पेरिस ओलिंपिक में अयोग्य करार दी गईं हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है। विनेश ने इस बारे में गुरूवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर 5 लाइनें लिखीं। जिसमें विनेश फोगाट ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।” संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात उन्होंने अपने डिसक्वालीफाई के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। एक दिन पहले यानी 7 अगस्त को विनेश को पेरिस ओलिंपिक में 50 किलो में 100 ग्राम वेट ज्यादा होने की वजह से ओलिंपिक से डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। जिससे विनेश बेहोश हो गई और तबीयत खराब होने पर उसे पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराना पड़ा। उधर, अमेरिका के गोल्ड मेडलिस्ट रेसलर जॉर्डन ने सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल देने की मुहिम शुरू कर दी है। जिसका भारत के खिलाड़ी भी समर्थन कर रहे हैं। विनेश फोगाट से जुड़ी 2 बड़ी तस्वीरें… अब देखिए विनेश फोगाट के तीन मैच जीतने की तस्वीरें… पेरिस ओलिंपिक में अयोग्य करार दी गईं हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है। विनेश ने इस बारे में गुरूवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर 5 लाइनें लिखीं। जिसमें विनेश फोगाट ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।” संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात उन्होंने अपने डिसक्वालीफाई के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। एक दिन पहले यानी 7 अगस्त को विनेश को पेरिस ओलिंपिक में 50 किलो में 100 ग्राम वेट ज्यादा होने की वजह से ओलिंपिक से डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। जिससे विनेश बेहोश हो गई और तबीयत खराब होने पर उसे पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराना पड़ा। उधर, अमेरिका के गोल्ड मेडलिस्ट रेसलर जॉर्डन ने सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल देने की मुहिम शुरू कर दी है। जिसका भारत के खिलाड़ी भी समर्थन कर रहे हैं। विनेश फोगाट से जुड़ी 2 बड़ी तस्वीरें… अब देखिए विनेश फोगाट के तीन मैच जीतने की तस्वीरें… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की संयुक्त सचिव से राहत नहीं:1 लाख की रिश्वत लेने का मामला, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
हरियाणा की संयुक्त सचिव से राहत नहीं:1 लाख की रिश्वत लेने का मामला, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार हरियाणा के मत्स्य विभाग की संयुक्त सचिव मीनाक्षी दहिया को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस अनूप चितकारा की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले के गंभीर तथ्यों को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले, हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था, लेकिन अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में मिले सबूतों के आधार पर कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। रिश्वत का मामला और एसीबी की कार्रवाई मीनाक्षी दहिया पर आरोप है कि उन्होंने एक चार्जशीट किए गए मत्स्य विभाग के अधिकारी को राहत देने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। यह रिश्वत उनके स्टैनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह के जरिए ली गई। एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा था। मामले में शिकायतकर्ता, पंचकूला निवासी राजन खोड़ा ने आरोप लगाया था कि चार्जशीट को हटाने और पदोन्नति देने के लिए यह रिश्वत मांगी गई थी। पार्टी में दी पर्ची और स्कूटर से जुड़ी जांच हाईकोर्ट ने इस बात का भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता को मीनाक्षी दहिया का फोन नंबर एक विदाई पार्टी के दौरान पर्ची पर दिया गया था। बाद में, रिश्वत की रकम लेने के लिए मीनाक्षी दहिया का सेवादार सत्येंद्र सिंह पंचकूला एडीसी सेक्टर-5 स्थित कार्यालय में चंडीगढ़ नंबर के स्कूटर पर पहुंचा था, जो जांच में मीनाक्षी दहिया का निकला। हाईकोर्ट का सख्त रुख हाईकोर्ट ने माना कि मामले की गंभीरता और जांच में मिले तथ्यों को देखते हुए इस स्तर पर अग्रिम जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने दहिया की भूमिका और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनके खिलाफ एसीबी की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
पलवल में गोली मारकर युवक की हत्या:हमले में चचेरा भाई हुआ घायल, उधार के पैसे मांगने पर हुआ था विवाद
पलवल में गोली मारकर युवक की हत्या:हमले में चचेरा भाई हुआ घायल, उधार के पैसे मांगने पर हुआ था विवाद हरियाणा के पलवल में दो युवकों को रास्ते में घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने घायल रोहित की शिकायत पर 9 नामजद सहित अन्य लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी आरोपी फरार है। उधार के पैसे मांगने पर हुआ विवाद डीएसपी दिनेश कुमार के अनुसार, तुमसरा गांव निवासी रोहित ने दी शिकायत में कहा है कि दो साल पहले उसके चचेरे भाई राजकुमार से गांव के ही निवासी बृजेश ने किसी काम के लिए 10 लाख रुपए उधार लिए थे। वह और उसके चाचा का लड़का राजकुमार कई बार बृजेश व बृजेश के पिता सत्तन और उसके भाइयों से पैसों का तगादा किया। लेकिन आरोपी उल्टा उनके साथ ही तगादा करने पर गाली-गलौज करने