हिमाचल हाईकोर्ट के कंटेम्प्ट केस में सख्त आदेश:पंचायतीराज विभाग के सचिव-डायरेक्टर की सरकारी गाड़ियां जब्त की जाए, पंचायत चौकीदारों को दैनिक वेतनभोगी नहीं बनाया

हिमाचल हाईकोर्ट के कंटेम्प्ट केस में सख्त आदेश:पंचायतीराज विभाग के सचिव-डायरेक्टर की सरकारी गाड़ियां जब्त की जाए, पंचायत चौकीदारों को दैनिक वेतनभोगी नहीं बनाया

हिमाचल हाईकोर्ट ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना से जुड़े केस में पंचायती राज विभाग के सचिव और डायरेक्टर की सरकारी गाड़ियां जब्त करने के आदेश दिए है। कोर्ट के आदेशों के बाद सचिव और डायरेक्टर सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने कहा कि दोनों अधिकारियों के सरकारी वाहन नंबर HP-07-E- 0027 और HP-07-E-0003 को कोर्ट के आगामी आदेशों तक जब्त किया जाए। हाईकोर्ट ने यह आदेश 25 सितंबर, 2023 को पारित आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर दिए है, जिसमें कोर्ट ने 10 वर्षो तक बतौर अंशकालिक कार्यकाल पूरा करने वाले याचिकाकर्ता पंचायत चौकीदारों को नियत तिथि से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में परिवर्तित करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने इन आदेशों की अनुपालना के लिए राज्य सरकार को आठ सप्ताह का समय दिया था। कोर्ट ने इन्हें राज्य सरकार की नियमितिकरण नीति के अनुसार नियत तारीख से दैनिक वेतन भोगी बनाने को कहा था। कोर्ट का फैसला लागू नहीं होने पर प्रार्थियों ने कंटेम्प्ट पिटीशन डाली।​​​​ इस पिटीशन पर कोर्ट ने फिर से पंचायती राज विभाग ने जवाब मांगा। दैनिक वेतन भोगी को कुछ साल की सेवाओं के बाद सरकार चतुर्थ श्रेणी पदों पर रेगुलर करती है। विभाग फिर बोला, रेगुलर नहीं किए जा सकते पंचायत चौकीदार कोर्ट में विभाग ने कहा कि प्रार्थियों को सरकार की नीति के अनुसार दैनिक वेतनभोगी नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे एक स्वायत संस्था जिला परिषद के कर्मचारी हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अनुपालना याचिका में अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाती है, इसलिए मुख्य मामले में दिए फैसले की समीक्षा अनुपालना याचिका में नहीं की जा सकती। कर्मचारी-पेंशनर के 10 हजार करोड़ सरकार के पास कर्मचारी व पेंशनर के वित्तीय मामलों में हिमाचल हाईकोर्ट पहले इस तरह के सख्त आदेश व टिप्पणी कर चुका है। राज्य सरकार माली वित्तीय हालात के कारण कर्मचारियों व पेंशनर को लाभ नहीं दे पा रही। कर्मचारी-पेंशनर के 10 हजार करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास पेंडिंग है। हिमाचल हाईकोर्ट ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना से जुड़े केस में पंचायती राज विभाग के सचिव और डायरेक्टर की सरकारी गाड़ियां जब्त करने के आदेश दिए है। कोर्ट के आदेशों के बाद सचिव और डायरेक्टर सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने कहा कि दोनों अधिकारियों के सरकारी वाहन नंबर HP-07-E- 0027 और HP-07-E-0003 को कोर्ट के आगामी आदेशों तक जब्त किया जाए। हाईकोर्ट ने यह आदेश 25 सितंबर, 2023 को पारित आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर दिए है, जिसमें कोर्ट ने 10 वर्षो तक बतौर अंशकालिक कार्यकाल पूरा करने वाले याचिकाकर्ता पंचायत चौकीदारों को नियत तिथि से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में परिवर्तित करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने इन आदेशों की अनुपालना के लिए राज्य सरकार को आठ सप्ताह का समय दिया था। कोर्ट ने इन्हें राज्य सरकार की नियमितिकरण नीति के अनुसार नियत तारीख से दैनिक वेतन भोगी बनाने को कहा था। कोर्ट का फैसला लागू नहीं होने पर प्रार्थियों ने कंटेम्प्ट पिटीशन डाली।​​​​ इस पिटीशन पर कोर्ट ने फिर से पंचायती राज विभाग ने जवाब मांगा। दैनिक वेतन भोगी को कुछ साल की सेवाओं के बाद सरकार चतुर्थ श्रेणी पदों पर रेगुलर करती है। विभाग फिर बोला, रेगुलर नहीं किए जा सकते पंचायत चौकीदार कोर्ट में विभाग ने कहा कि प्रार्थियों को सरकार की नीति के अनुसार दैनिक वेतनभोगी नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे एक स्वायत संस्था जिला परिषद के कर्मचारी हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अनुपालना याचिका में अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाती है, इसलिए मुख्य मामले में दिए फैसले की समीक्षा अनुपालना याचिका में नहीं की जा सकती। कर्मचारी-पेंशनर के 10 हजार करोड़ सरकार के पास कर्मचारी व पेंशनर के वित्तीय मामलों में हिमाचल हाईकोर्ट पहले इस तरह के सख्त आदेश व टिप्पणी कर चुका है। राज्य सरकार माली वित्तीय हालात के कारण कर्मचारियों व पेंशनर को लाभ नहीं दे पा रही। कर्मचारी-पेंशनर के 10 हजार करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास पेंडिंग है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर