हरदोई की पॉक्सो कोर्ट ने सोमवार को 3 साल की बच्ची के रेप मामले में उसके ताऊ को दोषी करार दिया। जज ने उसे फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनाते समय जज ने कहा- ये विरलतम अपराध है। इसे मरते दम तक फांसी पर लटकाया जाए। दरअसल, दरिंदगी के बाद बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह बुरी तरह चोटिल हो गया था। इसके चलते उसका लंबे समय तक इलाज चला। अब वो नली के सहारे ही शौच कर पा रही है। वारदात थाना सांडी क्षेत्र में 4 साल पहले हुई थी। 2020 में बच्ची से की थी दरिंदगी
एक गांव में रहने वाले ताऊ ने 28 जुलाई, 2020 को शाम 7 बजे 3 साल की पीड़िता और उसकी मां घर पर थी। तभी उसका 30 साल का रिश्ते में ताऊ लगने वाला ईश्वरपाल पुत्र श्रीकिशन रैदास उसके घर आया। उक्त बच्ची को टॉफी खिलाने का बहाना करके गोदी में अपने घर उठा ले गया। जहां उसने बच्ची से रेप किया। खून से लथपथ बच्ची बेहोश हो गई। काफी खोजबीन के बाद वह खून से लथपथ हालत में मिली। परिवार वालों ने लखनऊ के राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज में उसे भर्ती कराया। होश आने पर उसने ताऊ की दरिंदगी के बारे में बताया। इसके बाद केस दर्ज हुआ। बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह जख्मी
घटना के बाद से आज तक बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई है। दरिंदगी के बाद से उसका प्राइवेट पार्ट और मलद्वार एक हो गया है। मल के लिए अलग से एक ट्यूब डाली गई है। बच्ची बच तो गई लेकिन आज भी दरिंदगी का दर्द कायम है। मामले की सुनवाई 3 साल 9 महीने और 10 दिन तक चली। 8 गवाहों के बयानों के बाद ये फैसला आया है। जज बोले- ऐसे नरपिशाच समाज के लिए घातक
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-14 मोहम्मद नसीम ने मौत की सजा सुनाते वक्त कहा- यह मामला विरल से विरलतम है। जब बच्ची अपने घर में महफूज नहीं है, तो फिर वह कहां महफूज होगी। ऐसे नरपिशाच समाज के लिए घातक हैं। लिहाजा इसको फांसी की सजा दी जाती है। जज ने लिखा- ईश्वरपाल के गले में फांसी लगाकर फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए। साथ ही 1 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष से सरकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने बताया- 4 साल चली कानूनी लड़ाई में 8 गवाहों के बयान और ठोस साक्ष्यों को अदालत में पेश किया। इनमें मासूम बालिका की गवाही सबसे महत्वपूर्ण रही। उसने गंभीर हालत में अदालत में पहुंचकर ईश्वरपाल के खिलाफ गवाही दी थी। वहीं, ईश्वरपाल के वकील रामेंद्र सिंह तोमर ने भी आरोपी के पक्ष में तमाम दलीलें दीं। लेकिन अभियोजन पक्ष की ठोस पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर सोमवार को अदालत ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई। ये खबर भी पढ़ें मंडे मेगा स्टोरी- इजराइल बड़े-बड़ों को घुसकर कैसे मारता है:टूथपेस्ट, टेलीफोन या गुलदस्ता; मोसाद के टॉप खतरनाक ऑपरेशन और अनोखे तरीके ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित हाई सिक्योरिटी ‘नेशात’ गेस्टहाउस। ईरान के राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण में पहुंचे हमास चीफ इस्माइल हानियेह को यहीं ठहराया गया था। 31 जुलाई 2024 को हानिये के कमरे में एक जोरदार धमाका हुआ। इसमें हानियेह और उनका बॉडीगार्ड मारा गया। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मुताबिक इजराइल ने शॉर्ट रेंज गाइडेड मिसाइल से सटीक निशाना लगाया और हानियेह की हत्या की। इसमें अमेरिका ने उसकी मदद की है। दूसरी तरफ ब्रिटिश मीडिया हाउस ‘द टेलीग्राफ’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने नेशात गेस्टहाउस के तीन कमरों में बम रखवाए थे। पूरी खबर पढ़ें हरदोई की पॉक्सो कोर्ट ने सोमवार को 3 साल की बच्ची के रेप मामले में उसके ताऊ को दोषी करार दिया। जज ने उसे फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनाते समय जज ने कहा- ये विरलतम अपराध है। इसे मरते दम तक फांसी पर लटकाया जाए। दरअसल, दरिंदगी के बाद बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह बुरी तरह चोटिल हो गया था। इसके चलते उसका लंबे समय तक इलाज चला। अब वो नली के सहारे ही शौच कर पा रही है। वारदात थाना सांडी क्षेत्र में 4 साल पहले हुई थी। 2020 में बच्ची से की थी दरिंदगी
