ओलिंपिक पदक से चूके अर्जुन बबूटा राज्य सरकार पर बरसे:कहा- सीएम ने नौकरी का वादा किया; पत्र लिखे तो इंतजार करने को कहा

ओलिंपिक पदक से चूके अर्जुन बबूटा राज्य सरकार पर बरसे:कहा- सीएम ने नौकरी का वादा किया; पत्र लिखे तो इंतजार करने को कहा

पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल इवेंट में चौथे स्थान पर रहे निशानेबाज अर्जुन बाबूटा राज्य सरकार पर बरसे हैं। उन्होंने कई मैडल जीतने के बाद भी पंजाब सरकार से कोई मदद ना मिलने के आरोप लगाए हैं। अर्जुन ने आरोप लगाया कि सीएम भगवंत मान और पूर्व खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने नौकरी का वादा किया था, लेकिन नहीं मिली। अर्जुन ने खुलासा किया है कि अपने करियर में तमाम सफलता हासिल करने के बावजूद उन्हें पंजाब सरकार से कोई लाभ नहीं मिला है। कांस्य पदक विजेता सरबजोत सिंह और कुछ अन्य निशानेबाजों के साथ पेरिस से भारत लौटने के बाद 25 वर्षीय अर्जुन ने कहा कि उन्हें उनकी उपलब्धियों के अनुसार एक निश्चित रैंक दिया जाना चाहिए। 2022 में मुख्यमंत्री ने किया था वादा अर्जुन ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा- मुझे राज्य सरकार से कोई लाभ नहीं मिला है। 2022 में पंजाब के सीएम भगवंत मान और पंजाब के तत्कालीन खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मुझे सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। इस संबंध में मैंने पत्र भी लिखा है, लेकिन जवाब में मुझे इंतजार करने को कहा गया। यह बहुत निराशाजनक है। मुझे उम्मीद है कि वे (मुख्यमंत्री) इस पर गौर करेंगे। क्योंकि, नौकरी की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। सिर्फ भगवंत मान नहीं, मैंने पंजाब की पिछली कांग्रेस सरकार से भी यही मांग की थी। सीएम भगवंत मान ने बताया था कि तब पॉलिसी अलग थी। अब उसमें बदलाव किए गए हैं। मुझे खेलों में मेरी उपलब्धियों के अनुसार एक निश्चित रैंक दी जानी चाहिए। सरकारें बदल रही हैं, लेकिन मांग वही बनी हुई है। उम्मीद धीरे-धीरे खत्म हो रही है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ओलंपिक में भाग लेने वाले अपने-अपने राज्यों के निशानेबाजों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री और पंजाब के खेल मंत्री ने पंजाब के निशानेबाजों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने हवाईअड्डे पर हमारा स्वागत भी नहीं किया। अगर पंजाब में खेलों की गिरावट है तो इसमें बड़ी भूमिका पंजाब के मंत्रियों की है। अच्छे खिलाड़ी या स्टेट बदल गए हैं या देश ही बदल गए हैं। फाइनल में प्रदर्शन पर दबाव का असर 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में अर्जुन बबुता दबाव में झुक गए थे और चौथे स्थान पर रहे। उन्होंने कुल 208.4 का स्कोर किया। अर्जुन ने फाइनल की शुरुआत 10.7 के स्कोर के साथ की और उसके बाद 10.2 के स्कोर के साथ आगे बढ़े। 10.5 के तीसरे शॉट ने उन्हें चौथे स्थान पर पहुंचा दिया, जबकि उनके चौथे प्रयास में 10.4 ने उन्हें तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया। उन्होंने पहली सीरीज 10.6 के ठोस स्कोर के साथ समाप्त की। दूसरी सीरीज की शुरुआत 10.7 के स्कोर के साथ की। उसके बाद 10.5 के साथ, और पहली एलिमिनेशन सीरीज के दूसरे शॉट में लगभग 10.8 का स्कोर किया। हालांकि, वह फॉर्म बरकरार नहीं रख सके और पदक से चूक गए। पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल इवेंट में चौथे स्थान पर रहे निशानेबाज अर्जुन बाबूटा राज्य सरकार पर बरसे हैं। उन्होंने कई मैडल जीतने के बाद भी पंजाब सरकार से कोई मदद ना मिलने के आरोप लगाए हैं। अर्जुन ने आरोप लगाया कि सीएम भगवंत मान और पूर्व खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने नौकरी का वादा किया था, लेकिन नहीं मिली। अर्जुन ने खुलासा किया है कि अपने करियर में तमाम सफलता हासिल करने के बावजूद उन्हें पंजाब सरकार से कोई लाभ नहीं मिला है। कांस्य पदक विजेता सरबजोत सिंह और कुछ अन्य निशानेबाजों के साथ पेरिस से भारत लौटने के बाद 25 वर्षीय अर्जुन ने कहा कि उन्हें उनकी उपलब्धियों के अनुसार एक निश्चित रैंक दिया जाना चाहिए। 2022 में मुख्यमंत्री ने किया था वादा अर्जुन ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा- मुझे राज्य सरकार से कोई लाभ नहीं मिला है। 2022 में पंजाब के सीएम भगवंत मान और पंजाब के तत्कालीन खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मुझे सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। इस संबंध में मैंने पत्र भी लिखा है, लेकिन जवाब में मुझे इंतजार करने को कहा गया। यह बहुत निराशाजनक है। मुझे उम्मीद है कि वे (मुख्यमंत्री) इस पर गौर करेंगे। क्योंकि, नौकरी की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। सिर्फ भगवंत मान नहीं, मैंने पंजाब की पिछली कांग्रेस सरकार से भी यही मांग की थी। सीएम भगवंत मान ने बताया था कि तब पॉलिसी अलग थी। अब उसमें बदलाव किए गए हैं। मुझे खेलों में मेरी उपलब्धियों के अनुसार एक निश्चित रैंक दी जानी चाहिए। सरकारें बदल रही हैं, लेकिन मांग वही बनी हुई है। उम्मीद धीरे-धीरे खत्म हो रही है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ओलंपिक में भाग लेने वाले अपने-अपने राज्यों के निशानेबाजों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री और पंजाब के खेल मंत्री ने पंजाब के निशानेबाजों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने हवाईअड्डे पर हमारा स्वागत भी नहीं किया। अगर पंजाब में खेलों की गिरावट है तो इसमें बड़ी भूमिका पंजाब के मंत्रियों की है। अच्छे खिलाड़ी या स्टेट बदल गए हैं या देश ही बदल गए हैं। फाइनल में प्रदर्शन पर दबाव का असर 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में अर्जुन बबुता दबाव में झुक गए थे और चौथे स्थान पर रहे। उन्होंने कुल 208.4 का स्कोर किया। अर्जुन ने फाइनल की शुरुआत 10.7 के स्कोर के साथ की और उसके बाद 10.2 के स्कोर के साथ आगे बढ़े। 10.5 के तीसरे शॉट ने उन्हें चौथे स्थान पर पहुंचा दिया, जबकि उनके चौथे प्रयास में 10.4 ने उन्हें तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया। उन्होंने पहली सीरीज 10.6 के ठोस स्कोर के साथ समाप्त की। दूसरी सीरीज की शुरुआत 10.7 के स्कोर के साथ की। उसके बाद 10.5 के साथ, और पहली एलिमिनेशन सीरीज के दूसरे शॉट में लगभग 10.8 का स्कोर किया। हालांकि, वह फॉर्म बरकरार नहीं रख सके और पदक से चूक गए।   पंजाब | दैनिक भास्कर