पानीपत NHM कर्मियों की हड़ताल ने ली जच्चा-बच्चा की जान:एंबुलेंस न मिलने से गर्भवती महिला ने तोड़ा दम; 40 मिनट भटका पति

पानीपत NHM कर्मियों की हड़ताल ने ली जच्चा-बच्चा की जान:एंबुलेंस न मिलने से गर्भवती महिला ने तोड़ा दम; 40 मिनट भटका पति

हरियाणा में NHM कर्मियों की हड़ताल चल रही है। पानीपत में इन कर्मियों की हड़ताल ने एक जच्चा-बच्चा की जान ले ली है। दरअसल, एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सिवाह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में एक जच्चा-बच्चा को समय पर एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पाई। 40 मिनट तक महिला का पति अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर इधर से उधर घूमता रहा, यहां पर एंबुलेंस थी लेकिन चालक नहीं था। जब पति ई-रिक्शा में पत्नी को लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचा तब तक जच्चा बच्चा की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पति के बयान के आधार पर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इधर, CMO डॉ. जयंत आहूजा ने कहा कि महिला को हार्ट की दिक्कत थी। मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। सिवाह PHC में बरती गई लापरवाही जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के गांव कटैया निवासी पिंकू ने बताया कि वह पसीना रोड पर सुंदर कॉलोनी में किराये पर रहता है। यहीं पर वह एक फैक्ट्री में काम करता है। वह एक पौने दो साल के बेटे का पिता है। उसकी पत्नी रेशमा (22) सात माह की गर्भवती थी। रेशमा को शाम पांच बजे प्रसव पीड़ा हुई। वह उसे रिक्शा में सिवाह PHC लेकर पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। काफी देर तक जांच करने के बाद रेशमा को सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। वह एंबुलेंस सेवा लेना चाहता था, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस चालक हड़ताल पर है। लगभग 40 मिनट तक एंबुलेंस के लिए इधर- उधर घूमता रहा। लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिली। इसके बाद वह ई- रिक्शा में पत्नी रेशमा को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। यह डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। हरियाणा में NHM कर्मियों की हड़ताल चल रही है। पानीपत में इन कर्मियों की हड़ताल ने एक जच्चा-बच्चा की जान ले ली है। दरअसल, एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सिवाह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में एक जच्चा-बच्चा को समय पर एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पाई। 40 मिनट तक महिला का पति अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर इधर से उधर घूमता रहा, यहां पर एंबुलेंस थी लेकिन चालक नहीं था। जब पति ई-रिक्शा में पत्नी को लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचा तब तक जच्चा बच्चा की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पति के बयान के आधार पर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इधर, CMO डॉ. जयंत आहूजा ने कहा कि महिला को हार्ट की दिक्कत थी। मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। सिवाह PHC में बरती गई लापरवाही जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के गांव कटैया निवासी पिंकू ने बताया कि वह पसीना रोड पर सुंदर कॉलोनी में किराये पर रहता है। यहीं पर वह एक फैक्ट्री में काम करता है। वह एक पौने दो साल के बेटे का पिता है। उसकी पत्नी रेशमा (22) सात माह की गर्भवती थी। रेशमा को शाम पांच बजे प्रसव पीड़ा हुई। वह उसे रिक्शा में सिवाह PHC लेकर पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। काफी देर तक जांच करने के बाद रेशमा को सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। वह एंबुलेंस सेवा लेना चाहता था, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस चालक हड़ताल पर है। लगभग 40 मिनट तक एंबुलेंस के लिए इधर- उधर घूमता रहा। लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिली। इसके बाद वह ई- रिक्शा में पत्नी रेशमा को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। यह डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई।   हरियाणा | दैनिक भास्कर