हरियाणा के रेवाड़ी के धारुहेड़ा कस्बे से होकर गुजरने वाले रेवाड़ी- पलवल राष्ट्रीय राजमार्ग पर भिवाड़ी बाइपास के पास हाईवे की सड़क पर भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इससे इस हाइवे से गुजरने वाले हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। धारुहेड़ा क्षेत्र में राजस्थान के औद्योगिक कस्बा भिवाड़ी से आने वाले प्रदूषित पानी को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा उठाये गए कड़े कदमों के बाद भिवाड़ी की तरफ से आने वाले प्रदूषित पानी को धारुहेड़ा में आने से रोक दिया गया है। वही राजस्थान के भिवाड़ी प्रशासन द्वारा रेवाड़ी पलवल राष्ट्रीय राजमार्ग 919 को भी पिछले वर्ष मिट्टी डालकर बन्द कर दिया गया था, जो अभी तक बंद पड़ा है। इसकी वजह से रेंप व मिट्टी डाल बन्द किये हाईवे के बीच बारिश के समय जलभराव की स्थिति बन जाती है। दोनों राज्य में भाजपा सरकार फिर भी समाधान नही धारुहेड़ा में भिवाड़ी से आने वाला प्रदूषित पानी वर्षो से धारूहेड़ा पहुंच कर औद्योगिक क्षेत्र सहित नेशनल हाइवे व सेक्टरों के आसपास भरा खड़ा दिखाई देता था। इसको लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी बैठकें हुई, लेकिन कोई समाधान नही निकलने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका भी दर्ज की गई थी। इसपर राजस्थान पर एनजीटी कोर्ट द्वारा करोड़ों रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इसको लेकर अपील करते हुए राजस्थान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया, वहां पर मामला अभी तक लंबित है। वर्ष 2023 तक हरियाणा सरकार की तरफ से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता रहा, जबकि अब तो पिछले साल से ही दोनों राज्यों व केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद अभी भी रेवाड़ी-पलवल हाइवे पर राजस्थान की तरफ से मिट्टी डाल बन्द किये हाईवे को नही खोला जा सका है। इसकी वजह से हाईवे बाधित होने के साथ ही जलभराव की समस्या बनी हुई है। दोनों राज्यों के अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बता पल्ला झाड़ रहे हैं। भिवाड़ी की तरफ से हाईवे को बाधित किये जाने को लेकर इस हाइवे के रखरखाव का जिम्मा संभाल रहे पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी इस समस्या को लेकर खैरथल तिजारा के डीसी को हाईवे से मिट्टी हटाये जाने के लिए कई बार पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन एक साल से स्थिति में कोई बदलाव नही हुआ है। वही राजस्थान के भिवाड़ी के विकास का जिम्मा उठाने वाले बीड़ा कार्यालय के अधिकारी इस मामले पर दोनों राज्य के डीसी की बैठक होने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है। हरियाणा के रेवाड़ी के धारुहेड़ा कस्बे से होकर गुजरने वाले रेवाड़ी- पलवल राष्ट्रीय राजमार्ग पर भिवाड़ी बाइपास के पास हाईवे की सड़क पर भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इससे इस हाइवे से गुजरने वाले हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। धारुहेड़ा क्षेत्र में राजस्थान के औद्योगिक कस्बा भिवाड़ी से आने वाले प्रदूषित पानी को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा उठाये गए कड़े कदमों के बाद भिवाड़ी की तरफ से आने वाले प्रदूषित पानी को धारुहेड़ा में आने से रोक दिया गया है। वही राजस्थान के भिवाड़ी प्रशासन द्वारा रेवाड़ी पलवल राष्ट्रीय राजमार्ग 919 को भी पिछले वर्ष मिट्टी डालकर बन्द कर दिया गया था, जो अभी तक बंद पड़ा है। इसकी वजह से रेंप व मिट्टी डाल बन्द किये हाईवे के बीच बारिश के समय जलभराव की स्थिति बन जाती है। दोनों राज्य में भाजपा सरकार फिर भी समाधान नही धारुहेड़ा में भिवाड़ी से आने वाला प्रदूषित पानी वर्षो से धारूहेड़ा पहुंच कर औद्योगिक क्षेत्र सहित नेशनल हाइवे व सेक्टरों के आसपास भरा खड़ा दिखाई देता था। इसको लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी बैठकें हुई, लेकिन कोई समाधान नही निकलने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका भी दर्ज की गई थी। इसपर राजस्थान पर एनजीटी कोर्ट द्वारा करोड़ों रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इसको लेकर अपील करते हुए राजस्थान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया, वहां पर मामला अभी तक लंबित है। वर्ष 2023 तक हरियाणा सरकार की तरफ से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता रहा, जबकि अब तो पिछले साल से ही दोनों राज्यों व केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद अभी भी रेवाड़ी-पलवल हाइवे पर राजस्थान की तरफ से मिट्टी डाल बन्द किये हाईवे को नही खोला जा सका है। इसकी वजह से हाईवे बाधित होने के साथ ही जलभराव की समस्या बनी हुई है। दोनों राज्यों के अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बता पल्ला झाड़ रहे हैं। भिवाड़ी की तरफ से हाईवे को बाधित किये जाने को लेकर इस हाइवे के रखरखाव का जिम्मा संभाल रहे पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी इस समस्या को लेकर खैरथल तिजारा के डीसी को हाईवे से मिट्टी हटाये जाने के लिए कई बार पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन एक साल से स्थिति में कोई बदलाव नही हुआ है। वही राजस्थान के भिवाड़ी के विकास का जिम्मा उठाने वाले बीड़ा कार्यालय के अधिकारी इस मामले पर दोनों राज्य के डीसी की बैठक होने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के कोर्ट में पुलिसकर्मी की हरकत पर हंगामा:हेड कॉन्स्टेबल ने कर्मचारी को थप्पड़ जड़ा; पेशी आए मुजरिम को पुड़िया पकड़ाने का आरोप हरियाणा में रेवाड़ी के कोर्ट परिसर में बुधवार को उस समय हंगामा हो गया जब एक हेड कॉन्स्टेबल ने कोर्ट कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया। पुलिसकर्मी एक आरोपी को लेकर पेशी के लिए कोर्ट में लेकर पहुंचा था। इसी दौरान यह घटना हुई। पुलिसकर्मी का आरोप था कि कोर्ट कर्मचारी ने पेशी के लिए आए मुजरिम के हाथ में नशीली पुड़िया थमा दी थी। इस कारण उसे गुस्सा आ गया और उसने कोर्ट कर्मचारी के थप्पड़ मार दिया। अब इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। पीछे चल रहे युवक ने पकड़ाई पुड़िया
जानकारी के अनुसार, EHC सुधीर कुमार एक मुजरिम को पेश करने के लिए कोर्ट ले जा रहे थे। उनके पीछे साथ-साथ 3 लड़के और एक कोर्ट कर्मचारी धीरज कुमार भी चल रहे थे। इसी दौरान मौका पाकर किसी ने मुजरिम के हाथ में एक पुड़िया दे दी। आशंका जताई जा रही है कि उसमें नशीला पदार्थ रहा होगा। सुधीर ने मुजरिम के हाथ में पुड़िया देखी तो उसने पुड़िया छीन कर उससे पूछा कि कहां से आई है। बताया जा रहा है कि मुजरिम ने साथ चल रहे युवकों में किसी का नाम लेने के बजाय कोर्ट कर्मचारी धीरज का नाम ले दिया। पुलिस को दी मामले की शिकायत
गुस्से में आकर सुधीर ने धीरज को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद कोर्ट परिसर में हंगामा हो गया। कोर्ट परिसर में धीरज के समर्थक चिल्लाने लगे कि मुजरिम को पुड़िया देने में कोर्ट कर्मचारी का कोई रोल नहीं था। इसके बावजूद पुलिसकर्मी ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। धीरज के समर्थन में कोर्ट के दूसरे कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। इसकी शिकायत धीरज ने अपने विभागाध्यक्ष को दी। विभागाध्यक्ष ने इसकी जानकारी पुलिस को देने के लिए कहा। मामले की जानकारी मिलने के बाद सेक्टर-3 चौकी की पुलिस भी कोर्ट परिसर पहुंची। SP ने जांच के आदेश दिए
SP गौरव राजपुरोहित ने मामले की जांच मॉडल टाउन थाना प्रभारी को सौंपी। साथ ही आदेश दिया कि इस पर फौरन एक्शन लिया जाए। SHO कृष्ण कुमार ने बताया कि कोर्ट कर्मचारी की तरफ से मारपीट करने की शिकायत दी गई थी। जांच के बाद ही मामले की तस्वीर साफ हो पाएगी।
सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं:टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं, 21 सीटों पर प्रभाव
सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं:टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं, 21 सीटों पर प्रभाव हरियाणा में सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा की चुप्पी से इन दिनों पार्टी की टेंशन बढ़ गई है। उनके समर्थकों को विधानसभा टिकट बंटवारे में तवज्जो न मिलने और लगातार हुड्डा गुट के समर्थकों की ओर की गईं टिप्पणियों से वह आहत हैं, और अपने आपको हरियाणा चुनाव से दूर रखे हुए हैं। सैलजा की साइलेंस से हुड्डा खेमे में खलबली मची हुई है, क्योंकि उनकी चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, और हुड्डा खेमे को सत्ता पाने की चाहत से दूर कर सकता है। बता दें कि कुमारी सैलजा अनुसूचित जाति से आती हैं। वह हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में 17 रिजर्व सीटे हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप हैं, और उन्होंने चुनावी कैंपेन से दूरी बना ली है। सैलजा के नाराज होने की 3 वजहें… 1. टिकट वितरण में अनदेखी : कुमारी सैलजा के नाराज होने की वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी। वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 4 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी : टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी : हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट हुड्डा पिता-पुत्र का है, तो दूसरा गुट SRK से SRB हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा की मनमानी से नाराज होकर भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने मिली है। भूपेंद्र हुड्डा अब डैमेज कंट्रोल कर रहे
