। मोहल्ले में शोर मचा तो कार में लाशें भरकर भागा। गाड़ी में तेल खत्म हुआ तो नहर किनारे छोड़कर भाग गए। 16 साल पहले खौफनाक हत्याकांड आखिरी क्यों हुआ? बताते हैं…
23 मई 2008 को बागपत और मेरठ जिले के बॉर्डर पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव मिले। मृतकों की पहचान सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार मेरठ, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड मेरठ और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई। 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और दोस्तों के साथ मिलकर की। इजलाल की दोस्ती मेरठ कॉलेज में पढ़ने वाली शीबा सिरोही से थी। वह एकतरफा प्यार करता था। वहीं, सुनील ढाका भी शीबा को चाहने लगा था। शीबा को इजलाल से तीनों युवकों का मिलना पसंद नहीं था। उसने इजलाल को तीनों के खिलाफ उकसाया था। तीनों को गुदड़ी बाजार में आरोपी इजलाल ने घर बुलाया। जहां हत्या कर दी। तीनों को गोली मारी, तलवार से काटा, आंखें फोड़ी
ये हत्याकांड इतना नृशंस था कि प्रदेशभर में चर्चा में रहा। तीनों युवकों को पहले गोली मारी, फिर तलवार से गला काटा गया। लाठी-डंडों से पीटा। आंखें भी फोड़ दी। घटना को देख और सुनकर हर कोई हैरान था। आनन-फानन मेरठ के साथ ही बागपत पुलिस को अलर्ट किया गया। तत्काल एक आरोपी की गिरफ्तारी भी की गई। मुख्य आरोपी इजलाल से पूछताछ हुई तो हैरान करने वाले खुलासे हुए। शीबा का सुनील से प्यार करना गुजरा नागवार
इजलाल को पता चला कि शीबा सुनील ढाका को चाहती है। सुनील भी उसे प्यार करता है। ये बात इजलाल को खटक गई। उसने तय कर लिया कि सुनील ढाका को छोड़ेगा नहीं, ठिकाने लगाएगा। सुनील को ठिकाने लगाने के लिए इजलाल ने अपने तीन दोस्तों सुनील, पुनीत गिरी, सुधीर उज्जवल को अपने ठिकाने पर बुलाया। रातभर मौत का खूनी खेल चलता रहा
इसके बाद जमकर शराब पिलाई। जब तीनों लड़के नशे में बेसुध हो गए तो इजलाल ने तीनों को अपने ही घर में कैद कर लिया। इसके बाद इजलाल ने अपने दूसरे साथियों को घर बुलाया। तीनों युवकों को बुरी तरह पीटा। इजलाल इतना आक्रोशित था कि तीनों लड़कों को बुरी तरह पीटने के बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने तीनों लड़कों की आंखें फोड़ डाली। फिर उनको गोली मार दी। इसके बाद तलवार से उनके गले काटे। रातभर इजलाल के टॉर्चर और मौत का खूनी खेल चलता रहा। पूरी रात इजलाल युवकों को काटता रहा और सुबह हो गई। जीने के पास तीनों के शव फेंके
आरोपी इजलाल और दोस्तों ने तीनों लाशों को घर में ही सड़क की तरफ बने एक छोटे से जीने के पास डाल दिया। लेकिन, थोड़ी ही देर लाशों से खून बह कर सड़क पर आने लगा। आसपास के लोगों ने खून बहता देखा तो शोर मचाया। इसके बाद उस हिस्से को खोला गया तो भयानक मंजर नजर आया। इतने में इजलाल का नशा भी उतर गया। उसने आनन-फानन गाड़ियां मंगाई और तीनों शवों को एक गाड़ी की डिक्गी में डालकर गंग नहर की ओर भागा। कोई सही जगह नजर नहीं आई तो आरोपी इन शवों को लेकर बागपत बॉर्डर पर हिंडन किनारे पहुंचा। इस दौरान गाड़ी का तेल खत्म हो गया तो आरोपी गाड़ी में ही शव छोड़कर फरार हो गया। शवों को गाड़ी में बुरी तरह ठूंसा
