सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना का मामला:हाईकोर्ट की टिप्पणी खारिज, भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह; SC की शक्ति पर उठा था सवाल

सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना का मामला:हाईकोर्ट की टिप्पणी खारिज, भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह; SC की शक्ति पर उठा था सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना करने के मामले का संज्ञान लिया था। इस मामले की आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस अवसर पर हाईकोर्ट ने जस्टिस राजबीर सहरावत की टिप्पणी को खारिज कर दिया। साथ ही उनके द्वारा एक आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेशों पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरती जाएगी। जस्टिस ने की थी ये टिप्पणी हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी संवैधानिक सीमाओं से बाहर जा रहा है और हाई कोर्ट की शक्तियों को कम आंक रहा है। मामला एक अवमानना ​​याचिका से जुड़ा था, जिसकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर ने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को खुद को वास्तविकता से ज्यादा सर्वोच्च मानने की आदत हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना करने के मामले का संज्ञान लिया था। इस मामले की आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस अवसर पर हाईकोर्ट ने जस्टिस राजबीर सहरावत की टिप्पणी को खारिज कर दिया। साथ ही उनके द्वारा एक आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेशों पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरती जाएगी। जस्टिस ने की थी ये टिप्पणी हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी संवैधानिक सीमाओं से बाहर जा रहा है और हाई कोर्ट की शक्तियों को कम आंक रहा है। मामला एक अवमानना ​​याचिका से जुड़ा था, जिसकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर ने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को खुद को वास्तविकता से ज्यादा सर्वोच्च मानने की आदत हो गई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर