यूपी के 13 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट है। 34 जिलों में तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की चेतावनी है। 10 से लेकर 60 MM तक बारिश हो सकती है। प्रदेश में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। मानसून की ट्रफ लाइन गंगा के मैदानी इलाकों तक आ गई। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3 दिन में अच्छी बारिश हो सकती है। हालांकि, तापमान में कोई ज्यादा फर्क नहीं आएगा। उमस से राहत नहीं मिलने वाली है। लखीमपुर खीरी में घाघरा नदी में डूबने से कांवड़िए की मौत हो गई है। वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर गंगा में आधे से ज्यादा डूब गया है। हालांकि, गंगा का जलस्तर कम हुआ है। कल 50 से अधिक जिलों में 7 MM बारिश हुई
शुक्रवार की बात करें तो यूपी 50 से ज्यादा जिलों में 7 MM बारिश हुई। जो कि नॉर्मल से 8% कम है। प्रयागराज में सबसे ज्यादा 60 MM बारिश हुई। बिजनौर सबसे गर्म जिला रहा। यहां का पारा 36 डिग्री दर्ज किया गया। लखीमपुर खीरी की रात सबसे गर्म रही। यहां पर रात का तापमान 30 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। अब बरसात का पूरा ऑडिट पढ़िए… मानसून आधा बीत गया, लेकिन यूपी में सामान्य से 15% कम बारिश हुई है। जुलाई के आखिरी दिन मानसून फिर से सक्रिय हुआ है। 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में 303 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। जबकि 357 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। यानी इस बार अभी तक बरसात सामान्य से 15 फीसदी कम है। फिर भी पिछले साल की तुलना में अब तक बेहतर बारिश हुई है। पिछले साल इसी अवधि के दौरान औसत 298 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। यह इस साल के मुकाबले कम थी। पूर्वी यूपी में 304.3 मिलीमीटर बरसात हुई है। यहां का औसत 385.2 मिलीमीटर है। वहीं, पश्चिमी यूपी में 318.09 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ 301 मिलीमीटर हुई है। मानसून में 4 जिलों में हुई 60 फीसदी अधिक बारिश
1 जून से लेकर 31 जुलाई तक औरैया, इटावा, बलरामपुर और बस्ती में सामान्य से 60 फीसदी अधिक बरसात हुई। वहीं, मुरादाबाद, बरेली, हमीरपुर, महाराजगंज, कासंगज, ललितपुर और फिरोजाबाद जैसे जिलों में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई। इन जिलों में सामान्य से 20 से 59 फीसदी अधिक बारिश हुई। 6 जिलों में बहुत कम बारिश
1 जून से लेकर 31 जुलाई के बीच जौनपुर, फतेहपुर, रायबरेली, अमेठी, शामली और गौतमबुद्धनगर में सामान्य से 60 से 99 फीसदी तक कम बारिश हुई। जौनपुर में जहां जुलाई महीने में 337.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, वहां सिर्फ 135.9 फीसदी ही बारिश हुई है। इसी तरह फतेहपुर में 315 मिलीमीटर की जगह सिर्फ 122 मिलीमीटर बारिश हुई। रायबरेली की स्थिति और भी खराब है। यहां जुलाई महीने में 203.7 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, जबकि अब तक सिर्फ 71.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। अगस्त-सितंबर में अच्छी बारिश का अनुमान
लखनऊ में मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद दानिश के मुताबिक अगस्त और सितंबर में अच्छी बारिश होगी। पूरे प्रदेश के औसत के आसपास बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने अगस्त के पहले हफ्ते में बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर में भारी बारिश का अनुमान है। पिछले साल 17 फीसदी कम बरसात
यूपी में पिछले कई साल से सामान्य से कम बारिश हो रही है। बीते सात साल में 2022 में यूपी में सबसे कम बारिश हुई थी। इस दौरान सामान्य से 29 फीसदी कम बरसात हुई थी। 2017 में 19 फीसदी कम बरसात हुई थी। 2023 में सामान्य से 17 फीसदी कम बरसात हुई। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार अगस्त और सितंबर के महीने में यूपी में अच्छी बारिश होगी। इससे सामान्य बारिश के आसपास ही यूपी में बरसात का औसत बना रहेगा। सात जिलों में बाढ़ की स्थिति