लगते थे। उनके व बृजेश के परिवार वालों की आपस में कई बार कहासुनी भी हो गई। पहले भी की थी मारपीट 8 नवंबर 2023 को वह (रोहित), प्रेम प्रकाश व राजकुमार निजी काम से कैंप बाजार में गए तो वहां बृजेश व कर्मवीर ने आकर उनकी गाड़ी को तोड़ दी व उनके साथ मारपीट की। जिसकी शिकायत प्रेम प्रकाश ने कैंप थाने में बृजेश व कर्मवीर के खिलाफ दी थी। लेकिन गांव में बैठकर इसका आपस में राजीनामा हो गया था। आरोपी देवा, संजू शास्त्री, जयंत व विक्रम मास्टर उसके परिवार से इसी की रंजिश रखने लगे। जिसके चलते आरोपियों ने कई बार उनकी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगाकर गाली-गलौज भी की, लेकिन वे चुप लगाकर बैठे हुए थे। मंदिर जाने के लिए निकले थे घर से रोहित ने शिकायत में कहा 25 जून को सुबह साढ़े तीन बजे वह और उसका चचेरा भाई राजकुमार उर्फ राजू अपनी गाड़ी में सवार होकर तुमसरा गांव से बाबा मोहन राम के मिलकपुर मंदिर जाने के लिए निकले थे। करीब चार बजे जब उनकी गाड़ी केएमपी पुल के नीचे पहुंची तभी उनकी गाड़ी के पीछे एक अल्टो, एक सेंट्रो व एक अन्य गाड़ी लग गई। वे खतरे को भांप गए और गाड़ी रहराना गांव की तरफ मोड़ दी। लेकिन उक्त लोगों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। गाड़ी से खींचकर मारी गोली उनकी गाड़ी रुकते ही उक्त गाडियों से अरविंद, बृजेश, शक्ति, संजू शास्त्री, जयंत, देवा, विक्रम मास्टर, पवन व कर्मवीर उतरे। आरोपियों ने उन्हें गाड़ी से नीचे खींच लिया और उसको चार गोली मारी, एक गोली उसके हाथ में, दूसरी घटने पर, तीसरी पेट में व चौथी पेट में लगकर क्रॉस कर गई। उसे बचाने के लिए जब राजकुमार आया तो आरोपियों ने राजकुमार को भी गोली मार दी। राजकुमार को एक गोली पसलियों में व दूसरी छाती पर लगी। जिसके बाद दोनों लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। जिसके बाद आरोपियों ने उन्हें लात व ठोकरों से पीटा और कहा कि आगे से तगादा किया तो तुम्हारे बच्चों को भी इसी तरह खत्म कर देंगे। परिजनों ने पहुंचाया अस्पताल इसके बाद रोहित ने अपने भाई प्रेम प्रकाश के पास फोन किया तो परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और दोनों को उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल व उसके बाद फरीदाबाद निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। निजी अस्पताल में गोली लगने से घायल राजकुमार को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि घायल रोहित का इलाज चल रहा है। मामले की जांच में जुटी पुलिस कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि घायल रोहित की शिकायत पर बृजेश, जयंत, शक्ति, अरविंद, विक्रम मास्टर, पवन, संजू शास्त्री, कर्मवीर व देवा सहित अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस की टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
कुलदीप बिश्नोई के गढ़ आदमपुर की नगर पालिका खत्म:सरकार ने ऑफिशियल लेटर जारी किया, कुलदीप समर्थकों ने जाहिर की खुशी
कुलदीप बिश्नोई के गढ़ आदमपुर की नगर पालिका खत्म:सरकार ने ऑफिशियल लेटर जारी किया, कुलदीप समर्थकों ने जाहिर की खुशी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के गढ़ माने जाने वाले आदमपुर हलके की नगर पालिको को BJP सरकार ने खत्म कर दिया है। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई दोनों ही लंबे समय से इस प्रयास में थे कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म हो। आखिरकार सरकार ने आज नगर पालिका खत्म होने का ऑफिशियल लेटर जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से भजनलाल परिवार और उनके समर्थक काफी खुश हैं। कुलदीप बिश्नोई के समर्थक भूप सिंह ने X पर पोस्ट कर लिखा है कि “कुलदीप बिश्नोई जी एवं विधायक भव्य बिश्नोई जी का अपने लोगों से किया वादा पूरा हुआ। आदमपुर नगर पालिका टूटने का ऑफिशियल पत्र सरकार ने जारी कर कर दिया है। पूरी आदमपुर मंडी में खुशी की लहर है। कथनी और करनी में सच्चाई अगर किसी नेता की देखोगे तो भजनलाल परिवार को आगे पाओगे”। इससे पहले कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई का आदमपुर मंडी में स्वागत किया गया था और कुलदीप बिश्नोई और भव्य ने रोड शो निकालकर लोगों का अभिवादन किया था। भाजपा ने ही दर्जा दिया था अब सरकार ने ही हटाया
दरअसल, आदमपुर को BJP सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। सरकार ने 2 साल पहले सिसाय का भी दर्जा खत्म किया था
आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया गया था। इस सर्वे में भी 5 हजार से ज्यादा लोगों की राय ली गई। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया गया है। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया गया है। आदमपुर में सक्रिय हैं भव्य बिश्नोई, अगला चुनाव लड़ेंगे
वहीं, आदमपुर में उप चुनाव जीतने वाले भव्य बिश्नोई आदमपुर में लगातार सक्रिय हैं। वह लोगों के बीच जा रहे हैं और उनकी समस्याओं को हल कर रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में रणजीत चौटाला आदमपुर हलके से पीछे रह गए थे। भाजपा प्रत्याशी रहे रणजीत चौटाला को 50 हजार का मार्जिन से जीत की उम्मीद थी। मगर जब नतीजे आए तो आदमपुर से लीड के बजाय 6,384 वोट से रणजीत चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से पीछे रह गए। इस कारण भव्य बिश्नोई और ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा
दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है।