हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में 24 घंटे के भीतर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, वीरवार सुबह 9 बजकर 49 बजे तीन से चार बार धरती कांपी। बुधवार रात में भी यहां लाहौल स्पीति में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। हिमाचल में आपदा के बीच बार-बार भूकंप के झटकों से लोग डरे व सहमे हुए है। हालांकि तीव्रता कम होने के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। लाहौल स्पीति जिला जोन 5 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आते हैं? पृथ्वी की सतह मुख्य रूप से 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं। टकराव के कारण कभी-कभी प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोज लेती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में 24 घंटे के भीतर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, वीरवार सुबह 9 बजकर 49 बजे तीन से चार बार धरती कांपी। बुधवार रात में भी यहां लाहौल स्पीति में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। हिमाचल में आपदा के बीच बार-बार भूकंप के झटकों से लोग डरे व सहमे हुए है। हालांकि तीव्रता कम होने के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। लाहौल स्पीति जिला जोन 5 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आते हैं? पृथ्वी की सतह मुख्य रूप से 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं। टकराव के कारण कभी-कभी प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोज लेती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुंदरनगर बहुतकनीकी संस्थान में हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह:तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने की अध्यक्षता, मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा का किया अनावरण हिमाचल के औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने रविवार को राजकीय बहु तकनीकी संस्थान सुंदरनगर के सभागार में आयोजित पॉलिटेक्निक पूर्व छात्रसंघ (एसपीएसए) की तृतीय पूर्व छात्र मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राकेश जम्बवाल ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया । इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भारत रत्न इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा पर पुष्प माला पहना कर अनावरण किया तथा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र मिलन समारोह बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे कार्यक्रमों से पूर्व छात्रों को सालों बाद शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों से मिलने का अवसर उपलब्ध होता है। साथ ही पिछले वर्षों में कॉलेज में हुए विभिन्न परिवर्तनों को देखने का भी मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संघ से जुड़े जो वरिष्ठ नागरिक हैं, उन्होंने समाज की समस्याओं का समाधान में सहयोग किया है तथा वे हिमाचल के विकास के लिए जीवन भर सेवाएं दे रहे है। किसी भी संस्थान के लिए पूर्व छात्र ब्रांड एंबेसडर होते हैं। उन्होंने कहा कि बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर हिमाचल का सबसे पुराना संस्थान है। यहां के छात्र विभिन्न पदों पर देश और विदेश में अपनी सेवाओं से प्रदेश का नाम रोशन कर रहें हैं। पूर्व छात्र संघ बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर की बेहतरी के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने नए छात्रों से आग्रह किया कि वे भी संघ से जुड़ कर संस्थान को निरंतर प्रगति की राह पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संघ विभिन्न सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए भेंट किए।उन्होंने बताया कि पॉलिटेक्निक पूर्व छात्र संघ सुंदरनगर के विकास कार्यों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। बता दें, कि सुंदरनगर बहुतकनीकी संस्थान वर्ष 1959 में शुरू हुआ था तथा यह संस्थान एनएएसी एक्रिडिएट संस्थान है। यहां से निकले हुए छात्रों ने पिछले 65 साल में चाहे वो इंजीनियरिंग का क्षेत्र हो, शिक्षा का या राजनीति का हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है।
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