अयोध्या, बलिया, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, सीतापुर, बहराइच और हरदोई में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। अयोध्या में बाढ़ के कारण सात गांवों के 3,400 से अधिक लोग प्रभावित हैं। बलिया के 4 गांवों में बाढ़ के हालात हैं। कटान की स्थिति है। इसमें 600 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। लखीमपुर खीरी के सात गांवों में बाढ़ की हालत है। मदद के लिए 36 नाव लगाई गई हैं। फर्रुखाबाद में 7 गांव में बाढ़ के हालात हैं। इनमें 4 गांवों में कटान हो रहा। सीतापुर और बहराइच में दो गांव बाढ़ प्रभावित हैं। वहीं, हरदोई में एक गांव में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में 6 बैराज खतरे के निशान के करीब
31 जुलाई को बदायूं में गंगा पर स्थित कचला ब्रिज का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया। गंगा का जलस्तर 162.22 मीटर दर्ज किया गया। यहां पिछले साल बाढ़ का अधिकतम स्तर 162.91 था। वहीं, प्रदेश में शारदा और घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इनका जलस्तर 31 जुलाई तक बाढ़ के स्तर से सिर्फ 0.50 मीटर कम है। इसमें लखीमपुर खीरी के पलियाकलां में शारदा नदी और बाराबंकी के एल्गिन ब्रिज में घाघरा नदी का जलस्तर बाढ़ के करीब है। बलिया के तुर्तीपार में भी जलस्तर बाढ़ के करीब पहुंच गया है। सिंचाई विभाग ने गंगा नदी में गढ़मुक्तेश्वर, कचलाब्रिज, फतेहगढ़ पर बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके साथ ही गंडक नदी में कुशीनगर में भी बाढ़ की स्थिति बनने की संभावना है। नदी का जलस्तर 95.12 मीटर को पार कर गया है। ये भी पढ़ें.. यूपी में आधा मानसून बीता, 15% कम बारिश:4 जिलों में 60% ज्यादा बरसा पानी, अगस्त-सितंबर में कितनी होगी, बांधों की क्या स्थिति, पूरा ऑडिट मानसून आधा बीत गया, लेकिन यूपी में सामान्य से 15% कम बारिश हुई है। जुलाई के आखिरी दिन मानसून फिर से सक्रिय हुआ है। 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में 303 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। जबकि 357 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। यानी इस बार अभी तक बरसात सामान्य से 15 फीसदी कम है। फिर भी पिछले साल की तुलना में अब तक बेहतर बारिश हुई है। पढ़ें पूरी खबर यूपी के 13 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट है। 34 जिलों में तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की चेतावनी है। 10 से लेकर 60 MM तक बारिश हो सकती है। प्रदेश में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। मानसून की ट्रफ लाइन गंगा के मैदानी इलाकों तक आ गई। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3 दिन में अच्छी बारिश हो सकती है। हालांकि, तापमान में कोई ज्यादा फर्क नहीं आएगा। उमस से राहत नहीं मिलने वाली है। लखीमपुर खीरी में घाघरा नदी में डूबने से कांवड़िए की मौत हो गई है। वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर गंगा में आधे से ज्यादा डूब गया है। हालांकि, गंगा का जलस्तर कम हुआ है। कल 50 से अधिक जिलों में 7 MM बारिश हुई
शुक्रवार की बात करें तो यूपी 50 से ज्यादा जिलों में 7 MM बारिश हुई। जो कि नॉर्मल से 8% कम है। प्रयागराज में सबसे ज्यादा 60 MM बारिश हुई। बिजनौर सबसे गर्म जिला रहा। यहां का पारा 36 डिग्री दर्ज किया गया। लखीमपुर खीरी की रात सबसे गर्म रही। यहां पर रात का तापमान 30 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। अब बरसात का पूरा ऑडिट पढ़िए… मानसून आधा बीत गया, लेकिन यूपी में सामान्य से 15% कम बारिश हुई है। जुलाई के आखिरी दिन मानसून फिर से सक्रिय हुआ है। 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में 303 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। जबकि 357 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। यानी इस बार अभी तक बरसात सामान्य से 15 फीसदी कम है। फिर भी पिछले साल की तुलना में अब तक बेहतर बारिश हुई है। पिछले साल इसी अवधि के दौरान औसत 298 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। यह इस साल के मुकाबले कम थी। पूर्वी यूपी में 304.3 मिलीमीटर बरसात हुई है। यहां का औसत 385.2 मिलीमीटर है। वहीं, पश्चिमी यूपी में 318.09 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ 301 मिलीमीटर हुई है। मानसून में 4 जिलों में हुई 60 फीसदी अधिक बारिश
