हिमाचल प्रदेश में धीरे-धीरे शुरू हुआ मानसून अब ऐसी रफ्तार पकड़ चुका है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है। हिमाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से अगले 6 दिनों के लिए जारी किए गए येलो अलर्ट के बीच बादल जमकर बरस रहे हैं। पूरे प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं और कई जगहों पर सड़कें और बस स्टैंड पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कई जिलों शिमला, सोलन, कांगड़ा, सिरमौर, मंडी आदि में पिछले कई घंटों से भारी बारिश जारी है। किन्नौर खाब में बादल फटा है। बादल फटने से भारी तबाही हुई है। वहीं, मंडी कुल्लू नेशनल हाईवे 9 मील के पास देर रात लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गया है। किन्नौर में बादल फटा, मंडी-कुल्लू NH 9 मील के पास बंद हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के खाब में बादल फटा। बादल फटने से भारी तबाही मची है। नदी का पानी सड़क पर आ गया है और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। भारी बारिश के कारण मंडी-कुल्लू हाईवे 9 मील के पास पंडोह के पास बंद हो गया है। शनिवार आधी रात करीब 11:30 बजे से इस हाईवे के दोनों तरफ यातायात बंद कर दिया गया है। वाहन 9 मील के पास चेल-चोक से होते हुए सुंदर नगर जा सकते हैं। पुलिस ने लोगों से रात में यात्रा करने से बचने की अपील की है। पहाड़ी से लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है। हिमाचल के इन जिलों में बाढ़ का अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र ने आने वाले दिनों में राज्य के कम ऊंचाई वाले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों में अचानक बाढ़ आने का भी अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश के अलर्ट के बीच प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है। प्रदेश में 6 दिन तक येलो अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र ने हिमाचल प्रदेश में अगले छह दिन तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। जुलाई महीने में बारिश सामान्य से कम रही है, लेकिन अगस्त महीने में प्रदेश में अच्छी बारिश देखने को मिल रही है। कई जगहों पर सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। आईएमडी ने अगले कुछ घंटों तक मंडी, सिरमौर, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा में भारी बारिश की संभावना जताई है। ऊना में सबसे ज्यादा तापमान, कुकमसेरी में सबसे कम 13.2 डिग्री मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार ऊना में सबसे ज्यादा 33.7 डिग्री तापमान बना हुआ है। प्रदेश के अन्य हिस्सों की बात करें तो शिमला में तापमान 21 डिग्री, भुंतर में 32.2, कल्पा में 25.6, धर्मशाला में 26.5, ऊना में 33.7, नाहन में 27.5, सोलन में 25, चंबा में 33, बिलासपुर में 32, मंडी में 28.4 और कसौली में 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला है। हिमाचल में 135 सड़कें बंद, 56 पेयजल योजनाएं ठप रविवार सुबह तक हिमाचल प्रदेश में 135 सड़कें, दो दर्जन बिजली ट्रांसफार्मर, 57 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। सिरमौर जिले में एनएच समेत 42 सड़कें, कुल्लू में 37, मंडी में 29, शिमला में 17, कांगड़ा में 5, किन्नौर में 4 और लाहौल स्पीति में एक सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। हिमाचल प्रदेश में धीरे-धीरे शुरू हुआ मानसून अब ऐसी रफ्तार पकड़ चुका है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है। हिमाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से अगले 6 दिनों के लिए जारी किए गए येलो अलर्ट के बीच बादल जमकर बरस रहे हैं। पूरे प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं और कई जगहों पर सड़कें और बस स्टैंड पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कई जिलों शिमला, सोलन, कांगड़ा, सिरमौर, मंडी आदि में पिछले कई घंटों से भारी बारिश जारी है। किन्नौर खाब में बादल फटा है। बादल फटने से भारी तबाही हुई है। वहीं, मंडी कुल्लू नेशनल हाईवे 9 मील के पास देर रात लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गया है। किन्नौर में बादल फटा, मंडी-कुल्लू NH 9 मील के पास बंद हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के खाब में बादल फटा। बादल फटने से भारी तबाही मची है। नदी का पानी सड़क पर आ गया है और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। भारी बारिश के कारण मंडी-कुल्लू हाईवे 9 मील के पास पंडोह के पास बंद हो गया है। शनिवार आधी रात करीब 11:30 बजे से इस हाईवे के दोनों तरफ यातायात बंद कर दिया गया है। वाहन 9 मील के पास चेल-चोक से होते हुए सुंदर नगर जा सकते हैं। पुलिस ने लोगों से रात में यात्रा करने से बचने की अपील की है। पहाड़ी से लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है। हिमाचल के इन जिलों में बाढ़ का अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र ने आने वाले दिनों में राज्य के कम ऊंचाई वाले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों में अचानक बाढ़ आने का भी अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश के अलर्ट के बीच प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है। प्रदेश में 6 दिन तक येलो अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र ने हिमाचल प्रदेश में अगले छह दिन तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। जुलाई महीने में बारिश सामान्य से कम रही है, लेकिन अगस्त महीने में प्रदेश में अच्छी बारिश देखने को मिल रही है। कई जगहों पर सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। आईएमडी ने अगले कुछ घंटों तक मंडी, सिरमौर, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा में भारी बारिश की संभावना जताई है। ऊना में सबसे ज्यादा तापमान, कुकमसेरी में सबसे कम 13.2 डिग्री मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार ऊना में सबसे ज्यादा 33.7 डिग्री तापमान बना हुआ है। प्रदेश के अन्य हिस्सों की बात करें तो शिमला में तापमान 21 डिग्री, भुंतर में 32.2, कल्पा में 25.6, धर्मशाला में 26.5, ऊना में 33.7, नाहन में 27.5, सोलन में 25, चंबा में 33, बिलासपुर में 32, मंडी में 28.4 और कसौली में 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला है। हिमाचल में 135 सड़कें बंद, 56 पेयजल योजनाएं ठप रविवार सुबह तक हिमाचल प्रदेश में 135 सड़कें, दो दर्जन बिजली ट्रांसफार्मर, 57 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। सिरमौर जिले में एनएच समेत 42 सड़कें, कुल्लू में 37, मंडी में 29, शिमला में 17, कांगड़ा में 5, किन्नौर में 4 और लाहौल स्पीति में एक सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में स्नो-कवर एरिया 12.73% घटा:बर्फबारी का बदला ट्रेंड; सर्दियों के बजाय गर्मियों में स्नोफॉल, जनवरी में सतलुज बेसिन पर 67% बर्फ क्षेत्र घटा हिमाचल में इस बार 2022-23 की तुलना में स्नो कवर एरिया 12.72% कम हुआ है। साल 2022-23 की तुलना में 2023-24 में चिनाब बेसिन में सबसे ज्यादा 15.39% की कमी आई है, जबकि ब्यास बेसिन पर 7.65%, रावी बेसिन पर 9.89% और सतलुज बेसिन पर 12.45% कम हुआ है। यह दावा हिमाचल पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (हिमकॉस्ट) के स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंजिज द्वारा किए गए ताजा सर्वेक्षण में हुआ है। इसी तरह हिमाचल के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का ट्रेंड भी बदल रहा है। विंटर सीजन जब पीक पर होता है तो उस दौरान पहाड़ों पर नाममात्र बर्फ गिरी है। इससे दिसंबर से फरवरी के बीच स्नो कवर एरिया में भारी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि मार्च और अप्रैल में 2022-23 की तुलना में 2023-24 में ज्यादा बर्फबारी हुई है। सतलुज बेसिन पर जनवरी में स्नो कवर एरिया 67% कम हुआ हिमकॉस्ट के अनुसार, दिसंबर से फरवरी के बीच जब विंटर सीजन पीक पर होता है, उस दौरान 2023-24 में सतलुज को छोड़कर तीनों बेसिन के स्नो कवर एरिया में गिरावट दर्ज की गई। जनवरी महीने में स्नो-कवर एरिया में ज्यादा डरावनी गिरावट आई है। चिनाब बेसिन पर जनवरी 2024 में स्नो कवर एरिया में 42%, ब्यास बेसिन पर 43%, रावी बेसिन पर 64% और सतलुज बेसिन पर 67% की स्नो कवर एरिया में कमी आई। हिमकॉस्ट ने चारों रिवर बेसिन पर किया सर्वेक्षण हिमकॉस्ट के स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंजिज द्वारा चारों रिवर बेसिन चिनाब, रावी, सतलुज और ब्यास पर यह सर्वेक्षण किया है। यह सर्वेक्षण सेटेलाईट इमेज के जरिए किया है। स्नो कवर एरिया कम होना हिमाचल सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान के लिए अच्छा संकेत नहीं है। मार्च-अप्रैल में स्नोफॉल से संजीवनी प्रदेश में एक दशक पहले तक दिसंबर से फरवरी के बीच में अच्छी बर्फबारी होती थी। मगर पिछले कुछ सालों से मार्च-अप्रैल में बर्फबारी हो रही है। दिसंबर से फरवरी के बीच होने वाली बर्फबारी लंबे समय तक टिकती है, जबकि मार्च अप्रैल की बर्फबारी जल्दी पिघल जाती है। इसलिए ग्लेशियर और पानी के स्तोत्र रिचार्ज करने के लिए पीक विंटर सीजन के दौरान बर्फबारी जरूरी होती है। रिन्यूएबल एनर्जी और ई-व्हीकल की तरफ जाने की सलाह रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले कुछ सालों में हिमालय के तापमान में उछाल से स्नो कवर एरिया घटा है। इससे ग्लेशियर भी तेजी से पिघल रहे हैं। शिमला में ऐसा पहली बार हुआ, जब यहां बर्फ नहीं गिरी। इसलिए रिपोर्ट में ई-व्हीकल और रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ जाने की सलाह दी गई है।
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