स्थानीय लोग बताते हैं- जीने से शवों को निकाल कर ठिकाने लगाने का दृष्य भी भयावह था। दरअसल, आरोपी जब अपने घर से शव निकाल रहा था तो सड़क पर गाड़ियों का काफिला था। इसमें एक गाड़ी पर नीली बत्ती लगी थी। एक गाड़ी में शव ठूंस कर भरे जा रहे थे। मकान के अंदर से लेकर सड़क तक खून ही खून फैला था। बावजूद इसके किसी की हिम्मत नहीं पड़ी कि आरोपी को रोक या टोक सके। बागपत पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर आरोपी इजलाल को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान गुस्साए लोगों ने हिरासत में उसकी पिटाई कर दी। कोर्ट पहुंचे शीबा-इजलाल ने एक-दूसरे को तिरछी नजरों से देखा
17 जुलाई को कोर्ट में आरोपी पेश हुए थे। शिबा सिरोही, इजलाल कुरैशी के भाई और दूसरे आरोपी भी मुंह पर मास्क लगाकर पहुंचे। इजलाल कुरैशी सबसे बाद में कोर्ट पहुंचा। जिस शीबा के खातिर इजलाल ने ये सब किया वो दोनों लोग एक-दूसरे से बात करते नहीं दिखे। दोनों ने तिरछी नजरों में एक-दूसरे को देखा। गवाह संदीप पर हो चुका है जानलेवा हमला
मेरठ से लेकर दिल्ली तक सैकड़ों छात्रों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया था। इसी प्रकार व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर खराब कानून व्यवस्था का विरोध किया। मुकदमे के वादी अनिल ढाका स्वतंत्र गवाह के रूप में दुष्यंत तोमर उर्फ अमित राणा, संदीप ढ़डरा, अमित उज्जवल, राजेश कुमार कोर्ट में पेश हुए हैं। इनके अलावा विवेचक पंकज कुमार गौतम, डीके बालियान, नागेश मिश्रा, हरीश भदौरिया पंचनामे का गवाह दरोगा सोमपाल पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. कृष्ण कुमार, मुकदमा लिखने वाले एएसआई हरी सिंह, आरोपियों से बरामदगी करने वाले एसआई सुशील कुमार व नरेश चंद वर्मा सिपाही अनुराग पाठक फिंगर प्रिंट लेने वाले जयवीर सिंह नक्शा-नजरी बनाने वाले राज सिंह आर्म्स एक्ट के गवाह राजेश कुमार, दरोगा रघुनंदन सिंह भदौरिया सिपाही अरविन्द मौजूद रहे। वहीं आरोपी पक्ष से पांच गवाह नफीस, अमित शर्मा, इस्माइल, शरीफ और आबिद पेश किये गये। गवाह संदीप पर जानलेवा हमला हो चुका है। ये भी पढ़ें:- आगरा में रेप के आरोपी को 5 जूते की सजा, मौलवी ने पंचायत में सुनाया था फरमान आगरा में रेप केस में पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए पंचायत में आरोपी को पांच जूते मारने का फरमान मौलवी ने सुनाया। मौलाना ने जूते मारने के साथ पीड़ित पक्ष को 15 हजार रुपए देने का फरमान सुनाया। फिर पीड़िता से आरोपी को जूते लगवाए और मामला रफा दफा करवा दिया गया। अब आरोपी को जूते मारने का वीडियो सामने आया है।पढ़ें पूरी खबर… मेरठ की अदालत आज यानी बुधवार को चर्चित गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन, अब कोर्ट ने अगली डेट 1 अगस्त यानी गुरुवार की दी है। बुधवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी आरोपी और पीड़ित पक्ष अपने अधिवक्ताओं के साथ गुरुवार को कोर्ट में ठीक 11 बजे आ जाएंगे। आज फैसला न सुनाने के पीछे एक कारण कांवड़ यात्रा भी है। मेरठ एसएसपी ने कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि इस वक्त समस्त पुलिसफोर्स कांवड़ यात्रा में लगा है। ऐसे में फैसला आने के बाद अगर किसी प्रकार का तनाव होता है तो पुलिस फोर्स उपलब्ध होने में परेशानी होगी। इसलिए कांवड़ यात्रा को सुचारू रूप से कराने और माहौल शांतिपूर्वक बनाए रखने के लिए फैसले की तारीख को एक दिन के लिए बढ़ाया जाए। इसे मानते हुए कोर्ट ने कल का दिन तय किया है। 