1 जून से लेकर 31 जुलाई तक औरैया, इटावा, बलरामपुर और बस्ती में सामान्य से 60 फीसदी अधिक बरसात हुई। वहीं, मुरादाबाद, बरेली, हमीरपुर, महाराजगंज, कासंगज, ललितपुर और फिरोजाबाद जैसे जिलों में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई। इन जिलों में सामान्य से 20 से 59 फीसदी अधिक बारिश हुई। 6 जिलों में बहुत कम बारिश
1 जून से लेकर 31 जुलाई के बीच जौनपुर, फतेहपुर, रायबरेली, अमेठी, शामली और गौतमबुद्धनगर में सामान्य से 60 से 99 फीसदी तक कम बारिश हुई। जौनपुर में जहां जुलाई महीने में 337.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, वहां सिर्फ 135.9 फीसदी ही बारिश हुई है। इसी तरह फतेहपुर में 315 मिलीमीटर की जगह सिर्फ 122 मिलीमीटर बारिश हुई। रायबरेली की स्थिति और भी खराब है। यहां जुलाई महीने में 203.7 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, जबकि अब तक सिर्फ 71.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। अगस्त-सितंबर में अच्छी बारिश का अनुमान
लखनऊ में मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद दानिश के मुताबिक अगस्त और सितंबर में अच्छी बारिश होगी। पूरे प्रदेश के औसत के आसपास बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने अगस्त के पहले हफ्ते में बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर में भारी बारिश का अनुमान है। पिछले साल 17 फीसदी कम बरसात
यूपी में पिछले कई साल से सामान्य से कम बारिश हो रही है। बीते सात साल में 2022 में यूपी में सबसे कम बारिश हुई थी। इस दौरान सामान्य से 29 फीसदी कम बरसात हुई थी। 2017 में 19 फीसदी कम बरसात हुई थी। 2023 में सामान्य से 17 फीसदी कम बरसात हुई। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार अगस्त और सितंबर के महीने में यूपी में अच्छी बारिश होगी। इससे सामान्य बारिश के आसपास ही यूपी में बरसात का औसत बना रहेगा। सात जिलों में बाढ़ की स्थिति
अयोध्या, बलिया, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, सीतापुर, बहराइच और हरदोई में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। अयोध्या में बाढ़ के कारण सात गांवों के 3,400 से अधिक लोग प्रभावित हैं। बलिया के 4 गांवों में बाढ़ के हालात हैं। कटान की स्थिति है। इसमें 600 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। लखीमपुर खीरी के सात गांवों में बाढ़ की हालत है। मदद के लिए 36 नाव लगाई गई हैं। फर्रुखाबाद में 7 गांव में बाढ़ के हालात हैं। इनमें 4 गांवों में कटान हो रहा। सीतापुर और बहराइच में दो गांव बाढ़ प्रभावित हैं। वहीं, हरदोई में एक गांव में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में 6 बैराज खतरे के निशान के करीब
31 जुलाई को बदायूं में गंगा पर स्थित कचला ब्रिज का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया। गंगा का जलस्तर 162.22 मीटर दर्ज किया गया। यहां पिछले साल बाढ़ का अधिकतम स्तर 162.91 था। वहीं, प्रदेश में शारदा और घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इनका जलस्तर 31 जुलाई तक बाढ़ के स्तर से सिर्फ 0.50 मीटर कम है। इसमें लखीमपुर खीरी के पलियाकलां में शारदा नदी और बाराबंकी के एल्गिन ब्रिज में घाघरा नदी का जलस्तर बाढ़ के करीब है। बलिया के तुर्तीपार में भी जलस्तर बाढ़ के करीब पहुंच गया है। सिंचाई विभाग ने गंगा नदी में गढ़मुक्तेश्वर, कचलाब्रिज, फतेहगढ़ पर बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके साथ ही गंडक नदी में कुशीनगर में भी बाढ़ की स्थिति बनने की संभावना है। नदी का जलस्तर 95.12 मीटर को पार कर गया है। ये भी पढ़ें.. यूपी में आधा मानसून बीता, 15% कम बारिश:4 जिलों में 60% ज्यादा बरसा पानी, अगस्त-सितंबर में कितनी होगी, बांधों की क्या स्थिति, पूरा ऑडिट मानसून आधा बीत गया, लेकिन यूपी में सामान्य से 15% कम बारिश हुई है। जुलाई के आखिरी दिन मानसून फिर से सक्रिय हुआ है। 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में 303 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। जबकि 357 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। यानी इस बार अभी तक बरसात सामान्य से 15 फीसदी कम है। फिर भी पिछले साल की तुलना में अब तक बेहतर बारिश हुई है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर