पानीपत के सनौली में स्वतंत्रता दिवस पर यमुना स्नान करने गए 6 में से 3 लोग डूब गए, जिसके बाद गोताखोरों की टीम ने बोट की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया। रविवार को टीम ने एक का शव यमुना से बरामद किया। इससे पहले शनिवार को दो शॉव मिले थे। आज चौथे दिन सुमित उर्फ सुंदेसी पुत्र अजमेर का शव का 4 किलोमीटर दूर मिला। वहीं इससे पहले गोताखोरों की टीम ने यमुना पुल से करीब 8 किमी की दूरी पर गांव गोयला के साथ यूपी के इस्सोपुर टील के पास एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया। पुलिस और गोताखोरों ने समझा कि यह 15 अगस्त को डूबे तीन दोस्तों में से सुमित पुत्र सुरेंद्र निवासी खोतपुरा का शव है। गोताखोरों ने यमुना से बरामद किये गये दोनों शवों को पोस्टमार्टम करने के लिये यूपी के शामली अस्पताल के शवगृह में भेज दिया। बाद में परिजनों ने शव को देखकर कहा कि यह सुमित का शव नहीं है। इसके बाद पुलिस ने 4 अगस्त को डूबे बोधु के परिजनों को पानीपत से बुलाया गया और परिजनों ने शव की पहचान बोधु के रूप में की। पानीपत के सनौली में स्वतंत्रता दिवस पर यमुना स्नान करने गए 6 में से 3 लोग डूब गए, जिसके बाद गोताखोरों की टीम ने बोट की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया। रविवार को टीम ने एक का शव यमुना से बरामद किया। इससे पहले शनिवार को दो शॉव मिले थे। आज चौथे दिन सुमित उर्फ सुंदेसी पुत्र अजमेर का शव का 4 किलोमीटर दूर मिला। वहीं इससे पहले गोताखोरों की टीम ने यमुना पुल से करीब 8 किमी की दूरी पर गांव गोयला के साथ यूपी के इस्सोपुर टील के पास एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया। पुलिस और गोताखोरों ने समझा कि यह 15 अगस्त को डूबे तीन दोस्तों में से सुमित पुत्र सुरेंद्र निवासी खोतपुरा का शव है। गोताखोरों ने यमुना से बरामद किये गये दोनों शवों को पोस्टमार्टम करने के लिये यूपी के शामली अस्पताल के शवगृह में भेज दिया। बाद में परिजनों ने शव को देखकर कहा कि यह सुमित का शव नहीं है। इसके बाद पुलिस ने 4 अगस्त को डूबे बोधु के परिजनों को पानीपत से बुलाया गया और परिजनों ने शव की पहचान बोधु के रूप में की। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
भिवानी-महेंद्रगढ़ में मतगणना आज:17 कैंडिडेट्स मैदान में; भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला, नारनौल में होगा रिजल्ट घोषित
भिवानी-महेंद्रगढ़ में मतगणना आज:17 कैंडिडेट्स मैदान में; भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला, नारनौल में होगा रिजल्ट घोषित हरियाणा में भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती आज (4 जून) सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। इस सीट पर कुल 17 कैंडिडेट मैदान में हैं। 25 मई को 65.5% वोटरों ने अपना वोट डाला है, जो कि 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 5% कम रहा है। यहां भाजपा के चौधरी धर्मबीर सिंह और कांग्रेस के राव दान सिंह के बीच कांटे का मुकाबला है। जेजेपी के राव बहादुर भी यहां मैदान में हैं। महेंद्रगढ़ भिवानी लोकसभा सीट पर मतगणना के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। सुबह 8 बजे से वोटों की काउंटिंग शुरू हो जाएगी। करीब एक घंटे बाद ही चुनाव के रुझान आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर बाद 2 बजे तक कैंडिडेट की हार-जीत की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी। पहला रुझान सुबह 9 से 10 बजे के बीच आने की उम्मीद है।
भिवानी में कार की टक्कर से महिला की मौत:तीन लोग घायल, एक रेफर, ई-रिक्शा से हांसी जा रहे थे
भिवानी में कार की टक्कर से महिला की मौत:तीन लोग घायल, एक रेफर, ई-रिक्शा से हांसी जा रहे थे हरियाणा के भिवानी में तोशाम जुई मार्ग पर गांव धारण मोड़ के पास कार ने ई-रिक्शा में टक्कर दे मारी। जिस कारण ई-रिक्शा में सवार एक महिला की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए। सभी को भिवानी के सामान्य अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। तोशाम थाना पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। पुलिस ने महिला के शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया है। गाड़ी ने पीछे से ई-रिक्शा को टक्कर मारी हरियाणा हांसी के बिड फॉर्म की रहने वाली सरोज ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह शाम को अपने पति चरण सिंह, महिला लक्ष्मी व लड़का भव्य ई-रिक्शा में सवार होकर ढाणी माहू से हांसी जा रहे थे। जब वे चारों धारण मोड़ के पास पहुंचे, तो तेज रफ्तार गाड़ी ने पीछे से ई-रिक्शा को टक्कर मार दी। हादसे में चरण दास, भव्य और लक्ष्मी को गंभीर चोट आईं। लोगों ने अस्पताल पहुंचाया आसपास के लोगों ने घायलों को भिवानी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर डॉक्टरों ने लक्ष्मी पत्नी रमेश हांसी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने चरण दास की हालत गंभीर होने के कारण उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया है, जबकि तीन अन्य का भिवानी इलाज चल रहा है। तोशाम थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने सरोज के बयान पर गाड़ी ड्राइवर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
चरखी दादरी के बेटे ने रचा इतिहास:पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड, खेल से संवरी जिंदगी, देश को किया गौरवान्वित
चरखी दादरी के बेटे ने रचा इतिहास:पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड, खेल से संवरी जिंदगी, देश को किया गौरवान्वित हरियाणा के नितेश कुमार जो चरखी दादरी के नांदा गांव से ताल्लुक रखते हैं। जिन्होंने आज पैरा बैडमिंटन पेरिस पैरालंपिक के पुरुष एकल एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। फाइनल मुकाबले में उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 के स्कोर से मात दी। इस जीत ने नितेश की कठिनाइयों और संघर्षों से भरी यात्रा को एक शानदार अंत दिया है। सीएम सैनी ने दी बधाई नितेश कुमार की इस उपलब्धि पर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी है। सीएम सैनी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, “हरियाणा के बाढ़डा के नांधा गांव के लाल नितेश कुमार ने मेंस सिंगल्स SL3 – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आप भविष्य में भी ऐसे ही सफलता के नए आयाम छूते रहें। हम सभी को आप पर गर्व है।” हादसे ने छीना पैर, लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत 2009 में जब नितेश केवल 15 साल के थे, विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे ने उनकी जिंदगी को हिला कर रख दिया था। इस हादसे में नितेश ने अपना एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह वही समय था जब उन्होंने अपने सपनों को नया आकार देने का फैसला किया। महीनों तक बिस्तर पर रहने के बाद नितेश ने खेल को अपने जीवन का नया मकसद बना लिया और बैडमिंटन को अपनी शक्ति का स्रोत बनाया। IIT मंडी से इंजीनियरिंग, खेल में पाया नया मुकाम नितेश ने अपनी पढ़ाई आईआईटी मंडी से बीटेक में की है, लेकिन उनकी असली पहचान बैडमिंटन में मिली। पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने इसे ही अपने करियर का हिस्सा बना लिया।वर्तमान में, नितेश करनाल के कर्ण स्टेडियम में कोच के रूप में सेवा दे रहे हैं, जहां वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। नितेश परिजनों का मानना है कि खेल ने ही उसे जीवन में नई दिशा दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाया दम नितेश की खेल उपलब्धियों की सूची लंबी है। उन्होंने 2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता, 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया, और 2022 और 2024 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते। पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने उन्हें एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। पिता से मिली प्रेरणा, कोच ने दिखाई राह नितेश के पिता, जो पहले नौसेना में थे और अब राजस्थान में एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, हमेशा से नितेश के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। नितेश का सपना था कि वह भी अपने पिता की तरह वर्दी पहनें, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने खेल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। उनके कोच और परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गांव में जश्न का माहौल नितेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनके गांव नांदा में जश्न का माहौल है। गांव के लोग उनके परिवार के साथ मिलकर उनकी इस बड़ी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। नितेश की यह जीत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।