16 साल पुराने ये वारदात हुई थी। इस केस में 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। सात आरोपी अभी जेल में हैं। एक की मौत हो चुकी है। छह आरोपी जमानत पर हैं। हत्यारों ने घर बुलाकर तीनों युवकों को पहले गोली मारी, फिर तलवार से गला काटा गया। लाठी-डंडों से पीटा। आंखें भी फोड़ दी। रातभर टॉर्चर और मौत का खूनी खेल खेला। पूरी रात हत्यारे युवकों को काटते रहे और सुबह हो गई। फिर जीने के पास लाशें फेंक दी। मोहल्ले में शोर मचा तो कार में लाशें भरकर भागा। गाड़ी में तेल खत्म हुआ तो नहर किनारे छोड़कर भाग गए। 16 साल पहले खौफनाक हत्याकांड आखिरी क्यों हुआ? बताते हैं…
23 मई 2008 को बागपत और मेरठ जिले के बॉर्डर पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव मिले। मृतकों की पहचान सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार मेरठ, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड मेरठ और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई। 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और दोस्तों के साथ मिलकर की। इजलाल की दोस्ती मेरठ कॉलेज में पढ़ने वाली शीबा सिरोही से थी। वह एकतरफा प्यार करता था। वहीं, सुनील ढाका भी शीबा को चाहने लगा था। शीबा को इजलाल से तीनों युवकों का मिलना पसंद नहीं था। उसने इजलाल को तीनों के खिलाफ उकसाया था। तीनों को गुदड़ी बाजार में आरोपी इजलाल ने घर बुलाया। जहां हत्या कर दी। तीनों को गोली मारी, तलवार से काटा, आंखें फोड़ी
ये हत्याकांड इतना नृशंस था कि प्रदेशभर में चर्चा में रहा। तीनों युवकों को पहले गोली मारी, फिर तलवार से गला काटा गया। लाठी-डंडों से पीटा। आंखें भी फोड़ दी। घटना को देख और सुनकर हर कोई हैरान था। आनन-फानन मेरठ के साथ ही बागपत पुलिस को अलर्ट किया गया। तत्काल एक आरोपी की गिरफ्तारी भी की गई। मुख्य आरोपी इजलाल से पूछताछ हुई तो हैरान करने वाले खुलासे हुए। शीबा का सुनील से प्यार करना गुजरा नागवार
इजलाल को पता चला कि शीबा सुनील ढाका को चाहती है। सुनील भी उसे प्यार करता है। ये बात इजलाल को खटक गई। उसने तय कर लिया कि सुनील ढाका को छोड़ेगा नहीं, ठिकाने लगाएगा। सुनील को ठिकाने लगाने के लिए इजलाल ने अपने तीन दोस्तों सुनील, पुनीत गिरी, सुधीर उज्जवल को अपने ठिकाने पर बुलाया। रातभर मौत का खूनी खेल चलता रहा
इसके बाद जमकर शराब पिलाई। जब तीनों लड़के नशे में बेसुध हो गए तो इजलाल ने तीनों को अपने ही घर में कैद कर लिया। इसके बाद इजलाल ने अपने दूसरे साथियों को घर बुलाया। तीनों युवकों को बुरी तरह पीटा। इजलाल इतना आक्रोशित था कि तीनों लड़कों को बुरी तरह पीटने के बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने तीनों लड़कों की आंखें फोड़ डाली। फिर उनको गोली मार दी। इसके बाद तलवार से उनके गले काटे। रातभर इजलाल के टॉर्चर और मौत का खूनी खेल चलता रहा। पूरी रात इजलाल युवकों को काटता रहा और सुबह हो गई। जीने के पास तीनों के शव फेंके
