उत्तर प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर रहेगें। इसके चलते प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU समेत लगभग सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का इलाज प्रभावित होगा। बड़ी बात ये हैं कि हड़ताल के दौरान रेजिडेंट डॉक्टर, OPD समेत सभी रूटीन इलेक्टिव सर्जरी व नियमित चिकित्सीय उपचार से दूर रहेंगे। हालांकि, गंभीर मरीजों को मिलने वाली ट्रॉमा समेत आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं से अभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुद को अलग नही किया हैं। इसके चलते इन मरीजों का इलाज जारी रहेगा। दरअसल, कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर की घटना के बाद देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों में जबरदस्त आक्रोश हैं। रविवार शाम फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) के आहवाहन पर यूपी समेत प्रदेश भर के सभी रेजिडेंट डॉक्टर के एसोसिएशन, यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने इस हड़ताल का ऐलान किया हैं। OPD समेत कई मेडिकल सेवाएं हो सकती हैं ठप रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल का लखनऊ समेत प्रदेश के लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को मिलने वाले इलाज पर बड़ा असर पड़ सकता हैं। इन कॉलेजों की OPD समेत सामान्य चिकित्सा व्यवस्था भी ठप हो सकती हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की इस हड़ताल में MBBS स्टूडेंट्स के शामिल होने की आशंका भी हैं। ऐसे में हालात और बदतर हो सकते हैं। हालांकि, यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने 4 हजार रजिस्टर्ड डॉक्टरों सहित कुल 10 हजार डॉक्टर और MBBS स्टूडेंट्स के स्ट्राइक में शामिल होने की बात कही हैं। लखनऊ के 2 हजार सहित कुल 4 हजार डॉक्टर हड़ताल पर सोमवार से रेजिडेंट डॉक्टरों की प्रस्तावित इस हड़ताल का असर प्रदेश के लाखों मरीजों पर पड़ेगा। अकेले राजधानी लखनऊ के 3 बड़े चिकित्सा संस्थानों में 2 हजार के करीब रेजिडेंट डॉक्टर तैनात हैं। इनमें से KGMU, SGPGI और लोहिया संस्थान जैसे राज्य के टॉप मेडिकल संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों में रोजाना 10 हजार से ज्यादा मरीज सिर्फ OPD में इलाज के लिए पहुंचते हैं। कोलकाता की घटना से रेजिडेंट डॉक्टरों में उबाल यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष डॉ.हरदीप जोगी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि सरकारी अस्पतालों में सिक्योरिटी का न होना, डॉक्टरों के लिए जानलेवा बन चुका हैं। आखिर कब तक सहन करेंगे डॉक्टर? इतने बड़े जघन्य अपराध के बाद भी जिम्मेदार एक्शन लेने में कोताही कर रहे हैं। यही कारण हैं कि डॉक्टरों में बेहद आक्रोश हैं। निर्भया से भी ज्यादा जघन्य अपराध हुआ डॉ. हरदीप कहते हैं कि कोलकाता की रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दिल्ली के निर्भया कांड से ज्यादा जघन्य और बर्बर तरीके से अपराध किया गया हैं। बावजूद इसके वहां के जिम्मेदार कार्रवाई को लेकर लचर रवैया अपना रहे हैं। तमाम राज्यों में जब कोई अधिकारी निकलता हैं, तो वो गार्ड साथ लेकर जाता हैं। पर डॉक्टर को अकेले भेजा जाता हैं। ऐसे में डॉक्टरों के ऐसी घटना होना लाजिमी हैं।सवाल ये भी उठता हैं कि NMC जो मेडिकल कॉलेज को अप्रूवल देने वाली बॉडी हैं, वो ऐसे कॉलेज के संचालन की कैसे परमिशन दे देती हैं। जहां डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल तक नही हैं। ऐसे हालात में डॉक्टर कैसे लोगों का इलाज कर सकेंगे जब वो खुद ही सुरक्षित नही रहेंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों की प्रमुख मांग – कोलकाता के जघन्य रेप और हत्याकांड मामले की जांच CBI जैसी किसी सेंट्रल एजेंसी से कराई जाए। और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। डॉक्टरों को उनके कार्यक्षेत्र समेत सभी वर्कप्लेस पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी खुद NMC द्वारा की जाए। गवर्नमेंट द्वारा सेंट्रल मेडिकल प्रोफेशनल प्रोटेक्शन एक्ट को देशभर में लागू किया जाए। KGMU में शाम 7 बजे होगी शोक सभा और कैंडल मार्च कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सेकेंड ईयर पीजी महिला चिकित्सक के साथ हुई वीभत्स घटना और हत्याकांड के बाद दिवंगत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सोमवार शाम 7 बजे को KGMU में प्रशासनिक भवन पर शोक सभा और उसके बाद कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों के अलावा MBBS स्टूडेंट्स के भी शामिल होने की उम्मीद हैं। उत्तर प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर रहेगें। इसके चलते प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU समेत लगभग सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का इलाज प्रभावित होगा। बड़ी बात ये हैं कि हड़ताल के दौरान रेजिडेंट डॉक्टर, OPD समेत सभी रूटीन इलेक्टिव सर्जरी व नियमित चिकित्सीय उपचार से दूर रहेंगे। हालांकि, गंभीर मरीजों को मिलने वाली ट्रॉमा समेत आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं से अभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुद को अलग नही किया हैं। इसके चलते इन मरीजों का इलाज जारी रहेगा। दरअसल, कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर की घटना के बाद देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों में जबरदस्त आक्रोश हैं। रविवार शाम फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) के आहवाहन पर यूपी समेत प्रदेश भर के सभी रेजिडेंट डॉक्टर के एसोसिएशन, यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने इस हड़ताल का ऐलान किया हैं। OPD समेत कई मेडिकल सेवाएं हो सकती हैं ठप रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल का लखनऊ समेत प्रदेश के लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को मिलने वाले इलाज पर बड़ा असर पड़ सकता हैं। इन कॉलेजों की OPD समेत सामान्य चिकित्सा व्यवस्था भी ठप हो सकती हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की इस हड़ताल में MBBS स्टूडेंट्स के शामिल होने की आशंका भी हैं। ऐसे में हालात और बदतर हो सकते हैं। हालांकि, यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने 4 हजार रजिस्टर्ड डॉक्टरों सहित कुल 10 हजार डॉक्टर और MBBS स्टूडेंट्स के स्ट्राइक में शामिल होने की बात कही हैं। लखनऊ के 2 हजार सहित कुल 4 हजार डॉक्टर हड़ताल पर सोमवार से रेजिडेंट डॉक्टरों की प्रस्तावित इस हड़ताल का असर प्रदेश के लाखों मरीजों पर पड़ेगा। अकेले राजधानी लखनऊ के 3 बड़े चिकित्सा संस्थानों में 2 हजार के करीब रेजिडेंट डॉक्टर तैनात हैं। इनमें से KGMU, SGPGI और लोहिया संस्थान जैसे राज्य के टॉप मेडिकल संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों में रोजाना 10 हजार से ज्यादा मरीज सिर्फ OPD में इलाज के लिए पहुंचते हैं। कोलकाता की घटना से रेजिडेंट डॉक्टरों में उबाल यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष डॉ.हरदीप जोगी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि सरकारी अस्पतालों में सिक्योरिटी का न होना, डॉक्टरों के लिए जानलेवा बन चुका हैं। आखिर कब तक सहन करेंगे डॉक्टर? इतने बड़े जघन्य अपराध के बाद भी जिम्मेदार एक्शन लेने में कोताही कर रहे हैं। यही कारण हैं कि डॉक्टरों में बेहद आक्रोश हैं। निर्भया से भी ज्यादा जघन्य अपराध हुआ डॉ. हरदीप कहते हैं कि कोलकाता की रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दिल्ली के निर्भया कांड से ज्यादा जघन्य और बर्बर तरीके से अपराध किया गया हैं। बावजूद इसके वहां के जिम्मेदार कार्रवाई को लेकर लचर रवैया अपना रहे हैं। तमाम राज्यों में जब कोई अधिकारी निकलता हैं, तो वो गार्ड साथ लेकर जाता हैं। पर डॉक्टर को अकेले भेजा जाता हैं। ऐसे में डॉक्टरों के ऐसी घटना होना लाजिमी हैं।सवाल ये भी उठता हैं कि NMC जो मेडिकल कॉलेज को अप्रूवल देने वाली बॉडी हैं, वो ऐसे कॉलेज के संचालन की कैसे परमिशन दे देती हैं। जहां डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल तक नही हैं। ऐसे हालात में डॉक्टर कैसे लोगों का इलाज कर सकेंगे जब वो खुद ही सुरक्षित नही रहेंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों की प्रमुख मांग – कोलकाता के जघन्य रेप और हत्याकांड मामले की जांच CBI जैसी किसी सेंट्रल एजेंसी से कराई जाए। और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। डॉक्टरों को उनके कार्यक्षेत्र समेत सभी वर्कप्लेस पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी खुद NMC द्वारा की जाए। गवर्नमेंट द्वारा सेंट्रल मेडिकल प्रोफेशनल प्रोटेक्शन एक्ट को देशभर में लागू किया जाए। KGMU में शाम 7 बजे होगी शोक सभा और कैंडल मार्च कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सेकेंड ईयर पीजी महिला चिकित्सक के साथ हुई वीभत्स घटना और हत्याकांड के बाद दिवंगत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सोमवार शाम 7 बजे को KGMU में प्रशासनिक भवन पर शोक सभा और उसके बाद कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों के अलावा MBBS स्टूडेंट्स के भी शामिल होने की उम्मीद हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की बागड़-बांगर बेल्ट साधेंगे राहुल गांधी:घोड़ेला के समर्थन में 26 को बरवाला में करेंगे रैली, 30 विधानसभा तक पहुंचेंगे
हरियाणा की बागड़-बांगर बेल्ट साधेंगे राहुल गांधी:घोड़ेला के समर्थन में 26 को बरवाला में करेंगे रैली, 30 विधानसभा तक पहुंचेंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी जल्द प्रचार में उतरेंगे। कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी का फोकस हरियाणा की बागड़ और बांगर बेल्ट पर रहने वाला है। राहुल गांधी की जींद, कैथल के अलावा भिवानी, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद बांगड बेल्ट में चुनावी रैली होगी। इन रैलियों के जरिए राहुल गांधी कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाएंगे। राहुल गांधी 26 को बरवाला विधानसभा से हिसार जिले की 7 सीटों को साधेंगे। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला को मजबूत बनाने के लिए प्रचार करेंगे साथ ही हिसार, उकलाना, नारनौंद, हांसी, नलवा और आदमपुर से भी प्रत्याशी राहुल गांधी के मंच पर साथ रहेंगे। बरवाला सीट भाजपा कभी नहीं जीत सकी है ऐसे में राहुल गांधी ने स्पेशल बरवाला सीट का ही चुनाव किया है। 2019 में कांग्रेस हिसार की 7 विधानसभा में एक आदमपुर जीत पाई थी। कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट पर कांग्रेस से छिन गई। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिसार लोकसभा जीती थी। तीन लालों की धरती है बागड़ बेल्ट
बागड़ बेल्ट पर चौधरी ओम प्रकाश चौटाला, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल परिवार का दबदबा रहा है। मौजूदा स्थिति में भजनलाल परिवार से कुलदीप बिश्नोई, बंसीलाल परिवार से किरण चौधरी और चौटाला परिवार से अजय और अभय राजनीतिक विरासत संभाले हुए हैं। राजनीतिक दृष्टि से यह बेल्ट प्रदेश की सबसे मजबूत रही है और ताऊ देवीलाल समेत इस धरती ने 4 मुख्यमंत्री दिए हैं। राजस्थान और पंजाब से सटे होने के चलते यहां पर बागड़ी और पंजाबी दोनों ही भाषाएं बोली जाती हैं। बागड़ बेल्ट में चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, हिसार और फतेहाबाद जिले की 21 विधानसभाएं आती हैं। बांगर बेल्ट में बीरेंद्र सिंह और सुरजेवाला की साख दाव पर उचाना को बांगर की राजधानी कहा जाता है। अक्खड़पन और बेबाकी के लिए यह धरती जानी जाती है। अधिकतर सरकारों में बांगर की हिस्सेदारी रही, लेकिन विकास की कमी है। यहां से कोई नेता प्रदेश का मुखिया नहीं बन सका। सिर्फ ओमप्रकाश चौटाला नरवाना से विधायक होते हुए सीएम बने थे, लेकिन उनका मुख्य क्षेत्र सिरसा रहा है। बीरेंद्र सिंह और रणदीप सुरजेवाला इस क्षेत्र के दो बड़े चेहरे हैं, लेकिन प्रदेश का मुखिया नहीं बन सके हैं। इन चुनाव में दोनों की साख दाव पर है। बांगर बेल्ट में जुलाना, सफीदों, जींद, उचाना कलां और नरवाना वहीं कैथल की गुहला, कलायत, कैथल, पुंडरी सीटें आती हैं।