सांसद कुमारी सैलजा पर अभद्र टिप्पणी के बाद पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा उनके सपोर्ट में भी आए। उन्होंने कहा, “सैलजा पर की गई टिप्पणी मैनिपुलेटेड है। वह हमारी बहन भी हैं, और कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं। कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता उनके बारे में गलत टिप्पणी नहीं कर सकता। उनके बारे में यदि कोई भी, किसी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो उसका कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है। आज हर किसी के पास मोबाइल है और किसी को भी मैनिपुलेट कर कुछ भी बुलवाया जा सकता है, लेकिन ऐसी मानसिकता का समाज या राजनीति में कोई स्थान नहीं है। विरोधी दल जानबूझकर समाज को बांटने वाली साजिश रच रहे हैं।” हुड्डा-सैलजा में कांग्रेस संदेश यात्रा के दौरान दिखी तनातनी
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में CM कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई थी। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कैंपेन के बराबर सांसद कुमारी सैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान कर दिया था। सैलजा ने सोशल मीडिया पर 27 जुलाई से अपना कैंपेन शुरू करने को लेकर एक पोस्टर शेयर किया था। इससे बवाल मच गया था। क्योंकि इस पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का फोटो नहीं था। हुड्डा गुट ने इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से की थी। इसके बाद सैलजा ने एक और पोस्टर रिलीज किया था, जिसमें हुड्डा और उदयभान के फोटो शामिल किए गए। सैलजा ने अपने पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को जगह दी थी।
पलवल में जमीन विवाद में भाई को मारी गोली:फोन पर हुई कहासुनी; घर आने पर दोनों भाइयों में झगड़ा, हालत गंभीर
पलवल में जमीन विवाद में भाई को मारी गोली:फोन पर हुई कहासुनी; घर आने पर दोनों भाइयों में झगड़ा, हालत गंभीर हरियाणा के पलवल के होडल उपमंडल के भुलवाना गांव में जमीनी विवाद के चलते सगे भाई ने भाई को गोली मारकर घायल कर दिया। गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने उसकी हालत को गंभीर देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। सूचना मिलने पर होडल थाना पुलिस मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गई, लेकिन शिकायत न मिलने के चलते अभी केस दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जिला मथुरा (यूपी) के नंदगांव निवासी अमरचंद व उसके भाई देवीराम के बीच पिछले काफी समय से जमीनी विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते अमरचंद अपने परिवार के साथ नंदगांव छोडक़र जिला पलवल (हरियाणा) के भुलवाना गांव में रहने लगा था तथा उसका भाई देवीराम नंदगांव में ही रहता है। बताया गया है कि पिछले कई दिनों से अमरचंद व देवीराम के बीच फोन पर जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते मंगलवार देर रात देवीराम नंदगांव से अमरचंद के पास भुलवाना गांव स्थित उसके मकान पर आ गया। जिसके बाद पहले तो दोनों भाइयों देवीराम व अमरचंद के बीच झगड़ा हुआ। उसके बाद देवीराम ने अपने पास से अवैध हथियार निकाल कर अमरचंद पर गोली चला दी। गोली अमरचंद के कान के पास लगी और वह घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। अमरचंद को गोली मारने के बाद देवीराम मौके से फरार हो गया। अमरचंद के परिवार के लोग उसे घायल अवस्था में होडल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। होडल थाना प्रभारी तेजपाल से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि उन्हें अभी कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। सूचना पर पहुंची पुलिस की टीम गोली चलाने वाले आरोपी की तलाश में जुटी हुई है, जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।