कुल्लू में ग्रामीणों ने खुद बना डाले वैकल्पिक पुल:उफनती नदी पर जान जोखिम में डालकर किया निर्माण, 15 दिन से तार स्पेन क्षतिग्रस्त

कुल्लू में ग्रामीणों ने खुद बना डाले वैकल्पिक पुल:उफनती नदी पर जान जोखिम में डालकर किया निर्माण, 15 दिन से तार स्पेन क्षतिग्रस्त

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की दुर्गम पंचायत पिछलीहार के कास्ता गांव के ग्रामीणों ने नदी पर वैकल्पिक पुल बनाकर कुकड़ी से कास्ता व काथी का संपर्क जोड़ दिया है। इन गांवों के लोग पिछले 15 दिनों से जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रहे थे। कास्ता गांव की कमेटी ने निर्णय लेकर बिना प्रशासन की मदद के वैकल्पिक पुल का निर्माण किय। कुकड़ी से कास्ता व काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल पिछले दिनों आई बाढ़ की चपेट में आ गए थे। जिस कारण पिछले 15 दिनों से लोग वाया डमचीन 6 किलोमीटर का सफर तय करके अपने गांव पहुंच रहे थे या फिर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे थे। क्योंकि इस स्थान पर लगी तार स्पेन भी बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हो गई थी । मलाणा के लोगों से मिली प्रेरणा कास्ता गांव के शेर सिंह ने बताया कि गांव के युवाओं ने मलाणा गांव के लोगों का पुल तैयार करने व हेलीपैड बनाने वाला वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर देखा । इसी कारण उन्होंने प्रशासन का इंतजार करने की बजाए खुद ही पुल बनाने का निर्णय लिया। कास्ता गांव के लोगों को वैकल्पिक पुल को बनाने के लिए 3 दिन का समय लगा। इस काम में शेर सिंह, सौदागर, देवी सिंह, राम चन्द, तुले राम, सूरत राम, रमेश, शिवराम, रोशन लाल, प्रेम चंद, गुर दयाल, सोभे राम, बुधराम, भागचंद, रामनाथ सहित गांव की महिलाओं ने भी अपना योगदान दिया । डापिन के पास भी बनाया वैकल्पिक पुल कास्ता के पास नदी से कुछ दूरी पर भी डापिन से काथी के लिए वैकल्पिक पुल का निर्माण कर दिया गया है । काथी व डापिन गांव के बेली राम, टेकराम, बुद्धि सिंह, रामचंद्र, लालचंद, देवराज, प्रशोतम, चेतराम, संतराम, रामशरण सहित गांव के अनेक लोग वैकल्पिक पुल निर्माण में तीन दिनों तक लगे रहे । कास्ता व काथी तक अभी नहीं पहुंची सड़क कास्ता व काथी गांव के लोग अभी भी सड़क सुविधा से महरूम हैं । करीब दो दशक पहले फ़ोजल कुकड़ी काथी सड़क का काम शुरू हुआ था । जो अभी तक कुकड़ी तक ही पूरा हो पाया है मगर इस से आगे कास्ता व काथी तक सड़क पहुंच पाना बहुत बड़ी चुनौती है । कुकड़ी तक बनी सड़क की हालत खस्ता दो दशक पहले से बन रही सड़क हालांकि कुकड़ी गांव तक बन चुकी है परंतु यह सड़क बेहद जोखिम भरी है । लोड़ रा गोलू चट्टान को काटकर बनाई गई सड़क पर हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है । इस स्थान पर सड़क ठीक ना होने के कारण अनेक दुर्घटनाएं यहां हो चुकी हैं । तार स्पेन सहित लगेगा 1 और झूला मनाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाली पिछलीहार पंचायत के अंतिम गांव काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल गत दिनों आई बाढ़ के कारण बह गए थे । इन स्थानों पर वैकल्पिक पुल का निर्माण ग्रामीणों ने कर दिया है। आपदा की इस घड़ी में हमारे क्षेत्र के लोग एक दूसरे की हर संभव सहायता कर रहे हैं। प्रशासन व सरकार भी विपदा की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। काथी क्षेत्र में एक बड़े पुल बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए संबंधित विभाग को आदेश जारी किए गए हैं । ग्रामीणों की मांग पर तार स्पेन सहित 1 झूला वहां लगाया जा रहा है जिसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है । हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की दुर्गम पंचायत पिछलीहार के कास्ता गांव के ग्रामीणों ने नदी पर वैकल्पिक पुल बनाकर कुकड़ी से कास्ता व काथी का संपर्क जोड़ दिया है। इन गांवों के लोग पिछले 15 दिनों से जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रहे थे। कास्ता गांव की कमेटी ने निर्णय लेकर बिना प्रशासन की मदद के वैकल्पिक पुल का निर्माण किय। कुकड़ी से कास्ता व काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल पिछले दिनों आई बाढ़ की चपेट में आ गए थे। जिस कारण पिछले 15 दिनों से लोग वाया डमचीन 6 किलोमीटर का सफर तय करके अपने गांव पहुंच रहे थे या फिर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे थे। क्योंकि इस स्थान पर लगी तार स्पेन भी बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हो गई थी । मलाणा के लोगों से मिली प्रेरणा कास्ता गांव के शेर सिंह ने बताया कि गांव के युवाओं ने मलाणा गांव के लोगों का पुल तैयार करने व हेलीपैड बनाने वाला वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर देखा । इसी कारण उन्होंने प्रशासन का इंतजार करने की बजाए खुद ही पुल बनाने का निर्णय लिया। कास्ता गांव के लोगों को वैकल्पिक पुल को बनाने के लिए 3 दिन का समय लगा। इस काम में शेर सिंह, सौदागर, देवी सिंह, राम चन्द, तुले राम, सूरत राम, रमेश, शिवराम, रोशन लाल, प्रेम चंद, गुर दयाल, सोभे राम, बुधराम, भागचंद, रामनाथ सहित गांव की महिलाओं ने भी अपना योगदान दिया । डापिन के पास भी बनाया वैकल्पिक पुल कास्ता के पास नदी से कुछ दूरी पर भी डापिन से काथी के लिए वैकल्पिक पुल का निर्माण कर दिया गया है । काथी व डापिन गांव के बेली राम, टेकराम, बुद्धि सिंह, रामचंद्र, लालचंद, देवराज, प्रशोतम, चेतराम, संतराम, रामशरण सहित गांव के अनेक लोग वैकल्पिक पुल निर्माण में तीन दिनों तक लगे रहे । कास्ता व काथी तक अभी नहीं पहुंची सड़क कास्ता व काथी गांव के लोग अभी भी सड़क सुविधा से महरूम हैं । करीब दो दशक पहले फ़ोजल कुकड़ी काथी सड़क का काम शुरू हुआ था । जो अभी तक कुकड़ी तक ही पूरा हो पाया है मगर इस से आगे कास्ता व काथी तक सड़क पहुंच पाना बहुत बड़ी चुनौती है । कुकड़ी तक बनी सड़क की हालत खस्ता दो दशक पहले से बन रही सड़क हालांकि कुकड़ी गांव तक बन चुकी है परंतु यह सड़क बेहद जोखिम भरी है । लोड़ रा गोलू चट्टान को काटकर बनाई गई सड़क पर हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है । इस स्थान पर सड़क ठीक ना होने के कारण अनेक दुर्घटनाएं यहां हो चुकी हैं । तार स्पेन सहित लगेगा 1 और झूला मनाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाली पिछलीहार पंचायत के अंतिम गांव काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल गत दिनों आई बाढ़ के कारण बह गए थे । इन स्थानों पर वैकल्पिक पुल का निर्माण ग्रामीणों ने कर दिया है। आपदा की इस घड़ी में हमारे क्षेत्र के लोग एक दूसरे की हर संभव सहायता कर रहे हैं। प्रशासन व सरकार भी विपदा की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। काथी क्षेत्र में एक बड़े पुल बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए संबंधित विभाग को आदेश जारी किए गए हैं । ग्रामीणों की मांग पर तार स्पेन सहित 1 झूला वहां लगाया जा रहा है जिसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है ।   हिमाचल | दैनिक भास्कर