हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल आज भी जारी है। इनकी हड़ताल का सेहत सेवाओं पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर घटना के विरोध में डॉक्टर काम पर लौटने को तैयार नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में सेवाएं देना बंद कर दिया है और केवल आपातकालीन सेवाएं ही दे रहे हैं। इससे मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ओपीडी में मरीजो को समय पर उपचार नहीं मिल रहा है। मरीजों को ओपीडी के बाहर उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों के रूटीन के ऑपरेशन भी प्रभावित हुए है। ओपीडी में 3-3 घण्टे बाद आ रहा नम्बर
मंडी जिला के सरकाघाट से उपचार को IGMC शिमला पहुंची हुसैन बेबी ने कहा कि सुबह 8:30 बजे हॉस्पिटल पहुंच गए है, लेकिन यहां बोला जा रहा है कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठेंगे। उन्हें लाइन में 2 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया। मेडिसिन ओपीडी में पहुंचे ठियोग से राम स्वरूप शर्मा ने बताया कि सुबह 9 बजे ले लाइन में खड़े हैं। 2 घंटे हो गए। अभी तक नंबर नहीं आया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीज परेशान है। सरकार को मरीजों की सुध लेनी चाहिए। शिमला के नेरी से आए राम सिंह ने कहा कि वो अपनी पत्नी को लेकर हॉस्पिटल आए हैं, लेकिन डॉक्टर हड़ताल पर है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। कंसल्टेंट डॉक्टर कर रहे इलाज
IGMC शिमला में राहत की बात यह है कि कंसल्टेंट ( सीनियर डॉक्टर) ड्यूटी पर हैं और रोजाना ओपीडी में मरीजों को देख रहे है। मगर इन पर भी बोझ अधिक बड़ गया है। प्रदेश के मेडिकल कालेज के अलावा दूसरे अस्पतालों में सेहत सेवाएं सुचारु रूप से चल रही है। IGMC शिमला के अलावा मेडिकल कॉलेज नेरचौक, नाहन, हमीरपुर, एम्स बिलासपुर और टांडा मेडिकल कालेज में भी हेल्थ सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। 9 अगस्त को मिली थी लाश
बता दें कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं। डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है। हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल आज भी जारी है। इनकी हड़ताल का सेहत सेवाओं पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर घटना के विरोध में डॉक्टर काम पर लौटने को तैयार नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में सेवाएं देना बंद कर दिया है और केवल आपातकालीन सेवाएं ही दे रहे हैं। इससे मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ओपीडी में मरीजो को समय पर उपचार नहीं मिल रहा है। मरीजों को ओपीडी के बाहर उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों के रूटीन के ऑपरेशन भी प्रभावित हुए है। ओपीडी में 3-3 घण्टे बाद आ रहा नम्बर
मंडी जिला के सरकाघाट से उपचार को IGMC शिमला पहुंची हुसैन बेबी ने कहा कि सुबह 8:30 बजे हॉस्पिटल पहुंच गए है, लेकिन यहां बोला जा रहा है कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठेंगे। उन्हें लाइन में 2 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया। मेडिसिन ओपीडी में पहुंचे ठियोग से राम स्वरूप शर्मा ने बताया कि सुबह 9 बजे ले लाइन में खड़े हैं। 2 घंटे हो गए। अभी तक नंबर नहीं आया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीज परेशान है। सरकार को मरीजों की सुध लेनी चाहिए। शिमला के नेरी से आए राम सिंह ने कहा कि वो अपनी पत्नी को लेकर हॉस्पिटल आए हैं, लेकिन डॉक्टर हड़ताल पर है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। कंसल्टेंट डॉक्टर कर रहे इलाज
IGMC शिमला में राहत की बात यह है कि कंसल्टेंट ( सीनियर डॉक्टर) ड्यूटी पर हैं और रोजाना ओपीडी में मरीजों को देख रहे है। मगर इन पर भी बोझ अधिक बड़ गया है। प्रदेश के मेडिकल कालेज के अलावा दूसरे अस्पतालों में सेहत सेवाएं सुचारु रूप से चल रही है। IGMC शिमला के अलावा मेडिकल कॉलेज नेरचौक, नाहन, हमीरपुर, एम्स बिलासपुर और टांडा मेडिकल कालेज में भी हेल्थ सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। 9 अगस्त को मिली थी लाश
बता दें कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं। डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर