अगस्त में हरियाणा में मानसून मेहरबान रहा है। लगातार सात दिनों की बारिश के बाद मौसम विभाग ने 14 जिलों में फिर से मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। हालांकि इन जिलों में बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं, 24 घंटे में प्रदेश के 7 जिलों में भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत जिले में हुई, जहां करीब 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 20 और 21 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट पहले ही जारी कर दिया है। इन जिलों में खराब रहेगा मौसम हरियाणा के जिन जिलों में मौसम खराब रहेगा, उनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल मेवात शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों को आइसोलेटेड कैटेगरी में रखा है, जहां 25% तक बारिश संभव है। वहीं, करनाल, पानीपत और यमुनानगर में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इन जिलों को डार्क ग्रीन कैटेगरी में शामिल किया गया है। 11 जिलों में भारी बारिश हुई हरियाणा के 7 जिले ऐसे रहे जहां 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत में हुई, जहां 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अंबाला और करनाल में 13 एमएम, महेंद्रगढ़ में 5.0 एमएम, कुरुक्षेत्र में 4.0 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा पानीपत और जींद में भी हल्की बारिश हुई। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। अगस्त में हरियाणा में मानसून मेहरबान रहा है। लगातार सात दिनों की बारिश के बाद मौसम विभाग ने 14 जिलों में फिर से मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। हालांकि इन जिलों में बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं, 24 घंटे में प्रदेश के 7 जिलों में भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत जिले में हुई, जहां करीब 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 20 और 21 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट पहले ही जारी कर दिया है। इन जिलों में खराब रहेगा मौसम हरियाणा के जिन जिलों में मौसम खराब रहेगा, उनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल मेवात शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों को आइसोलेटेड कैटेगरी में रखा है, जहां 25% तक बारिश संभव है। वहीं, करनाल, पानीपत और यमुनानगर में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इन जिलों को डार्क ग्रीन कैटेगरी में शामिल किया गया है। 11 जिलों में भारी बारिश हुई हरियाणा के 7 जिले ऐसे रहे जहां 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत में हुई, जहां 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अंबाला और करनाल में 13 एमएम, महेंद्रगढ़ में 5.0 एमएम, कुरुक्षेत्र में 4.0 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा पानीपत और जींद में भी हल्की बारिश हुई। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 18 अयोग्य RO को लेकर ECI अलर्ट:सरकार से मांगा जवाब; नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा, हिसार के नए SDM भी 2020 बैच के हरियाणा विधानसभा चुनाव में ड्यूटी कर रहे 18 रिटर्निंग ऑफिसर (RO) HCS ऑफिसरों को लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) अलर्ट हो गया है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) आईएएस पंकज अग्रवाल की ओर से इस मामले में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीईओ ने कहा है कि यदि ऐसा है तो ऑफिसर्स के ट्रांसफर नियम से होने चाहिए। आरओ के अयोग्य होने की वजह उनकी 5 साल से कम HCS सर्विस का होना बताया जा रहा है। इसकी शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ECI) तक पहुंच गई थी। इस मामले की शिकायत प्रशासनिक मामलों के जानकार एडवोकेट हेमंत कुमार ने की थी। दरअसल, 2020 के पास आउट एचसीएस को रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि हरियाणा सरकार के एक आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि एसडीएम के पद के लिए 5 वर्ष से 15 वर्ष की सर्विस होनी चाहिए, या 4 वर्ष तक की सर्विस वाले आईएएस को एसडीएम लगाया जा सकता है, यानी चुनाव ड्यूटी की जिम्मेदारी देनी चाहिए। SDO(C)- SDM ही बनते हैं आरओ आज की डेट में हरियाणा में 2020 बैच के 18 HCS अर्थात 5 वर्ष से कम सर्विस वाले अधिकारियों, जो अभी सूबे के 18 उपमंडलों में बतौर SDO(C)- SDM तैनात होने के कारण उसके अंतर्गत पड़ने वाली विधानसभा सीटों के RO की जिम्मेदारी देख रहे हैं।चुनाव आयोग के प्रवक्ता का कहना है कि हमें अभी शिकायत मिल गई थी। उसके बाद ही सरकार से इस मामले कार्रवाई को कहा गया है। ये हैं वो HCS ऑफिसर जिनकी नियुक्ति पर उठ रहे सवाल जिन HCS ऑफिसर की चुनाव ड्यूटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं उनमें मोहित कुमार (नारनौंद), हरबीर सिंह (हिसार), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- सेकेंड (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (बल्लभगढ़), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), अमित मान (बड़खल), अमित (समालखा), रमित यादव (नांगल चौधरी) अमित कुमार- तृतीय (कनीना), अजय सिंह (कैथल), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार (पेहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला), नसीब कुमार (लाडवा) और विजय कुमार यादव (कोसली) के नाम शामिल हैं। इनकी तैनाती को लेकर आयोग में शिकायत भी भेजी गई है। हिसार के नए एसडीएम भी 2020 बैच के भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के निर्देश पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के कार्मिक विभाग द्वारा एक आदेश हिसार के उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) अर्थात एसडीओ (सिविल) जिसे एसडीएम भी कहा जाता है के पद पर 2020 बैच के एचसीएस अधिकारी हरबीर सिंह की तैनाती की गई है, इससे पूर्व 2013 बैच के एचसीएस हिसार के SDM जगदीप ढांडा तैनात थे। पॉलिटिकल कनेक्शन होने के कारण उनका आयोग के निर्देश पर ट्रांसफर किया गया है। CS के इस ऑर्डर से फंसा पेंच प्रशासनिक मामलों के जानकार और हाईकोर्ट अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि आज से करीब 4 साल पहले अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव विजय (CS) वर्धन द्वारा HCS कैडर संख्या निर्धारण आदेश, जो मोजूदा तौर पर भी लागू है। क्योंकि आज तक इस ताज़ा आदेश जारी नहीं किया गया है। आदेश के अनुसार एसडीओ (सिविल) अर्थात एसडीएम के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एचसीएस सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है। चुनाव ड्यूटी में ट्रांसफर-पोस्टिंग जरूरी हेमंत ने बताया कि कोई संदेह नहीं कि एचसीएस अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग करने की पावर राज्य सरकार (CM) के पास होती है। लेकिन इसमें प्रशासनिक सिद्धांतों की अनुपालना आवश्यक है, ताकि ट्रांसफर-पोस्टिंग पर किसी प्रकार का कोई सवाल खड़ा न हो। यदि एचसीएस कैडर निर्धारण आदेश में स्पष्ट तौर पर मिनिमम 5 वर्ष की एचसीएस सेवा वाले अधिकारी को ही एसडीओ (सी)/एसडीएम पद के लिए योग्य माना गया है, तो इसकी सख्त अनुपालना की जानी चाहिए। विशेष तौर पर तब विधानसभा आम चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के उप-मंडलों में तैनात ऐसे एचसीएस अधिकारियों को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आरओ के तौर पर पदांकित किया गया हो। इसी के दृष्टिगत भारतीय चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा को लिखित शिकायत भेजी गई है।