आरोपी इजलाल और दोस्तों ने तीनों लाशों को घर में ही सड़क की तरफ बने एक छोटे से जीने के पास डाल दिया। लेकिन, थोड़ी ही देर लाशों से खून बह कर सड़क पर आने लगा। आसपास के लोगों ने खून बहता देखा तो शोर मचाया। इसके बाद उस हिस्से को खोला गया तो भयानक मंजर नजर आया। इतने में इजलाल का नशा भी उतर गया। उसने आनन-फानन गाड़ियां मंगाई और तीनों शवों को एक गाड़ी की डिक्गी में डालकर गंग नहर की ओर भागा। कोई सही जगह नजर नहीं आई तो आरोपी इन शवों को लेकर बागपत बॉर्डर पर हिंडन किनारे पहुंचा। इस दौरान गाड़ी का तेल खत्म हो गया तो आरोपी गाड़ी में ही शव छोड़कर फरार हो गया। शवों को गाड़ी में बुरी तरह ठूंसा
स्थानीय लोग बताते हैं- जीने से शवों को निकाल कर ठिकाने लगाने का दृष्य भी भयावह था। दरअसल, आरोपी जब अपने घर से शव निकाल रहा था तो सड़क पर गाड़ियों का काफिला था। इसमें एक गाड़ी पर नीली बत्ती लगी थी। एक गाड़ी में शव ठूंस कर भरे जा रहे थे। मकान के अंदर से लेकर सड़क तक खून ही खून फैला था। बावजूद इसके किसी की हिम्मत नहीं पड़ी कि आरोपी को रोक या टोक सके। बागपत पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर आरोपी इजलाल को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान गुस्साए लोगों ने हिरासत में उसकी पिटाई कर दी। कोर्ट पहुंचे शीबा-इजलाल ने एक-दूसरे को तिरछी नजरों से देखा
17 जुलाई को कोर्ट में आरोपी पेश हुए थे। शिबा सिरोही, इजलाल कुरैशी के भाई और दूसरे आरोपी भी मुंह पर मास्क लगाकर पहुंचे। इजलाल कुरैशी सबसे बाद में कोर्ट पहुंचा। जिस शीबा के खातिर इजलाल ने ये सब किया वो दोनों लोग एक-दूसरे से बात करते नहीं दिखे। दोनों ने तिरछी नजरों में एक-दूसरे को देखा। गवाह संदीप पर हो चुका है जानलेवा हमला
मेरठ से लेकर दिल्ली तक सैकड़ों छात्रों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया था। इसी प्रकार व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर खराब कानून व्यवस्था का विरोध किया। मुकदमे के वादी अनिल ढाका स्वतंत्र गवाह के रूप में दुष्यंत तोमर उर्फ अमित राणा, संदीप ढ़डरा, अमित उज्जवल, राजेश कुमार कोर्ट में पेश हुए हैं। इनके अलावा विवेचक पंकज कुमार गौतम, डीके बालियान, नागेश मिश्रा, हरीश भदौरिया पंचनामे का गवाह दरोगा सोमपाल पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. कृष्ण कुमार, मुकदमा लिखने वाले एएसआई हरी सिंह, आरोपियों से बरामदगी करने वाले एसआई सुशील कुमार व नरेश चंद वर्मा सिपाही अनुराग पाठक फिंगर प्रिंट लेने वाले जयवीर सिंह नक्शा-नजरी बनाने वाले राज सिंह आर्म्स एक्ट के गवाह राजेश कुमार, दरोगा रघुनंदन सिंह भदौरिया सिपाही अरविन्द मौजूद रहे। वहीं आरोपी पक्ष से पांच गवाह नफीस, अमित शर्मा, इस्माइल, शरीफ और आबिद पेश किये गये। गवाह संदीप पर जानलेवा हमला हो चुका है। ये भी पढ़ें:- आगरा में रेप के आरोपी को 5 जूते की सजा, मौलवी ने पंचायत में सुनाया था फरमान आगरा में रेप केस में पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए पंचायत में आरोपी को पांच जूते मारने का फरमान मौलवी ने सुनाया। मौलाना ने जूते मारने के साथ पीड़ित पक्ष को 15 हजार रुपए देने का फरमान सुनाया। फिर पीड़िता से आरोपी को जूते लगवाए और मामला रफा दफा करवा दिया गया। अब आरोपी को जूते मारने का वीडियो सामने आया है।पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर