हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर होडल के निकट अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। जहां से शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। अज्ञात वाहन ने मारी बाइक को टक्कर होडल थाना प्रभारी दौलतराम ने बताया कि जिला गाजियाबाद (यूपी) तुलशी निकेतन भोपुरा साहिदाबाद निवासी मनोज कुमार ने शिकायत में बताया कि उसका बेटा हर्षित कुमार किसी काम से अपनी बाइक पर सवार होकर मथुरा जा रहा था। होडल के पास पहुंची तभी किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। जिससे उसके बेटे की मौत हो गई। राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल राहगीरों ने उसके बेटे को सरकारी अस्पताल भिजवा दिया, सूचना पाकर वह जब सरकारी अस्पताल पहुंचा तो उसके बेटे की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मृतक के पिता की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर होडल के निकट अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। जहां से शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। अज्ञात वाहन ने मारी बाइक को टक्कर होडल थाना प्रभारी दौलतराम ने बताया कि जिला गाजियाबाद (यूपी) तुलशी निकेतन भोपुरा साहिदाबाद निवासी मनोज कुमार ने शिकायत में बताया कि उसका बेटा हर्षित कुमार किसी काम से अपनी बाइक पर सवार होकर मथुरा जा रहा था। होडल के पास पहुंची तभी किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। जिससे उसके बेटे की मौत हो गई। राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल राहगीरों ने उसके बेटे को सरकारी अस्पताल भिजवा दिया, सूचना पाकर वह जब सरकारी अस्पताल पहुंचा तो उसके बेटे की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मृतक के पिता की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कैथल में हत्या गवाह को जान से मारने की धमकी:2023 में हुए मर्डर में है सरकारी गवाह, आरोपी ने विदेशी नंबर से किया फोन कैथल के कलायत क्षेत्र के गांव बात्ता में अज्ञात आरोपियों ने एक मर्डर के गवाह को फोन पर जान से मारने की धमकी दी है। आरोपियों ने उसे कहा कि अगर कि अगर वह गवाही देने गया तो उसे वहीं पर जान से मार देंगे। इससे गवाह और उसका परिवार सहमा हुआ है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गांव बात्ता निवासी दीपक ने कलायत थाना में दी शिकायत में बताया कि गांव बात्ता में 28 सितंबर 2023 को अवतार नामक युवक का मर्डर हुआ था। इस मामले में उसे सरकारी गवाह बनाया गया। 28 जनवरी से उसके पास एक विदेशी नंबर से कॉल आ रहा है और उसे व उसके परिवार को जान से मरने की धमकी दी जा रही हैं। आरोपी कह रहे हैं कि अगर अवतार वाले केस में गवाही दी तो आप और आप के परिवार को जान से मार दिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने आरोपियों से जान का खतरा जताया है। कलायत थाना के एएसआई विनोद कुमार ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की आगामी जांच की जा रही है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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लगातार 4 बार भिवानी की तोशाम सीट से MLA किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। श्रुति पहले भी 2009 में इस सीट से सांसद रह चुकी है, लेकिन पिछले 2 चुनाव में लगातार हार के कारण पार्टी ने इस बार उनकी टिकट काटकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दी। बेटी की टिकट कटते ही किरण ने बगावती तेवर अपना लिए थे, लेकिन चुनाव के वक्त पार्टी नहीं छोड़ी। किरण और उनकी बेटी श्रुति ने प्रचार से पूरी तरह किनारा कर लिया। दोनों तरफ से खूब बयानबाजी हुई। आखिर में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। कांग्रेस केंडिडेट ने हार का कारण भितरघात बताया। इसके बाद किरण ने फिर से मीडिया के सामने आकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए बगैर उन पर कई आरोप लगाए। इससे साफ होने लगा कि किरण अब बहुत जल्द पार्टी को अलविदा कह सकती है। सत्ता जाने के बाद हुड्डा से शुरू हुई अदावत
दरअसल, किरण चौधरी तत्कालीन हुड्डा सरकार के दोनों टर्म 2005 और 2009 में कैबिनेट मंत्री रहीं। उस समय राजनैतिक तौर पर किरण और हुड्डा की सही पटरी बैठ रही थी, लेकिन 2014 में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी और ज्यादा उभरकर आ गई। पहले से हुड्डा विरोधी रही कुमारी सैलजा के बाद रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के अलावा कैप्टन अजय सिंह की हुड्डा के साथ खटपट शुरू हो गई। हालांकि, पार्टी हाईकमान की तरफ से 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद किरण को CLP लीडर बनाया गया, लेकिन 2019 के चुनाव आते-आते किरण और भूपेंद्र हुड्डा के बीच तनातनी पूरी तरह जगजाहिर हो गई। पिछले 3 साल में तो ये और ज्यादा बढ़ गई। सैलजा, रणदीप के साथ किरण भी शामिल हो गईं और इन तीनों सीनियर नेताओं ने अपनी अलग राह चुन ली। हरियाणा में एक गुट भूपेंद्र हुड्डा तो दूसरा SRK (सैलजा, रणदीप, किरण) के नाम से जाना जाने लगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किरण और श्रुति सिरसा में कैंडिडेट सैलजा के प्रचार में तो जरूर गई, लेकिन अपने खुद के गढ़ में एक दिन भी प्रचार नहीं किया। बंसीलाल की विरासत संभाल रहीं किरण
किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। पति सुरेंद्र सिंह की मौत के बाद किरण ही 2005 से बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए हैं। किरण ने कई बार खुले तौर पर यह बात कही कि पार्टी के भीतर ही उनकी अनदेखी की जा रही है। उनके गढ़ में कांग्रेस के कार्यक्रम हो जाते हैं और उन्हें बुलाया तक नहीं जाता। ऐसे में किरण के सामने चुनौती बंसीलाल की विरासत को बचाने की आ गई। क्योंकि, कांग्रेस में रहते हुए बंसीलाल के कोर वोटर को रोकना किरण चौधरी के लिए मुश्किल हो रहा था। इसे बचाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ BJP जॉइन करने का बड़ा फैसला लिया।