जालंधर| शिक्षा विभाग द्वारा इंग्लिश के अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसका मकसद बच्चों को रोचक ढंग से इंग्लिश पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग देना है। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च व ट्रेनिंग (एससीईआरटी) द्वारा जिला और ब्लॉक स्तर पर हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के इंग्लिश विषय के अध्यापकों के लिए वीरवार से यह ट्रेनिंग शुरू हो रही है। विभाग द्वारा हर ब्लॉक से कम से कम पांच अध्यापकों का चुनाव करने के लिए कहा गया है। इसके लिए विभाग द्वारा रिसोर्स पर्सन भी तैयार किए गए हैं। एक बैच में 35 अध्यापक ही रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही हर ब्लॉक में चुने जाने वाले अध्यापकों में स्कूल ऑफ एमिनेंस के भी टीचर शामिल होंगे। सेशन के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी और डाइट प्रिंसिपल द्वारा विजिट भी किया जाएगा। वहीं, राज्य से भी स्टेट नोडल अफसर द्वारा विजिट की जाएगी। विभाग द्वारा पहले फेज की ट्रेनिंग के बाद दूसरे फेज की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। जिसके लिए शेड्यूल बाद में जारी होगा। यह तीन दिन की ट्रेनिंग है, जिसमें हर दिन चार-चार कोर्स पढ़ाए जाएंगे। इनमें लैंग्वेज को समझना, क्लासरूम मैनेजमेंट, विविधता को समझते हुए एक्शन लेना, बच्चे की सीखने की क्षमता, बच्चों को अंग्रेजी बोलने के लिए प्रोत्साहित करना, छोटे-छोटे वाक्य देना और उन्हें पॉजीटिव फीडबैक कैसे देना है इसके बारे में भी बताया जाएगा। विभाग द्वारा 22 से 24 और 27 से 29 अगस्त को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है। इनमें 585 टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। बच्चों को इंग्लिश सिखाने और उनके डर को दूर करने के लिए हर वर्ग से संबंधित बच्चों के ग्रुप बनाए जाएंगे। इसमें बच्चों को इंग्लिश में बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह ट्रेनिंग भी छठी से दसवीं के अंग्रेजी अध्यापकों के लिए है। जालंधर| शिक्षा विभाग द्वारा इंग्लिश के अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसका मकसद बच्चों को रोचक ढंग से इंग्लिश पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग देना है। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च व ट्रेनिंग (एससीईआरटी) द्वारा जिला और ब्लॉक स्तर पर हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के इंग्लिश विषय के अध्यापकों के लिए वीरवार से यह ट्रेनिंग शुरू हो रही है। विभाग द्वारा हर ब्लॉक से कम से कम पांच अध्यापकों का चुनाव करने के लिए कहा गया है। इसके लिए विभाग द्वारा रिसोर्स पर्सन भी तैयार किए गए हैं। एक बैच में 35 अध्यापक ही रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही हर ब्लॉक में चुने जाने वाले अध्यापकों में स्कूल ऑफ एमिनेंस के भी टीचर शामिल होंगे। सेशन के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी और डाइट प्रिंसिपल द्वारा विजिट भी किया जाएगा। वहीं, राज्य से भी स्टेट नोडल अफसर द्वारा विजिट की जाएगी। विभाग द्वारा पहले फेज की ट्रेनिंग के बाद दूसरे फेज की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। जिसके लिए शेड्यूल बाद में जारी होगा। यह तीन दिन की ट्रेनिंग है, जिसमें हर दिन चार-चार कोर्स पढ़ाए जाएंगे। इनमें लैंग्वेज को समझना, क्लासरूम मैनेजमेंट, विविधता को समझते हुए एक्शन लेना, बच्चे की सीखने की क्षमता, बच्चों को अंग्रेजी बोलने के लिए प्रोत्साहित करना, छोटे-छोटे वाक्य देना और उन्हें पॉजीटिव फीडबैक कैसे देना है इसके बारे में भी बताया जाएगा। विभाग द्वारा 22 से 24 और 27 से 29 अगस्त को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है। इनमें 585 टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। बच्चों को इंग्लिश सिखाने और उनके डर को दूर करने के लिए हर वर्ग से संबंधित बच्चों के ग्रुप बनाए जाएंगे। इसमें बच्चों को इंग्लिश में बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह ट्रेनिंग भी छठी से दसवीं के अंग्रेजी अध्यापकों के लिए है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ की सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा परियोजना अटकी:हरियाणा सरकार से नहीं मिला जवाब, 2030 तक सरकारी विभागों को ‘नेट जीरो’ बनाने का लक्ष्य चंडीगढ़ प्रशासन की नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना हरियाणा सरकार से प्रतिक्रिया न मिलने के कारण बाधित हो गई है। प्रशासन का उद्देश्य 2030 तक शहर के सभी सरकारी विभागों को ‘नेट जीरो’ बनाना और 2047 तक चंडीगढ़ को 100% नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित करना है। इस दिशा में प्रशासन ने सरकारी इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। हालांकि, हरियाणा सरकार से इस योजना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह महत्वाकांक्षी परियोजना अटकी पड़ी है। सरकारी आवासों पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव
प्रशासन ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को पत्र लिखकर उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाने की अनुमति मांगी थी। पंजाब सरकार ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सहमति जताई है कि वह अपनी इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी, लेकिन हरियाणा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। चंडीगढ़ में हरियाणा के अधिकार क्षेत्र में लगभग 700 सरकारी इमारतें हैं, जिनमें कार्यालय और आवासीय इकाइयां शामिल हैं। इनमें सैक्टर-39 में स्थित सरकारी आवास भी आते हैं, जिन पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव है। BEE ने दी 5-स्टार रेटिंग
चंडीगढ़ प्रशासन का लक्ष्य 31 दिसंबर, 2024 तक सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का है। फिलहाल, प्रशासन ने 3,771 इमारतों में रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित कर दिए हैं, और 2,949 इमारतों में काम चल रहा है। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से सरकारी इमारतों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें चंडीगढ़ के कई प्रतिष्ठित भवन शामिल हैं, जैसे सेक्टर-19 स्थित पर्यावरण भवन, जिसे 276 kWp की क्षमता वाले सोलर प्लांट के जरिए ‘नेट ज़ीरो’ बनाया जा चुका है। इस भवन को बीईई (BEE) द्वारा 5-स्टार रेटिंग भी दी गई है। इसके अलावा, मॉडल सेंट्रल जेल, सेक्टर-51 में 710 kWp की कुल क्षमता वाले सोलर प्लांट के माध्यम से अपनी सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार, चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल भी 6,115 kWp की कुल सौर ऊर्जा क्षमता के साथ आत्मनिर्भर बन गए हैं। संघ शासित प्रदेश का नया सचिवालय भवन भी 880 kWp की कुल क्षमता के सोलर प्लांट के साथ अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। चंडीगढ़ में हो रहा करीब 67 मेगावाट बिजली उत्पादन
चंडीगढ़ में वर्तमान में लगभग 67 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है, जिसे 2024 के अंत तक 80 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासन ने शहर में जल शक्ति विभाग, डीटी मॉल के पास आईटी पार्क, और धनास झील जैसे स्थानों पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट भी स्थापित किए हैं, जिनसे जल संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन का यह कदम न केवल शहर को स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर करेगा, बल्कि ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी सहायक होगा। अब देखना यह है कि हरियाणा सरकार कब तक इस परियोजना पर प्रतिक्रिया देती है, जिससे चंडीगढ़ की सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा का उपयोग सुचारू रूप से हो सके।

बठिंडा में पकड़ा गया नशा तस्कर:तलाशी लेने पर बरामद हुआ 10 किलो डोडा पोस्त, पहले भी दर्ज है मुकदमा
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