नूंह जिले में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन कड़े प्रबंध किए हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा में 700 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिले के सभी चौक-चौराहों व कावंड शिवरों में पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं 5 एम्बुलेंस, 24 राईडर व 16 पीसीआर भी तैनात की गई हैं। पुलिस प्रवाक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक नूंह विजय प्रताप ने शिवरात्री के पावन पर्व पर हरिद्वार, नीलकण्ठ महादेव से कावंड़ में गंगाजल ला रहे कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए जिले में कडे पुलिस प्रबंध किए हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए जिले में 700 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। इसके अतिरिक्त एन.एच 248ए पर 8 पुलिस नाके, 5 एम्बुलेंस, 24 राईडर व 16 पीसीआर सहित जिले के सभी चौक-चौराहों व कावंड शिवरों में कांवड़ियों की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया हैं। इसके अतिरिक्त कांवड़ियों के जाने वाले मार्ग पर अलग से एक सुरक्षित लाईन भी बनाई गई हैं। पुलिस अधीक्षक नूंह ने जिला के सभी थाना, चौकी व स्टाफ प्रभारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि कांवड़ियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें ताकि कांवड़ियों अपने गंतव्य तक गंगाजल को लेकर सुरक्षित पहुंच सके । नूंह जिले में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन कड़े प्रबंध किए हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा में 700 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिले के सभी चौक-चौराहों व कावंड शिवरों में पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं 5 एम्बुलेंस, 24 राईडर व 16 पीसीआर भी तैनात की गई हैं। पुलिस प्रवाक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक नूंह विजय प्रताप ने शिवरात्री के पावन पर्व पर हरिद्वार, नीलकण्ठ महादेव से कावंड़ में गंगाजल ला रहे कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए जिले में कडे पुलिस प्रबंध किए हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए जिले में 700 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। इसके अतिरिक्त एन.एच 248ए पर 8 पुलिस नाके, 5 एम्बुलेंस, 24 राईडर व 16 पीसीआर सहित जिले के सभी चौक-चौराहों व कावंड शिवरों में कांवड़ियों की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया हैं। इसके अतिरिक्त कांवड़ियों के जाने वाले मार्ग पर अलग से एक सुरक्षित लाईन भी बनाई गई हैं। पुलिस अधीक्षक नूंह ने जिला के सभी थाना, चौकी व स्टाफ प्रभारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि कांवड़ियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें ताकि कांवड़ियों अपने गंतव्य तक गंगाजल को लेकर सुरक्षित पहुंच सके । हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन, फैसला आज:हुड्डा को हटाने पर अड़ा सैलजा गुट; 3 ऑब्जर्वर मुहर लगाएंगे, 2 नाम आगे चल रहे
हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन, फैसला आज:हुड्डा को हटाने पर अड़ा सैलजा गुट; 3 ऑब्जर्वर मुहर लगाएंगे, 2 नाम आगे चल रहे हरियाणा कांग्रेस को आज विधायक दल का नेता मिल जाएगा। पार्टी ने इसे लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में हाईकमान की ओर से भेजे गए 3 ऑब्जर्वर और पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पार्टी के सभी विधायक भी मौजूद रहेंगे। इसमें ही विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लगेगी। इससे पहले हुड्डा ने दिल्ली में बुधवार को अपने समर्थक विधायकों की मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में करीब 31 नेता पहुंचे थे। सियासी गलियारों में इस मीटिंग को नेता विपक्ष के चुनाव से पहले पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, मीटिंग के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने सफाई दी थी कि विधायक एक-दूसरे से मिलना चाहते थे। यह अनौपचारिक मुलाकात थी। इसमें अच्छी चर्चा हुई। सभी ने कहा कि हम हरियाणा और पार्टी के लिए लड़ेंगे। मीटिंग में आएंगे ये 3 ऑब्जर्वर
कांग्रेस हाईकमान की ओर से बुलाई गई मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर 3 वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। इनमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा शामिल हैं। ये ऑब्जर्वर मीटिंग में विधायकों से वन टू वन राय शुमारी कर नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करेंगे। ऑब्जर्वर्स को भेजने की वजह कांग्रेस की गुटबाजी को बताया जा रहा है। इस मीटिंग में हुड्डा और सैलजा दोनों के समर्थक विधायक शामिल होंगे। उनकी आपस में नाराजगी को दूर करने का भी कोई समाधान ऑब्जर्वर्स कर सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए चर्चा में 2 नाम… नेता प्रतिपक्ष के लिए हुड्डा और सैलजा गुट से एक-एक नाम की चर्चा है। चूंकि, सैलजा गुट की कोशिश है कि भूपेंद्र हुड्डा से नेता प्रतिपक्ष का पद लिया जाए, इसलिए इन्हीं दोनों में से किसी एक को यह पद मिल सकता है। इनमें अशोक अरोड़ा और चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम शामिल है। 1- अशोक अरोड़ा
अशोक अरोड़ा ने इस बार थानेसर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने सैनी सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री रहे सुभाष सुधा को 3243 वोट से हराया। अशोक अरोड़ा हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के अलावा विधानसभा स्पीकर भी रह चुके हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस इस बार गैर-जाट कार्ड खेलते हुए अशोक अरोड़ा पर दांव लगा सकती है। पंजाबी समुदाय से आने वाले अशोक अरोड़ा लंबे समय तक इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में रहे। वह 14 साल तक INLD के प्रदेशाध्यक्ष रहे और 2019 के चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अरोड़ा की पंजाबी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। 2- चंद्रमोहन बिश्नोई
चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे करने से कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा गैर जाट तबके में मिल सकता है। वह हरियाणा के डिप्टी CM रह चुके हैं। उनके पिता चौधरी भजनलाल प्रदेश के CM रह चुके हैं। भजनलाल की OBC और पंजाबी वोटरों पर अच्छी पकड़ थी, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। चंद्रमोहन का नाम आगे बढ़ाकर पार्टी गैर-जाट वोटर्स को भी अपने पाले में करने की कोशिश कर सकती है। इस बार कांग्रेस को गैर-जाट वोट कम मिले, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। इसके अलावा चंद्रमोहन की गिनती सैलजा के करीबी नेताओं में होती है। चंद्रमोहन को लेकर फिलहाल सैलजा कुछ नहीं बोल रहीं, लेकिन पार्टी की हार के बाद हाईकमान उनकी पसंद को तवज्जो दे सकती है। हार से कांग्रेस में घमासान, हुड्डा-उदयभान पर इस्तीफे का दबाव
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। हुड्डा और सैलजा समर्थक लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया राहुल गांधी से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। इससे उदयभान पर प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने और भूपेंद्र हुड्डा पर नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा न जताने का दबाव बढ़ गया है। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी सैलजा और हुड्डा गुट से 2 नामों की चर्चा है। उदयभान के पद छोड़ने के बाद कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। वह पहले भी यह पदभार संभाल चुकी हैं। वहीं, प्रदेशाध्यक्ष के लिए हुड्डा गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल के नाम की भी चर्चा है। हुड्डा और सैलजा खेमे के क्या आरोप… हुड्डा खेमे की चुनाव आयोग से EVM में गड़बड़ी की शिकायत
भूपेंद्र हुड्डा समर्थक हरियाणा में हुई हार का ठीकरा EVM पर फोड़ रहे हैं। उनका दावा है कि प्रदेश में 20 सीटों की वोटिंग और मतगणना में गड़बड़ी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने तो EVM हैक करने के भी आरोप लगाए। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 7 सीटों की लिखित शिकायत सौंपी थी। इसमें कांग्रेस ने कहा था कि जिन EVM में ज्यादा वोट पड़े, वह फिर भी 90% चार्ज थी। इससे BJP को बढ़त मिली। हालांकि, जो EVM 40-50% चार्ज थी, उसमें वोट भी कम थे। उनमें कांग्रेस को लीड मिली। उन्होंने इसमें गड़बड़ी का शक जताया। कांग्रेस ने इन EVM को सील कर VVPAT की पर्ची से मिलान करने की मांग रखी थी। हालांकि, कांग्रेस के आरोपों का भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त जवाब दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि EVM की वोटिंग और नतीजे पूरी तरह सही हैं। उनमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। सैलजा समर्थक बोले- हमें हराया गया
उधर, करनाल के असंध से शमशेर गोगी, कुरुक्षेत्र के जिला अध्यक्ष मधुसूदन बवेजा और अंबाला कैंट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे परविंदर परी ने हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेताओं का कहना है कि वे हारे नहीं हैं, उन्हें हराया गया है। गोगी ने कहा कि सैलजा के अपमान के कारण दलितों ने हमें वोट भी नहीं दिया। एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। सैलजा ने कहा- संगठन नहीं बनाने से हारे
सिरसा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा था कि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी और उम्मीदवारों को संगठन की कमी खली है। संगठन से ही कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान मिलता है और संगठन होना चाहिए था। उन्हें खुद भी संगठन न होने का मलाल है। राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं पर ठीकरा फोड़ा
इससे पहले 10 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर समीक्षा मीटिंग हुई। उसमें राहुल गांधी ने हार को लेकर कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए। इसी वजह से हार हुई। कैप्टन अजय यादव ने पार्टी छोड़ी
इधर, पार्टी के अंदर चल रहे घमासान के बीच पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा कि सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद से उनके साथ हाईकमान ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। इसलिए, उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया। कैप्टन यादव लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज थ। हालांकि, पार्टी ने उनके बेटे चिरंजीव को रेवाड़ी से टिकट दिया था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि कैप्टन अजय यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी हैं।
हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा
हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा हिसार की आदमपुर नगर पालिका के दर्जे को लेकर विरोधियों ने कुलदीप बिश्नोई को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं, कुलदीप के बचाव में उनके समर्थक खड़े हो गए हैं। कुलदीप के खेमे का कहना है कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने के लिए ही सर्वे करवाया जा रहा है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका पालन सभी को करना होता है। आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे में भी 5000 से ज्यादा लोगों की राय ली जाएगी। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया जाएगा। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया जाता है। ऐसे खत्म हुआ सिसई गांव का दर्जा सिसई गांव में दो पंचायतें हैं। एक पंचायत को सिसई कालीरामण और दूसरी पंचायत को सिसई बोलान के नाम से जाना जाता है। लंबे समय से गांव का एक पक्ष सिसई को नगर पालिका बनाने के पक्ष में था, जबकि दूसरा पक्ष नगर पालिका के विरोध में था। जिसके चलते विभाग की ओर से गांव का सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान लोगों के सुझावों की रिपोर्ट को मिलाकर डीसी को दिया गया। यह रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। सर्वे के दौरान 5011 लोगों के सुझाव लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर लोगों ने सिसई को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी। भाजपा सरकार के दौरान 20 फरवरी 2019 को सिसई को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी की गई।
इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है। सिसाय की तरह आदमपुर का दर्जा भी खत्म हो जाएगा दरअसल, आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इस दौरान सर्वे में लोगों ने नगर पालिका के लिए सहमति जताई थी। लेकिन जब लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स और नक्शे के अनुसार मकान न बनाने के नोटिस मिलने लगे तो धीरे-धीरे विरोध बढ़ने लगा। इसके बाद करीब 40 दिन तक विरोध जारी रहा। कुलदीप बिश्नोई धरने पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाया जाएगा। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले और मामले को जल्द सुलझाने को कहा। इसके बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए फाइल को आगे बढ़ाया। ऐसे होगा सर्वे ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल को लेकर जनता की राय जानने के लिए सर्वे कराया जाता है। डीसी ने एसडीएम हिसार को सर्वे के आदेश दिए हैं। एसडीएम अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर जिम्मेदारी सौंपेंगे। आदमपुर नगर पालिका के प्रत्येक वार्ड में एक सर्वे टीम भेजी जाएगी जो घर-घर जाकर लोगों की इस संबंध में राय लेगी। सर्वे की निगरानी के लिए सर्वे टीम में एक पर्यवेक्षक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। सर्वे 5 दिन में पूरा कर लिया जाएगा और सर्वे की संकलित रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी। इसके बाद डीसी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे। फिर सरकार नगर पालिका का दर्जा खत्म करने की घोषणा करेगी। जल्दबाजी दिखाने पर घिरे कुलदीप बिश्नोई दरअसल, जब सरकार द्वारा नगर पालिका को हटाने से संबंधित फाइल डीसी कार्यालय पहुंची तो कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर यह बात फैला दी कि सरकार ने आदमपुर नगर पालिका का दर्जा हटाने की फाइल पास करके डीसी को भेज दी है और अब नगर पालिका का दर्जा हटा दिया जाएगा। इसके बाद आदमपुर नगर पालिका को हटाने के लिए संघर्ष कर रही कमेटी को डीसी से मिलने के लिए भेजा गया, लेकिन जब डीसी ने बताया कि अभी दर्जा नहीं हटाया गया है, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती न दी जा सके। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद विरोधियों ने कुलदीप को घेरना शुरू कर दिया।
रोहतक में रोडवेजकर्मी से मारपीट:झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी बस, लड़की यात्री को पास दिखाने के लिए कहा तो हुआ झगड़ा
रोहतक में रोडवेजकर्मी से मारपीट:झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी बस, लड़की यात्री को पास दिखाने के लिए कहा तो हुआ झगड़ा रोहतक में रोडवेजकर्मी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। वारदात उस समय हुई जब हरियाणा रोडवेज की बस झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी। बस में सवार लड़की यात्री से परिचालक ने टिकट मांगी। उसने विद्यार्थी पास होने के बात कही तो पास दिखाने के लिए कहा। लेकिन उस लड़की ने पास दिखाने की बजाय झगड़ा शुरू कर दिया और अपने साथियों को बुलाकर परिचालक से मारपीट की। इसकी शिकायत पुलिस को दे दी। झज्जर के रामनगर मोहल्ला निवासी राजबीर ने पीजीआईएमएस थाना में शिकायत दी। जिसमें बताया कि वह हरियाणा राज्य परिवहन विभाग में बतौर परिचालक कार्यरत है। 31 अगस्त को वह रोडवेज बस लेकर झज्जर से चंडीगढ़ वाया रोहतक जा रहा था। जिसे चालक अनिल कुमार चला रहा था। बस में एक लड़की यात्री बैठी थी। जिसे टिकट लेने के लिए कहा तो उसने विद्यार्थी पास होने की बात कही। जिसके बाद उसे पास दिखाने के लिए बोला तो उस लड़की ने पास नहीं दिखाया और बहस करने लगी। साथ ही आगे चलकर देख लेने की धमकी भी दी। 8-10 लड़कों ने किया लाठी-डंडे व लोहे की रॉड से हमला
परिचालक रामबीर ने बताया कि जब वह दिल्ली बाईपास पर पहुंचा तो सवारी उतार रहा था। इसी दौरान 8-10 लड़के लाठी-डंडे व लोहे के रॉड लेकर वहां आए और हमला कर दिया। बड़ी मुश्किल से चालक व सवारियों ने उसे बचाया। वहीं आरापियों ने जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उक्त लड़की ने कहा देख लिया पास। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी। जब उसने अपना बैग चेक किया तो उसमें से करीब 10 हजार रुपए भी छीन ले गए। इसके बाद घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। इधर, मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।