एक गांव में रहने वाले ताऊ ने 28 जुलाई, 2020 को शाम 7 बजे 3 साल की पीड़िता और उसकी मां घर पर थी। तभी उसका 30 साल का रिश्ते में ताऊ लगने वाला ईश्वरपाल पुत्र श्रीकिशन रैदास उसके घर आया। उक्त बच्ची को टॉफी खिलाने का बहाना करके गोदी में अपने घर उठा ले गया। जहां उसने बच्ची से रेप किया। खून से लथपथ बच्ची बेहोश हो गई। काफी खोजबीन के बाद वह खून से लथपथ हालत में मिली। परिवार वालों ने लखनऊ के राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज में उसे भर्ती कराया। होश आने पर उसने ताऊ की दरिंदगी के बारे में बताया। इसके बाद केस दर्ज हुआ। बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह जख्मी
घटना के बाद से आज तक बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई है। दरिंदगी के बाद से उसका प्राइवेट पार्ट और मलद्वार एक हो गया है। मल के लिए अलग से एक ट्यूब डाली गई है। बच्ची बच तो गई लेकिन आज भी दरिंदगी का दर्द कायम है। मामले की सुनवाई 3 साल 9 महीने और 10 दिन तक चली। 8 गवाहों के बयानों के बाद ये फैसला आया है। जज बोले- ऐसे नरपिशाच समाज के लिए घातक
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-14 मोहम्मद नसीम ने मौत की सजा सुनाते वक्त कहा- यह मामला विरल से विरलतम है। जब बच्ची अपने घर में महफूज नहीं है, तो फिर वह कहां महफूज होगी। ऐसे नरपिशाच समाज के लिए घातक हैं। लिहाजा इसको फांसी की सजा दी जाती है। जज ने लिखा- ईश्वरपाल के गले में फांसी लगाकर फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए। साथ ही 1 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष से सरकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने बताया- 4 साल चली कानूनी लड़ाई में 8 गवाहों के बयान और ठोस साक्ष्यों को अदालत में पेश किया। इनमें मासूम बालिका की गवाही सबसे महत्वपूर्ण रही। उसने गंभीर हालत में अदालत में पहुंचकर ईश्वरपाल के खिलाफ गवाही दी थी। वहीं, ईश्वरपाल के वकील रामेंद्र सिंह तोमर ने भी आरोपी के पक्ष में तमाम दलीलें दीं। लेकिन अभियोजन पक्ष की ठोस पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर सोमवार को अदालत ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई। ये खबर भी पढ़ें मंडे मेगा स्टोरी- इजराइल बड़े-बड़ों को घुसकर कैसे मारता है:टूथपेस्ट, टेलीफोन या गुलदस्ता; मोसाद के टॉप खतरनाक ऑपरेशन और अनोखे तरीके ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित हाई सिक्योरिटी ‘नेशात’ गेस्टहाउस। ईरान के राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण में पहुंचे हमास चीफ इस्माइल हानियेह को यहीं ठहराया गया था। 31 जुलाई 2024 को हानिये के कमरे में एक जोरदार धमाका हुआ। इसमें हानियेह और उनका बॉडीगार्ड मारा गया। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मुताबिक इजराइल ने शॉर्ट रेंज गाइडेड मिसाइल से सटीक निशाना लगाया और हानियेह की हत्या की। इसमें अमेरिका ने उसकी मदद की है। दूसरी तरफ ब्रिटिश मीडिया हाउस ‘द टेलीग्राफ’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने नेशात गेस्टहाउस के तीन कमरों में बम रखवाए थे। पूरी खबर पढ़ें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर